भारत के सबसे प्रसिद्ध राज्यों में से एक है हरियाणा। यह एक ऐसा राज्य है जहां की म्यूजिक इंडस्ट्री ने कुछ सालों में शुद्ध देश में अपनी एक अलग पहचान हासिल की है। आज के फाइव कलर्स ऑफ़ ट्रेवल (Five Colors Of Travel) के इस ब्लॉग में हम आपको बताने वाले हैं इसी छोटे से खूबसूरत राज्य के नृत्यों की संस्कृति के बारे में। हम आपको इस छोटे से राज्य के अलग-अलग नृत्यों (Cultural dances of Hariyana) के प्रकार और उसके महत्व के बारे में बताएंगे।
हरियाणा की संस्कृति भरी है गहरी और विविधा से। ये उत्तर भारतीय राज्य, अपनी पारंपरिक विरासत और विकसित विचारों के लिए प्रसिद्ध है। हरियाणवी लोक संस्कृति में गिद्ध, बोली और खट्टा मीठी भाषा का महत्व है। यहां के लोग गन्ने के खेतों में मेहनत करते हैं और शादी, टीला, और झूमर जैसे नृत्यों से अपनी आनंद भरी जिंदगी का मजा लेते हैं। हरियाणा की संस्कृति का सबसे प्रमुख हिस्सा उनका उत्सव और त्योहारों का समूह है, जिसमें लोहड़ी, होली और बैसाखी शामिल हैं। यहां पारंपरिक खाना जैसे मक्के की रोटी, सरसों का साग, और लस्सी, भी उनकी संस्कृति का एक अहम हिस्सा है। हरियाणा की संस्कृति के लोग गौरव से अपने इतिहास और विरासत को समझते हैं और उसे अनमोल मानते हैं। रियाणा के नृत्य कलाओं की संस्कृति उनके सामाजिक, सांस्कृतिक, और इतिहास परिचय से गहरा जुड़ाव है। ये नृत्य कलाएं हरियाणा की ऋचा विरासत को दर्शाती हैं और उसके सामाजिक एवं सांस्कृतिक जीवन का प्रतिनिधित्व करती हैं। हरियाणा के नृत्य कलाओं में उसकी परम्परागत संस्कृति का प्रभाव प्रकट होता है। ये नृत्य कलाएँ शादी, त्यौहार, और अन्य सांस्कृतिक अवसर पर प्रस्तुति की जाती हैं, जिसे लोग अपनी सांस्कृतिक विरासत को महत्व देते हैं।
हरियाणा की संस्कृति में कई प्रमुख नृत्य हैं, जो लोकप्रिय और महत्वपूर्ण हैं। यहाँ उनके विस्तृत रूप का परिचय है:
1.गिद्धा:
गिद्धा नृत्य, हरियाणा की प्रमुख लोक नृत्य कलाओं में से एक है। यह मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा प्रस्तुत किया जाता है और समाजिक और सांस्कृतिक अवसरों पर प्रदर्शित किया जाता है। गिद्धा नृत्य एक प्रकार की लोक कला है जो हरियाणा की समृद्ध लोक सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न हिस्सा है। गिद्धा नृत्य मुख्य रूप से महिलाओं के समूह द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। यह नृत्य उत्सवी और आनंददायक गतिविधि होती है जिसमें महिलाएं गाती हैं, नृत्य करती हैं, और कहानियाँ सुनाती हैं। इसमें विभिन्न मुद्राओं, तालों और लहजों का प्रयोग होता है जो इसे आकर्षक और रंगीन बनाता है। गिद्धा नृत्य का मुख्य उद्देश्य समुदाय को सामाजिक और सांस्कृतिक अवसरों पर जोड़ना होता है। इसके माध्यम से महिलाएं अपने सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने का प्रयास करती हैं और समुदाय के साथ मेल-जोल और एकता को बढ़ावा देती हैं। गिद्धा नृत्य के द्वारा हरियाणा की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत को प्रस्तुत किया जाता है, जो इसे एक अनूठा और महत्वपूर्ण नृत्य रूप में बनाता है।
2.बोली:
बोली नृत्य, हरियाणा की प्रमुख लोक नृत्य कलाओं में से एक है। यह एक सामूहिक नृत्य है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। बोली नृत्य के दौरान नृत्यकार गाने के साथ स्टेप करते हैं और साथ ही गीत को गाकर अपनी कविताएँ साझा करते हैं। इसमें गाने, नृत्य, और कविता का संगम होता है जो इसे एक अद्वितीय और मनोरंजनात्मक अनुभव बनाता है। बोली नृत्य के द्वारा हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत, सामाजिक जीवन, और लोक कथाओं को उजागर किया जाता है। इसके माध्यम से लोग अपने साहित्यिक और सांस्कृतिक धरोहर को समझने और महसूस करने का अवसर प्राप्त करते हैं और समुदाय के साथ एक गहरा जुड़ाव महसूस करते हैं। बोली नृत्य हरियाणा की संवेदनशीलता, समृद्धि, और सांस्कृतिक गहराई का प्रतिनिधित्व करता है और इसे एक विशेष और महत्वपूर्ण नृत्य कला बनाता है।
3.तीला:
तीला नृत्य, हरियाणा की एक अन्य प्रमुख लोक नृत्य कला है। यह नृत्य विशेष रूप से विवाह समारोहों में प्रस्तुत किया जाता है और इसमें पति-पत्नी एक साथ नृत्य करते हैं। तीला नृत्य में आधुनिक और पारंपरिक संगीत का प्रयोग होता है, जिसमें ढोल, ताशा, और अन्य लोक वाद्यों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। तीला नृत्य के दौरान, पति और पत्नी एक साथ नृत्य करते हैं और अपनी खुशियों का इजहार करते हैं। इसके माध्यम से वे अपने सामाजिक और सांस्कृतिक बंधनों को मजबूत करते हैं और समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हैं। तीला नृत्य न केवल हरियाणा की संस्कृति को प्रस्तुत करता है, बल्कि इसके माध्यम से समुदाय के लोग अपने संबंधों को समझते हैं और समर्थ बनते हैं। यह नृत्य भावनात्मक और सामूहिक अनुभव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हरियाणा की रोमांचक और उत्साहजनक सांस्कृतिक विरासत को व्यक्त करता है।
4.झूमर:
झूमर नृत्य, हरियाणा की महत्वपूर्ण लोक नृत्य कलाओं में से एक है। यह नृत्य विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा के क्षेत्रों में प्रसिद्ध है और लोगों के द्वारा उत्सवों, समारोहों और अन्य सामाजिक उपलक्ष्यों में प्रस्तुत किया जाता है। झूमर नृत्य के दौरान, पुरुष और महिलाएं एक साथ नृत्य करते हैं और अपने पारंपरिक लोक संगीत के साथ संगीत के बीते गाते हैं। यह नृत्य मुख्य रूप से खुशी, उत्साह और समृद्धि का संदेश लेकर आता है। झूमर नृत्य के द्वारा हरियाणा की समृद्ध और अनुपम संस्कृति का प्रतिनिधित्व किया जाता है। इसमें प्रकृति, परंपरा और सामाजिक बंधनों के महत्व को दिखाने का उद्देश्य होता है। झूमर नृत्य के माध्यम से सामुदायिक सांस्कृतिक संघर्षों को भी अभिव्यक्ति मिलती है और यह एक विशेष प्रकार का सामाजिक सांगीतिक संवाद होता है जो समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
5.खोरिआन:
खोरिआन नृत्य, हरियाणा की विशेष प्रकार की लोक नृत्य कला है। यह नृत्य विशेष रूप से हरियाणा के महिलाओं द्वारा प्रस्तुत किया जाता है और वे अपनी कला के माध्यम से कहानियों, कथाओं, और लोक विचारों को दर्शाती हैं। खोरिआन नृत्य के दौरान, महिलाएं अलग-अलग चरित्रों को निभाती हैं और अपने नृत्य के माध्यम से सामाजिक और सांस्कृतिक संदेश को संवहनात्मक रूप से प्रस्तुत करती हैं। इसमें नृत्य के साथ-साथ विशेष वेशभूषा का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है, जो नृत्य को और भी आकर्षक बनाता है। खोरिआन नृत्य के माध्यम से हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत, स्थानीय गाथा-कथा, और सामाजिक संदेशों को संजीवनी मिलती है। इस नृत्य के माध्यम से महिलाएं अपने समुदाय में सामाजिक उत्साह और एकता को बढ़ावा देती हैं, और संगीत और नृत्य का संगम उनकी साहित्यिक और सांस्कृतिक पहचान को गहराता है।
शहीदों की भूमि कहे जाने वाले पंजाब में भारतीय इतिहास से जुड़े कई पर्यटन स्थल हैं जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। सिर्फ ऐतिहासिक हीं नहीं पंजाब में धार्मिक पर्यटन स्थलों की भी कमी नहीं है। चाहे वह मोहाली का फतेह बुर्ज हो या फिर अमृतसर का गुरुद्वारा! पंजाब में हर तरह के टेस्ट वाले पर्यटकों के लिए टूरिस्ट डेस्टिनेशंस मौजूद हैं। अगर आप भी पंजाब आ रहे हैं तो यह ब्लॉग आपके लिए हीं है। आज के फाइव कलर्स आफ ट्रैवल के इस ब्लॉग में हम आपको बताने वाले पंजाब के कुछ ऐसे शहरों के बारे में जहां जाना मस्ट विजिट है। पंजाब के टूर को तब तक पूरा नहीं माना जा सकता है जब तक इन शहरों तो अच्छे से एक्सप्लोर ना किया जाए। तो आईए जानते हैं पंजाब के बेस्ट टूरिस्ट प्लेसेस (places to visit in Punjab) के बारे में।
इस शहर का नाम सुनते हीं हमारे मन में कई तरह की भावनाएं जन्म लेती हैं। इस शहर के मायने सभी के लिए अलग-अलग हैं। किसी के लिए यह सिख धर्म का सबसे पवित्र स्थान है, तो किसी के लिए यह स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास का सबसे दर्दनाक आहुति देने वाला शहर है। नजरिया भले हीं अलग हो इस शहर के लिए सम्मान सभी के दिलों में एक बराबर हीं है।
अमृतसर में घूमने के लिए ऐतिहासिक और धार्मिक दोनों हीं तरह के पर्यटन स्थल मौजूद हैं। यही वजह है कि यह शहर हर तरह के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। अमृतसर में घूमने लायक जगहों में पार्टीशन म्यूजियम (Partition Museum), वाघा बॉर्डर (Wagah Border), जलियांवाला बाग (Jallianwala Bagh), स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) और महाराजा रणजीत सिंह म्यूजियम (Maharaja Ranjit Singh Museum) शामिल है।
अमृतसर कैसे पहुंचे? (How to reach Amritsar)
अमृतसर पहुंचने के लिए आप अगर फ्लाइट से आना चाह रहे हैं तो आप श्री गुरु रामदास जी इंटरनेशनल हवाई अड्डा के लिए फ्लाइट ले सकते हैं। यह अमृतसर से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहीं अगर आप ट्रेन के जरिए अमृतसर जाना चाहते हैं तो अमृतसर जंक्शन देश के अन्य भागों से काफी अच्छे तरीके से जुड़ा हुआ है। सड़क मार्ग के द्वारा भी अमृतसर पहुंचा जा सकता है। आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट, या फिर कैब, या फिर अपनी गाड़ी का उपयोग करके अमृतसर पहुंच सकते हैं।
2. चंडीगढ़ (Chandigarh)
पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ एक बहुत खूबसूरत शहर है। ये भारत के केंद्र शासित प्रदेशों में से भी एक है। चंडीगढ़ सिटी को बेहद खूबसूरती के साथ बसाया गया है जो अपनी कला और संस्कृति (art and culture) के लिए जाना जाता है। दोस्तों हम लोगों में अक्सर ये इच्छा रहती है कि सभी जगह के कल्चर को अच्छे से जाने, इसलिए अगर आप भी छुट्टियों के लिए हिमाचल प्रदेश की ओर जाने वाले हैं तो आप पंजाब और हरियाणा के कल्चर को ठीक से समझने के लिए चंडीगढ़ भी जरूर आए।
हेरिटेज (Heritage) को अच्छे से समझने वालो के लिए और बाकी सबके लिए भी चंडीगढ़ एक बेस्ट डेस्टिनेशन (Best Destination) है क्योंकि यहां आपको हर दूसरे कदम पर कलाओं का भंडार (art store) मिलेगा। चंडीगढ़ अपने कई खूबसूरत पार्कों और बगीचों की वजह से ‘गार्डन सिटी’ (Garden City) के नाम से फेमस है। ये पार्क और बगीचे भी चंडीगढ़ में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक हैं। चंडीगढ़ में ऐसे कई टूरिस्ट प्लेस हैं जहां आप न जाकर बड़ी गलती कर सकते हैं।
चंडीगढ़ में आप जाकिर हुसैन रोज़ गार्डन (Zakir Hussain Rose Garden), इस्कॉन मंदिर (Iskcon temple), सुखना लेक (Sukhna lake), सेक्टर 17 मार्केट (Sector 17 Market), इंटरनेशनल डॉल म्यूजियम (International Doll Museum), रॉक गार्डन (Rock garden) और हॉप्स एन ग्रेन्स (Hops n Grains) जैसे जगहों पर घूमने जा सकते हैं।
चंडीगढ़ कैसे पहुंचे? (How to reach Chandigarh)
चंडीगढ़ पहुंचने के लिए आप फ्लाइट ट्रेन और सड़क मार्ग, हर तरह के यातायात के साधनों का उपयोग कर सकते हैं। चंडीगढ़ पहुंचने का सबसे आसान मार्ग है हवाई मार्ग। आप सीधा चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए फ्लाइट ले सकते हैं। चंडीगढ़ एयरपोर्ट देश के सभी महत्वपूर्ण हवाई अड्डों से अच्छे तरीके से कनेक्टेड है। अगर आप ट्रेन के जरिए चंडीगढ़ पहुंचाना चाहते हैं तो चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन के लिए ट्रेन ले सकते हैं। देश के अधिकतम शहरों से चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन के लिए ट्रेनें चलती हैं। अगर आप सड़क मार्ग के द्वारा चंडीगढ़ पहुंचाना चाहते हैं तो आसपास के शहरों से आपको बस की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। अगर आप अपनी गाड़ी से आना चाहते हैं तो यह भी एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। क्योंकि चंडीगढ़ सड़क मार्ग से भी देश के अन्य भागों से जुड़ा हुआ है।
3. मोहाली (Mohali)
कहते हैं भारत क्रिकेट प्रेमियों का देश है। भारत में कोई भी ऐसा क्रिकेट प्रेमी नहीं होगा जिसे नहीं पता हो कि मोहाली कहां है। मोहाली शहर क्रिकेट प्रेमियों के दिल में एक खास स्थान रखने वाला शहर है। यह शहर चंडीगढ से सिर्फ सिर्फ 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अक्सर जब भी भारत का मैच मोहाली स्टेडियम में होता है तो दूर-दूर से लोग यहाँ मैच देखने आते हैं। क्रिकेट ने मोहाली शहर को एक अलग पहचान देने का काम किया है। अगर आप भी मोहाली में मैच देखने आए हैं और मोहाली को एक्सप्लोर करना चाहते हैं तो इस शहर में घूमने लायक काफी कुछ है। इस शहर में घूमने लायक जगहों में बाबा बंदा सिंह बहादुर वॉर मेमोरियल, गुरुद्वारा अंब साहिब, फतेह बुर्ज, पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन इन बिंद्रा स्टेडियम, रोज गार्डन और मनसा देवी टेंपल आदि का नाम प्रमुख है।
मोहाली कैसे पहुंचे? (How to reach Mohali)
मोहाली पहुंचने के लिए आप पहले चंडीगढ़ पहुंच सकते हैं। चंडीगढ़ से मोहाली सिर्फ 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और आसानी से पब्लिक ट्रांसपोर्ट या फिर कैब से मोहाली पहुंचा जा सकता है।
हरियाणा अपने स्पिरिचुअल और हिस्टोरिकल वैल्यूज (Spiritual and Historical Values) के लिए फेमस है और यहां की खूबसूरती आसपास के शहरों से पर्यटकों को आकर्षित करती है। राजधानी दिल्ली से नजदीक होने के कारण अक्सर दिल्ली के लोग पिकनिक मनाने यहां आया करते हैं। यहां के फेमस टूरिस्ट प्लेसेस (Famous Tourist Places) की अगर बात की जाए तो उनमें यहाँ के दो नेशनल पार्क, मोरनी हिल्स और फरीदाबाद का नाम भी आता है जो पर्यटकों को आकर्षित करतें है। आज के फाइव कलर्स ऑफ़ ट्रैवल के इस ब्लॉग में हम आपको बताएँगे इन्ही जगहों के बारें में जहाँ आप नेचर को एक्सप्लोर कर सकते हैं। (Tourist places in Haryana)
सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान (Sultanpur National Park)
मोरनी हिल्स (Morni Hills)
फरीदाबाद (Faridabad)
कालेसर राष्ट्रीय उद्यान (Kalesar National Park)
कैक्टस गार्डन (Cactus Garden)
1. सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान (Sultanpur National Park)
सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान हरियाणा के सुल्तानपुर, फारुखनगर और गुरुग्राम जिले में स्थित भारत का एक प्रसिद्ध बर्ड अभयारण्य है। यह नेशनल पार्क सुल्तानपुर में स्थित है जिसके कारण इस उद्यान को सुल्तानपुर पक्षी विहार भी कहा जाता है। यह नेशनल पार्क लगभग 142 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस पक्षी विहार में हजारों की संख्या में लुप्तप्राय और दुर्लभ पक्षी पाए जाते है। यहाँ पाए जाने वाले पक्षियों में पेलिकन, साइबेरियाई सारस, काले पंखों वाला स्टिल्ट, जलकाग, पैडीफील्ड पिपिट, लिटिल कॉर्मोरेंट, इंडियन कॉर्मोरेंट, पर्पल सनबर्ड, ब्लैक फ्रैंकोलिन, कॉमन स्पूनबिल, कॉमन हूपो, ग्रे फ्रैंकोलिन, इंडियन रोलर, व्हाइट आइबिस, व्हाइट-थ्रोटेड किंगफिशर, ब्लैक-नेक्ड स्टॉर्क, इंडियन स्पॉट-बिल्ड डक, पेंटेड सारस, कॉमन ग्रीनशैंक्स, कुरजां आदि कुछ ऐसे प्रमुख प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां हैं जो इस नेशनल पार्क में आपको अवश्य मिल जायेंगे।
कैसे पहुंचे सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान (How to reach Sultanpur National Park)?
सुल्तानपुर नेशनल पार्क, गुड़गाँव-झज्जर हाईवे पर फर्रुखनगर के नजदीक स्थित है। दिल्ली एनसीआर में होने के कारण सुल्तानपुर नेशनल पार्क वीकेंड बिताने का एक बेहतरीन डेस्टिनेशन है। आप दिल्ली मेट्रो से यहाँ आना चाहें तो येलो लाइन से हुडा सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन पर पहुँच कर, वहां से कोई निजी कैब या ऑटो बुक करके आप इस खूबसूरत पक्षी विहार तक पहुँच सकते हैं। अगर आप गुड़गाँव से जाएँ तो यह लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर है और दिल्ली से लगभग 42 किलोमीटर की दूरी पर।
2. मोरनी हिल्स (Morni Hills)
मोरनी हिल्स (Morni Hills) को हरियाणा का एकमात्र हिल स्टेशन माना जाता है, जो कि अपने स्पिरिचुअल और हिस्टोरिकल वैल्यूज (Spiritual and Historical Values) के लिए फेमस है। यहां की खूबसूरती आसपास के शहरों से पर्यटकों को आकर्षित करती है। राजधानी दिल्ली से नजदीक होने के कारण अक्सर दिल्ली के लोग पिकनिक मनाने यहां आया करते हैं। यहां के फेमस टूरिस्ट अट्रैक्शन (Famous Tourist Attraction) की अगर बात की जाए तो उनमें मोरनी फोर्ट का नाम सबसे पहले आता है। इसके अलावा यहां एडवेंचर पार्क और टिक्कर ताल भी है जो पर्यटकों को आकर्षित करता है।
कैसे पहुंचे मोरनी हिल्स (How to reach Morni Hills)?
मोरनी हिल्स पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले चंडीगढ़ पहुंचना होगा। चंडीगढ़ से मोरनी हिल्स की दूरी लगभग 40 किलोमीटर है और यहां का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट चंडीगढ़ एयरपोर्ट है। चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन मोरनी हिल्स का नजदीकतम रेलवे स्टेशन है। चंडीगढ़ पहुंचने के बाद अगर आप वहां से बस लेकर मोरनी हिल जाना चाहेंगे तो आपको चंडीगढ़ से मोरनी हिल्स के लिए डायरेक्ट बसें भी मिल जाएंगी। इसके अलावा आप अपनी सुविधा अनुसार टैक्सी भी कर सकते हैं।
3. फरीदाबाद (Faridabad)
फरीदाबाद हरियाणा का एक ऐसा शहर है जहाँ आपको एक हिल स्टेशन की वाइब आएगी। फरीदाबाद के बारे में अगर बात की जाए तो यह एक इंडस्ट्रियल एरिया (Industrial Area) है और बीते कुछ सालों में एक बेहतरीन पर्यटन स्थल के रूप में भी उभर रहा है। अब तो इस शहर को मिनी हिल स्टेशन भी कहा जाने लगा है। फरीदाबाद आपके लिए सबसे बेस्ट विजिटिंग ऑप्शन हो सकता है। क्योंकि यह शहर दिल्ली एनसीआर (Delhi NCR) का हिस्सा है और एक बेहतरीन पर्यटन स्थल के रूप में पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। अगर आप भी फरीदाबाद जाना चाहते हैं तो फरीदाबाद में घूमने लायक जगह के बारे में जानना आपके लिए बहुत ही जरूरी है। फरीदाबाद में बहुत सी ऐसी जगहें हैं जहां आप अपने पिकनिक के लिए या फिर वीकेंड (weekend) के लिए जा सकते हैं।फरीदाबाद के मुख्य पर्यटन स्थल निम्नलिखित हैं : राजा नाहर सिंह पैलेस (Nahar Singh’s Palace), इस्कॉन टेंपल फरीदाबाद (Isckon Temple Faridabaad), सूरजकुंड (Surajkund), टाउन पार्क (Town Park)
कैसे पहुंचे फरीदाबाद (How to reach Faridabad)?
फरीदाबाद पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले दिल्ली पहुंचना होगा। दिल्ली से फरीदाबाद की दूरी लगभग 28 किलोमीटर है और यहां का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट इंदिरा गाँधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। फरीदाबाद रेलवे स्टेशन फरीदाबाद का नजदीकतम रेलवे स्टेशन है। दिल्ली पहुंचने के बाद अगर आप वहां से बस लेकर फरीदाबाद जाना चाहेंगे तो आपको दिल्ली से फरीदाबाद के लिए डायरेक्ट बसें भी मिल जाएंगी। इसके अलावा आप अपनी सुविधा अनुसार टैक्सी भी कर सकते हैं। आप दिल्ली मेट्रो के कश्मीरी गेट स्टेशन से राजा नाहर सिंह पैलेस पहुंच सकते है।
4. कालेसर राष्ट्रीय उद्यान (Kalesar National Park)
चंडीगढ़ से 122 किलोमीटर दूर हरियाणा के यमुनानगर जिले में कालेसर राष्ट्रीय उद्यान और कालेसर वन्यजीव अभ्यारण्य (Kalesar Wildlife Sanctuary) है जो अपने नेचुरल डाइवर्सिटी (Natural Diversity) के लिए अपने आसपास के क्षेत्र में प्रसिद्ध है। कालेसर राष्ट्रीय उद्यान और कालेसर वन्यजीव अभ्यारण्य क्रमशः 53 वर्ग किमी और 53.45 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है और इन दोनों की स्थापना क्रमशः 8 दिसंबर 2003 और 13 दिसंबर 1996 को हुई थी। इस नेशनल पार्क का नाम कालेसर महादेव मंदिर के नाम पर रखा गया था जो इसी राष्ट्रीय उद्यान में है। यहाँ पाए जाने वाले जीवों में एशियाई हाथी (Asian Elephant), भारतीय तेंदुआ (Indian Leopard), लेपर्ड कैट (Leopard Cat), वाइल्ड कैट (Wild Cat), चीतल (Chital), रस्टी-स्पॉटेड कैट (Rusty-spotted Cat), नीलगाय (Nilgai), सांभर (Sambar), आदि शामिल है।
कैसे पहुंचे कालेसर राष्ट्रीय उद्यान (How to reach Kalesar National Park)?
यमुनानगर पौंटा साहिब स्टेट हाईवे (NH 907) कालेसर नेशनल पार्क से होकर गुजरता है। कालेसर नेशनल पार्क सड़क मार्ग द्वारा प्रमुख शहरों (यमुनानगर, पोंटा और देहरादून) से जुड़ा हुआ है। इस नेशनल पार्क के पास में एक रेलवे स्टेशन है- ‘यमुनानगर रेलवे स्टेशन’ जहाँ से आप टैक्सी या बस लेकर कालेसर नेशनल पार्क पहुंच सकते है। हवाई मार्ग से आने के लिए इस नेशनल पार्क का निकटम एयरपोर्ट चंडीगढ़ (शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट) में है।
5. कैक्टस गार्डन (Cactus Garden)
जब भी कभी पार्क या फिर गार्डन का जिक्र होता है तो हमारे ध्यान में क्या आता है? खूबसूरत से फूल और रंग बिरंगी तितलियाँ,,, यहीं ना! लेकिन क्या कभी सोचा है कि कैक्टस का भी कोई गार्डन हो सकता है? जी हां यह वही कैक्टस है जो अक्सर घर के गमले में दिख जाता है लेकिन किसी को उसमें खास दिलचस्पी नहीं होती। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हरियाणा के पंचकूला में एक ऐसा गार्डन है जहां रंग-बिरंगे फूल नहीं बल्कि कैक्टस के पौधों को उगाया गया है। यह एशिया के सबसे बड़े कैक्टस गार्डन के रूप में जाना जाता है। यहां आकर आपको सामान्य सा दिखने वाला कैक्टस भी खूबसूरत लगने लगेगा। क्योंकि यहां सामान्य से दिखने वाले कैक्टस के पौधे को भी इतने खूबसूरत तरीके से सजाया गया है कि यह लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं।
यह कैक्टस गार्डन और बोटैनिकल गार्डन पेड़ पौधों के जैव विविधता के मामले में काफी धनी है। यहां फ्लोरा की कई सारी ऐसी प्रजातियां पाई जाती हैं जो विलुप्त होने के कगार पर हैं। अगर यहाँ पाए जाने वाले कैक्टस के दुर्लभ प्रजातियों की बात की जाए तो यहाँ कैक्टस की लगभग 3500 दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियाँ पायी जाती हैं। जिनमे प्रमुख रूप से ओपंटियास (Opuntias), फेरोकैक्टस (Ferocactus), नोटोकैक्टि (Notocacti), स्तंभाकार कैक्टि (Columnar Cacti), एगेव्स (Agaves), एस्ट्रोफाइटम (Astrophytum), इचिनोसेरियस (Echinocereus), मम्मिलारियास (Mammillarias) शामिल हैं।
अगर बात करें इस बोटैनिकल गार्डन में एंट्री की तो इस बोटैनिकल गार्डन के एंट्री टिकट की प्राइस ₹10 पर पर्सन है। इस कैक्ट्स गार्डन के एंट्री की टाइमिंग सुबह के 8 बजे से शाम के 6 बजे तक की है।
कैसे पहुंचे कैक्टस गार्डन? (How to reach Cactus Garden) अगर आप कैक्टस गार्डन जाना चाहते हैं तो पंचकूला शहर आना होगा जिसके लिए आप चंडीगढ़ का रुख कर सकते हैं। चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट से पंचकूला शहर सिर्फ 16 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। इसके अलावा आप रेल मार्ग से भी पंचकूला पहुंच सकते हैं। चंडी मंदिर रेलवे स्टेशन पंचकूला जिले में स्थित एक छोटा सा रेलवे स्टेशन है। आप सीधा चंडीगढ रेलवे स्टेशन के लिए भी ट्रेन ले सकते हैं। आसपास के शहरों से पंचकूला शहर के लिए बाय रोड बहुत अच्छी कनेक्टिविटी मिल जाती है। आप आसानी से बाय रोड भी पंचकूला जा सकते हैं। अगर आप दिल्ली में रहते हैं तो आप बाय रोड भी बहुत ही आसानी से पंचकुला पहुँच सकते हैं।
हरियाणा अपने स्पिरिचुअल और हिस्टोरिकल वैल्यूज (Spiritual and Historical Values) के लिए फेमस है और यहां की खूबसूरती आसपास के शहरों से पर्यटकों को आकर्षित करती है। राजधानी दिल्ली से नजदीक होने के कारण अक्सर दिल्ली के लोग पिकनिक मनाने यहां आया करते हैं। यहां के फेमस टूरिस्ट प्लेसेस (Famous Tourist Places) की अगर बात की जाए तो उनमें यहाँ के दो नेशनल पार्क्स का नाम भी आता है। इसके अलावा यहां मोरनी हिल्स, मोरनी फोर्ट, एडवेंचर पार्क और टिक्कर ताल भी है जो पर्यटकों को आकर्षित करता है। आज के फाइव कलर्स ऑफ़ ट्रैवल के इस ब्लॉग में हम आपको बताएँगे इन दो नेशनल पार्क्स (National Parks of Haryana) के बारें में जहाँ आप नेचर को एक्सप्लोर कर सकते हैं।
सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान (Sultanpur National Park)
सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान हरियाणा के सुल्तानपुर, फारुखनगर और गुरुग्राम जिले में स्थित भारत का एक प्रसिद्ध बर्ड अभयारण्य है। यह नेशनल पार्क सुल्तानपुर में स्थित है जिसके कारण इस उद्यान को सुल्तानपुर पक्षी विहार भी कहा जाता है। यह नेशनल पार्क लगभग 142 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस पक्षी विहार में हजारों की संख्या में लुप्तप्राय और दुर्लभ पक्षी पाए जाते है। यहाँ पाए जाने वाले पक्षियों में पेलिकन, साइबेरियाई सारस, काले पंखों वाला स्टिल्ट, जलकाग, पैडीफील्ड पिपिट, लिटिल कॉर्मोरेंट, इंडियन कॉर्मोरेंट, पर्पल सनबर्ड, ब्लैक फ्रैंकोलिन, कॉमन स्पूनबिल, कॉमन हूपो, ग्रे फ्रैंकोलिन, इंडियन रोलर, व्हाइट आइबिस, व्हाइट-थ्रोटेड किंगफिशर, ब्लैक-नेक्ड स्टॉर्क, इंडियन स्पॉट-बिल्ड डक, पेंटेड सारस, कॉमन ग्रीनशैंक्स, कुरजां आदि कुछ ऐसे प्रमुख प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां हैं जो इस नेशनल पार्क में आपको अवश्य मिल जायेंगे।
कैसे पहुंचे सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान (How to reach Sultanpur National Park)?
