जयपुर एक ऐसा शहर जो तमाम ऐतिहासिक धरोहरों को संजोये हुए है। अपने देश के गौरवमय इतिहास को यदि आपको महसूस करना हो तो जयपुर आपके लिए एक अच्छा विकल्प है, यदि हम जयपुर के टूरिस्ट प्लेसेस की बात करें तो इस शहर में बहुत से महल, किले, परम्परागत बाजार और प्रसिद्ध खाने-पीने के शानदार ठिकाने हैं जिनके बारे में हम आपको आज के इस ब्लॉग में पूरे एक्सप्लनेशन के साथ बताएँगे| आप जयपुर कैसे पहुंचे, कहाँ ठहरे? यहाँ घूमने के लिए बजट कितना होना चाहिए, साथ में जयपुर शहर के वो खूबसूरत प्लेस जिनको देखे बिना जयपुर यात्रा पूरी नहीं होगी। जयपुर विजिट के हिसाब से यह शहर आपके लिए एक कम्पलीट पैकेज है, यहाँ आपको बड़े-बड़े शानदार अचम्भित कर देने वाली वास्तुकला से निर्मिल महल, किले, संग्रहालय, बावड़ी, मंदिर और बाग बगीचे देखने को मिल जायेंगे। सीधी सी बात है यहाँ आपको न केवल राजसी ठाठ-बाठ का एहसास होगा बल्कि इतिहास के शौक़ीन लोगो के लिए जयपुर शहर किसी जन्नत से कम नहीं है|(Best Places to visit in Jaipur)
मसाला चौक
खाने-पीने के मामले में देखा जाए तो पिंक सिटी जयपुर वास्तव में एक ऐसा शहर है जो कि बहुत फेमस है यहां के बेहद लजीज व्यंजनों के कारण, क्योंकि यहां के प्रसिद्ध व्यंजन, तरह-तरह की स्टाइल और तरह-तरह की चीजों से बने हुए होते हैं। अगर बात खाने से संबंधित हो तो जयपुर की खूबसूरत जगहों में से एक जगह है मसाला चौक जो कि खाने को लेकर अपनी वैरायटी के लिए और अपनी क्वालिटी के लिए बहुत ही मशहूर है। 2018 में बनने के बाद से आज तक, मसाला चौक ने हर खाने के शौकीन फिर चाहे वह जयपुर शहर का हो या फिर बाहर का कोई टूरिस्ट हर किसी के दिल पर शिद्दत से राज किया है। आप गूगल मैप्स की मदद से अल्बर्ट हॉल म्यूजियम तक पहुंच सकते हैं। अल्बर्ट हॉल के टिकट काउंटर से थोड़ा आगे साउथ की ओर बढ़ेंगे तो मसाला चौक आपके बायीं तरफ दिखाई देगा। यहां तक पहुंचने के लिए आप जयपुर बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन से ऑटो या टैक्सी ले सकते हैं और यदि आपको चलना पसंद है तो आप पैदल यात्रा भी कर सकते हैं। मसाला चौक के लिए प्रति व्यक्ति प्रवेश शुल्क के रूप में 10 रुपये लिए जाते हैं।
जंतर-मंतर
राजस्थान की राजधानी जयपुर में सवाई जय सिंह द्वारा बनवाया गया जंतर-मंतर यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल है। यहाँ पर मौजूद उपकरण और यंत्र बेहद पुराने होने के बावजूद भी आधुनिकता का प्रमाण देते हैं। इन बेहद पुराने उपकरणों से समय को मापा जाता है। आपने कभी सूर्य तो कभी चंद्र ग्रहण के बारे में अवश्य सुना होगा, इन यंत्रो से भविष्य में आने वाले ऐसे ग्रहण के विषय में पता लगाया जाता है। वैसे भी जयपुर स्थित जंतर-मंतर भारत के सबसे बेहतरीन वेधशालाओं में से एक है। जंतर-मंतर जयपुर में भारतीय एडल्ट्स के लिए टिकट की कीमत 50 रुपए है और भारतीय स्टूडेंट के लिए 15 रुपए है। वही दूसरी तरफ विदेशी पर्यटकों के लिए टिकट की कीमत ₹200 और फॉरेन स्टूडेंट के लिए 100 निर्धारित की गई है। जंतर-मंतर जयपुर के खुलने का समय सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक है। यह हफ्ते के सातों दिन खुला रहता है, और आप पूरे जंतर-मंतर को अच्छे से दो से तीन घंटे में देख सकते हैं।
