Tirthan Valley: शांतचित और खूबसूरत वादियों के कारण नेचर लवर्स की पहली पसंद है तीर्थन वैली हिल स्टेशन(Places to visit in Tirthan Valley)
by Pardeep Kumar
स्वागत है आपका फाइव कलर्स ऑफ ट्रैवल के इस ब्लॉग में। आज हम आपको बताने वाले हैं हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित छोटे से हिल स्टेशन गुशैणी के बारे में जो स्थित है खूबसूरत तीर्थन वैली में।Places to visit in Tirthan Valley
प्राकृतिक सौन्दर्य और संसाधनों से भरपूर तीर्थन वैली
हिमाचल प्रदेश का कुल्लू जिला पहाड़ी क्षेत्र होने के साथ-साथ घाटियों के लिए जाना पहचाना जिला है। इन घाटियों में छोटी बड़ी कई नदियां बहती हैं। अगर पश्चिमी हिमालय में एक ऐसा पहाड़ी क्षेत्र चुना जाए जो प्राकृतिक सौन्दर्य और संसाधनों से भरपूर हो, जिसका अधिकांश क्षेत्र जंगल, नदी,नालों, झीलों, झरनों से भरा हो,जहां बहुत कम लोग निवास करते हो शायद इसका जबाब यही होगा कि हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला की तीर्थन घाटी। जहां की वादियां शान्त और प्रदूषण मुक्त हो, जहां पर नदी नाले ,झील झरने यहां के दृश्य को बेहद खूबसूरत बनाते हैं। बात चाहे धर्म की हो या धरम स्थली की, कुदरत के नजारों की हो या जैविक विविधिता के अनूपम खजाने की, वास्तव में तीर्थन घाटी का कोई सानी नहीं है।
छोटे से हिल स्टेशन गुशैणी की खूबसूरत सुबह
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आज अपने इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे तीर्थन घाटी में स्थित छोटे से हिल स्टेशन गुशैणी की खूबसूरत सुबह के बारे में जिसके लिए हम सुबह तकरीबन छह बजे उठ गए थे आधे घंटे में तैयार होकर हम तीर्थन नदी के किनारे निकल गए।
अभी महज कुछ कदम ही चले थे की सामने हमने तीर्थन नदी पर एक पुल देखा। पुल के दोनों ओर खूबसूरत पहाड़ और ठीक सामने से नदी बह रही थी। मॉर्निंग का यह नजारा इतना सुंदर था की बस इसके बारे में क्या कहें।
यूं तो कोई भी यात्रा देखा जाए तो मेंटली रिपेयरिंग का काम करती है, लेकिन कई बार हमे नेचर के ऐसे अद्भुत मंजर दिखाई देते हैं कि हमारा सारा व्यक्तित्व सजदे में झुक जाता है।
बस ऐसी ही सुबह थी ये।
वहां बहुत सारे टूरिस्ट सनराइज देखने नदी के किनारे पहुंचे हुए थे। रास्तों पर झूमते गाते और सुबह की ठंडी ठंडी हवाओं का लुत्फ उठाते हुए हम नदी किनारे पहुंचे। अप्रैल के महीने में भी तीर्थन वैली में लगभग जनवरी जैसी ठंड महसूस हो रही थी। नदी का पानी इतना ठंडा था कि उसे ठीक से छुआ भी नहीं जा रहा था। लेकिन इसमें कोई दो राय नही की यहां के खूबसूरत नज़ारे आपको रिचार्ज कर देंगे। (Tirthan Valley)
