लक्षद्वीप जाने का सबसे बेहतरीन समय (Best time to visit Lakshadweep)
लक्षद्वीप घूमने के लिए कितने समय की आवश्यकता होगी? (Time require to explore Lakshadweep)
क्या होगा बजट (Budget for Lakshadweep tour)
लक्षद्वीप में घूमने लायक जगह (Places to visit in Lakshadweep)
लक्षद्वीप कैसे पहुंचे? (How to reach Lakshadweep)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप जाने के साथ मालदीव बनाम लक्षद्वीप का विवाद सुर्खियों में आ गया। अब भारत के बड़े-बड़े सेलिब्रिटी से लेकर क्रिकेटर तक लक्षद्वीप जाने की बात कर रहे हैं और लक्षद्वीप एक बेतरीन टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनकर उभर रहा है। ऐसे में अगर आप भी लक्षद्वीप की यात्रा करना चाहते हैं तो यह ब्लॉग आपको आपके लिए बहुत ही मददगार साबित होगा। आज के फाइव कलर्स आफ ट्रैवल के इस ब्लॉग में हम बात करने वाले हैं लक्षद्वीप के कुछ फेमस द्वीपों के बारे में और इस ब्लॉग में हम यह भी बात करेंगे कि लक्षद्वीप कैसे पहुंचे? कहां ठहरें? और लक्षद्वीप के दौर में आपके लिए कितना तक का आएगा?
परमिट की होगी आवश्यकता (Permit will be required) :
भारत के कुछ संवेदनशील जगहों पर जाने के लिए गवर्नमेंट से परमिट लेने की आवश्यकता होती है। लक्षद्वीप भी उन्हीं जगहों में से एक है। यहां जाने के लिए आपको परमिट लेने की जरूरत होगी। लेकिन घबराने वाली बात नहीं है क्योंकि परमिट लेना इतना भी मुश्किल काम नहीं है। अगर आप परमिट लेना चाहते हैं तो आप सबसे पहले केरल के कोच्चि स्थित कार्यालय में जाकर परमिट के लिए अप्लाई कर सकते हैं और अपना पर बनवा सकते हैं। उसके बाद आप अपनी आगे की यात्रा जारी रख सकते हैं। इसके अलावा अगर आप इन सब पचड़ों में नहीं पड़ना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन बुकिंग भी कर सकते हैं। इसके लिए आपको लक्षद्वीप गवर्नमेंट के वेबसाइट पर जाकर एंट्री परमिट के लिए अप्लाई करना होगा। जिसका लिंक नीचे दिया गया है :-
http://epermit.utl.gov.in
लक्षद्वीप जाने का सबसे बेहतरीन समय (Best time to visit Lakshadweep) :
अगर बात करें कि लक्षद्वीप कब जाना चाहिए तो लक्षद्वीप का मौसम हमेशा हीं अच्छा होता है और घूमने लायक होता है लेकिन गर्मी के समय में इक्वेटर से नजदीक होने के कारण यहां ज्यादा गर्मी होती है। इसलिए आप अक्टूबर से मई तक के समय में यहां जाने की कोशिश करें। क्योंकि इस समय जहां उत्तर भारत में भीषण ठंड का प्रकोप होता है, वहां लक्षद्वीप में मौसम सुहाना और घूमने लायक होता है। इस वजह से आप यहां बहुत हीं अच्छे से अपना वोकेशन इंजॉय कर पाएंगे।
लक्षद्वीप घूमने के लिए कितने समय की आवश्यकता होगी? (Time require to explore Lakshadweep) :
अगर बात करें लक्षद्वीप घूमने के लिए आपको कितने दिनों के ट्रिप की बुकिंग करनी होगी तो हम आपको बता दे कि लक्षद्वीप घूमना बहुत ही आसान है। यह बहुत ही खूबसूरत और ईजी टू एक्सप्लोर जगह है। इस वजह से आप इसे 5 दिन में हीं बहुत ही आसानी से और बहुत ही बेहतरीन तरीके से घूम लेंगे। हां अगर आप ज्यादा दिनों तक समय लेकर यहाँ आना चाहते हैं तो यह एक अच्छा ऑप्शन है। क्योंकि शायद 5 दिन में यहाँ सब कुछ घूम लेने के बाद भी आपका मन यहाँ से जाने का नहीं करेगा। क्योंकि यह जगह है ही इतनी खूबसूरत कि लोगों को खुद से बांध लेती है।
