Best Hindi Travel Blog -Five Colors of Travel

परी महल, जो है कश्मीर की वादियों में छिपा एक जादुई नगीना

आज हम बात करेंगे एक ऐसी जगह की, जो कश्मीर की खूबसूरती को और भी खास बनाती है। यह है परी महल, जिसे परियों का घर भी कहते हैं। श्रीनगर में डल झील के पास बनी यह जगह इतनी सुंदर है कि इसे देखकर लगता है जैसे कोई सपना सच हो गया हो। इसी महल में दफन है, कश्मीर की संस्कृति, इतिहास और गौरव। परी महल सत्रह वीं सदी में बनवाया गया था। इसे मुगल राजकुमार दारा शिकोह ने अपने सूफी गुरु, मुल्ला शाह बदख्शी के लिए बनवाया था। दारा शिकोह, जो शाहजहां के बड़े बेटे थे, सूफी विचारों से बहुत प्रभावित थे। वे चाहते थे कि यह महल एक शांत जगह हो, जहां लोग पढ़ाई और ध्यान कर सकें। इसलिए इस महल को एक पुस्तकालय और स्कूल की तरह भी इस्तेमाल किया जाता था।

क्या आपने कभी सोचा कि कोई महल पहाड़ी पर बने, चारों तरफ हरियाली हो और सामने डल झील का नजारा? यही है परी महल की खासियत। यह जाबरवान पहाड़ी पर बना है, जो श्रीनगर को और भी खूबसूरत बनाती है। इसकी बनावट मुगल स्थापत्य कला का शानदार नमूना है। छह छतों वाला यह महल 123 मीटर लंबा है और हर छत से आपको कश्मीर की वादियों का अलग-अलग नजारा मिलता है। मैं आपको एक मजेदार बात बताता हूं।

परी महल

जब मैंने पहली बार परी महल के बारे में पढ़ा, तो मुझे लगा कि यह सचमुच परियों का घर होगा। यह तो आपके मन भी आया होगा, क्योंकि इसका नाम ही है, परी महल। बड़ा विचलित करने बाला लेकिन जब मैंने इसकी तस्वीरें देखीं, तो समझ आया कि यह नाम इसकी खूबसूरती की वजह से पड़ा। यह महल पर्यटकों के लिए एक तिलस्मी चिराग है। अगर आप श्रीनगर का दौरा करने जा रहे हैं, तो इसे अपनी लिस्ट में जरूर डालें।

परी महल की कहानी 1600 के दशक से शुरू होती है। मुगल राजकुमार दारा शिकोह ने इसे बनवाया था। वे अपने समय के बहुत पढ़े-लिखे और सूफी विचारों वाले इंसान थे। उनका मानना था कि सभी धर्मों में कुछ न कुछ अच्छाई है। इसलिए उन्होंने इस महल को एक ऐसी जगह बनाया, जहां लोग ज्ञान और अध्यात्म की बातें कर सकें। महल का नाम परीक्यों पड़ा? कुछ लोग कहते हैं कि यह इसकी खूबसूरती की वजह से है, जो परियों जैसी लगती है। यह महल पहले एक बौद्ध मठ था, जिसे बाद में मुगल शैली में बदला गया। दारा शिकोह ने अपने गुरु के सम्मान में यहां एक स्कूल भी बनवाया, जहां ज्योतिष और सूफी शिक्षाएं दी जाती थीं। लेकिन बाद में औरंगजेब के समय यह महल सिर्फ एक ऐतिहासिक इमारत बनकर रह गया था।

परी महल की बनावट भी कमाल की है। इसमें छह छतें हैं, जो एक-दूसरे से जुड़ी हैं। हर छत पर सुंदर बगीचे और फव्वारे हैं। मुगल काल में बगीचों को बहुत अहमियत दी जाती थी, और परी महल इसका बेहतरीन उदाहरण है। यह महल चश्मे शाही बाग के ऊपर बना है, जो इसे और भी खास बनाता है। आज यह महल पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों के लिए खुला है। इसे भारतीय पुरातत्व विभाग संभालता है। यह न सिर्फ एक पर्यटक स्थल है, बल्कि कश्मीर की संस्कृति और मुगल इतिहास का प्रतीक भी है। अगर आप इतिहास में रुचि रखते हैं, तो यह जगह आपको बहुत पसंद आएगी और बहुत कुछ सिखाएगी भी।

यहाँ कदम रखते ही आपको लगेगा कि आप किसी पुरानी कहानी में पहुंच गए हैं। इस महल की हर चीज आपको आकर्षित करेगी। सबसे पहले बात करते हैं इसकी बनावट की।

परी महल

छतें और बगीचे
परी महल में छह छतें हैं, जो सीढ़ीदार तरीके से बनी हैं। हर छत पर आपको हरे-भरे बगीचे, फूल और पानी के फव्वारे देखने को मिलेंगे। ये बगीचे मुगल शैली के हैं, जिनमें समरूपता और सुंदरता का खास ध्यान रखा गया है। सूरज ढलने के समय इन बगीचों से डल झील और श्रीनगर का नजारा देखते बनता है।

महल का ढांचा
महल की दीवारें और मेहराबें मुगल कला को दर्शाती हैं। पत्थरों पर बनी नक्काशी और खंभों का डिजाइन हमें हमारे अतीत की याद दिलाता है। कुछ हिस्से अब खंडहर हो चुके हैं, लेकिन फिर भी उनकी सुंदरता आज भी वैसे ही बनी हुई है, बरकरार है।