आमेर का किला
जयपुर शहर का नाम आते ही यहाँ के बड़े-बड़े और भव्य किले दिलोदिमाग में तैरने लगते हैं। और इन्हीं किलों में निसंदेह सबसे पहले जिस किले की छवि उभरती वो है खूबसूरत आमेर का किला। ये किला ना केवल जयपुर शहर बल्कि पूरे राजस्थान के शानदार पर्यटन स्थलों में से एक है। आमेर का किला इतना प्रसिद्ध है कि यहाँ पर हर रोज छह हजार से भी अधिक लोग घूमने के लिए आते हैं। यह किला राज्य की राजधानी जयपुर से 11 किलोमीटर की दूरी पर है।
अगर आप इस किले की खूबसूरती का आनंद लेना चाहते हैं, तो सर्दियों के समय में नवंबर से मार्च महीने के बीच यहां जाना सबसे अच्छा माना जाता है। इस किले तक पहुंचने के लिए जयपुर से बस, ऑटो-रिक्शा, टैक्सी या कैब ली जा सकती है। आप अजमेरी गेट और एमआई रोड से आमेर शहर के लिए रोडवेज या प्राइवेट बसों से भी जा सकते हैं। आमेर के किले के लिए विदेशी सैलानियों से 250 रुपये और भारतीयों सैलानियों से टिकट के 50 रुपये लिए जाते हैं। अगर आप स्टूडेंट हैं, तो जयपुर शहर की यात्रा करते समय अपना स्कूल या कॉलेज आईडी कार्ड ले जाना कभी मत भूलिए, किले की सैर के लिए मिलने वाली टिकटों पर स्टूडेंट्स को भारी छूट दी जाती है, इसके अलावा सात साल से कम उम्र के बच्चे के लिए यहां ज्यादातर जगहों पर टिकट निःशुल्क हैं।
आमेर के किले में टिकट काउंटर सूरज पोल के सामने जलेब चौक प्रांगण में मौजूद है। आप वहां एक ऑफिसियल टूरिस्ट गाइड भी ले सकते हैं। इसके अलावा लंबी लम्बी लाइनों से बचने के लिए आप टिकट ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं।
बापू बाजार
जयपुर शहर के केंद्र में, सांगानेर गेट और गुलाबी शहर के नए गेट के बीच, बापू बाजार जूते से लेकर हैंडीक्राफ्ट्स तक, आर्टिफीसियल जूलरी से लेकर पीतल के काम और कीमती पत्थरों तक की खरीदारी के लिए एक बेहतरीन डेस्टिनेशन है, जहां आपको अपनी मनपसंद का हर एक सामान आसानी से मिल जाएगा। बापू बाजार यहां मिलने वाली फेमस राजस्थानी आइटम्स जैसे कलाकृतियों, हैंडीक्राफ्ट, परम्परागत कपड़े और आर्टिफिशियल जूलरी के लिए देश भर में प्रसिद्ध है। राजस्थान जिस चीज के लिए प्रसिद्ध है वह है इसकी जीवंतता और भव्यता। और अगर आप इसकी राजधानी जयपुर में घूमने के लिए आते हो तो आप बापू बाजार में शॉपिंग करके अपनी ट्रिप को यादगार बना सकते हो। बापू बाजार जयपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन से 4 किलोमीटर दूर है। आप कोई भी ऑटो रिक्शा किराए पर ले सकते है या कैब बुक करके भी यहां आसानी से पहुंच सकते हैं। इसके अलावा आप यहां पर किसी लोकल बस से भी आ सकते हैं।
नाहरगढ़ फोर्ट
नाहरगढ़ किला , जो कई अनगिनत महलों और सुंदर ऐतिहासिक इमारतों में से एक है जो जयपुर शहर के शानदार और समृद्ध इतिहास को बताता है। नाजुक नक्काशी और पत्थर के शानदार वर्क के साथ नाहरगढ़ किला एक अभेद्य दुर्ग है जो आमेर किले और जयगढ़ किले के साथ मिलकर जयपुर शहर के मजबूत रक्षक के रूप में खड़ा है। जो भी पर्यटक जयपुर घूमने के लिए जाता है वो इस ऐतिहासिक किले को देखे बिना रह नहीं पाता है। नाहरगढ़ फोर्ट सुबह 10 बजे से शाम 5:30 बजे तक ओपन रहता है, नाहरगढ़ पैलेस की एंट्री फीस भारतीय पर्यटकों के लिए – 50 रूपये और विदेशी पर्यटकों के लिए – 200 रुपये है।