क्या होगा बजट (Budget for Lakshadweep tour) :
अगर बात करें लक्ष्यदीप जाने के लिए आपको कितने बजट की आवश्यकता होगी तो यह डिपेंड करता है कि आप किस शहर से लक्षद्वीप जा रहे हैं। हालांकि लक्षद्वीप में ठहरने और घूमने फिरने का खर्च लगभग 40,000 से शुरू होकर 1,20,000 तक जा सकता है। यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप किस तरह की और कितनी प्रीमियम सेवाओं का उपयोग करते हैं।
लक्षद्वीप में घूमने लायक जगह (Places to visit in Lakshadweep) : लक्षद्वीप में घूमने के लिए बहुत सारी जगहें हैं अगर आप जानना चाहते हैं कि यहां घूमने के लिए कौन कौन से द्वीप हैं तो हम आपको बता दे यहां के सबसे खूबसूरत द्वीपों में अगात्ति, बंगाराम, कल्पनी, कदमत जैसे द्वीप फेमस हैं। इसके अतिरिक्त लक्षद्वीप की राजधानी कवारत्ती भी काफी खूबसूरत है। आप इसे भी एक्सप्लोर कर सकते हैं।
लक्षद्वीप कैसे पहुंचे (How to reach Lakshadweep?) अगर आप उत्तर भारत से हैं तो आपको लक्षद्वीप जाने के लिए अपने शहर से कोच्चि शहर के लिए ट्रेन अथवा फ्लाइट लेने की आवश्यकता होगी। क्योंकि लक्षद्वीप के लिए दिल्ली जैसे उत्तर भारतीय शहरों से डायरेक्ट फ्लाइट की व्यवस्था नहीं है। अगर आप फ्लाइट से लक्षद्वीप जाना चाहते हैं तो आप सबसे पहले केरल के कोच्चि इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए फ्लाइट लेकर कोच्चि पहुंच जाएँ। फिर वहां से अपना लक्षद्वीप जाने का परमिट बनवाकर अगात्ति हवाई अड्डा के लिए फ्लाइट ले सकते हैं। वहीं अगर आप ट्रेन के जरिए लक्षद्वीप जाना चाहते हैं तो आप कोच्चि के लिए ट्रेन ले सकते हैं। हालांकि कोच्चि शहर के बाद आप या तो फ्लाइट या फिर बोट के जरिए ही लक्षद्वीप जा पाएंगे।
अगर आप क्रूज के सफर का आनंद लेना चाहते हैं तो आपको मुंबई, गोवा, कोच्चि, बेपोर और मंगलौर जैसे शहरों से डायरेक्ट क्रूज कनेक्टिविटी मिल जाएगी और आप बड़े हीं आराम से लक्षद्वीप विजिट करने के लिए जा सकते हैं।
घूमने के शौकीन लोगों के लिए आईआरसीटीसी द्वारा आए दिन नए-नए पैकेज का ऐलान किया जाता रहता है। आज मैं आपको बताने जा रही हूं आईआरसीटीसी के ऐसे पैकेज के बारे में जिसके जरिए आप द्वारिका, गिर, राजकोट और सोमनाथ का दौरा करेंगे तो आईए जानते हैं, इस पैकेज के बारे में और भी गहराई से जानते हैं-
यह पैकेज चार दिनों और तीन रातों का होगा।
इसके तहत आप द्वारका, गिर, राजकोट और सोमनाथ का दौरा करेंगे।
इस पैकेज के शुरुआत की तारीख 16 नवंबर 2023 है।
इस पैकेज का नाम है ‘वाइब्रेंट सौराष्ट्र’।
इस यात्रा के पहले दिन आप मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से राजकोट एयरपोर्ट के लिए निकलेंगे।
टूर प्लानर (Tour planner)
पहला दिन (first day)
पहले दिन आप मुंबई एयरपोर्ट से राजकोट एयरपोर्ट के लिए निकलेंगे। राजकोट पहुंचकर फ्रेश होने के बाद आप गिर के लिए आगे बढ़ेंगे। गिर पहुंच कर आप होटल में चेक इन करेंगे। होटल में हीं आपको दोपहर का भोजन दिया जाएगा। आपको रात्रि भोजन तथा विश्राम गिर में हीं करना होगा।
दूसरा दिन (second day)
दूसरे दिन सुबह नाश्ते के बाद गिर के जंगल सफारी की तरफ बढ़ेंगे। घूमने के बाद वापस होटल आकर नाश्ता करेंगे। इसके बाद होटल से चेक आउट करके आप सोमनाथ की ओर बढ़ जाएंगे। दोपहर में सोमनाथ पहुंचकर आप दोपहर के भोजन के बाद आप सोमनाथ मंदिर के दर्शन करने के लिए निकल जाएंगे। मंदिर के दर्शन करके लौटने के बाद रात का खाना खाकर होटल में ही आपको आराम करना होगा।