सुल्तानपुर नेशनल पार्क, गुड़गाँव-झज्जर हाईवे पर फर्रुखनगर के नजदीक स्थित है। दिल्ली एनसीआर में होने के कारण सुल्तानपुर नेशनल पार्क वीकेंड बिताने का एक बेहतरीन डेस्टिनेशन है। आप दिल्ली मेट्रो से यहाँ आना चाहें तो येलो लाइन से हुडा सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन पर पहुँच कर, वहां से कोई निजी कैब या ऑटो बुक करके आप इस खूबसूरत पक्षी विहार तक पहुँच सकते हैं। अगर आप गुड़गाँव से जाएँ तो यह लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर है और दिल्ली से लगभग 42 किलोमीटर की दूरी पर।
2. कालेसर राष्ट्रीय उद्यान (Kalesar National Park)
चंडीगढ़ से 122 किलोमीटर दूर हरियाणा के यमुनानगर जिले में कालेसर राष्ट्रीय उद्यान और कालेसर वन्यजीव अभ्यारण्य (Kalesar Wildlife Sanctuary) है जो अपने नेचुरल डाइवर्सिटी (Natural Diversity) के लिए अपने आसपास के क्षेत्र में प्रसिद्ध है। कालेसर राष्ट्रीय उद्यान और कालेसर वन्यजीव अभ्यारण्य क्रमशः 53 वर्ग किमी और 53.45 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है और इन दोनों की स्थापना क्रमशः 8 दिसंबर 2003 और 13 दिसंबर 1996 को हुई थी। इस नेशनल पार्क का नाम कालेसर महादेव मंदिर के नाम पर रखा गया था जो इसी राष्ट्रीय उद्यान में है। यहाँ पाए जाने वाले जीवों में एशियाई हाथी (Asian Elephant), भारतीय तेंदुआ (Indian Leopard), लेपर्ड कैट (Leopard Cat), वाइल्ड कैट (Wild Cat), चीतल (Chital), रस्टी-स्पॉटेड कैट (Rusty-spotted Cat), नीलगाय (Nilgai), सांभर (Sambar), आदि शामिल है।
कैसे पहुंचे कालेसर राष्ट्रीय उद्यान (How to reach Kalesar National Park)?
यमुनानगर पौंटा साहिब स्टेट हाईवे (NH 907) कालेसर नेशनल पार्क से होकर गुजरता है। कालेसर नेशनल पार्क सड़क मार्ग द्वारा प्रमुख शहरों (यमुनानगर, पोंटा और देहरादून) से जुड़ा हुआ है। इस नेशनल पार्क के पास में एक रेलवे स्टेशन है- ‘यमुनानगर रेलवे स्टेशन’ जहाँ से आप टैक्सी या बस लेकर कालेसर नेशनल पार्क पहुंच सकते है। हवाई मार्ग से आने के लिए इस नेशनल पार्क का निकटम एयरपोर्ट चंडीगढ़ (शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट) में है।
चंडीगढ़ से 122 किलोमीटर दूर हरियाणा के यमुनानगर जिले में कालेसर राष्ट्रीय उद्यान (Kalesar National Park) और कालेसर वन्यजीव अभ्यारण्य (Kalesar Wildlife Sanctuary) है जो अपने नेचुरल डाइवर्सिटी (Natural Diversity) के लिए अपने आसपास के क्षेत्र में प्रसिद्ध है। कालेसर राष्ट्रीय उद्यान और कालेसर वन्यजीव अभ्यारण्य क्रमशः 53 वर्ग किमी और 53.45 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है और इन दोनों की स्थापना क्रमशः 8 दिसंबर 2003 और 13 दिसंबर 1996 को हुई थी। यह नेशनल पार्क और वन्यजीव अभ्यारण्य, उत्तराखंड के राजाजी राष्ट्रीय उद्यान (Rajaji National Park) और हिमाचल प्रदेश के सिम्बलबाड़ा राष्ट्रीय उद्यान (Simbalbara National Park) राष्ट्रीय उद्यान से जुड़ा हुआ है। इस नेशनल पार्क का नाम कालेसर महादेव मंदिर के नाम पर रखा गया था जो इसी राष्ट्रीय उद्यान में है।
कालेसर नेशनल पार्क में फॉउना (Fauna in Kalesar National Park)
कालेसर राष्ट्रीय उद्यान में कई प्रकार के फॉउना (Fauna) निवास करते हैं। यहाँ पाए जाने वाले जीवों में एशियाई हाथी (Asian Elephant), भारतीय तेंदुआ (Indian Leopard), लेपर्ड कैट (Leopard Cat), वाइल्ड कैट (Wild Cat), चीतल (Chital), रस्टी-स्पॉटेड कैट (Rusty-spotted Cat), नीलगाय (Nilgai), सांभर (Sambar), भारतीय सियार (Indian Jackal), रीसस मकाक (Rhesus Macaque), छोटा भारतीय सिवेट (Small Indian Civet), सूअर (Boar), इंडियन क्रेस्टेड पौरक्यूपाइन (Indian Crested Porcupine), ग्रे लंगूर (Grey Langur), भारतीय ग्रे नेवला (Indian Grey Mongoose), बार्किंग डियर (Barking Deer), गोरल (Goral), कॉमन पाम सिवेट (Common Palm Civet), भारतीय खरगोश (Indian Hare) आदि शामिल है।
कालेसर नेशनल पार्क में फ्लोरा (Flora in Kalesar National Park)
अगर बात की जाए कालेसर नेशनल पार्क के फ्लोरा की तो, यहाँ के 53 प्रतिशत भागों पर घने जंगल 38 प्रतिशत भागों पर खुला जंगल और 9 प्रतिशत भागों पर झाड़ियां है। यहाँ पाए जाने वाले पेड़ों की कुछ प्रमुख प्रजातियाँ में साल (Sal), सेमुल (Semul), अमालतास (Amaltas), बहेरा (Bahera), खैर (Khair), शीशम (Shisham), सैन (Sain), झिंगन (Jhingan), छाल (Chhal), सिन्दूर (Sindoor), आदि है। इस राष्ट्रीय उद्यान में बहुत अधिक संख्या में औषधीय पौधे पाए जाते हैं।
बेस्ट टाइम टू विजिट कालेसर नेशनल पार्क (Best time to visit Kalesar National Park)
अगर आप कालेसर राष्ट्रीय उद्यान आने की चाह रख रहे है तो आप समर (Summer) में आने से बचें क्योंकि समर में इस राष्ट्रीय उद्यान में बहुत गर्मी पड़ती है। आप यहाँ ठण्ड के महीनों (अक्टूबर से मई) में आने की कोशिश करें क्योंकि इस समय यहाँ का मौसम सुहाना और परिस्थितियां सम रहती हैं और आपको यहाँ ज्यादा से ज्यादा जानवर देखने को मिलेंगे।
कैसे पहुंचे कालेसर राष्ट्रीय उद्यान (How to reach Kalesar National Park)?