नाहरगढ़ जूलॉजिकल पार्क
नाहरगढ़ किले के परिसर में आकर्षक संरचनाओं के अलावा एक नाहरगढ़ जूलॉजिकल पार्क भी स्थित है जो इस किले का एक खास आकर्षण है। इस जैविक पार्क को बारीक ग्रेनाइट और क्वार्टजाइट चट्टानों से सजाया गया है। यह पार्क अपने समृद्ध वनस्पतियों के लिए जाना जाता है जिसमें आप कई जानवरों को उनके प्राकृतिक परिवेश में देख सकते हैं। इस जैविक पार्क में एशियाई शेर, बंगाल टाइगर और भारतीय तेंदुआ भी पाए जाते हैं। सबसे खास बात तो यह है कि इस पार्क में पक्षियों की 285 प्रजातियां भी पाई जाती है जो पक्षी प्रेमियों को बेहद आकर्षित करती हैं। नाहरगढ़ जूलॉजिकल यहाँ एक और ऐसा खास पर्यटक केंद्र है जहां पर एशियाई शेर, बंगाल टाइगर, पैंथर, भेड़िये, हिरण, लकड़बग्घा, मगरमच्छ, हिमालयी काला भालू, सुस्त भालू, जंगली सूअर, आदि जैसे जानवर पाए जाते हैं। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क पर्यटकों के घूमने के लिए मंगलवार(Tuesday) को छोड़कर प्रतिदिन सुबह 8 बजे शाम 5.30 बजे तक खुला रहता है। और बता दे की नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क की मनोरंजक यात्रा के लिए कम से कम 2 से 3 घंटे का समय अवश्य निकालकर यात्रा करें। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में 7 साल से कम उम्र के बच्चे के लिए प्रवेश निःशुल्क है। भारतीय स्टूडेंटो के लिए 20 प्रति छात्र टिकट वहीँ भारतीय पर्यटकों के लिए 50 प्रति व्यक्ति और जिसमे आपको केमरा के लिए 200 रूपये व वीडियो केमरा के लिए 500 रूपये की टिकट अलग से लेनी होगी।
जलमहल
झील के बीचोंबीच बना ये जलमहल राजस्थान के जयपुर जिले के आमेर मार्ग पर स्थित है, दिल्ली से लगभग 260 किलो मीटर और अजमेर से 146 किलो मीटर की दूरी पर बना ये महल पर्यटकों के आकर्षण का विशेष केंद्र है। सैर सपाटे और घूमने के साथ-साथ यह क्षेत्र अब लोगों के लिए आय का साधन भी बन गया है. यहां पर आपको राजस्थानी मोजड़ी, राजस्थानी जूती, हैंड बैग, होम डेकोरेटिव आइटम्स, ज्वेलरी और एडिशनल क्लोथ्स, मैग्नेट और भी कई डेली यूज़ के सामान मिलते हैं, इसी के साथ आपको यहां खाने-पीने के बहुत सारे आइटम भी मिल जाएंगे. वैसे तो यह महल 24 घंटे खुला रहता है पर यहां आने का सबसे उपयुक्त समय सुबह दस बजे से रात नौ बजे तक है इस समय अधिकतर लोग यहां पिकनिक करने, क्वालिटी टाइम स्पेंड करने और सुबह शाम यहां के लोकल लोग वॉक करने भी आते हैं। यहां आने का सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर से मार्च के बीच का है । दरअसल इन दिनों सर्दियों की खिली-खिली धूप में जल महल का नजारा बहुत ही अद्भुत और खूबसूरत लगता है। यहाँ पर एंट्री करने की कोई टिकट नहीं है। प्री वेडिंग शूट के लिए भी यह एक बेस्ट डेस्टिनेशन है।
हवा महल
जयपुर के गुलाबी शहर में बड़ी चौपड़ पर स्थित हवा महल राजपूतों की शाही विरासत, वास्तकुला और संस्कृति के अद्भुत मिश्रण का प्रतीक है। हवा महल को राज्स्थान की सबसे प्राचीन इमारतों में से एक माना जाता है। बड़ी ही खूबसूरती के साथ बनाया गया हवा महल जयपुर के सबसे प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षणों में से एक है। कई झरोखे और खिडकियां होने के कारण हवा महल को “पैलेस ऑफ विंड्स” भी कहा जाता है। हवा महल की खास बात यह है कि यह दुनिया में किसी भी नींव के बिना बनी सबसे ऊंची इमारत है। सर्दियों के मौसम में आप जयपुर घूमने आ सकते हैं। नवंबर की शुरूआत से फरवरी के बीच तक का समय पर्यटकों का पीक सीजन होता है। सुहावने मौसम के साथ आप यहां एक नहीं बल्कि कई प्राचीन इमारतों की यात्रा सुकून से कर पाएंगे। हवा महल को देखने का समय सुबह 9:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक है। हवा महल की एंट्री फीस भारतीयों के लिए 50 रूपए और विदेशियों के लिए 200 रूपए है। अगर आप हवा महल के अंदर की तस्वीरों को क्लिक करने के लिए कैमरा साथ ले जाना चाहते हैं तो आपको एंट्री फीस के अलावा 10 रूपए अलग से चार्ज देना होगा जो विदेशियों के लिए 30 रूपए है।
सिटी पैलेस एक लोकप्रिय विरासत है जो शहर के बीचोबीच स्थित है। यह शहर की शानदार इमारतों में से एक है। इस शानदार महल का निर्माण महाराजा सवाई जय सिंह माधो ने करवाया था जिन्होने जयपुर की स्थापना की थी। यहां के संग्रहालय में हाथी दांत तलवारें, चेन हथियार, बंदुक, पिस्टल, तोपें, प्वाइजन टिप वाले ब्लेड और गन पाउडर के पाउच भी प्रर्दशन के लिए रखे गए हैं। इनमें से कुछ हथियार तो 15 वीं सदी के आसपास के है। सिटी पैलेस, पर्यटकों के लिए सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है। इसमें भ्रमण करने के लिए भारतीयों को 75 रू और विदेशियों को 300 रू का प्रवेश शुल्क देना पड़ता है।
जयपुर कैसे पहुचे
जयपुर भारत का एक काफी प्रसिद्ध शहर है, जयपुर पहुचना बहुत ही आसान है, यह शहर भारत के सभी बड़े शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है –
यदि आप वायुमार्ग से पिंक सिटी जयपुर जाने की सोच रहे है हम आपको बता दे यह शहर भारत के समस्त बड़े शहरो से जुड़ा हुआ है, यहाँ का हवाई अड्डा सांगानेर जयपुर इंटरनेशनल एअरपोर्ट नाम से जाना जाता है और यह शहर से लगभग 13-14 किलोमीटर की दूरी पर है.
यदि आप रेल मार्ग का रुख कर रहे है तो इसमें भी यह शहर आपको निराश नहीं करेगा अपने देश के विभिन्न शहरो से जयपुर के लिए ट्रेन चलती है. आप सीधे यहाँ पहुच सकते हैं.
सड़क मार्ग से भी यहाँ पहुचना बड़ा आसान है क्यूंकि देश के राष्ट्रीय राजमार्ग से जयपुर जुड़ा हुआ है. कई बड़े शहरों से यहाँ के लिए सीधी बस सेवाए उपलब्ध हैं|
जयपुर में कहाँ रुके
बात अगर जयपुर में ठहरने की करें तो यह हमेशा से एक शाही शहर रहा है तो यहाँ की हर एक चीज में अलग ही शानो शौकत है। यहाँ रुकने के लिए एक से बढ़कर एक रिसोर्ट, होटल, हवेली हैं जो आपको बहुत ही डीलक्स सुविधाए देंगी। आप यहाँ अपने बजट के हिसाब से होटल्स चुन सकते है। यदि आपका बजट कुछ कम तो चिंता न करिए, जयपुर की एक और अच्छी बात है की यहाँ पर कुछ अच्छी धर्मशालाए भी है जो आपको आपके बजट में बड़ी आसानी से मिल जाएँगी जिनमें श्री पंचायती धर्मशाला, खंडेलवाल धर्मशाला, श्री मोदी चैरिटेबल धर्मशाला प्रमुख हैं|