तीसरा दिन (third day)
अगले दिन सुबह होटल से चेक आउट कर द्वारका के लिए निकल जाएं। द्वारका पहुंचकर होटल में चेक इन करें। दोपहर में भोजन के बाद द्वारका के द्वारकाधीश मंदिर, रुक्मिणी देवी मंदिर, गायत्री शक्तिपीठ आदि जगहों का दौरा करें। आप रात्रि विश्राम द्वारका में करेंगे।
चौथा दिन (fourth day)
इस यात्रा के अंतिम दिन आप सुबह जल्दी नाश्ता करेंगे। होटल से चेक आउट कर राजकोट की ओर बढ़ेंगे, राजकोट एयरपोर्ट पहुंचकर मुंबई के लिए अपने निर्धारित प्लेन से उड़ान भरेंगे। मुंबई पहुंचकर आपकी यात्रा समाप्त हो जाएगी।
इस पैकेज में क्या शामिल है(inclusions)
1. इस पैकेज में आपको जाते वक्त मुंबई से राजकोट और वापसी के समय राजकोट से मुंबई की हवाई टिकट मिलेगी।
2. आप सभी पर्यटन स्थलों के दर्शन एसी वाहन में करेंगे।
3. इस पैकेज में आपको रहने के लिए होटल की सुविधा दी जाएगी।
4. इस पैकेज के तहत आपको यात्रा बीमा भी मिलेगा।
5. इस पैकेज में सभी प्रकार के कर शामिल होंगे।
इस पैकेज में क्या शामिल नहीं है(exclusions)
1. आपको सभी दर्शनीय स्थलों के प्रवेश टिकट खुद ही खरीदने होंगे।
2. अगर आप किसी प्रकार की रूम सर्विस लेते हैं तो उसके लिए आपको अलग से पैसे देने होंगे।
3. ड्राइवरों, गाइडों, प्रतिनिधियों आदि को किसी प्रकार की टिप आपको खुद देना होगा।
4. अगर आप किसी प्रकार के व्यक्तिगत खर्च जैसे कपड़े धोने का खर्च, शराब, मिनरल वाटर, पेय पदार्थ आदि करते हैं तो उसके लिए आपको खुद पे करना होगा।
बजट (Budget)
आपको कंफर्ट क्लास में सिंगल ऑक्युपेंसी पर 34200 रुपए डबल ऑक्युपेंसी पर 29200 रुपए और ट्रिपल ऑक्युपेंसी पर 28400 रुपए देने होंगे। वही बच्चों के साथ आपको चाइल्ड विद बेड में 26400 रुपए और चाइल्ड विदाउट बेड में 26200 रुपए पे करने होंगे।
कहते हैं किसी हिल स्टेशन पर जाना तब तक वर्थ ईट नहीं होता है जब तक कि आप वहां जाकर ट्रैकिंग, कैंपिंग और बोनफायर का मजा ना ले। खासकर ट्रैवलिंग को पसंद करने वाले लोगों के लिए तो यह मस्ट नीडेड है। और ऐसा हो भी क्यों ना, यह सारे एक्टिविटीज ऐसे हैं जो आपके ट्रैवलिंग के एक्सपीरियंस को कई गुना बेहतर बना देते हैं। ट्रैवलिंग के दौरान की गई इन एक्टिविटीज की यादें जिंदगी भर कभी ना भूली जा सकने वाली यादों के रूप में आपके साथ रहती हैं। अगर आप भी ट्रैवलिंग के शौकीन हैं और अपने ट्रैवल ट्रिप पर ट्रैकिंग और कैंपिंग जैसी एक्टिविटीज करना चाहते हैं तो भीड़भाड़ और शोर-शराबे से दूर स्थित शहर ‘मालदेवता’ में आपका स्वागत है।
प्रकृति की गोद में चारो तरफ पहाड़ियों और हरियाली से सजा-धजा ‘मालदेवता’ आजकल टूरिस्ट्स के लिए फेवरेटडेस्टिनेशन (Favourite destination) बनता जा रहा है। वजह है इसकी खूबसूरती और यहाँ बहती नदी और झरनों का गीत संगीत। यहां पर्वतों से गिरने वाले छोटे-छोटे झरनों का संगीत विजिटर्स का ध्यान अपनी ओर खींच ही लेते हैं। यही वजह है कि बीते कुछ सालों में यह देहरादून का सबसे डिमांड वाला डेस्टिनेशन है।
मालदेवता में आप क्या-क्या कर सकते हैं? (Things to do in Maldevta)
मलदेवता ही क्यों? (Why Maldevta?)
मालदेवता आने का सबसे सही समय ( Best time to visit Maldevta)
कैसे पहुंचे? (How to reach Maldevta?)