नजारा
महल जाबरवान पहाड़ी पर बना है, इसलिए यहां से आपको डल झील, हजरतबल मस्जिद और श्रीनगर शहर का शानदार नजारा देखने को मिल जाता है। अगर आप फोटोग्राफी पसंद करते हैं, तो सूर्यास्त के समय यहां की तस्वीरें कमाल की आती हैं।

शांति और सुकून
परी महल में भीड़ कम होती है, इसलिए यह शांति पसंद करने वालों के लिए बेस्ट है। आप यहां बैठकर प्रकृति का मजा ले सकते हैं। कुछ लोग किताब पढ़ने या ध्यान करने के लिए भी यहां आते हैं।

परी महल के पास चश्मे शाही और निशात बाग जैसे मुगल बगीचे हैं। आप एक ही दिन में इन जगहों को भी घूम सकते हैं। ये सभी डल झील के किनारे हैं, जो आपका दिन और मजेदार बना देंगे। अगर आप परिवार या दोस्तों के साथ जा रहे हैं, तो बच्चों के लिए भी यह जगह सबसे अच्छी है। वे बगीचों में दौड़-भाग सकते हैं। और प्रकृति के सुन्दर नजारों का मजा ले सकते हैं।

परी महल श्रीनगर में जाबरवान पहाड़ी पर है, जो डल झील के करीब है। इसे आप हमारा पिछला ब्लॉग पढिए जो पूरी तरह श्रीनगर की खूबसूरती को बयान करता है। उसमें आपको श्रीनगर से संबंधित और भी चीजें जानने को मिल सकती हैं। कैसे पहुंचना है, क्या खाना है और कहाँ रुकना है आप उसी श्रीनगर वाले ब्लॉग में पढ़ सकते हैं लेकिन मोटा- मोटी जानकारी हम आपको यह भी दे देते हैं।

हवाई मार्ग
श्रीनगर का शेख उल आलम हवाई अड्डा सबसे नजदीकी है, जो शहर से 15 किलोमीटर दूर है। दिल्ली, मुंबई, जम्मू जैसे शहरों से रोजाना फ्लाइटें यहां आती हैं। हवाई अड्डे से टैक्सी लेकर 30 मिनट में परी महल आप पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग
सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन जम्मू तवी है, जो श्रीनगर से 293 किलोमीटर दूर है। जम्मू से बस या टैक्सी से श्रीनगर 6-7 घंटे में पहुंचें। फिर वहां से ऑटो या टैक्सी से महल तक जाएं।

सड़क मार्ग
श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग से अच्छे से जुड़ा है। जम्मू से बस या टैक्सी आसानी से मिलती है। श्रीनगर में डल गेट या लाल चौक से ऑटो या टैक्सी ले सकते हैं। परी महल शहर से सिर्फ 5-7 किलोमीटर दूर है।

महल सुबह 9:30 से शाम 6:00 तक खुला रहता है। टिकट की कीमत ज्यादा नहीं, भारतीयों के लिए 20-30 रुपये मात्र और बच्चों के लिए मुफ्त है। विदेशी पर्यटकों के लिए थोड़ा ज्यादा हो सकता है। सलाह है कि सुबह जल्दी या शाम को जाएं, ताकि भीड़ कम हो और नजारा शानदार मिले। सर्दियों में ठंड होती है, तो गर्म कपड़े ले जाएं। गर्मी में मौसम सुहावना रहता है। रास्ते में मिलने बाली डल झील का नजारा भी कमाल का है। अगर आप शिकारा राइड लेना चाहें, तो डल झील पर ट्राई करें।

श्रीनगर में खाना और रहना बहुत आसान है। परी महल के आसपास छोटे-छोटे ढाबे और रेस्टोरेंट हैं, जहां आप कश्मीरी खाना ट्राई कर सकते हैं।

खाने में कश्मीरी वाजवान बहुत मशहूर है। इसमें रोगन जोश, गुस्टाबा, और कश्मीरी पुलाव शामिल हैं। शाकाहारी लोगों के लिए दम आलू और नादरू यखनी बेस्ट हैं। डल झील के पास कई रेस्टोरेंट हैं, जहां आप ये व्यंजन खा सकते हैं। अगर आप स्ट्रीट फूड पसंद करते हैं, तो लाल चौक पर कबाब और चाय मिलती है। यहां आयें तो कश्मीरी कहवा जरूर ट्राई करें। यह इलायची और केसर वाली चाय यकीनन आपको तरोताजा कर देगी।

परी महल

रहना श्रीनगर में हर बजट के होटल आसानी से मिल जाते हैं। डल झील के पास हाउसबोट में रहना और भी मजेदार है। ये हाउसबोट 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये प्रति रात तक हो सकते हैं। अगर आप होटल चाहते हैं, तो लाल चौक या राजबाग में कई अच्छे विकल्प हैं।

final-4

Hello! I Pardeep Kumar

मुख्यतः मैं एक मीडिया शिक्षक हूँ, लेकिन हमेशा कुछ नया और रचनात्मक करने की फ़िराक में रहता हूं।

लम्बे सफर पर चलते-चलते बीच राह किसी ढ़ाबे पर कड़क चाय पीने की तलब हमेशा मुझे ज़िंदा बनाये रखती
है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *