अगर आप सर्दियों में ऐसी जगह की तलाश में हैं, जहां ठंड का मज़ा भी मिले और भीड़-भाड़ से दूर सुकून भी हो, तो मध्यप्रदेश आपके लिए सबसे बेस्ट डेस्टिनेशन है। यहां की खूबसूरती, इतिहास और प्राकृतिक नज़ारे सर्दियों में अपनी पूरी चमक पर होते हैं। सुबह की हल्की धूप, पहाड़ियों पर बिखरी ओस और शांत माहौल मन को मोह लेते हैं! यह कहें इससे तन और मन बिल्कुल तरोताजा हो जाता है। यह मौसम न सिर्फ घूमने का सही समय है बल्कि फोटोग्राफी, कैम्पिंग और स्थानीय खानपान का आनंद लेने का भी परफेक्ट मौका होता है। आइए फाइव कलर्स ऑफ ट्रैवल की इस नई पेशकश में जानते हैं क्यों सर्दियों में एमपी घूमने का मज़ा दोगुना हो जाता है।

‘सतपुड़ा की रानी’ पचमढ़ी
सबसे पहले हम बात करते हैं पचमढ़ी की जिसे ‘सतपुड़ा की रानी’ कहा जाता है। सर्दियों में यहां का मौसम बेहद सुहावना रहता है। झरनों की आवाज़, हरियाली से घिरी घाटियां और सूरज की सुनहरी किरणें इस जगह को शानदार और जानदार बना देती हैं। यदि आप धूपगढ़ से सूर्योदय और सूर्यास्त का नज़ारा देखते हैं तो यह अनुभव वास्तव बा-कमाल होता है। आपका मन और भी कुछ करने का है तो यहां ट्रेकिंग, पैराग्लाइडिंग और कैम्पिंग का भी मज़ा लिया जा सकता है। पचमढ़ी के आसपास की गुफाएं और झरने, जैसे बी फॉल और जटाशंकर गुफा, सर्दियों में पर्यटकों के बीच खास आकर्षण रहते हैं। तो आप यहां भी अपना समय व्यतीत कर सकते हैं।(सबसे पहले हम बात करते हैं पचमढ़ी की जिसे ‘सतपुड़ा की रानी’ कहा जाता है।)

अब जरा मांडू की बात करें
इतिहास प्रेमियों के लिए यह जगह किसी मुख्तलिफ किस्सों और नायाब चीजों के खजाने से कम नहीं है। पुराने किले, झीलें और राजमहल सर्द हवा के साथ किसी फिल्मी सेट जैसे लगते हैं। जहाज महल और रूपमती महल की बालकनी से धुंध में लिपटी वादियां देखने लायक होती हैं। मांडू में सर्दियों की सुबहें रोमांस और रहस्य दोनों का एहसास दिलाती हैं। यहां का मांडू उत्सव भी सर्दियों में ही मनाया जाता है, तो समय निकाल कर आप इस उत्सव में शरीक होइए और आनंदित हो जाइए। जिस उत्सव के लोकनृत्य, संगीत और स्थानीय व्यंजन पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।

धार्मिक शांति चाहिए तो उज्जैन और ओंकारेश्वर हैं न!
यह सब घूमने के बाद अगर आपको धार्मिक शांति चाहिए तो उज्जैन और ओंकारेश्वर से बेहतर जगह कहीं और नहीं। सर्दियों में यहां की यात्रा बहुत आरामदायक रहती है। सुबह-सुबह मंदिरों की घंटियों की ध्वनि और नर्मदा किनारे की ठंडी हवा आत्मा को जो सुकून देती है, उसके तो कहने ही क्या हैं। यहां ज्योतिर्लिंगों के दर्शन और घाटों की शांति आपका मन, हर तनाव से मुक्त कर देती है। उज्जैन का महाकाल कॉरिडोर और ओंकारेश्वर का नर्मदा घाट सर्दियों की ठंडी धूप में बेहद खूबसूरत लगते हैं। यह आपको एक बार सही लेकिन घूमना चाहिए।

प्रकृति से प्रेम है तो बांधवगढ़ आइए
प्रकृतिप्रेमियों के लिए कान्हा नेशनल पार्क और बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व सर्दियों में सबसे शानदार विकल्प हैं। इस मौसम में जंगल सफारी का अनुभव बेहतरीन होता है। हरियाली से भरे जंगल, पक्षियों की चहचहाहट और टाइगर की झलक आपको रोमांच से भर देती है। सुबह की ठंडी हवा में जब सूरज की किरणें पेड़ों के बीच से गुजरती हैं, तो दृश्य किसी पोस्टकार्ड जैसा लगता है। इसके अलावा यहां सर्दियों में वन्यजीवों की सक्रियता बढ़ जाती है, जिससे टाइगर देखने की संभावना भी अधिक होती है।

इंसानी बस्ती की परतें जानिए यहां आकर!
अंत में अगर आप रोमांच के साथ स्थानीय स्वाद का आनंद लेना चाहते हैं, तो भीमबेटका, सांची और खजुराहो जैसी जगहें भी सर्दियों में एक आदर्श स्थान हैं। भीमबेटका की गुफाएं मानव इतिहास की कहानी सुनाती हैं, सांची का स्तूप बौद्ध शांति का प्रतीक है और खजुराहो के मंदिर कला और संस्कृति की जीवंत मिसाल हैं। इन जगहों का भ्रमण सर्दियों में ज्यादा आनंददायक होता है क्योंकि गर्मी का असर बिल्कुल नहीं होता। तो इस सर्दी अगर आप घूमने का मन बना रहे हैं, तो मध्यप्रदेश की यह डेस्टिनेशन लिस्ट आपके लिए परफेक्ट है। यहां हर कोना कुछ नया दिखाता है कहीं रोमांच, कहीं शांति, कहीं इतिहास, कहीं प्रेम। बस एक बैग पैक कीजिए, कैमरा साथ लीजिए और निकल पड़िए एमपी की वादियों में। सर्दियों का मौसम और मध्यप्रदेश की आत्मा दोनों मिलकर आपको एक यादगार ट्रैवल अनुभव देंगे, जिसे आप सालों तक याद रखेंगे।