मालदेवता में कहां ठहरे? (Where to stay in Maldevta)
मालदेवता में आप क्या-क्या कर सकते हैं? (Things to do in Maldevta)
यहां की खूबसूरत वादियों को देखकर आपका भी मन कैंपिंग करने को कहेगा, तो आपको टेंशन लेने की जरूरत नहीं। यहां आसानी से आपको रेंट पर कैंप मिल जाएंगे। लोग यहां रेस्टोरेंट में जाने से ज्यादा खुद चूल्हा बनाकर या पेट्रोमैक्स में खाना बनाना पसंद करते हैं। इसके अलावा आप यहाँ ट्रैकिंग कर सकते हैं , ट्रैकिंग के लिए अगर आप अकेले हैं और आपको रास्ता समझ न आ रहा हो तो आपको यहाँ गाइड (Tour guide) भी मिल जाएंगे जो आपके ट्रैकिंग (trekking) के इस शौक को पूरा करने में मदद करेंगे।
यहां आप कैंपिंग (Camping) कर सकते हैं। पिकनिक (Best Picnic spot) के लिए यह बेहतर आप्शन है। इसके अलावा ट्रैकिंग और पैराग्लाडिंग भी कर सकते हैं। यहां कई रेस्टोरेंट और होटल भी हैं। जहां बेहतरीन खाने के साथ कुछ दिन प्रकृति के बीच में रुक भी सकते हैं। वैसे अधिकतर यहाँ वीकेंड (weekend rush) पर ज्यादा भीड़ दिखाई देती है। क्योंकि वीकेंड पर यहाँ देहरादून के लोकल लोग भी पिकनिक मनाने आ जाते हैं। चाहे वह किसी भी ऐज ग्रुप के क्यों न हो।
मलदेवता ही क्यों? (Why Maldevta?)
मालदेवता एक ऐसा शहर है जहां प्रकृति की असीम कृपा बरसती है। यहां आपको नदी, झरने, पहाड़ और हरियाली प्रकृति के हर एक रूप के दर्शन करने को मिल जाएंगे। अगर आप नेचर को पसंद करते हैं तो आपको यहां आकर बिल्कुल भी रिग्रेट नहीं होगा।
इसके अलावा मालदेवता में आप हर तरह के एडवेंचरस एक्टिविटीज (adventure activities) कर सकते हैं। यहां आप अपने ट्रैकिंग, कैंपिंग और पैराग्लाइडिंग जैसे हर तरह के शौक को आसानी से पूरा कर सकते हैं।
मेन सिटी से दूर होने के कारण मालदेवता में काफी कम रश देखने को मिलता है। जिस वजह से आप यहां बिना किसी शोर-शराबे के हर मूवमेंट को इंजॉय कर सकते हैं।
अगर आप हनीमून (honeymoon location) के लिए एक सस्ता और बेहतरीन लोकेशन ढूंढ रहे हैं, तो भी मालदेवता आपके लिए सबसे परफेक्ट डेस्टिनेशन होगा।
मालदेवता का मौसम हमेशा हीं सदाबहार रहता है। आप यहां सर्दी और गर्मी दोनों ही मौसमों में बहुत ही अच्छे तरीके से अपने ट्रिप को इंजॉय करेंगे।
मालदेवता आने का सबसे सही समय ( Best time to visit Maldevta)
वैसे यहाँ आने का सबसे बेहतर समय सर्दियों का ही माना जाता है या फिर आप अगर नदी के एडवेंचर (Adventure) का मजा लेना चाहते हैं तो जुलाई अगस्त में भी आ सकते है उस समय यहाँ आपको चारो और हरियाली ही हरियाली (Greenery) दिखाई देगी।
कैसे पहुंचे? (How to reach Maldevta?) मालदेवता देहरादून से सिर्फ 17-18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां जाने के लिए आप देहरादून सिटी बस या फिर लोकल ट्रैवल (Local travel options) में ऑटो, स्मॉल कैब्स ले सकते हैं। अगर आप अपनी कार से यहाँ आते हैं तो इससे बेहतर तो क्या ही कुछ होगा। क्योंकि यहाँ का सफर ही यहाँ का पैसा वसूल है।
मालदेवता में कहां ठहरे? (Where to stay in Maldevta)
मालदेवता में ठहरने के लिए आपको हर तरह के होटल (Hotel) और होमस्टे (Home stay) मिल जाएंगे। आप अपने बजट (Accourding to your Budget) के हिसाब से यहां होटल या फिर होम स्टे ले सकते हैं। इसके अलावा आप माल देवता में कैंपिंग भी कर सकते हैं। यहां आपको आसानी से कैंपिंग टेंट रेंट (Camping tent is also avilable on rent) पर मिल जाएंगे।
खूबसूरत पहाड़ियों के पनाह में एक छोटा सा हिल स्टेशन बसा हुआ है, जिसे लोग कसौली के नाम से जानते हैं। अगर आप चंडीगढ़ से शिमला की ओर बढ़ेंगे तो आपको रास्ते में सबसे पहला हिल स्टेशन कसौली हीं मिलेगा। अब क्योंकि यह शहर पहाड़ियों के गोद में बसा हुआ है इसलिए इसकी खूबसूरती भी काफी मनमोहक है। यहीं वजह है कि हर साल यहां हजारों लोग अपनी गर्मी की छुट्टियां मनाने आते हैं और जमकर एंजॉय करते हैं। आज के इस ब्लॉग में हम आपको बताने जा रहे हैं कसौली के उन खूबसूरत ठिकानों के बारे में जहां जाए बिना कसौली के सफर को अधूरा माना जाता है। अगर आप कभी भी कसौली नहीं गए हैं तो आप यहां के लिए एक अच्छा सा वीकेंड का ट्रिप प्लान कर सकते हैं। क्योंकि कसौली दिल्ली और चंडीगढ़ से सबसे नजदीकी हिल स्टेशन है। अगर बात किया जाए कसौली के हिस्ट्री की तो अंग्रेजों ने यहां की प्राकृतिक खूबसूरती को देखते हुए इसे जगह को हिल स्टेशन के रूप में डेवलप किया था। आज के टाइम में यह सेना की छावनी के अधिकार का इलाका है।
इस जगह घूमने के लिए कई तरह के पॉपुलर डेस्टिनेशन हैं जिनके नाम निम्नांकित हैं :-
क्राइस्ट चर्च (Christ Church)
माल रोड (Mall road)
गिलबर्ट ट्रेल (Gilbert trail)
मंकी प्वाइंट ( Monkey point)
सनसेट पॉइंट (Sunset point)
क्राइस्ट चर्च (Christ Church)
यह चर्च 1844 में अंग्रेजों के द्वारा बनवाया गया था। कसौली विजिट (visit) करते समय आप सबसे पहले इस पॉइंट (point) को विजिट कर सकते हैं। क्योंकि यह कसौली के मेन पार्किंग एरिया से बहुत हीं नजदीकी स्थित है। अगर आप कसौली अपनी गाड़ी से जा रहे हैं तो गाड़ी पार्क करने के बाद आप इस जगह को विजिट करने जा सकते हैं। यह बहुत हीं शांत जगह है और यहां पर्यटकों की अच्छी खासी संख्या होने के बावजूद भी आपको एक अलग हीं शांति का एहसास होगा। इस चर्च के बारे में एक और खास बात यह है कि यह हिमाचल प्रदेश का सबसे पुराना चर्च है। इसमें लगाए गए शीशे (glass) खास तौर पर इंग्लैंड से मंगवाए गए थे। इस चर्च में विजिट करने की टाइमिंग (timings) सुबह 7:00 बजे से शाम के 7:00 बजे की है।
माल रोड पर आपको कई तरह के कपड़ों के दुकान देखने को मिलेंगे। वहां से आप हिमाचल प्रदेश के पारंपरिक कपड़ों को खरीद सकते हैं। साथ ही साथ गर्म कपड़े भी खरीद सकते हैं। इसके अलावा आप माल रोड पर अपने घर वालों या अपने पसंदीदा लोगों को गिफ्ट करने के लिए कई तरह के वुडन आइटम्स भी खरीद सकते हैं। अगर आपको भी बाजारों को इग्नोर करना अच्छा लगता है तो मॉल रोड आपके लिए एक बेहतरीन शॉपिंग डेस्टिनेशन हो सकता है। बहुत हीं अलग-अलग तरह के आइटम आपको यहाँ मिल जाएंगे। आपको माल रोड में शॉपिंग की बहुत अच्छी वैरायटी देखने को मिल जाएंगी। इसके अलावा माल रोड पर स्ट्रीट फूड के भी कई सारे आइटम्स मिलते हैं। आप भी इन लजीज स्ट्रीट फूड्स का लुफ्त उठाना ना भूलें।
गिल्बर्ट ट्रेल (Gilbert trail)
गिलबर्ट ट्रेल डेढ़ किलोमीटर तक का एक बहुत हीं पतला संकरा सा रास्ता है। जो लोगों को ले जाता है सुसाइडल पॉइंट की ओर! जहां से मिलने वाले व्यूज बहुत हीं अमेजिंग होते हैं। जिन्हें शब्दों में बयां कर पाना बहुत हीं मुश्किल है। गिलबर्ट ट्रेल के लिए जब आप चढ़ाई करना शुरू करेंगे तो आपको यह ध्यान रखना होगा कि रास्ता बहुत ही संकरा है और बहुत हीं रिस्की भी। इस बात का ध्यान रखें और आराम आराम से चढ़ाई करें। यह रास्ता जितना पतला संकरा और डिफिकल्ट दिखता है एक्चुअल में यह उतना हीं ज्यादा एडवेंचरस भी है। आप अपने साथ एक पानी का बोतल जरूर कैरी करें। क्योंकि आपको इसकी बहुत ज्यादा जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा जब आप गिलबर्ट ट्रेल की ओर बढ़ेंगे तो रास्ता बहुत आगे तक जाता है। ऐसे में आप भटके ना इसके लिए सुसाइडल पॉइंट तक जाने के लिए एक हमारी ओर से एक लैंडमार्क टिप है।
