दोस्तों, महाभारत के बारे में तो आप सभी जानते होंगे। महाभारत के किरदारों में जहां कौरव और पांडव इस कहानी के मुख्य किरदार हैं, वही इसमें गुरु द्रोण और पितामह भीष्म जैसे भी कई महत्वपूर्ण किरदारों का जिक्र मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार गुरु द्रोण ने कौरवों और पांडवों को युद्ध कला की शिक्षा दिया था। बताया जाता है कि, जब गुरु द्रोण ने पांडवों को युद्ध कला की शिक्षा दी तो पांडवों ने उनको गुरु दक्षिणा के स्वरूप में एक झील भेंट किया। जिसे द्रोण सागर झील के नाम से जाना जाता है। बताया जाता है कि इस तालाब को भीम ने बनाया था।

कहां है द्रोण सागर झील? (Where the Drona Sagar Lake is situated?) :
द्रोण सागर झील उत्तराखंड के काशीपुर गांव में स्थित है। उत्तराखंड का यह काशीपुर गांव, श्री भीमशंकर ज्योतिर्लिंग यानी मोटेश्वर महादेव और मां चैती माता मंदिर शक्तिपीठ के लिए काफी प्रसिद्ध है। इसी शहर में द्रोण सागर झील भी मौजूद है। जिसका निर्माण पांडवों ने करवाया था।

द्रोण सागर झील के पास द्रोणाचार्य की एक बड़ी सी मूर्ति भी है और उनका मंदिर भी है। साथ ही साथ पांडवों का निवास स्थान भी है। जहां पांडव द्रोणाचार्य से शिक्षा लेते समय रहा करते थे। यह परिसर बहुत ही हरा भरा है। जहां आपको दूर-दूर तक खाली घास के मैदान दिख जाएंगे। इस परिसर में एक पार्क भी है। यहां आने वाले पर्यटकों को इस पार्क में बैठकर अपने फैमिली के साथ टाइम स्पेंड करना काफी पसंद आता है।

कैसे पहुंचे द्रोण सागर झील? (How to reach Drona Sagar Lake?):
अगर आप भी द्रोण सागर झील आना चाहते हैं तो द्रोण सागर झील आने के लिए सबसे पहले आपको काशीपुर गांव पहुंचना होगा। काशीपुर पहुंचने का सबसे सरल मार्ग रेल मार्ग है। अगर आप रेल यात्रा करके काशीपुर पहुंचना चाहते हैं तो काशीपुर रेलवे स्टेशन के लिए टिकट ले सकते हैं। वहीं अगर आप हवाई यात्रा करके काशीपुर पहुंचना चाहते हैं तो पंतनगर एयरपोर्ट तक के लिए आप फ्लाइट टिकट ले सकते हैं। पंतनगर एयरपोर्ट काशीपुर से लगभग 61 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। काशीपुर शहर सड़क मार्ग द्वारा भी भारत के अन्य शहरों से डायरेक्टली या इनडायरेक्टली जुड़ा हुआ है। आप सड़क मार्ग से भी काशीपुर पहुंच सकते हैं।