सड़क मार्ग- यमुनानगर पौंटा साहिब स्टेट हाईवे (NH 907) कालेसर नेशनल पार्क से होकर गुजरता है। कालेसर नेशनल पार्क सड़क मार्ग द्वारा प्रमुख शहरों (यमुनानगर, पोंटा और देहरादून) से जुड़ा हुआ है।
रेल मार्ग- इस नेशनल पार्क के पास में एक रेलवे स्टेशन है- ‘यमुनानगर रेलवे स्टेशन’ जहाँ से आप टैक्सी या बस लेकर कालेसर नेशनल पार्क पहुंच सकते है।
हवाई मार्ग- इस नेशनल पार्क का निकटम एयरपोर्ट चंडीगढ़ (शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट) में है।
जब भी कभी पार्क या फिर गार्डन का जिक्र होता है तो हमारे ध्यान में क्या आता है? खूबसूरत से फूल और रंग बिरंगी तितलियाँ,,, यहीं ना! लेकिन क्या कभी सोचा है कि कैक्टस का भी कोई गार्डन हो सकता है? जी हां यह वही कैक्टस है जो अक्सर घर के गमले में दिख जाता है लेकिन किसी को उसमें खास दिलचस्पी नहीं होती। फाइव कलर्स ऑफ ट्रेवल के आज के इस ब्लॉग में हम आपको आज जिस गार्डन के बारे में बताने जा रहे हैं वह रंग बिरंगे फूलों का बगीचा नहीं बल्कि कांटेदार कैक्टस वाला गार्डन है। जी हां हम आज बात करने जा रहे हैं एशिया के लार्जेस्ट कैक्टस गार्डन (Asia’s Largest Cactus Garden) के बारे में, जो कि हरियाणा में स्थित है। आईए जानते हैं इस गार्डन के बारे में और भी डिटेल में :
कैक्टस गार्डन का इतिहास (History of Cactus Garden) :
इस गार्डन को वर्ष 2004 में सिर्फ 500 पौधों के साथ कैक्टस गार्डन के तौर पर खोला गया था। हालांकि यह बोटैनिकल गार्डन 1987 में स्थापित हो गया था। आज के समय में यहां कैक्टस की 3500 से अधिक प्रजातियां हैं। उनमें कई एंडेंजर्ड स्पीशीज भी है। यह कैक्टस गार्डन पंचकूला के सेक्टर 5 में स्थित है और हरियाणा की शोभा में चार चांद लगता है। अगर बात करें इस कैक्टस गार्डन के क्षेत्रफल की तो यह 7 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है।
कैक्टस गार्डन की विशेषताएँ (Qualities of Cactus Garden) :
यह कैक्टस गार्डन एशिया का सबसे बड़ा कैक्टस गार्डन है और यहां आपको हर तरह के कैक्टस के पौधे देखने को मिल जाएंगे। यहां कई सारे ऐसे कैक्टस के पौधे भी हैं जिनकी लंबाई इंसानों की लंबाई से भी ज्यादा है। वहीं कुछ पौधे ऐसे भी हैं जो जमीन तक हीं सिमट कर रह जाते हैं। यहां गोल और चपटे दोनों ही प्रकार के पत्तों वाले कैक्टस आपको देखने को मिलेंगे। खासकर इस गार्डन को जिस तरह से सजाया गया है वह अपने आप में हीं सराहनीय है। इस गार्डन के बीच में एक छोटा सा तालाब भी है, जो इस गार्डन की खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करता है। साफ सुथरा सा यह गार्डन यहां आने वाले पर्यटकों को काफी अचंभित करता है। अगर आपका इंटरेस्ट वाइल्डलाइफ में है और आप फ्लोरा और फाउना को एक्सप्लोर करने में इंटरेस्ट रखते हैं तो आपको इस कैक्टस गार्डन में घूमने जरूर आना चाहिए। यहां आकर आपको बहुत सी ऐसी जानकारियां मिलेगी जो शायद आपके लिए नई हो। विज्ञान के क्षेत्र में इंटरेस्ट रखने वाले बच्चों के लिए यह कैक्ट्स गार्डन बहुत हीं बेस्ट पिकनिक ऑप्शन है। आप इस बोटैनिकल गार्डन में घूमने जा सकते हैं और इसे एक्सप्लोर कर सकते हैं।
फ्लोरा की है अनेक प्रजातियाँ (Vast Diversity Of Flora in Cactus Garden):
यह कैक्टस गार्डन और बोटैनिकल गार्डन पेड़ पौधों के जैव विविधता के मामले में काफी धनी है। यहां फ्लोरा की कई सारी ऐसी प्रजातियां पाई जाती हैं जो विलुप्त होने के कगार पर हैं। अगर यहाँ पाए जाने वाले कैक्टस के दुर्लभ प्रजातियों की बात की जाए तो यहाँ कैक्टस की लगभग 3500 दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियाँ पायी जाती हैं। जिनमे प्रमुख रूप से ओपंटियास (Opuntias), फेरोकैक्टस (Ferocactus), नोटोकैक्टि (Notocacti), स्तंभाकार कैक्टि (Columnar Cacti), एगेव्स (Agaves), एस्ट्रोफाइटम (Astrophytum), इचिनोसेरियस (Echinocereus), मम्मिलारियास (Mammillarias) शामिल हैं।
एंट्री फीस और टाइमिंग (Entry Fees and Timings of Cactus Garden):
अगर बात करें इस बोटैनिकल गार्डन में एंट्री की तो इस बोटैनिकल गार्डन के एंट्री टिकट की प्राइस ₹10 पर पर्सन है। इस कैक्ट्स गार्डन के एंट्री की टाइमिंग सुबह के 8 बजे से शाम के 6 बजे तक की है।
मोरनी हिल्स (Morni Hills) को हरियाणा का एकमात्र हिल स्टेशन माना जाता है, जो कि अपने स्पिरिचुअल और हिस्टोरिकल वैल्यूज (Spiritual and Historical Values) के लिए फेमस है। यहां की खूबसूरती आसपास के शहरों से पर्यटकों को आकर्षित करती है। राजधानी दिल्ली से नजदीक होने के कारण अक्सर दिल्ली के लोग पिकनिक मनाने यहां आया करते हैं। यहां के फेमस टूरिस्ट अट्रैक्शन (Famous Tourist Attraction) की अगर बात की जाए तो उनमें मोरनी फोर्ट का नाम सबसे पहले आता है। इसके अलावा यहां एडवेंचर पार्क और टिक्कर ताल भी है जो पर्यटकों को आकर्षित करता है।
एडवेंचर पार्क (Adventure Park):
इस पार्क का उद्घाटन हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने 2004 में किया था। तब से यह पार्क बच्चों के लिए पसंदीदा टूरिस्ट स्पॉट बन गया है। मोरनी हिल्स में यह जगह बच्चों के द्वारा सबसे ज्यादा पसंद की जाती है। यहां कई तरह के एडवेंचरस एक्टिविटीज की जा सकते हैं। इस पार्क में एक हॉन्टेड हाउस भी है जो बच्चों को काफी पसंद आता है। इस पार्क में ट्री हाउस भी है जहां से पूरे मोरनी हिल्स का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है। इस पार्क में एक भूल भुलैया भी है जो बाहर से देखने पर तो आसान सी दिखती है लेकिन जब आप इसके अंदर जाएंगे तो इसी में खो कर रह जाएंगे। इस मंकी मेज में आपको रास्ता ढूंढने में लगभग 10 – 15 मिनट का टाइम लग जाएगा। इस पार्क में जगह-जगह रंग-बिरंगे छोटे-छोटे बर्ड हाउस भी बनाए गए हैं। जो देखने में बहुत हीं खूबसूरत और प्यारे लगते हैं। इसके अलावा पार्क में एक कैफेटेरिया भी है। पार्क के बाहर ही पार्किंग स्पेस भी है जहां आप अपनी गाड़ी को पार्क कर सकते हैं। बात करें इस पार्क के एंट्री टिकट की तो इस पार्क में वयस्कों के लिए एंट्री टिकट ₹50 की है जबकि, बच्चों के लिए यह टिकट ₹30 की है।
टिक्कर ताल (Tikkar Tal):
टिक्कर ताल को यहां के दो खूबसूरत जिलों की वजह से जाना जाता है। पहाड़ी से देखने पर यह दोनों झीलें बहुत हीं खूबसूरत दिखती हैं। इन दोनों झीलों को एक छोटी सी पहाड़ी अलग करती है। इस ताल के किनारे बैठकर आप पिकनिक मना सकते हैं और अपनों के साथ टाइम स्पेंड कर सकते हैं। यहां का माहौल बहुत ही पीसफुल है और लोगों को काफी पसंद आता है। यह आप कई तरह की वॉटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज भी कर सकते हैं। जिनमें बनाना राइड, जेट स्कूटर राइड और पैरा मोटर राइड आदि शामिल हैं। बनाना राइड के टिकट की प्राइस ₹500 प्रति व्यक्ति है। वहीं जेट स्कूटर रीड के टिकट की कीमत ₹1000 पर पर्सन है। अगर आप पैरा मोटर राइट का आनंद उठाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए प्रति व्यक्ति के तौर पर ₹1500 का टिकट लेना पड़ेगा। यह यहां की सबसे बेस्ट राइड है और पर्यटकों को काफी पसंद आती है। इन एडवेंचरस राइड्स के अलावा आप यहां पारा सीलिंग और नॉर्मल बोटिंग भी कर सकते हैं
मोरनी फोर्ट (Morni Fort):
मोरनी फोर्ट एक ऐतिहासिक किला है, जिसे क्वीन मोरनी ने बनवाया था। उन्हीं के नाम पर इस हिल स्टेशन का नाम मोरनी हिल्स पड़ा है। इस फोर्ट को अब नेचर स्टडी सेंटर और म्यूजियम में तब्दील कर दिया गया है। यहां आपको इनडेंजर्ड स्पीशीज के नेचुरल हैबिटेट के बारे में जानने और समझने का मौका मिलेगा। इसके अलावा यहां विलुप्त हो चुकी प्रजातियों के बारे में भी जानकारी देखने को मिलती है। इस म्यूजियम का मोटो बायोडायवर्सिटी को कंजर्व करना है और वाइल्डलाइफ की सुरक्षा को प्रमोट करना है। यहां जाकर आप इस बात को बहुत ही अच्छे से समझ पाएंगे कि किस तरह से आप इन विलुप्त हो रही प्रजातियों के संरक्षण में अपना योगदान दे सकते हैं। अगर आपका इंटरेस्ट वाइल्डलाइफ में है तो आपको यह जगह बहुत ही पसंद आएगी। साथ ही यहाँ बच्चों को भी बहुत कुछ जानने और सीखने का मौका मिलता है। इस फोर्ट के बाहर ही एक शिवजी का मंदिर है। जहां कई सौ साल पुराना एक बरगद का पेड़ भी है। अगर आप मोरनी हिल्स आ रहे हैं तो आप इस फोर्ट को घूमने के लिए जरूर आए। यकीनन यह आपको बहुत ही पसंद आएगा।
मोरनी हिल्स जाने का सबसे सही समय (Best time to visit Morni Hills):
अगर बात करें मोरनी हिल्स जाने के सबसे सही समय की तो यहां जाने का सबसे सही समय होता है सितंबर से अप्रैल तक का। क्योंकि इस समय यहां पर गर्मी नहीं होती है और आप बहुत हीं आसानी से एडवेंचरस एक्टिविटीज का आनंद उठा पाते हैं। हालांकि ऐसा नहीं है कि मोरनी हिल्स घूमने के लिए सिर्फ इसी समय जाया जा सकता है। आप चाहे तो साल के किसी भी समय यहां घूमने के लिए जा सकते हैं। यह जगह हर समय उतनी ही खूबसूरत दिखती है।
कैसे पहुंचे मोरनी हिल्स (How to reach Morni Hills)?
मोरनी हिल्स पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले चंडीगढ़ पहुंचना होगा। चंडीगढ़ से मोरनी हिल्स की दूरी लगभग 40 किलोमीटर है और यहां का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट चंडीगढ़ एयरपोर्ट है। चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन मोरनी हिल्स का नजदीकतम रेलवे स्टेशन है। चंडीगढ़ पहुंचने के बाद अगर आप वहां से बस लेकर मोरनी हिल जाना चाहेंगे तो आपको चंडीगढ़ से मोरनी हिल्स के लिए डायरेक्ट बसें भी मिल जाएंगी। इसके अलावा आप अपनी सुविधा अनुसार टैक्सी भी कर सकते हैं।
अगर आप दिल्ली एनसीआर में रह रहे हैं और अपने वीकेंड पर किसी ऐसे विजिटिंग प्लेस को एक्सप्लोर करना चाहते हैं जहां आपको हिल स्टेशन वाली वाइब आ जाए और वह जगह दिल्ली एनसीआर से नजदीक भी हो तो फरीदाबाद आपके लिए सबसे बेस्ट विजिटिंग ऑप्शन हो सकता है। क्योंकि यह शहर दिल्ली एनसीआर (Delhi NCR) का हिस्सा है और एक बेहतरीन पर्यटन स्थल के रूप में पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। अगर आप भी फरीदाबाद जाना चाहते हैं तो फरीदाबाद में घूमने लायक जगह के बारे में जानना आपके लिए बहुत ही जरूरी है। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि फरीदाबाद की कौन सी ऐसी जगहें हैं जहां आप अपने पिकनिक के लिए या फिर वीकेंड (weekend) के लिए जा सकते हैं।
फरीदाबाद के बारे में अगर बात की जाए तो यह एक इंडस्ट्रियल एरिया (Industrial Area) है और बीते कुछ सालों में एक बेहतरीन पर्यटन स्थल के रूप में भी उभर रहा है। अब तो इस शहर को मिनी हिल स्टेशन भी कहा जाने लगा है। फरीदाबाद के मुख्य पर्यटन स्थलों की सूची निमनांकित हैं :
राजा नाहर सिंह पैलेस (Naharsingh’s palace)
इस्कॉन टेंपल फरीदाबाद (Isckon temple faridabaad)
सूरजकुंड (Surajkund)
टाउन पार्क (Town park)
1. राजा नाहर सिंह पैलेस (Naharsingh’s palace)
इस पैलेस को फरीदाबाद आने वाले पर्यटकों का सेंटर ऑफ़ अट्रैक्शन भी कह सकते हैं। इस पैलेस को बल्लभगढ़ पैलेस (Ballabhgarh Palace) के नाम से भी जाना जाता है। यह पैलेस बहुत हीं विशाल तथा खूबसूरत है। इस पैलेस का निर्माण राजा नाहर सिंह के पूर्वज राजा राम बलराम जी ने करवाया था। राजा नाहर सिंह एक शक्तिशाली योद्धा थे जिन्होंने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अपनी जान दे दी थी। इस महल में कार्तिक संस्कृति उत्सव का आयोजन किया जाता है। जिसे देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक यहां आते हैं। इस कार्यक्रम में बहुत तरह के संगीत और कलाकृतियों का प्रदर्शन किया जाता है। यह महल इतना खूबसूरत है कि यहां कई सारे फिल्मों और गानों की शूटिंग भी हुई है।
फरीदाबाद के सेक्टर 36 में स्थित इस्कॉन मंदिर (iskcon temple) कृष्ण भक्तों के लिए आस्था का एक पवित्र केंद्र है। जहाँ दूर दूर से पर्यटक पूजा करने के लिए आते हैं। इस मंदिर को गोविंद मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर बाहर से देखने में जितना खूबसूरत है, अंदर से इसका माहौल उतना ही शांत सुकून देने वाला है। यह मंदिर फरीदाबाद मेन सिटी से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भगवान श्री कृष्ण और राधा को समर्पित यह प्रसिद्ध मंदिर हर समय श्रद्धालुओं की भीड़ से भरा हुआ होता है। अगर आप भी फरीदाबाद आ रहे हैं तो इस्कॉन टेंपल फरीदाबाद को विजिट करना ना भूलें।
3. सूरजकुंड (Surajkund) दसवीं शताब्दी में बने इस सूरजकुंड का निर्माण तोमर वंश के राजा सूरजपाल द्वारा करवाया गया था। यह फरीदाबाद से केवल 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक शानदार जगह है। जहां आप पिकनिक मनाने के लिए जा सकते हैं। यहां सामान्य दिनों में बहुत ही शांति होती है। आप सूरजकुंड आकर यहां से कुछ ही दूरी पर स्थित सूर्य मंदिर के भी दर्शन कर सकते हैं। यूं तो सामान्य दिनों में सूरजकुंड बहुत ही शांत होता है, लेकिन मेले के समय यहां लोगों की चहल कदमी बढ़ जाती है। यहां लगने वाले इंटरनेशनल आर्ट एंड क्राफ्ट मेला (International Art and Craft Fair) की वजह से सूरजकुंड को पूरी दुनिया में जाना जाने लगा है। हर साल यहां इस मेले में अलग-अलग देशों से आने वाले लोग अपनी कलाकृतियों को दुनिया के सामने पेश करते हैं। अगर आप सूरजकुंड जाना चाहते हैं तो इसका सबसे सही समय इंटरनेशनल आर्ट एंड क्राफ्ट मेले का समय होता है। क्योंकि इस समय यहां पर्यटकों को अलग-अलग देशों के संस्कृतियों को जानने का मौका मिलता है और उनके आर्ट एंड क्राफ्ट्स को खरीदने का अवसर मिलता है। साथ ही साथ इस मेले में पर्यटकों को अलग-अलग देशों के पकवानों का जायका लेने का भी अवसर प्राप्त होता है।
4. टाउन पार्क (Town park)
फरीदाबाद के सबसे फेमस पार्क के तौर पर जाना जाने वाला यह पार्क फरीदाबाद के सेक्टर 12 में स्थित है। यह पार्क बहुत हीं बड़ा और सुंदर भी है। यहां बच्चों और बड़ों सभी के लिए मनोरंजन के बहुत सारे साधन उपलब्ध हैं। इस पार्क में बहुत सारे झूले लगे हुए हैं, जहां फ्री और पेड दोनों तरह की राइड्स (Free Pads and Rides) का मजा लिया जा सकता है। इस पार्क की सबसे खास बात यह है कि इस पार्क में एक फ्लोरल क्लॉक बनी हुई है। जिसे फूलों से बनाया गया है और जो यहाँ की शोभा में चार चांद लगाने का काम करती है। अगर आप फरीदाबाद आ रहे हैं तो आप इस जगह को अपने विजिटिंग प्लेस की लिस्ट में डेफिनेटली ऐड करें।
Morni Hills is a beautiful hill station located in the Panchkula district of the Indian state of Haryana. It is a popular weekend getaway for people from nearby cities like Chandigarh and Delhi, as it offers a serene escape amidst nature and picturesque landscapes. In this blog, we will tell you about the history, Prime locations, best time to visit of Morni Hills, which is very important for you to know.
Here are some best attractions of Morni Hills
Morni Hills Lake
The Morni Hills Lake, also known as Morni Lake, is a man-made lake located at the center of Morni. It offers boating facilities, and visitors can enjoy a peaceful time by the lake surrounded by the hills. Morni Hills Lake, also known as Morni Lake, is a picturesque man-made lake located in the Morni Hills area of Panchkula district in Haryana, India. It is one of the prominent attractions in Morni Hills and a popular spot for tourists seeking a serene and tranquil environment.The lake is surrounded by the lush greenery of the Morni Hills, offering a beautiful and refreshing ambiance. The calm waters of the lake and the surrounding hills create a picturesque setting, making it a favorite spot for nature lovers and photographers.
Boating: Morni Hills Lake offers boating facilities, allowing visitors to take a leisurely ride on the lake’s tranquil waters. Boating at the lake is a popular activity, especially during weekends and holidays.
Picnic Spot: The lake’s peaceful and natural surroundings make it an excellent spot for picnics. Families and groups often visit the lake to enjoy a relaxing day amidst nature, away from the hustle and bustle of city life.
Birdwatching: The lake area attracts various bird species, making it a paradise for birdwatchers. Bird enthusiasts can spot a variety of resident and migratory birds in and around the lake.
Relaxation and Photography: Morni Hills Lake is an ideal place for unwinding and spending leisure time. Visitors can sit by the lakeside, enjoy the cool breeze, and capture the beautiful scenery with their cameras.
Adventure Activities: Apart from boating, visitors can also indulge in short hikes and nature walks around the lake, providing opportunities to explore the natural beauty of the Morni Hills.
Sunset Views: The lake offers stunning sunset views, making it an excellent spot to witness the sun setting over the picturesque hills.
2. Tikkar Taal
Tikkar Taal, also known as Tikkar Lake, is a scenic and serene lake situated near the famous Morni Hills Lake, Tikkar Taal is another delightful attraction that draws nature enthusiasts and travelers seeking a peaceful escape. Tikkar Taal is a natural lake surrounded by lush greenery and hills, creating a tranquil and picturesque setting. The calm waters and the scenic beauty of the lake make it a perfect spot to unwind and relax. The lake area attracts a variety of bird species, making it an excellent spot for birdwatching. Bird enthusiasts can observe numerous resident and migratory birds in their natural habitat around the lake.
Boating: Like Morni Hills Lake, Tikkar Taal also offers boating facilities, allowing visitors to take a pleasant boat ride on the lake. Boating is a popular activity, especially during weekends and holidays.
Tikkar Taal is a favored picnic spot among locals and tourists alike. Families and groups often visit the lake to enjoy a day amidst nature, have picnics, and engage in various activities.
Adventure Activities: The area around Tikkar Taal is suitable for short hikes and nature walks. Exploring the nearby hills and landscapes offers adventure enthusiasts an opportunity to appreciate the natural beauty of the Morni Hills region.
Sunrise and Sunset Views: The lake offers breathtaking views of the sunrise and sunset, providing a mesmerizing experience for early morning and evening visitors.
Tikkar Taal is relatively less crowded than some other tourist destinations, allowing travelers to enjoy a peaceful and intimate connection with nature. Whether you wish to enjoy boating on the lake, go birdwatching, or simply relax and take in the scenic beauty, Tikkar Taal in Morni Hills is a delightful destination to experience the serenity of nature. It is a beautiful spot for birdwatching and boating, and the surrounding area is perfect for a relaxing picnic.
Adventure Activities: Morni Hills offers various adventure activities like trekking and hiking opportunities. The trek to Morni Fort is a favorite among trekkers, offering panoramic views of the surrounding landscape.
You can also enjoy paragliding here. For this you will have to spend from 1500 to 2000 rupees per person.
3. Ancient Morni Fort
The Morni Fort is an ancient fort located atop a hill and is believed to date back to the 17th century. Although in ruins, it attracts history enthusiasts and adventurers alike. The Ancient Morni Fort is a historical site. The fort is believed to date back to the 17th century and holds significance as a remnant of the region’s rich historical past. Although the fort is now in ruins, it continues to attract history enthusiasts and adventurers seeking to explore its heritage and enjoy the panoramic views from its elevated position.
While the fort is now in a state of disrepair, the remnants of its walls and structures give visitors a glimpse of its past glory. Exploring the ruins allows travelers to imagine the grandeur and architectural finesse that once characterized the fort.
Trekking and Adventure: To reach the Ancient Morni Fort, visitors need to embark on a trek, which is an adventure in itself. The trek is moderate in difficulty, and it offers a chance to experience the natural beauty of the Morni Hills while ascending to the fort.
Panoramic Views: The hilltop location of the fort provides breathtaking panoramic views of the surrounding landscapes, including the Morni Hills, lush greenery, and nearby lakes.
The scenic beauty and historical elements of the fort make it a great spot for photography. Visitors can capture the beauty of the ruins and the natural vistas surrounding the fort.
Sunset Views: The fort’s elevated position also makes it an ideal spot to witness the mesmerizing sunset views over the Morni Hills.
Local Legends: The Ancient Morni Fort is surrounded by local legends and folklore, adding an element of mystery and intrigue to the site.
4. Morni Hills Wildlife Sanctuary
The Morni Hills Wildlife Sanctuary is a protected area located in the Morni Hills of Panchkula district, Haryana, India. Spanning over an area of approximately 54 square kilometers, the sanctuary is a haven for biodiversity and offers a diverse range of flora and fauna. It is a popular destination for nature lovers, wildlife enthusiasts, and birdwatchers seeking to experience the region’s natural beauty and observe its rich wildlife.
The sanctuary is home to a wide variety of plant and animal species, including several endangered and rare species. It boasts a mix of deciduous and evergreen forests, making it a rich and diverse ecosystem. The sanctuary is known for its diverse wildlife, which includes animals such as Sambar deer, Spotted deer (Chital), Wild boar, Indian crested porcupine, Leopard, and several species of reptiles and amphibians. Morni Hills Wildlife Sanctuary is a paradise for birdwatchers, with over 200 species of birds recorded in the area. Some of the notable bird species found here include Grey Hornbill, Indian Pitta, Himalayan Bulbul, and various migratory birds during the winter months.
Eco-Tourism: The sanctuary promotes eco-tourism and responsible wildlife tourism. Visitors are encouraged to appreciate nature’s beauty while minimizing any negative impact on the environment and wildlife.
The Morni Hills Wildlife Sanctuary provides a unique opportunity to connect with nature and experience the region’s diverse wildlife and beautiful landscapes. Visitors are reminded to follow the guidelines and regulations of the sanctuary to ensure the conservation of the area’s rich biodiversity for future generations to appreciate and enjoy.
The region is home to the Morni Hills Wildlife Sanctuary, which is spread over an area of approximately 54 square kilometers. It houses a variety of flora and fauna, making it a paradise for nature enthusiasts and wildlife photographers.
5. Adventure Activities in Morni Hills
Morni Hills, with its picturesque landscapes and hilly terrain, offers a range of thrilling adventure activities for travelers seeking an adrenaline rush and outdoor experiences. Whether you’re a nature enthusiast or an adventure seeker, Morni Hills has something to offer for everyone. Here are some popular adventure activities to enjoy in Morni Hills:
Trekking: Morni Hills provides several trekking trails of varying difficulty levels, suitable for both beginners and experienced trekkers. Trekking through the lush forests and scenic routes allows you to immerse yourself in the natural beauty of the region.
Nature Walks: Take leisurely nature walks to explore the pristine beauty of Morni Hills. Enjoy the serene environment and spot unique flora and fauna along the way.
Boating: Experience the tranquility of Morni Lake and Tikkar Taal by indulging in boating activities. The serene waters and scenic surroundings make boating a delightful experience.
Birdwatching: Morni Hills is a haven for birdwatchers, with its diverse avian population. Bring your binoculars and camera to capture the sight of various local and migratory bird species.
Camping: Spend a night under the starlit sky by camping in Morni Hills. Camping enthusiasts can set up tents amidst the natural beauty of the hills and enjoy a bonfire and stargazing.
Rock Climbing: The rocky terrain of Morni Hills offers opportunities for rock climbing and bouldering. Engage in this thrilling activity under the guidance of experts.
Mountain Biking: Experience the thrill of mountain biking as you explore the scenic trails and narrow paths of Morni Hills on a bicycle.
Paragliding: You can also enjoy paragliding here. For this you will have to spend from 1500 to 2000 rupees per person.
Before engaging in any adventure activity, ensure you follow safety guidelines and take necessary precautions. Some activities may require assistance from local guides or adventure operators. Embrace the spirit of adventure, and make the most of your time in Morni Hills by exploring its natural wonders and engaging in thrilling outdoor experiences.
6. Morni Hills Resorts
There are several resorts and hotels in Morni Hills that offer comfortable accommodation and opportunities to experience the tranquility of the surrounding nature. Here you will also find resorts of Haryana Tourism. where you can stay for an affordable price.
Distance from Delhi to Morni Hills
The distance from Delhi to Morni Hills is approximately 275 to 290 kilometers (171 to 180 miles) depending on the specific route taken. The driving distance can vary based on the starting point in Delhi and the exact location within Morni Hills you intend to reach. The most common route is to take the NH44 (National Highway 44) from Delhi, heading towards Chandigarh. From Chandigarh, you will continue towards Panchkula and then take the road leading to Morni Hills. This journey typically takes around 5 to 6 hours by car, depending on traffic conditions and the speed of travel.
The distance from Chandigarh to Morni Hills is approximately 40-45 kilometers depending on the exact location within Morni Hills you intend to visit. Morni Hills is located to the north-east of Chandigarh.
The best time to visit Morni Hills is during the months of September to March. This period falls within the winter and early spring seasons in the region, offering pleasant weather and comfortable temperatures for sightseeing and outdoor activities. During the winter months (December to February), the weather in Morni Hills is cool and refreshing, with temperatures ranging from 5°C to 15°C (41°F to 59°F). It is an ideal time for tourists to explore the lush green landscapes, go for nature walks, and enjoy the scenic beauty of the hills.
The spring season (March to April) is another good time to visit Morni Hills. The weather remains pleasant with temperatures ranging from 15°C to 25°C, making it suitable for various outdoor activities such as trekking and picnics.
How to reach Morni Hills
To reach Morni Hills, you can follow different transportation options depending on your starting point. Morni Hills is well-connected by road and can be easily accessed from nearby cities like Chandigarh and Delhi. Here’s how you can reach Morni Hills:
From Chandigarh: By Road: Morni Hills is approximately 45 kilometers away from Chandigarh. You can hire a taxi, take a private car, or use a local bus service to reach Morni Hills. The journey typically takes around 1.5 to 2 hours, depending on the traffic and the route you take. From Delhi:By Road: Morni Hills is around 275 to 290 kilometers away from Delhi. You can drive to Morni Hills by taking the NH44 (National Highway 44) from Delhi towards Chandigarh. From Chandigarh, continue towards Panchkula and then take the road leading to Morni Hills. The journey can take around 5 to 6 hours, depending on traffic and road conditions. By Train: There is no direct train connectivity to Morni Hills. However, you can take a train from Delhi to Chandigarh and then follow the road route from Chandigarh to Morni Hills as mentioned earlier. By Air: The nearest airport to Morni Hills is Chandigarh Airport (IXC). After arriving at Chandigarh Airport, you can proceed to Morni Hills by road.
Morni Hills is an ideal destination for those looking to spend some quality time in the lap of nature, away from the hustle and bustle of city life. The pleasant weather, scenic views, and the range of activities it offers make it a perfect retreat for travelers seeking a peaceful and rejuvenating experience.
पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ एक बहुत खूबसूरत शहर है। ये भारत के केंद्र शासित प्रदेशों में से भी एक है। चंडीगढ़ सिटी को बेहद खूबसूरती के साथ बसाया गया है जो अपनी कला और संस्कृति (art and culture) के लिए जाना जाता है। दोस्तों हम लोगों में अक्सर ये इच्छा रहती है कि सभी जगह के कल्चर को अच्छे से जाने, इसलिए अगर आप भी छुट्टियों के लिए हिमाचल प्रदेश की ओर जाने वाले हैं तो आप पंजाब और हरियाणा के कल्चर को ठीक से समझने के लिए चंडीगढ़ भी जरूर आए।
हेरिटेज (Heritage) को अच्छे से समझने वालो के लिए और बाकी सबके लिए भी चंडीगढ़ एक बेस्ट डेस्टिनेशन (Best Destination) है क्योंकि यहां आपको हर दूसरे कदम पर कलाओं का भंडार (art store) मिलेगा। चंडीगढ़ अपने कई खूबसूरत पार्कों और बगीचों की वजह से ‘गार्डन सिटी’ (Garden City) के नाम से फेमस है। ये पार्क और बगीचे भी चंडीगढ़ में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक हैं। चंडीगढ़ में ऐसे कई टूरिस्ट प्लेस हैं जहां आप न जाकर बड़ी गलती कर सकते हैं।
1. जाकिर हुसैन रोज़ गार्डन (Zakir Hussain Rose Garden)-
गुलाबों से भरा यह खूबसूरत और खुशबूदार गार्डन (Nice and Smelling garden) काफी बड़ा है जो की भारत के पूर्व राष्ट्रपति ज़ाकिर हुसैन को डेडिकेटिड (Dedicated) है। ज़ाकिर हुसैन गार्डन में अमेजिंग आर्किटेक्चर (Amazing Architecture) है जो फूलों की खूबसूरती को और भी ज्यादा बढ़ाती है।
इस गार्डन सबसे की स्पेशल बात ये है कि यहां 1500 से भी ज्यादा वैरायटी (Variety) के गुलाब लगाए गए हैं । पूरे इंडिया से गुलाब कलेक्ट (Collect) करके यहां लगाए गए हैं। अगर आप अपने हनीमून (Honeymoon) पर हैं और अपने हिमाचल हनीमून पैकेज (Himachal honeymoon package) पर चंडीगढ़ में रुक रहे हैं, तो इस गार्डन का विजिट (Visit) करना एक बढ़िया ऑप्शन (Option) है। कपल्स (Couples) अक्सर ऐसी जगह की तलाश में रहते हैं जहां वो एक दूसरे के साथ कुछ क्वालिटी टाइम स्पेंड (Qualitiy time spend) कर पाएं तो जाकिर हुसैन गार्डन आपकी इस इच्छा को पूरा करने के लिए एक दम सही जगह है। जहां आप फूलों के बीच एक दूसरे से तसल्ली से समय बिता पायेंगे। यहां आने का सबसे अच्छा समय फरवरी और मार्च रहेगा। तो आप भी इस जगह को अपनी डेस्टिनेशन लिस्ट (Destination list) में शामिल कर लें।
2. इस्कॉन मंदिर (Iskcon temple)-
पूरे भारत में कृष्ण भगवान की पूजा करने वाले लोगो की संख्या हमारे इमेजिनेशन (Imazination) से भी कई ज्यादा है। और आजकल हम सब ने रील्स (Reels), पोस्ट (Post) और न्यूज (News) में भी इस्कॉन मंदिर का नाम तो सुना ही होगा जो कि काफी कम समय में काफी ज्यादा पॉपुलर (Popular) हो चुका है। इस्कॉन मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित एक बहुत लोकप्रिय मंदिर है। भारत भर में कई इस्कॉन मंदिर फैले हुए हैं और ये सभी मंदिर कृष्ण मंदिर हैं। हिंदू कैलेंडर (Hindu calender) में कुछ त्यौहार (Festivals) के दिनों में, इस्कॉन मंदिर में काफी ग्रैंड इवेंट्स (Grand events) होते हैं और कृष्ण भजन से पूरा माहौल भक्ति भरा होता है।
इस्कॉन मंदिर भारत आने वाले इंटरनेशनल ट्रैवलर्स (International travelers) के बीच एक बहुत फेमस डेस्टिनेशन (Famous destination) है। ये मंदिर चंडीगढ़ के फेमस प्लेसिस (Famous Places) में से एक माना जाता है।
किसी भी दिन, आप इस मंदिर में भक्तों की भीड़ को देख सकते हैं । परिवारों को मंदिर घुमाने और पिकनिक (Picnic) मनाने के लिए लोग अक्सर यहां समय निकालकर आते है। अक्टूबर से अप्रैल का मंथ (Month) इस जगह को विजिट करने के लिए एक दम परफेक्ट रहेगा।
3. सेक्टर 17 मार्केट (Sector 17 Market)-
चंडीगढ़ का 17 सेक्टर चंडीगढ़ शहर का सबसे ज्यादा बिजी एरिया (Busy area) माना जाता है। शॉपिंग और खाने पीने के लिए ये जगह सबसे बढ़िया है। इस जगह पर टीनएजर्स (teenagers) काफी ज्यादा आते है खासकर वो लोग, जो कपल्स है।
ये जगह दिल्ली के चांदनी चौक से कम बिल्कुल नही है। यहां भी आप हैंड क्राफ्ट (Hand craft), और कई ऐसे मीमेंटो (Memento) मिल जाएंगे जिसे देख कर आपके गेस्ट (Guest) आपसे जरूर पूछ बैठेंगे की कहाँ से लिया ये आपने? अगर आप अपनी बीवी बच्चो के साथ घूमने निकले है तो इस जगह पर जरूर आए, आफ्टरऑल वूमेन लव्स शॉपिंग (after all women’s love shopping)।
4. सुखना लेक (Sukhna lake)-
चंडीगढ़ का ये फेमस लेक काफी बड़े एरिया (Big area) में है और यह एक ऐसी जगह है जहाँ कई माइग्रेटरी बर्ड्स आते हैं। कुछ फेमस बर्ड्स (Famous Birds) जो यहां देखे जा सकते हैं वो हैं क्रेन (Crane) और साइबेरियन बत्तख (Siberian Duck)। अगर आप बर्ड्स (birds) के शौकीन हैं या फोटोग्राफर (Photographer) हैं तो ये जगह घूमने के लिए काफी शानदार है।
सुखना लेक उन रोमांटिक जोड़ों (Romantic couples) के लिए एक दम सही है जो यहां पीस (peace) के लिए आते हैं। अगर आप हिमाचल जाने के लिए चंडीगढ़ से गुजर रहे हैं तो आप अपने ट्रेवलिंग प्रोग्राम (Traveling program) में सुखना लेक को ऐड (Add) करने के लिए अपने किसी भी हिमाचल हनीमून पैकेज को आसानी से बुक कर सकते हैं।
वैसे तो ये जगह कपल्स के लिए है लेकिन आप यहां अपने फ्रेंड्स ग्रुप (Friends Group) या अपने फैमिली (Family) के साथ या फिर अकेले भी आ सकते हैं। यहां आप कई सारी फन एक्टिविटीज (Fun Activities) को एंजॉय (Enjoy) कर सकते है जैसे कि, वाटर स्कीइंग (Water Skiing), फिशिंग (Fishing) और बोटिंग (Boating) हैं। ये चंडीगढ़ के मोस्ट फेमस प्लेस (Most famous place) में से एक है।
5. हॉप्स एन ग्रेन्स (Hops n Grains)-
जो चीज़ चंडीगढ़ को एक ग्रेट सिटी (Great city) बनाती है वो है इसकी नाइटलाइफ़ (Nightlife)। फ्रेंड सर्कल या पार्टनर (Friend circle or partner) के साथ ट्रैवल (Travel) कर रहे एक एडल्ट (Adult) होने के नाते, आप हॉप एन ग्रेन्स को शाम या देर रात बिताने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक पाएंगे। यह सिटी का बेस्ट रेस्टोरेंट है जहाँ आपको डिलीशियस फूड (Delicious Food) और अमेजिंग ड्रिंक्स एंजॉय (Enjoy amazing drinks) करने को मिलेंगी। चिंता मत कीजिए यह फैमिली के लिए स्पेशल प्लेस है जहां गुड अमाउंट (Good amount) पर टेस्टी फूड (Taty food) का टेस्ट (Taste) ले सकते हैं।
6. रॉक गार्डन (Rock garden)-
चंडीगढ़ के इस पॉपुलर (Popular) रॉक गार्डन की स्टार्टिंग (Strarting) 1957 में हुई थी और तब से ये चंडीगढ़ के बेस्ट टूरिस्ट प्लेसेस (Best tourist places) में टॉप (Top) पे है। रॉक गार्डन की सबसे यूनिक क्वालिटी (Unique quality) ये है कि, यहां 5000 से ज्यादा आर्ट पीसेस की कार्व्ड स्क्वॉट (Carved Squat Of Art Pieces) है जो कि काफी अट्रैक्टिव (Attractive) है।
कला प्रतिष्ठान (Art installation) और मूर्तियां (idols) कई चीज़ों से बनाई जाती हैं जैसे इंडस्ट्रियल वेस्ट (Industrial waste), टूटे हुए कांच (Broken glass), चट्टानें (Rocks) और कई पौधे (Many plants)। रॉक गार्डन के 3 एरिया में आर्ट आर्काइव सेटअप (art archive setup) हैं।
रॉक गार्डन चंडीगढ़ के सबसे अट्रैक्टिव टूरिस्ट प्लेस में से एक है। भले ही आप आर्ट और फैन ऑफ़ स्कल्पचर (fan of sculpture) नहीं हैं, फिर भी आपको कुछ ऐसा मिल जाएगा जो आपका ध्यान खींच लेगा। अगर आप अपने फैमिली के साथ बाहर एक दिन बिताना चाहते हैं, तो रॉक गार्डन एक बेहतरीन जगह है।
7. इंटरनेशनल डॉल म्यूजियम (International Doll Museum)-
इंटरनेशनल डाल म्यूजियम एक शानदार जगह है जो आपको एक अनफॉरगेटेबल एक्सपीरिएंस देगी। ये म्यूजियम दुनिया भर की पइंस्पिरेशन से बनी डॉल से बना है। परियों की कहानियों (Stories of Fairies) और कहानियों के कैरेक्टर्स (Character) से लेकर दुनिया भर की ट्रेडिशनल डॉल (Traditional Doll) तक, म्यूजियम आर्ट (Art) की इन अमेजिंग क्रिएशन (Amazing creation) से भरा हुआ है।
अगर आप बच्चों के साथ ट्रैवल कर रहे हैं तो चंडीगढ़ का सबसे अट्रैक्टिव टूरिस्ट प्लेस (Attractive Tourist Place of Chandigarh) इंटरनेशनल डॉल्स म्यूजियम होगा। यह अपने परिवार के साथ दिन बिताने का भी एक शानदार तरीका है। आप यहां मिड ऑफ अक्टूबर (Mid of october) में आ सकते हैं। इंडियन कल्चर को अच्छे से जानने और एक्सप्लोर (Explore) करने के लिए आप जब भी चंडीगढ़ आए तो ऊपर बताई गई जगहों पर जरूर जाएं।