नदी, बड़े-बड़े पत्थर, दोनों ओर के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और सामने सूरज की सुनहरी किरणें मानो कह रही हों कि जन्नत यहीं हैं यहीं है। सुबह जल्दी उठने का हमारा यह डिसीजन हमारे तीर्थन वैली के सफर का मोस्ट ब्यूटीफुल पार्ट बना गया। हमने करीब एक घंटा बैठकर खिलती मुस्कुराती सुबह का आनंद लिया। उसके बाद हम फिर निकल पड़े गुशैणी गांव की और। थोड़ी दूर जाने पर हमें एक फिश कैंप दिखाई दिया जो कि हिमाचल गवर्नमेंट के दिशा निर्देशों के अनुसार चलाया जा रहा था और यहां मछली के बीज को तैयार किया जाता है, उसके बाद उन्हें बड़ा कर बेचा जाता है। इस सब के बाद तकरीबन 500 मीटर की दूरी पर एक पुराना राम मंदिर था। जब पहाड़ी के नीचे बने हुए राम मंदिर के दर्शन करने पहुंचे अंदर एक बूढ़ी अम्मा थी जो मंदिर की देख रेख करती थी। उन्होंने बताया कि वह पिछले 25 सालों से इस मंदिर में सेवा कर रही है। हमने उनसे काफी बातचीत की जिसमें उन्होंने मंदिर के कुछ पुराने किस्सो के बारे में बताया। मंदिर की बातचीत और प्रसाद लेने के बाद हम अपने होमस्टे की ओर निकल पड़े।
एथेनिक चीजों का स्टोर
रास्ते में हमें हिमाचल एथेनिक चीजों का स्टोर दिखाई दिया जहां हिमाचली टोपी, कपड़े, शॉल, क्रोकरी, फुटवियर, बुक और भी कई सारी चीजें मौजूद थी। आप अगर तीर्थन वैली घूमने जाए तो आप यहां से अपने घर वालों, अपने दोस्तों, कलीग्स के लिए यहां की परंपरागत चीजें ले जा सकते हैं। रास्ते में हमें वहां के कई लोकल लोग भी दिखाई दिए जो कि अपने अपने काम पर जा रहे थे। एक महिला थी जो खेत में मटर की छटाई कर रही थी हमने उनसे बातचीत की और हमें उनकी मटर इतनी स्वादिष्ट और मीठी लगी कि हमने घर के लिए भी अच्छी खासी मटर पैक करवा ली। होमस्टे पर जाकर सबसे पहले हमने सुबह की चाय इंजॉय की वास्तव में पहाड़ों के किनारे बालकनी में बैठकर चाय पीना बहुत ही वंडरफुल और पीसफुल लगता है।
छोई वाटरफॉल
गुशैणी से लगभग 2 किलोमीटर दूर छोई वाटरफॉल है जो कि तीर्थन वैली की एक बहुत ही जानी-पहचानी और प्रसिद्ध जगह है। तीर्थन वैली में आने वाले पर्यटक छोई वाटरफॉल जाकर प्रकृति की खूबसूरती का आनंद जरूर लेते हैं, अगर आप गुशैणी में किसी रेजॉर्ट या होम स्टे में ठहरे हुए हैं तो आप पैदल ही सड़क के साथ-साथ तीर्थन नदी और खूबसूरत वादियों का आनंद लेते हुए छोई वाटरफॉल तक पहुंच सकते हैं। Best places to visit in Tirthan Valley
कहाँ ठहरे
तीर्थन वैली में स्थित गुशैणी एक छोटा सा हिल स्टेशन है। गुशैणी में ठहरने के लिए वैसे तो कुछ अच्छे रिसॉर्ट्स भी हैं लेकिन अगर आप थोड़ी घर जैसी फीलिंग लेना चाहते हैं तो आप यहाँ होम स्टे में भी ठहर सकते हैं। यहाँ आपको अपने बजट में आसानी से ठहरने की जगह मिल जाएगी।आप अपने बजट के अनुसार यहाँ आसानी से ठहर सकते हैं। यहां पर ठहरने के लिए सरकारी विभागों के विश्राम गृह के इलावा कई कॉटेज, रिसोर्ट व कैम्प्स आदि मौजूद हैं। Best Places to visit in Tirthan Valley
कैसे पहुंचे तीर्थन वैली
तीर्थन वैली तक पर्यटक आसानी से दिल्ली, चंडीगड़, शिमला, मनाली, कुल्लू, भून्तर व औट की ओर से सड़क मार्ग द्वारा अपने निजी वाहनों, टैक्सी और बस के माध्यम से पहुँच सकते है। हवाई मार्ग द्वारा कुल्लू मनाली एयरपोर्ट भुन्तर तक तथा रेल मार्ग द्वारा अम्बाला तक सफर किया जा सकता है।
दिल्ली से तीर्थन वैली गुशैणी की दूरी लगभग पांच सौ किलोमीटर है।