जयपुर शहर के बीचो-बीच खड़ा जल महल जयपुर की शान माना जाता है जो मानसागर झील के बीच में बनी पांच मंजिला इमारत है। शहर की भागदौड़, ट्रैफिक और शोर के बीच ये जगह एकदम अलग सी फील देती है ऐसी कि चलते-चलते फोन हाथ में आ ही जाता है, शांत पानी के बीच में बना खूबसूरत महल और पीछे अरावली की पहाड़ियाँ मिलकर इस नज़ारे को और भी खास बना देती हैं, तभी तो जल महल जयपुर के सबसे फोटोजेनिक स्पॉट्स में एक माना जाता है। इसी खूबसूरती और वाइब को सही तरह से बताने के लिए फाइव कलर्स ऑफ ट्रैवल आपको इस ब्लॉग में बताएंगे कि किस तरह हवा महल की बनावट गर्मियों में भी आपको एक ठंडक का एहसास दिलाता है और क्यों ये जयपुर की शान माना जाता है।(Jal Mahal Jaipur)

Jal Mahal–ऐसी बनावट जो सबको हैरान कर दे
जल महल की सबसे खास बात इसकी बनावट है, जिसे देखते ही समझ आ जाता है कि पुराने ज़माने के लोग कितने समझदार थे। बाहर से देखने पर ये महल एक मंज़िला लगता है, जबकि असल में ये पाँच मंज़िला है। जब मान सागर झील पूरी भर जाती है, तो इसकी चार मंज़िलें पानी के अंदर डूब जाती हैं और सिर्फ ऊपर वाली मंज़िल ही दिखाई देती है, जो इसे और भी खास बना देती है। लाल बलुआ पत्थर से बना ये महल राजपूत और मुगल स्टाइल का खूबसूरत मिक्सचर है। पानी से महल को सुरक्षित रखने के लिए उस दौर में चूना, गुग्गल, गुड़ और मेथी पाउडर जैसे देसी तरीकों का इस्तेमाल किया गया था, और आज भी इसकी इंजीनियरिंग देखकर लोग हैरान रह जाते हैं कि बिना आधुनिक तकनीक के इतना मजबूत और टिकाऊ महल कैसे बनाया गया।Jal Mahal Jaipur

Jal Mahal का इतिहास जो इसे और खास बनाता है
माना जाता है कि 18वीं सदी के आसपास महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने इस महल को बनवाया था या फिर पहले से मौजूद संरचना को सही करवाया था। जल महल को कभी भी रहने के महल के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया गया। बल्कि इसका मकसद तो कुछ और ही था, ये जगह राजा और उनके साथ आने वाले खास लोगों के लिए एक तरह की हंटिंग स्पॉट हुआ करती थी। उस समय शिकार राजाओं के लिए सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि शान और परंपरा का हिस्सा माना जाता था। महल के चारों तरफ फैली झील, पास का खुला इलाका और शांत माहौल इसे शिकार के लिए एकदम परफेक्ट बनाता था। शहर की हलचल से दूर अक्सर राजा यहां सुकून के दो पल बिताने आते थे।

छत पर बसा एक छोटा सा बाग
जल महल की छत पर बना चमेली बाग इसकी वो खूबसूरती है, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं और यही इसकी असली हिडेन ब्यूटी मानी जाती है। छत के चारों कोनों पर बनी अष्टकोणीय छतरियाँ इसे और भी शाही लुक देती हैं, वहीं यहाँ बनी अलग-अलग तिबारियाँ जैसे आनंद महल, बादल महल, रास निवास और गुलाबी तिबारी सिर्फ नाम से ही रॉयल फील करा देती हैं। ज़रा सोचिए, झील के बीच बने इस महल में बैठकर ठंडी-ठंडी हवा चल रही हो, चारों तरफ बस पानी ही पानी दिखाई दे और सामने खुला आसमान हो, इससे ज़्यादा सुकून भरा नज़ारा और क्या हो सकता है। शायद यही वजह है कि जल महल सिर्फ देखने की जगह नहीं, बल्कि महसूस करने की जगह है, जहाँ हर पल शांति और शाही ठाठ दोनों का एहसास होता है।

Jal Mahal : वास्तु और नेचर का बैलेंस
जयपुर को यूंही प्लानिंग का मास्टरमाइंड नहीं कहा जाता है। क्योंकि जयपुर वास्तु शास्त्र को ध्यान में रखकर बसाया गया है, ताकि हर चीज़ में एक बैलेंस्ड बना रहे। जल महल और मान सागर झील का नॉर्थ-ईस्ट दिशा में होना भी इसी सोच का नतीजा माना जाता है। यहाँ आकर साफ महसूस होता है कि पानी, हवा, ज़मीन और खुला आसमान सब कुछ एक-दूसरे के साथ तालमेल में है। शायद इसी वजह से ये जगह इतनी सुकून भरी लगती है। शोर-शराबे से दूर, शांत माहौल और नेचर के इतने करीब होने की जो फीलिंग यहाँ मिलती है, वही जल महल और मान सागर झील को बाकी जगहों से अलग बनाती है।

यहाँ देखने को मिल जायेंगे 170 से भी ज्यादा पंछियों की प्रजातियां
कई सालों तक बरबाद होने के बाद सन् 2000 में इसका रेस्टोरेशन किया गया। जिसमें झील साफ हुई, गाद निकाली गई जिसे आज यहां 170 से भी ज्यादा पंछियों की कई प्रजातियां देखने को मिलती हैं। फिलहाल कानूनी वजहों से महल के अंदर जाना अलाउड नहीं है, लेकिन झील के किनारे से इसे देखना और महल की फोटोस लेना भी अपने आप में एक एक्सपीरियंस है।


क्यों ज़रूर जाएं जल महल
जल महल सिर्फ एक देखने की जगह नहीं है, बल्कि ये पुराने ज़माने की इंजीनियरिंग, नेचर, और ब्यूटी का शानदार कॉम्बो है। अगर आप जयपुर की ट्रिप प्लान कर रहे हैं, तो जल महल को अपनी लिस्ट में ज़रूर रखें, क्योंकि कुछ जगहें देखने से ज़्यादा महसूस करने के लिए होती हैं, और जल महल उन्हीं में से एक है।