जब आप गिलबर्ट ट्रेल के लिए चढ़ाई शुरू करेंगे और करीब 1.5 किलोमीटर तक चलेंगे तो आपको रास्ते में एक हट दिखेगा। जिसके पीछे से आपको सुसाइडल पॉइंट के लिए रास्ता मिलेगा। सुसाइडल पॉइंट से आप कसौली को एक बहुत हीं अलग नजरिए से एक्सप्लोरर कर सकते हैं। यहां से सनसेट को देखना काफी खूबसूरत होता है। अगर आप नेचर को इंजॉय करना पसंद करते हैं तो यह पॉइंट आपको काफी पसंद आने वाला है। साथ हीं अगर आप फोटोग्राफ़ी भी पसंद करते हैं तो भी यह जगह आपके लिए बहुत हीं बेहतरीन जगह होने वाला है।
मंकी प्वाइंट (Monkey point)
मंकी प्वाइंट कसौली की सबसे ऊंची पहाड़ी है। जहाँ हनुमान जी का एक मंदिर भी है। इस मंदिर से जुड़ी एक कहानी यह भी है कि जब हनुमान जी संजीवनी लेकर जा रहे थे तब उनका एक कदम इस पहाड़ी पर भी पड़ा था। जहां पर आज के समय में यह मंदिर है। इस मंदिर में आपको बहुत सारे बंदर देखने को मिलेंगे। यहां आने वाले पर्यटकों में इस मंदिर को लेकर काफी क्रेज देखने को मिलता है। माल रोड से मंकी पॉइंट की दूरी लगभग 3.5 किलोमीटर के आसपास है। अगर आप मंकी पॉइंट जाना चाहते हैं तो आप चलते हुए भी जा सकते हैं। मंकी प्वाइंट के लिए टैक्सी की सुविधा भी उपलब्ध है। यहां विजिट करने की टाइमिंग सुबह 9:00 बजे से शाम के 5:00 बजे तक की है।
सनसेट पॉइंट (Sunset point)
जैसा कि नाम से हीं पता चल रहा है यह कसौली का सबसे बेस्ट सनसेट पॉइंट है। यहां से आपको शाम के सबसे खूबसूरत नज़ारें देखने को मिलेंगे। जिसका एक्सपीरियंस आपकी लाइफ में अनफॉरगेटेबल हो सकता है। यहां पर बैठने के लिए जगहें भी बनाई गईं हैं। आप अपनों के साथ आराम से यहां बैठकर सनसेट को एंजॉय कर सकते हैं। यहां बैठकर जब आप सन सेट को देखोगे तो वह आपको बहुत हीं मैजिकल लगेगा और बहुत ही अच्छा एक्सपीरियंस होगा। अगर आपके पास समय की कमी हो और आपको गिलबर्ट ट्रेल और सनसेट पॉइंट को एक हीं दिन में विजिट करना हो तो आप पहले गिलबर्ट ट्रेल को विजिट कर सकते हैं उसके बाद सनसेट पॉइंट का रुख कर सकते हैं। गिलबर्ट ट्रेल को विजिट करने के बाद सनसेट से लगभग 1 घंटे पहले आप इस पॉइंट पर पहुंच जाना। तब आप यहां बहुत हीं आराम से सनसेट को इंजॉय कर पाएंगे।
कसौली जाने का सबसे सही समय (Best time to visit kasauli)
वैसे तो कसौली आप कभी भी विजिट कर सकते हैं, लेकिन यहां पर जाने का सबसे सही समय अप्रैल से जून के बीच और सितंबर से नवंबर के बीच का होता है। क्योंकि इस समय यहां का टेंपरेचर भी खुशनुमा होता है। आप बहुत हीं आराम से यहां के विजिटिंग प्लेसेस को एक्सप्लोरर कर सकते हैं। इसके साथ हीं इस समय आपको यहां बहुत ज्यादा ग्रीनरी देखने को मिलेगी। जिसके कारण यहां की खूबसूरती और ज्यादा बढ़ जाती है और आप बहुत हीं अच्छे तरीके से यहां एंजॉय कर पाओगे। अगर आप स्नोफॉल देखना चाहते हैं तो कसौली में नॉर्मली स्नोफॉल नहीं होता है। मॉनसून में कसौली आना आपके लिए थोड़ा रिक्की हो सकता है। क्योंकि यहां लैंड स्लाइड्स के चांसेस बहुत ज्यादा होते हैं।
कहां ठहरे? (Where to stay in kasauli?)
