जयपुर की पहचान माने जाने वाला हवा महल जिसकी खूबसूरती देखते ही दिल खुश हो जाता है गुलाबी पत्थरों से बना ये महल अपनी 953 छोटी-छोटी खिड़कियों यानी झरोखों के लिए जाना जाता है, जहाँ से हर वक्त ठंडी हवा आती रहती है, और इसी वजह से इसका नाम हवा महल पड़ा। राजघराने की महिलाएँ इन्हीं झरोखों से बाहर की रौनक, जुलूस और बाज़ार की हलचल आराम से देख लिया करती थीं, बिना किसी को दिखे। तो आज फाइव कलर्स ऑफ ट्रैवल आपको इस ब्लॉग में बताएंगे हवा महल की खासियत और इसकी खूबसूरती, ताकि आप इसे सिर्फ देखें नहीं, बल्कि महसूस भी कर सकें। क्योंकि हवामहल सिर्फ देखने की जगह नहीं बल्कि समझने की जगह है।(Hawa Mahal)

हवामहल रानियां का सुरक्षा कवच
हवा महल 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था और इसे मशहूर डिजाइनर लालचंद उस्ताद ने डिजाइन किया था। इस महल को बनाने के पीछे की सोच भी काफी खास थी। उस समय महल की रानियाँ और महिलाएँ बाहर सड़कों पर नहीं जा सकती थीं, इसलिए हवा महल को कुछ ऐसा बनाया गया कि वे अंदर रहकर ही बाहर की दुनिया देख सकें। इसकी जालीदार खिड़कियों से सड़क की हलचल, मेले, फेस्टिवलस और शाही जुलूस सब कुछ साफ दिखाई देता था। यानी बाहर से कोई अंदर नहीं देख पाता था, जिससे उनकी प्राइवेसी भी बनी रहती थी। यही वजह है कि हवा महल सिर्फ खूबसूरत हेरिटेज ही नहीं, बल्कि उस दौर की सोच और उस समय के ट्रेडिशन की कहानी भी बताता है।

953 झरोखे की खासियत(The Magic of 953 Windows)
हवा महल में कुल 953 छोटी-बड़ी खिड़कियाँ हैं, जिन्हें झरोखे कहा जाता है, और इन्हीं झरोखों की वजह से तो इस महल का नाम हवा महल पड़ा। इन झरोखों से हवा अंदर आती रहती है, इसलिए गर्मियों में भी यहाँ ठंडक बनी रहती है। बिना किसी पंखे के भी पूरे महल में हवा और ठंडक हमेशा बनी रहती है, जो उस समय की शानदार समझ और नेचुरल तरीके से बने वेंटिलेशन का एक शानदार एग्जाम्पल है।
हवामहल की असली बनावट

हवा महल बाहर से जितना शानदार और बड़ा नज़र आता है, अंदर से उतना ही सिंपल है। इसके अंदर आपको बड़े-बड़े हॉल या शाही कमरे नहीं मिलेंगे, बल्कि पतली सीढ़ियाँ, छोटे-छोटे कमरे और खुले आंगन देखने को मिलते हैं, जो इसे अलग पहचान देते हैं। जैसे-जैसे आप ऊपर की ओर जाते हैं, वहाँ से नीचे का नज़ारा और भी खूबसूरत लगने लगता है। ऊपर झरोखों से, पास में बना सिटी पैलेस, जयपुर और पूरा जयपुर देख जा सकता है। इस जगह खड़े होकर ऐसा लगता है जैसे आप पुराने जयपुर की ज़िंदगी और आज की हलचल दोनों को एक साथ महसूस कर रहे हों, जो इस महल को और भी खास बना देता है।
फोटो लवर्स की पसंदीदा जगह(Best Place for Photo Lovers)

अगर आपको फोटोग्राफी का शौक है, तो हवा महल आपके लिए किसी जन्नत से कम नहीं है। खासकर सुबह के वक्त, जब सूरज की हल्की-हल्की किरणें इसकी जालियों पर पड़ती हैं, तब इसकी खूबसूरती और भी निखर कर सामने आती है। उस समय हवामहल का रंग, रोशनी और परछाइ इतनी खूबसूरत नजर आई है कि आपकी हर फोटो अपने आप खास लगने लगती है। सड़क के उस पार से ली गई तस्वीरें तो और भी ज़्यादा पसंद की जाती हैं, क्योंकि सड़क के उस पर से हवा महल का फ्रंट एक साथ फोटो में आ जाता है। यही वजह है कि यहाँ क्लिक की गई फोटोज़ सोशल मीडिया पर सबसे ज़्यादा लाइक्स और तारीफें बटोरती हैं।
इसे घूमे बिना आपकी जयपुर ट्रीप पूरी नहीं होगी
हवा महल सिर्फ एक महल नहीं है जिसे देखकर आगे बढ़ जाएँ, बल्कि यह उस समय की सोच, समझ और लाइफस्टाइल को महसूस करने का मौका देता है। यहाँ खड़े होकर साफ समझ आता है कि सदियों पहले भी लोग कितनी समझदारी से चीज़ें बनाते थे। मौसम को ध्यान में रखकर हवा आने के लिए छोटी छोटी 953 खिड़कियां बनवाई गई, साथ ही इसको इतना खूबसूरत बनाया गया है कि आज भी हवा महल देखकर लगता है कि उस दौर का आर्किटेक्ट कितना आगे था। अगर आप जयपुर की असली फील लेना चाहते हैं, तो हवा महल को अपनी ट्रैवल लिस्ट में जरूर एड करें। यहाँ से आप सिर्फ फोटो नहीं, बल्कि उस समय के जयपुर के यूनिक आर्किटेक्चर को देख सकते हैं।









