Best Hindi Travel Blog -Five Colors of Travel

क्यों होते हैं पर्यटकों के लिए हिल स्टेशन पर मॉल रोड?

हिल स्टेशन पर मॉल रोड होने के पीछे के कारण और इसका इतिहास दोनों ही रोचक हैं। चलिए इसे दो हिस्सों में समझते हैं:

मॉल रोड मुख्यतः एक ऐसी जगह होती है जहां लोग आराम से घूम सकें, खरीदारी कर सकें, कैफे और दुकानें हों, और सामाजिक मेलजोल हो सके। हिल स्टेशन पर मॉल रोड इसलिए जरूरी होते हैं क्योंकि, हिल स्टेशन पर पर्यटक मुख्यतः आराम, प्राकृतिक सुंदरता और खरीदारी के लिए आते हैं।

मॉल रोड इस तरह की सुविधाएं देता है। मॉल रोड स्थानीय लोगों को रोजगार देता है और हिल स्टेशन की अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है। मॉल रोड पर लोग एक साथ बैठते हैं, बातचीत करते हैं, और त्योहार मनाते हैं। हिल स्टेशनों की संकरी और पहाड़ी सड़कें होती हैं, मॉल रोड एक सुरक्षित और व्यवस्थित जगह होती है जहाँ पर्यटक आसानी से घूम सकें।

हिल स्टेशन पर मॉल रोड

हाँ, मॉल रोड की अवधारणा और इसका विकास अंग्रेजों के समय से जुड़ा है।
भारत में हिल स्टेशन का विकास ब्रिटिश काल में हुआ था। अंग्रेज अपने देश की ठंडी जलवायु के लिए हिल स्टेशन विकसित करते थे ताकि गर्मियों में वे वहाँ आराम कर सकें। 19वीं सदी के मध्य में ब्रिटिश शासन ने शिमला को अपनी ग्रीष्मकालीन राजधानी (Summer Capital) बनाया।

हिल स्टेशन पर मॉल रोड

शिमला में ब्रिटिश प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण कार्यालय स्थापित किए, जो पूरे भारत की प्रशासनिक प्रणाली के लिए आवश्यक थे।अंग्रेजों ने हिल स्टेशनों में व्यवस्थित शहरी ढांचा बनाने पर जोर दिया, जिसमें मॉल रोड जैसी सार्वजनिक जगहें बनाईं गईं जहाँ वे सैर-सपाटा कर सकें, खरीदारी कर सकें और सामाजिक कार्यक्रम कर सकें।

मॉल रोड को आमतौर पर अंग्रेजों ने पैदल चलने वाले रास्ते के रूप में डिजाइन किया ताकि वे पहाड़ों की ठंडी हवा और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद उठा सकें।
यह भी देखा गया कि मॉल रोड पर अंग्रेजों के लिए शॉपिंग, कैफे, क्लब और अन्य मनोरंजन के साधन होते थे, जो स्थानीय भारतीय बाजारों से अलग थे।

इसलिए, हिल स्टेशन पर मॉल रोड का विचार और इसका विकास ब्रिटिश शासनकाल की सामाजिक और प्रशासनिक जरूरतों के अनुसार हुआ।
ब्रिटिश काल में हिल स्टेशनों का विकास और मॉल रोड का महत्व
ब्रिटिश अधिकारी और सैनिक भारत की गर्म, उमस भरी जलवायु से बचने के लिए ठंडी और शीतल जलवायु वाले पहाड़ी क्षेत्रों की ओर जाते थे। इसीलिए 19वीं सदी में कई हिल स्टेशन विकसित किए गए, जैसे शिमला, मसूरी, नैनीताल, दार्जिलिंग, औली आदि। कई हिल स्टेशनों को ब्रिटिश सरकार ने अपना प्रशासनिक केंद्र बनाया।

हिल स्टेशन पर मॉल रोड

उदाहरण के लिए, शिमला को ‘ग्रीष्मकालीन राजधानी’ घोषित कर दिया गया था। वहाँ गर्मियों में ब्रिटिश अधिकारी और कर्मचारी रहते थे। ठंडी हवा, स्वच्छ वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता से स्वास्थ्य लाभ होता था, इसलिए हिल स्टेशन ब्रिटिश लोगों के लिए विश्राम स्थल बने।

अंग्रेजों ने हिल स्टेशनों में ऐसा शहरी ढांचा विकसित किया जहाँ वे आराम से घूम सकें, खरीदारी कर सकें और सामाजिक मेल-जोल कर सकें। इसके लिए मॉल रोड बनाए गए। मॉल रोड को पैदल चलने वालों के लिए विकसित किया गया ताकि बिना गाड़ियों की भीड़ के, लोग खुले वातावरण में घूम सकें। मॉल रोड पर कैफे, क्लब, शॉपिंग स्टॉल, बुक स्टॉल, और सार्वजनिक सभा स्थल बनाए गए जहाँ ब्रिटिश अधिकारी अपने खाली समय में मिल सकते थे।

हिल स्टेशन पर मॉल रोड

सफाई और सुरक्षा: अंग्रेजों ने मॉल रोड को साफ-सुथरा, व्यवस्थित और सुरक्षित बनाया ताकि ब्रिटिश लोगों को आरामदायक अनुभव मिल सके। मॉल रोड पर स्थानीय कारीगरों और व्यापारियों को अपने उत्पाद बेचने का मौका मिला। इससे हिल स्टेशनों की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई।ब्रिटिश काल में हिल स्टेशनों की लोकप्रियता बढ़ने से पर्यटन उद्योग भी फल-फूल गया। मॉल रोड पर्यटन का केंद्र बन गया।

आज भी भारत के कई हिल स्टेशनों में मॉल रोड पर्यटन का मुख्य आकर्षण है। यह ब्रिटिश युग की विरासत है जिसे आधुनिक दौर में भी संजोया गया है। मॉल रोड पर पर्यटक न केवल खरीदारी करते हैं बल्कि स्थानीय संस्कृति, भोजन, और हस्तशिल्प का आनंद भी लेते हैं

final-4

Hello! I Pardeep Kumar

मुख्यतः मैं एक मीडिया शिक्षक हूँ, लेकिन हमेशा कुछ नया और रचनात्मक करने की फ़िराक में रहता हूं।

लम्बे सफर पर चलते-चलते बीच राह किसी ढ़ाबे पर कड़क चाय पीने की तलब हमेशा मुझे ज़िंदा बनाये रखती
है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *