दिहिंग पाटकाई राष्ट्रीय उद्यान (Dehing Patkai National Park) असम में एक नेशनल पार्क है जो, डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया जिले में स्थित है। दिहिंग पाटकाई नेशनल पार्क लगभग 231 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसकी स्थापना 2004 में हुई थी। सर्वप्रथम, दिहिंग पाटकाई राष्ट्रीय उद्यान को 13 जून 2004 को वन्य जीव अभयारण्य घोषित किया गया था। इसके पश्चात 13 दिसंबर 2020 को इसे नेशनल पार्क घोषित किया गया। इस नेशनल पार्क को एलीफैंट प्रोजेक्ट के तहत एक एलीफैंट रिजर्व घोषित कर दिया गया था। देहिंग पटकाई नेशनल पार्क भारत में तराई वाले भागों में वर्षावनों का सबसे बड़ा क्षेत्र है। यह भारत का एकमात्र नेशनल पार्क है जहाँ वाइल्ड कैट्स की सात अलग-अलग प्रजातियां रहती है, जिसमें टाइगर, लेपर्ड, क्लाउडेड तेंदुआ, लेपर्ड कैट, गोल्डन कैट, जंगली बिल्ली और मार्बल कैट शामिल हैं।

फॉउना (Fauna in Dehing Patkai National Park)
दिहिंग पाटकाई राष्ट्रीय उद्यान में कई प्रकार के फॉउना (Fauna) निवास करते है जिनमे पक्षियों की 293 प्रजातियां, मछलियों की 50 प्रजातियां, रेप्टाइल्स की 47 प्रजातियां, मैमल्स की 50 प्रजातियां और तितलियों की 310 प्रजातियां शामिल है। यहाँ प्रमुख रूप से स्टंप-टेल्ड मकाक (Stump-tailed macaque), पिग-टेल्ड मकाक (pig-tailed macaque), मलायन सन भालू (Malayan sun bear), एशियाई जंगली कुत्ता (Asian wild dog), छोटे दांतों वाला पाम सिवेट (small-toothed palm civet), चाईनीज पैंगोलिन (Chinese pangolin), क्रैब ईटिंग मोंगूज़ (crab-eating mongoose), हिमालयी काला भालू (Himalayan black bear), बिंटूरोंग (Binturong), एशियाई सुनहरी बिल्ली (Asian golden cat), तेंदुआ बिल्ली (leopard cat), जंगल बिल्ली (Jungle cat), स्लो लोरिस (slow loris), असमिया मकाक (Assamese macaque), हूलॉक गिब्बन (hoolock gibbon), कैप्ड लंगूर (capped langur) और रीसस बंदर (rhesus monkey) पाए जाते है।

फ्लोरा (Flora in Dehing Patkai National Park)
वही अगर बात की जाए फ्लोरा की तो, यहाँ पेड़ों की अनेक प्रजातियाँ पायी जाती हैं जिनमे से कुछ प्रमुख निम्नलिखित है- ओउ-टेंगा (Ou–tenga), मेकाई (Mekai), होलोंग (Hollong), उरीयम (Uriyam), नाहोर (Nahor), धूना (Dhuna), भर (Bhar), होलॉक (Hollock) और चामकोटखाल (Chamkotkhal)। यहाँ लकड़ियों की कुछ महत्वपूर्ण किस्में भी पायी जाती है जिनमे मेसुआ फेरिया (Mesua ferrea), शोरिया असामिका (Shorea assamica), डिप्टरोकार्पस मैक्रोकार्पस (Dipterocarpus macrocarpus), अमोरा वालिची (Amoora wallichii), कास्टानोप्सिस इंडिका (Castanopsis indica), डायसॉक्सिलम बिनेक्टीफ़ेरम (Dysoxylum binectiferum) और वेटिका लांसएफ़ोलिया (Vatica lanceaefolia) शामिल है।

बेस्ट टाइम टू विजिट दिहिंग पाटकाई राष्ट्रीय उद्यान (Best time to visit Dehing Patkai National Park)
यह राष्ट्रीय उद्यान साल के बारहों महीने खुला रहता है। आप यहाँ किसी भी महीने में आ सकते है। लेकिन अगर आप यहाँ माइग्रेटरी बर्ड्स (Migratory Birds) की ज्यादा प्रजातियाँ देखना चाहते है तो आप विंटर और स्प्रिंग (नवंबर से मार्च) में आने का कोशिश करें। क्योंकि इस समय ही माइग्रेटरी बर्ड्स यहाँ आते हैं।

कैसे पहुंचे दिहिंग पाटकाई राष्ट्रीय उद्यान (How to reach Dehing Patkai National Park)?
- सड़क मार्ग- आप NH 315 के माध्यम से तिनसुकिया से दिहिंग पाटकाई नेशनल पार्क पहुंच सकते है जो गुवाहाटी से जुड़ा है।
- रेल मार्ग- इस नेशनल पार्क के पास में एक रेलवे स्टेशन है- नाहरकटिया जहाँ से आप टैक्सी या बस लेकर दिहिंग पाटकाई नेशनल पार्क पहुंच सकते है।
- हवाई मार्ग- इस नेशनल पार्क का निकटम एयरपोर्ट ग्वाहाटी में है।