अगर बात करें कसौली में ठहरने की तो यहां रुकने के लिए तीन ऑप्शन होते हैं। पहला माल रोड के आसपास होटल बुक करवाना, दूसरा ऑप्शन होता है कसौली चौक के आसपास होटल बुक करवाना और तीसरा ऑप्शन होता है कसौली के गांवों में विला में रूम बुक करवाना।
अगर आप माल रोड के पास होटल रूम लेते हैं तो यहां पर होटल रूम की प्राइस ₹1500 से स्टार्ट हो जाती है। हालांकि होटल रूम्स के प्राइस सीजन पर भी डिपेंड करते हैं। इसलिए आपको ऑफ सीजन में थोड़ी सी छूट देखने को मिल जाएगी। लेकिन माल रोड के पास होटल लेने का एक नुकसान यह होता है कि यहां के होटल रूम्स के बालकनी से आपको बहुत ज्यादा खूबसूरत व्यूज़ देखने को नहीं मिलेंगे। वहीं अगर आप कसौली चौक के पास रूम लेते हैं तो यहां से आपको बहुत हीं खूबसूरत व्यूज़ देखने को मिलेंगे। यहां पर होटल रूम्स के प्राइस ₹1200 से हीं शुरू हो जाते हैं। लेकिन यहां भी होटल रूम्स का प्राइस सीजन के हिसाब से घटता बढ़ता रहता है।
जब भी कश्मीर का जिक्र होता है तो खूबसूरत वादियों और बर्फ से ढ़की पहाड़ियों की कल्पनाएँ दिल में हलचल मचाने लगती हैं। चाहे बच्चे हो या जवान कश्मीर के पहाड़ों में खो जाने की ख्वाहिश सभी को होती है। शायद ही कोई घुमक्कड़ ऐसा होगा जो कश्मीर नहीं जाना चाहता होगा। कश्मीर की प्राकृतिक खुबसुरती इसे भारत का स्वर्ग बनाती है। जिस स्वर्ग को देखने के लिए यहां दुनिया भर से लाखों लोग घूमने आते हैं। हम आपको इस ब्लॉग में कश्मीर के कुछ बेहद खूबसूरत जगहों के बारे में बताएंगे। अगर आप भी कश्मीर जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो कश्मीर की इन जगहों पर जरूर जाएं।
वैष्णो देवी मंदिर (vaishno devi mandir)
ट्यूलिप गार्डन (Tulip Garden)
अमरनाथ की गुफा (Amarnath temple)
सोनमर्ग (sonamarg)
पहलगाम (Pahalgam)
गुलमर्ग (Gulmarg)
डल झील (Dal lake)
1. वैष्णो देवी मंदिर (vaishno devi mandir) :
त्रिकुटा पहाड़ियों में कटरा से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थिति यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 5300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। माता वैष्णो देवी मंदिर कश्मीर हीं नहीं बल्कि पूरे भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। जहां हर साल लाखों भक्त पूजा अर्चना करने और अपनी मनोकामना मांगने आते हैं। बर्फीली पहाड़ियों में बसा हुआ यह मंदिर काफी शांत और सुंदर है। जहां जाकर आपको अलग हीं तरह की पॉजिटिव एनर्जी और मन की शांति का एहसास होगा। आध्यात्मिक लोगों के लिए यह मंदिर किसी स्वर्ग से कम नहीं है। वैष्णो देवी मंदिर तक पहुंचने के लिए तीर्थ यात्रियों को लगभग 13 किलोमीटर तक पैदल चलकर ट्रैकिंग करते हुए मंदिर की गुफाओं तक पहुंचना होता है। मां वैष्णो देवी का यह मंदिर भारत के 108 शक्तिपीठों में से एक है।
वैष्णो देवी मंदिर जाने का सबसे सही समय (Best time to visit Vaishno Devi Mandir) :
वैष्णो देवी मंदिर पूरे साल श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है। इसीलिए वहां कभी भी जाया जा सकता है, लेकिन मार्च से मई और सितंबर से नवंबर तक का समय यहां आने के लिए सबसे बेस्ट माना जाता है। इस समय अवधि में यहां श्रद्धालुओं की भी बहुत ज्यादा भीड़ होती है। क्योंकि इस समय में यहां का मौसम बहुत हीं बेहतरीन होता है। जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
2. ट्यूलिप गार्डन (Tulip Garden) :
जैसा कि आप जानते होंगे कि कश्मीर का ट्यूलिप गार्डन एशिया के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन के रूप में जाना जाता है। यहां की खूबसूरती देखने के लिए हर साल दूर-दूर से देशी और विदेशी पर्यटक घूमने आते हैं। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि बेशक ये ट्यूलिप सिर्फ 4-5 दिन के लिए खिलते हैं, लेकिन इस बाग़ में काम करने वाले स्टाफ को यह ध्यान रखना पड़ता है कि ट्यूलिप के बल्ब की क्वालिटी हर साल अच्छी हो। इसके लिए वह साल भर कड़ी मेहनत करते हैं |
