हजारीबाग का इतिहास–बगीचों, संस्कृति और वीरता की धरती
हजारीबाग का इतिहास प्रकृति, संस्कृति और संघर्ष की कहानियों से पूरी तरह भरा हुआ है। इस क्षेत्र का नाम हजारीबाग दो शब्दों से मिलकर बना है हज़ार और बाग़, यानी हजारों बाग-बगीचों की धरती। प्राचीन काल में यह इलाका मगध साम्राज्य और बाद में नागवंशी राजाओं के नियंत्रण में रहा है। घने जंगल और ऊंची पहाड़ियां इसे हमेशा से रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाते रहे। ब्रिटिश काल में हजारीबाग एक प्रमुख सैन्य छावनी और प्रशासनिक केंद्र बना, जहां से चुटूपालू घाटी और आसपास के जनजातीय क्षेत्रों पर नियंत्रण रखा जाता था। आजादी के आंदोलन में भी हजारीबाग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यहां कई स्वतंत्रता सेनानियों ने संघर्ष भी किया। समय के साथ हजारीबाग एक शांत, प्राकृतिक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में विकसित हुआ। यहां की झीलें, म्यूरल पेंटिंग, जंगल और आदिवासी कला इस इतिहास को आज भी ज़िंदा रखती हैं।

हजारीबाग की पहली झलक में मोहित हो जाएंगे आप!
झारखंड का हजारीबाग एक ऐसी जगह है जिसे देखने के बाद हर यात्री को लगता है कि वह किसी छुपे हुए समुद्री टापू पर पहुंच गया है। यहां की हवा में एक अलग ही फ़ील है। हरे-भरे जंगल, साफ-सुथरा मौसम, शांत झीलें और पहाड़ों से घिरी घाटियां इस जगह को बेहद खास बनाती हैं। हजारीबाग की खासियत यह है कि यह न तो ज़्यादा भीड़ वाला है और न ही बहुत बिज़ी। यह उन यात्रियों के लिए परफेक्ट प्लेस है, जो शहर के शोर से दूर कुछ समय प्रकृति के बीच बिताना चाहते हैं। जैसे ही आप यहां पहुंचते हैं, सबसे पहले महसूस होता है कि हवा कितनी साफ है और आसमान कितना नीला। सड़कें पेड़ों से घिरी हुई हैं और दोनों तरफ हरियाली देखकर दिल खुश हो जाता है। हजारीबाग में घूमते हुए अक्सर ऐसा लगता है कि यह शहर नहीं, बल्कि एक मां की गोद है! जहां आपको आराम भी मिलता है, प्यार भी।

हजारीबाग नेशनल पार्क जंगल और जीवन की झलक
अगर आप नेचर और वाइल्ड लाइफ प्रेमी हैं, तो हजारीबाग नेशनल पार्क आपकी ट्रैवल लिस्ट में सबसे ऊपर होना चाहिए। यह पार्क हजारीबाग की शान है। यहां का जंगल घना और गहरा है, जहां सूरज की किरणें भी पत्तों के बीच से छनकर जमीन पर पड़ती हैं। पार्क में घुसते ही एक अलग ही सन्नाटा मिलता है पक्षियों की आवाजें, हवा की सरसराहट और दूर से आती किसी जानवर की गर्जना मन को रोमांच से भर देती है। यहां टाइगर, सांभर, नीलगाय, भालू, लकड़बग्घा और कई तरह के दुर्लभ पक्षी मिलते हैं। हालांकि यह पार्क अब “हजारीबाग वाइल्ड लाइफ सेंचुरी” के नाम से जाना जाता है, लेकिन इसकी खूबसूरती बिल्कुल वैसी ही है। सुबह-सुबह सफारी पर निकलना एक अनोखा अनुभव देता है। हवा ठंडी होती है, पेड़ों पर ओस जमी होती है और चारों तरफ धुंध का हल्का पर्दा फैलता है, जिससे जंगल किसी रहस्यमयी फिल्म जैसा लगता है।(यहां कई स्वतंत्रता सेनानियों ने संघर्ष भी किया।)

कैनारी हिल की ऊंचाइयों से हजारीबाग का खूबसूरत नज़ारा
हजारीबाग आने वाले हर यात्री को कैनारी हिल जरूर जाना चाहिए। यहां ऊपर पहुंचने पर जो नज़ारा मिलता है, वह पूरे सफर की थकान मिटा देता है। सड़क थोड़ी घुमावदार है लेकिन बेहद खूबसूरत। दोनों तरफ पेड़ों की कतारें हैं और जैसे-जैसे आप ऊपर बढ़ते जाते हैं, हवाएं ठंडी होती जाती हैं। कैनारी हिल टॉप पर पहुंचकर ऐसा लगता है जैसे पूरा हजारीबाग आपकी आंखों के सामने खुला पड़ा हो। पहाड़ों की रेखाएं, दूर-दूर तक फैली हरियाली, शहर की छोटी-छोटी इमारतें और खुला आसमान यह सब मिलकर तस्वीर जैसा खूबसूरत दृश्य बनाते हैं। यहां खड़े होकर फोटो खींचना हर यात्री का फेवरेट काम होता है। पहाड़ की चोटी पर बैठकर कुछ देर हवा में सांस लेना खुद को रीसेट करने जैसा है। यह जगह ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए भी शानदार है। यहां का शांत माहौल मन को पूरी तरह से रिलैक्स कर देता है और यही वजह है कि हजारीबाग का नाम आते ही लोग कैनारी हिल को जरूर याद करते हैं।

