ट्रैवल के दौरान क्या आपने कभी गौर किया है कि जब भी आप किसी हवाई जहाज में सवार होते हैं, तो हमेशा बाईं ओर से ही बोर्डिंग क्यों होती है? चाहे कोई भी देश हो या एयरलाइन यात्रियों का प्रवेश द्वार लगभग हर बार विमान के बाएं हिस्से में ही होता है। यह सिर्फ एक संयोग नहीं, बल्कि इसके पीछे कई ऐतिहासिक और तकनीकी कारण छिपे हुए हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।

दरअसल, यह परंपरा समुद्री जहाजों के जमाने से चली आ रही है। पुराने समय में जब जहाज चलते थे, तब बाईं ओर को “पोर्ट साइड” कहा जाता था और दाईं ओर को स्टारबोर्ड साइड। जहाज हमेशा बंदरगाह पर बाईं तरफ से लगते थे ताकि माल और यात्री आसानी से चढ़-उतर सकें। जब विमानन युग की शुरुआत हुई, तो इसी प्रचलन को हवाई जहाजों में भी अपनाया गया। यानी यह परंपरा समुद्र से आसमान तक चली आई!(पुराने समय में जब जहाज चलते थे, तब बाईं ओर को “पोर्ट साइड” कहा जाता था और दाईं ओर को स्टारबोर्ड साइड।)

अब बात करते हैं आधुनिक कारणों की। आज के समय में हवाई जहाज का कॉकपिट यानी पायलट के बैठने की जगह हमेशा बाईं तरफ होती है। जब विमान को रनवे पर खड़ा किया जाता है, तो पायलट के लिए बाईं ओर से बोर्डिंग करना अधिक सुविधाजनक होता है। इससे उन्हें ग्राउंड स्टाफ और बोर्डिंग ब्रिज पर नजर रखना आसान होता है।

दूसरा बड़ा कारण यह है कि विमान के दाईं ओर आमतौर पर कार्गो लोडिंग, फ्यूलिंग और मेंटेनेंस का काम किया जाता है। अगर यात्री दाईं तरफ से चढ़ने-उतरने लगें, तो सुरक्षा जोखिम बढ़ सकता है। बाईं ओर से बोर्डिंग रखने से यात्रियों को इंजन, ईंधन टैंक और तकनीकी उपकरणों से दूर रखा जाता है, जिससे सेफ्टी बढ़ती है।

तीसरा कारण एयरपोर्ट डिज़ाइन से जुड़ा है। लगभग सभी एयरपोर्ट इस तरीके से बनाए जाते हैं कि जेट ब्रिज या सीढ़ियां विमान के बाईं ओर जुड़ती हैं। इससे एयरपोर्ट प्रबंधन को एक समान व्यवस्था बनाए रखने में आसानी होती है और यात्री भी भ्रमित नहीं होते। यानी अगली बार जब आप किसी फ्लाइट में सवार हों, तो ध्यान दीजिए आप हमेशा बाईं ओर से ही विमान में चढ़ेंगे।

अब आप जान चुके हैं कि यह महज एक आदत नहीं, बल्कि इतिहास, इंजीनियरिंग और सुरक्षा तीनों का अद्भुत मेल है। तो अगली बार एयरपोर्ट पर बोर्डिंग के समय अपने दोस्तों से कहिए, जानते हो, हम हमेशा बाईं तरफ से ही विमान में क्यों चढ़ते हैं? यकीन मानिए, आप ही बन जाएंगे उस फ्लाइट के सबसे नॉलेजेबल ट्रैवलर!