Khari Baoli: एशिया की सबसे बड़ी मसाला मार्किट
जब भी किसी बाजार का नाम आता है तो स्वतः ही कपड़े और खानपान हमारे ज़ेहन में घूम जाते हैं। आमतौर पर जब भी हम चाँदनी चौक का नाम सुनते हैं तब हमें वहाँ बिकने वाले शानदार मैरिड क्लॉथ खासकर सूट और शानदार लहंगों की याद आती है, पर चाँदनी चौक में एक ऐसा बाज़ार भी है जहाँ वस्त्र, ज्वेलरी और चप्पल-जूतों से कुछ अलग मिलता है। जी हाँ, चाँदनी चौक के बीचों बीच बनी है खारी बावली जो एशिया की सबसे बड़ी मसाला मार्किट है। (Khari Baoli: Asia’s Largest Spice Market)

चावड़ी बाज़ार मेट्रो स्टेशन से खारी बावली सबसे पास पड़ती है, अब ये आप पर निर्भर करता है कि आप बाज़ार तक पैदल जाना चाहे या ई रिक्शा से। फतेहपुरी मज्सिद से सीधे हाथ पर खारी बावली की शुरुवात हो जाती है। आगे बढ़ते ही आपको खुद-ब-खुद महसूस हो जाएगा कि आप खारी बावली में कदम रख चुके हैं क्योंकि चारों ओर से आ रही मसालों की खुशबू सब बयान कर देती है।

ये है खारी बावली का इतिहास
खारी बावली को 1650 में मुगल सम्राट शाहजहाँ की पत्नी फतहपुरी बेगम ने बनवाया था। खारी बावली शब्द सुनने में जितना दिलचस्प लगता है उतना ही उम्दा ये बाज़ार हकीकत में भी है। खारी का अर्थ नमकीन है वहीं बावली से मतलब सीढ़ीनुमा कुआँ से है। यहाँ बनी बावड़ियों का प्रयोग जानवरों के स्नान के प्रयोग में लाया जाता था। समय और विकास के साथ बावड़िया कहीं गायब हो गयीं हैं अब उस जगह इतिहास समेटे खारी बावली मौजूद है।

आपकी रसोई में प्रयोग होने वाला दुर्लभ से दुर्लभ मसाला और ड्राई फ्रूट आपको खारी बावली में चुटकीयों में उपलब्ध हो जाएगा। हर प्रकार का ड्राई फ्रूट जैसे-फ्रूटबादाम, किशमिश मखाना, काजू, अखरोट, अंजीर, केसर, पिस्ता, खजूर, मूंगफली और न जाने कितने प्रकार के सूखे मेवे खारी बावली में आँख मूँद कर मिल जाते हैं। आपके ज़ेहन में ये सवाल जरूर आएगा कि ड्राई फ्रूट खरीदने के लिए खारी बावली जाने की जरूरत क्या है, वह तो कहीं से भी ले सकते हैं? पर आपको बता दें खारी बावली में आपको असली और बढ़िया गुणवत्ता का मेवा मिलेगा। कहीं और मेवा आसानी से उपलब्ध तो हो सकता है लेकिन खारी बावली का मेवा सबसे उम्दा और विश्वसनीय माना जाता है।

इसके अलावा खारी बावली मसालों को लेकर भी बहुत प्रसिद्ध है। हल्दी, धनिया पाउडर, काली-लाल मिर्च, जीरा, काला जीरा अमचूर पाउडर, हींग, जायफल और हर वह नायाब और दुर्लभ मसाला जिसका प्रयोग रसोई में किया जाता है वह खारी बावली में उत्तम गुणवत्ता के साथ मिल जाएगा। आप यहाँ अपने बालों को चमकदार बनाने के लिए रीठा और अन्य प्रकार की जड़ी बूटीयाँ आदि भी खरीद सकते हैं।

400 साल पुरानी है दुकानें
पूरी खारी बावली मार्किट में आपको दुकानों के नाम भी बेहद दिलचस्प मिलेंगे। यहाँ स्थित कुछ दुकानों के नाम आज भी, चावल वाले 13, 21 नंबर की दुकान, 15 नंबर की दुकान आदि है। इस ऐतिहासिक और पुराने बाज़ार को लगभग 400 वर्ष हो चुके हैं इसलिए यहाँ अधिकतर दुकानें खानदानी हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी यूँ ही चली आ रही है।

दिल्ली के आसपास और दूरवर्ती इलाकों से शायद ही कोई किराने की दुकान वाला हो जो खारी बावली से सामान न खरीदता हो। देश की विभिन्न उत्पादक मंडियों जैसे निजामाबाद से हल्दी, कोटा से धनिया, ऊंझा से जीरा, गुंटूर से लाल मिर्च, कोच्चि या मंगलूर से इलायची खारी बावली में उपलब्ध होती है।
यहाँ न सिर्फ देशी बल्कि अमेरिका, अफगानिस्तान जैसे देशों का भी ड्राई फ्रूट आसानी से मिल जाता है। दिन का चाहे कोई भी समय हो यहाँ आपको हर वक़्त लोगो की भीड़ आसानी से मिल जाएगी।

दीपावली जैसे त्यौहार के समय तो आप को यहाँ पैर रखने की भी जगह नहीं मिलेगी। फेस्टिवल के समय यहाँ तरह-तरह ड्राई फ्रूट की भारी डिमांड होती है। आपको अपनी आँखों के सामने जितना बाज़ार दिखेगा वह असल में यह बाज़ार उससे कही ज़्यादा बड़ा है।
यहीं दुकानों के ऊपर अलग-अलग मसालों और मेवे के गोदाम भी बने हुए हैं। हर बाज़ार की अपनी अलग विशेषता होती है ठीक उसी प्रकार खारी बावली की विशेषता यहाँ मिलने वाले ख़ास मसालें और मेवे हैं।
इसलिए जब भी उम्दा और कुछ खास मेवे और मसालों की इच्छा हो तो पुरानी दिल्ली में खारी बावली एक बेहतरीन विकल्प है।









