Valley of Flowers
“क्या आपने कभी किसी ऐसे जगह घूमने जाने का सपना सजाया है जहां दूर-दूर तक पहाड़ियां हो, चारों ओर फूल के बगीचे हो और जहां खूबसूरत रंग-बिरंगे फूल खिले हुए हो? अपनी आंखों को बंद करके सोचिए कि कितना खूबसूरत होगा वह जगह, जहां यह सब सच होगा? अपने ख्यालों से पूछिए कि उस जगह की फिजाओं में घुली हुई फूलों की खुशबू कितनी खूबसूरत होगी? ….और फिर अपने दिल से पूछिए कि क्या आप उस जगह से वापस लौट कर आना चाहेंगे या वहीं का हो कर रह जाना चाहेंगे?”

क्या है वैली ऑफ़ फ्लावर?( what is valley of flower)?
वैली ऑफ़ फ्लावर उत्तराखंड में एक ऐसी जगह है जहां आपको चारों ओर हजारों प्रकार के फूलों, पौधों और छोटे-छोटे जीव जंतुओं को देखने का अवसर मिलेगा। यह जगह इतनी खूबसूरत है कि इस शब्दों में बयां किया जा सकना नामुमकिन है। इस जगह की खूबसूरती को महसूस करने के लिए और यहां के फिजाओं में बसे सुकून के एहसास को समझने के लिए आपको खुद ही यहां तक आना पड़ेगा। नेचर्स लवर के लिए यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है। यह जगह इतनी खूबसूरत है कि आप इसे तस्वीरों में कैद करने से खुद को रोक नहीं पाएंगे। इस जगह के बारे में आपको एक और खास बात यह है कि ये जगह वर्ल्ड हेरिटेज साइट के सूची में शामिल है। वैली ऑफ फ्लावर्स नेशनल पार्क पहले नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान का भाग था लेकिन बाद में इन दोनों नेशनल पार्कों को अलग कर दिया गया।

इस फ्लॉवर वैली में खास क्या है? (What’s special in this valley of flower?)
- जब आप इस वैली तक पहुंचेंगे तो आपको यहां लगभग 500 से भी ज्यादा प्रकार की पौधों और जड़ी बूटियों की प्रजातियाँ देखने को मिलेंगे।
- उनके साथ-साथ यहां कई तरह की तितलियां और अलग-अलग तरह के इंसेक्ट्स भी देखने को मिलेंगे।
- इस वैली के लिए ट्रैकिंग सिर्फ 4 महीने के लिए हीं खुली रहती है। आप सिर्फ मानसून के समय में ही यहां जा सकते हैं।
- इस वैली से जुड़ी एक और खास बात यह है कि यहां हर सप्ताह आपको अलग रंग के फूल खिले हुए दिखेंगे कभी यह वैली बिल्कुल गुलाबी रंगों के फूलों से सजी होती है तो कभी यहां हर तरफ पीले या फिर नीले रंग के फूल देखने को मिलते हैं।
- इस वाली से आपको हिमालय के ग्लेशियर बहुत ही आसानी से दिख जाएंगे।
- जब इस वैली में कोहरा छा जाता है तब यह वैली परियों की कहानी से भी ज्यादा खूबसूरत हो जाती है।

फ्लोरा (Floras in Valley of Flowers National Park)
अगर बात की जाए फ्लोरा की तो, यहाँ लगभग 500 से भी ज्यादा प्रकार की पौधों और जड़ी बूटियों की प्रजातियाँ पायी जाती हैं जिनमे से कुछ प्रमुख निम्नलिखित है- एनीमोन (Anemone), जर्मेनियम (Germanium), मार्श (Marsh), गेंदा (Marigold), प्रिभुला (Pribula), पोटेन्टिला (Potentilla), जिउम (Geum), तारक (Aster), लिलियम (Lilium), हिमालयी नीला पोस्त (Himalayan Blue Poppy), बछनाग (Bacchanal), डेलफिनियम (Delphinium), रानुनकुलस (Ranunculus), कोरिडालिस (Corydalis), इन्डुला (Indula), सौसुरिया (Saussurea) और कम्पानुला (Campanula)।
बेस्ट टाइम टू विजिट वैली ऑफ़ फ्लावर नेशनल पार्क (Best time to visit Valley of Flowers National Park)
वैसे तो यहां बहुत सारे विजिटर्स घूमने आते रहते हैं। लेकिन अगर आप शांति से यहां घूमना चाहते हैं तो आप ऐसे समय का चयन करें जब बद्रीनाथ के लिए ट्रैकिंग बंद रहती है। क्योंकि यहां आने वाले अधिकतर विजिटर्स बद्रीनाथ के पर्यटक हीं होते हैं। ऐसे में जब बद्रीनाथ की ट्रैकिंग बंद हो जाती है तो यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या भी कम जाती है।

कैसे पहुंचे फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान (How to reach Valley of Flowers National Park)?
वैली ऑफ फ्लावर नेशनल पार्क पहुंचने के लिए आपको ट्रैकिंग करनी पड़ेगी। इसके लिए आपको सबसे पहले उत्तराखंड के गोविंद घाट से पुलना गांव तक पहुंचना होगा। पुलना गांव से आपकी ट्रैकिंग की शुरुआत होगी। जब आप पुलना गांव से अपनी ट्रैकिंग की शुरुआत करेंगे तो रास्ते में आपको सबसे पहले जंगल चट्टी नाम के एक बाजार से गुजरना होगा। जंगल चट्टी से गुजरते हुए आप भ्युवदार गांव पहुंचेंगे। भ्युवदार गांव इस ट्रक का सबसे इंपॉर्टेंट पॉइंट होगा। जहां से आप घांगरिया के लिए निकलेंगे। पुलना से घांगरिया तक का ट्रैक लगभग 10 किलोमीटर का होता है। घांगरिया पहुंचकर आपको एक दिन रुकना पड़ेगा, क्योंकि दिन के 12:00 के बाद घांगरिया से आगे की ट्रैकिंग रोक दी जाती है। अगले दिन आप वैली ऑफ फ्लावर के लिए ट्रैकिंग शुरू कर सकते हैं। घांगरिया से वैली ऑफ फ्लावर का रास्ता लगभग 4 किलोमीटर का है और आप बहुत ही आसानी से इस ट्रैक को पूरा कर लेंगे।









