मध्य प्रदेश के विंध्याचल पर्वत में स्थित बांधवगढ़ नेशनल पार्क अपने बाघों के लिए प्रसिद्ध है। बांधवगढ़ नेशनल पार्क में इन बाघों को देखने के लिए दुनिया के अलग-अलग कोने से साल भर में लगभग 50,000 से भी ज्यादा पर्यटक आते हैं और जंगल सफारी के जरिए बाघों की खोज में निकल जाते हैं। बांधवगढ़ नेशनल पार्क लगभग 105 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस नेशनल पार्क में बाघ के अलावा कई अन्य प्रकार के स्तनधारी जीव भी पाए जाते हैं। जिनमें तेंदुआ, भेड़िया, सियार, हिरण, भालू, लंगूर, बंदर, जंगली सूअर, जंगली कुत्ते, लोथल बीयर और चीतल जैसे जीव प्रमुख है।
वर्तमान समय में बांधवगढ़ नेशनल पार्क में 165 बाघ अपना जीवन यापन कर रहे हैं।

इतिहास (History)
बांधवगढ़ का यह इलाका आजादी से पहले राजा महाराजाओं के लिए शिकार का स्थान हुआ करता था। लेकिन आजादी के बाद यहां के महाराज मार्तंड सिंह के अनुरोध पर सरकार ने इस क्षेत्र को बंधवगढ़ अभ्यारण घोषित कर दिया।
इसके बाद 1968 में बांधवगढ़ अभयारण्य क्षेत्र को नेशनल पार्क की उपाधि दे दी गई और 1993 में इसे टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया।
इस क्षेत्र का नाम विंध्याचल के पहाड़ी पर बने हुए बांधवगढ़ किले के नाम पर बांधवगढ़ रखा गया। वैसे तो आज के समय में बांधवगढ़ किला सिर्फ खंडहर के रूप में बच गया है लेकिन यह आज भी विंध्याचल के गौरवशाली इतिहास की गवाही देता है।
बांधवगढ़ में जंगल सफारी के लिए दो तरह के टूर पैकेज उपलब्ध हैं। पहला टूर पैकेज दो रातों और तीन दिनों का है। वही दूसरा टूर पैकेज तीन रातों और चार दिनों का है।

पहले टूर पैकेज के तहत आपका टूर प्लान कुछ इस प्रकार का होगा :
पहले दिन आप बांधवगढ़ पहुंचेंगे जहां आपको रिजॉर्ट में रुकने के लिए दिया जाएगा। इसके बाद आपको दिन का लंच दिया जाएगा। लंच करने के बाद आप शाम को अपने रिजॉर्ट के आसपास के इलाकों में टहल सकते हैं और फिर रात को डिनर करके आप रिजॉर्ट में ही आराम करेंगे।
पैकेज के दूसरे दिन आप सुबह-सुबह जिप्सी में सवार होकर जंगल सफारी के लिए निकल जाएंगे। रास्ते में ही आपको ब्रेकफास्ट दिया जाएगा। जंगल सफारी के बाद आप वापस लौटेंगे और लंच करेंगे। लंच करने के बाद आप फिर से जंगल सफारी के लिए निकल जाएंगे। शाम को जंगल सफारी करके लौटेंगे और रिजॉर्ट में रात का भोजन करके आराम करेंगे।
तीसरा दिन आपके टूर पैकेज का आखिरी दिन होगा जिसमें आप सुबह नाश्ता करके आप अपने स्टेशन के लिए चेक आउट कर जाएंगे।

दूसरे टूर पैकेज के तहत भी आपका टूर प्लान कुछ इसी प्रकार का होगा।
आप पहले दिन बांधवगढ़ नेशनल पार्क पहुंचेंगे और वहीं के रिजॉर्ट में ठहरेंगे।
दूसरे और तीसरे दिन जंगल सफारी पर जाएंगे। जिसमें दोनों दिन आप दो-दो जंगल सफारी करेंगे। एक लंच से पहले और एक लंच के बाद। चौथे दिन आप अपने घर के लिए वापस लौट जाएंगे।
बांधवगढ़ नेशनल पार्क जाने का सबसे सही समय (Best time to visit Bandhavgarh National Park)
अगर आप भी बांधवगढ़ नेशनल पार्क जाना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे सही समय ठंड के मौसम में होता है। इसलिए आप अक्टूबर से मार्च तक के बीच कभी भी यहाँ जंगल सफारी के लिए जा सकते हैं। इस समय टेंपरेचर बहुत ज्यादा नहीं होता है। जिसके कारण जंगल सफारी करना आसान हो जाता है।

बांधवगढ़ नेशनल पार्क कैसे पहुंचे (How to reach Bandhavgarh National Park)?
अगर आप हवाई मार्ग से बांधवगढ़ नेशनल पार्क पहुंचाना चाहते हैं तो आपको जबलपुर हवाई अड्डा के लिए फ्लाइट की टिकट बुक करवानी होगी। जबलपुर हवाई अड्डा पहुंचकर वहां से आपको बांधवगढ़ नेशनल पार्क के लिए बाय रोड जाना होगा। जबलपुर हवाई अड्डा से बांधवगढ़ नेशनल पार्क की दूरी लगभग 200 किलोमीटर है। इसे आप अपनी सुविधा अनुसार लोकल ट्रांसपोर्ट या फिर कैब के द्वारा तय कर सकते हैं।
अगर आप रेल मार्ग के द्वारा बांधवगढ़ पहुंचाना चाहते हैं तो बांधवगढ़ नेशनल पार्क से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन उमरिया रेलवे स्टेशन और कटनी रेलवे स्टेशन हैं। बांधवगढ़ नेशनल पार्क से उमरिया रेलवे स्टेशन की दूरी लगभग 35 किलोमीटर है। वहीं कटनी रेलवे स्टेशन की दूरी लगभग 100 किलोमीटर की है।
आप बाय रोड भी बांधवगढ़ नेशनल पार्क पहुंच सकते हैं।