झील की शाम, ठंडी हवा और पानी के किनारे का आनंद
हजारीबाग झील यहां की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। शहर के बीच में बनी यह झील हर किसी को अपनी तरफ खींच लेती है। दिन हो या शाम यहां का माहौल हमेशा सुहाना रहता है। झील के किनारे पत्थर की बेंचें बनी हैं, जहां बैठकर लोग धूप का मजा लेते हैं। शाम ढलते ही यहां काफ़ी भीड़ जम जाती है। जोड़े हाथ में हाथ डालकर टहलते हैं, बच्चे दौड़ते-फिरते हैं, और बुज़ुर्ग शांतिपूर्वक हवा का आनंद लेते हैं। झील में बोटिंग करना भी हजारीबाग की सबसे पसंदीदा एक्सपीरियंस में से एक है। पानी में नाव की धीमी-धीमी आवाज और आसमान में उड़ते पक्षी एक खूबसूरत माहौल बना देते हैं। झील के आसपास बने छोटे-छोटे चाय के स्टॉल और कॉर्न बेचने वाले दुकानदार इस शाम को और भी खास बना देते हैं। गरम चाय हाथ में लेकर झील के किनारे बैठना और दूर तक फैले पानी को देखना यह एक ऐसा शांत अनुभव है जिसे शब्दों में पूरी तरह बयान नहीं किया जा सकता।

हजारीबाग की संस्कृति में छिपे हैं जीवन के राज!
हजारीबाग सिर्फ प्राकृतिक खूबसूरती के लिए ही नहीं, बल्कि यहां की संस्कृति और लोगों की सादगी के लिए भी जाना जाता है। यह शहर कई आदिवासी परंपराओं और लोक संगीत से भरा है। यहां के लोग बेहद दिलदार और सरल होते हैं। यहां की बोली में एक अलग मिठास है धीमी, सहज और अपनेपन से भरी हुई। हजारीबाग की कुटुम्ब कला tribal art और यहां की पारंपरिक पेंटिंग “सोहराय” दुनिया भर में मशहूर है। दीवारों पर बने इन चित्रों में प्रकृति, जानवर, खेती और लोकजीवन का सुंदर वर्णन मिलता है। भोजन की बात करें तो यहां की देसी थाली में चावल, दाल, साग, ढेंकिया, तिल का खाना, माड़ और थोड़ा-सा लाल मिर्च का स्वाद एकदम घर जैसा एहसास देता है।

सफर की यादें जो बरसों दिल में रहती हैं
हजारीबाग का सफर ऐसा होता है जिसे भूलना मुश्किल है। चाहे आप सोलो ट्रैवलर हों, फैमिली के साथ आए हों या दोस्तों के साथ। यह जगह हर किसी को अपना बना लेती है। यात्रा के अंत में जब आप शहर से बाहर निकलते हैं, तो पीछे छूट जाती हैं शांत झीलें, ऊंचे पहाड़, धुंध से भरी सुबहें, जंगलों का सन्नाटा और हवा में घुली हुई शीतलता। यहां की सड़कों पर टहलना, पहाड़ी किनारे बैठकर हवा में चेहरा छुपा लेना, जंगलों में सफारी करना या झील के पास चाय पीना, ये सब एक-एक पल यादों में बस जाता है। हजारीबाग उन यात्रियों के लिए परफेक्ट है जो भीड़ से दूर जाना चाहते हैं, प्रकृति को करीब से महसूस करना चाहते हैं और एक शांत, प्यारा और असलियत से जुड़ा हुआ सफर चाहते हैं।

हजारीबाग की प्राचीन म्यूरल पेंटिंग
हजारीबाग प्राचीन काल से ही Mural Painting, Sohrai Art, Kohbar Art, और Hazaribagh Tribal Paintings की अनोखी परंपरा के लिए जाना जाता रहा है। यहां की आदिवासी और ग्रामीण महिलाएं दीवारों पर चित्र बनाकर अपने जीवन, प्रकृति और संस्कृति की कहानियां उकेरती हैं। सोहराय पेंटिंग फसल कटाई और पशु धन से जुड़े त्यौहारों पर बनाई जाती है, जबकि कोहबर पेंटिंग विवाह, उर्वरता और शुभ अवसरों का प्रतीक मानी जाती है। इन म्यूरल्स में प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल होता है मिट्टी का लाल, चूने का सफेद, कोयले का काला, पौधों से निकला पीला और हरा रंग। बिना स्केच, सिर्फ उंगलियों, कपड़े और खपच्चियों से बनाई गई यह कला हजारीबाग की पहचान मानी जाती है।

हजारीबाग झील श्रृंखला सात झीलों का अनोखा जल जंजार
हजारीबाग की झील श्रृंखला शहर की सबसे खूबसूरत और अनूठी पहचान मानी जाती है। यहां सात कृत्रिम झीलें एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं, जो मिलकर एक शानदार जल नेटवर्क बनाती हैं। इन झीलों का निर्माण ब्रिटिश काल में किया गया था, ताकि शहर को प्राकृतिक जलस्रोत मिल सके और आसपास के इलाकों का वातावरण ठंडा और संतुलित बना रहे। आज भी यह झीलें हजारीबाग की रौनक बढ़ाती हैं। सुबह के समय यहां की हवा बेहद ताज़ा होती है और झील के किनारे हल्की धुंध एक जादुई नज़ारा बनाती है। शाम होते ही झील के किनारे लोगों की भीड़ जुटती है। कुछ टहलने आते हैं, कुछ परिवारों के साथ बैठकर ठंडी हवा का आनंद लेते हैं।