2007 में इस गार्डन को इस उद्देश्य के साथ शुरू किया गया था कि इससे कश्मीर वैली में फूलों की खेती और पर्यटन को बढ़ावा मिले। इस गार्डन को ढलान वाले क्षेत्र में सीढ़ीदार तरीके से बनाया गया है। यह इंदिरा गाँधी ट्यूलिप गार्डन 30 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है।
टयूलिप गार्डन जाने का सबसे बेस्ट समय (Best time to visit Tulip garden) :
ट्यूलिप हर साल मार्च से मई के महीने के बीच में खिलते हैं। इनके खिलने की समय अवधि फिक्स नहीं होती है। क्योंकि यह मौसम के अनुरूप हीं खेलते हैं। एक अनुमान के तौर पर कहा जाए तो यह लगभग 1 से 2 सप्ताह के लिए खिलते हैं। इसीलिए ट्यूलिप गार्डन के खुलने की अवधि भी हर साल फिक्स नहीं होती है। अगर आप टयूलिप गार्डन घूमना चाहते हैं तो आपको मार्च से मई तक के समय के लिए प्लानिंग करके रखनी होगी।
3. अमरनाथ की गुफा (Amarnath temple) :
भारत के सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक अमरनाथ की गुफा हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक बहुत हीं प्रमुख साधना स्थल है। भगवान शिव में आस्था रखने वाले लोगों के लिए अमरनाथ की गुफा सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है। अमरनाथ के गुफा में प्राकृतिक रूप से बने हुए बर्फ के शिवलिंग की पूजा की जाती है। यहां हर साल लाखों पर्यटक घूमने के लिए जाते हैं। अमरनाथ की गुफा तक के लिए यात्रा को लोग अमरनाथ यात्रा के नाम से जानते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मई जून की गर्मी में भी अमरनाथ के गुफा में यह शिवलिंग बिल्कुल भी नहीं पिघलता है और ज्यों का त्यों ही बना रहता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार यह वहीं गुफा है, जहां महादेव ने माता पार्वती को जीवन और मृत्यु के सत्य के बारे में बताया था।
अमरनाथ जाने का सबसे सही समय (Best time to visit Amarnath temple):
अमरनाथ की गुफा के लिए यात्रा करने का सबसे सही समय मई से अगस्त तक का होता है। सर्दियों में अमरनाथ का मौसम बहुत हीं अधिक कठोर हो जाता है और उस समय यहां बहुत ज्यादा सर्दी होती है। इसीलिए सर्दियों में अमरनाथ यात्रा का प्लान बनाने से बचें।
4. सोनमर्ग (sonamarg) :
कश्मीर की वादियों में स्थित सोनमर्ग एक काफी खूबसूरत शहर है। बर्फ से भरे मैदानों, ग्लेशियरों और शांत झीलों वाला यह शहर हमेशा से हीं पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र रहा है। यहां का माहौल बहुत ही खूबसूरत और शांत है। सोनमर्ग श्रीनगर से लगभग 80 किलोमीटर दूर बसा हुआ शहर है। जो कि समुद्र तल से लगभग 2800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। प्राकृतिक सुंदरता, लुभावने ग्लेशियरों और जीवंत झीलों से भरा या शहर कश्मीर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। जो अपने खुबसुरती से हर साल हजारों भारतीय एवं विदेशी पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है।
सोनमार्ग जाने का सबसे सही समय (Best time तो visit sonamarg) सोनमर्ग जाने के लिए सबसे सही समय अप्रैल से सितंबर के बीच का होता है। क्योंकि इस समय भारत के दूसरे राज्य में प्रचंड गर्मी पड़ रही होती है। ऐसे में सोनमर्ग का खुशनुमा मौसम आपको इस भयानक गर्मी से छुटकारा दिला सकता है।
5. पहलगाम (Pahalgam):
अगर आप भी केसर के नीले खेतों को देखना चाहते हैं तो पहलगाम इसके लिए सबसे बेस्ट ऑप्शन माना जाता है। पहलगाम अपने केसर के खेतों के लिए काफी प्रसिद्ध है। यहां के केसर के नीले बागान और पहाड़ों पर उगे हुए ऊंचे ऊंचे पेड़ किसी भी पर्यटक का मन मोह लेने में सक्षम हैं। पहलगाम में स्थित बेताब घाटी, अरु घाटी और शेषनाग देखने लायक जगह है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमरनाथ के पवित्र घाटी के लिए यात्रा पहलगाम से ही शुरू होती है।
पहलगाम जाने का सबसे सही समय (Best time to visit Pahalgam) :
अगर आप भी पहलगाम आकर यहां की खूबसूरती को महसूस करना चाहते हैं तो आप साल भर यहां आ सकते हैं। अगर आप बर्फ़ की बारिश देखना चाहते हैं तो पहलगाम आने का सबसे सही समय दिसंबर से जनवरी है। वहीं अगर आप खिली धूप और सुहाने मौसम का आनंद लेना चाहते हैं तो अप्रैल से जून तक का समय आपके लिए सबसे सही होगा। वैसे अप्रैल से जून तक के समय में पहलगाम में काफी भीड़ हो जाती है। क्योंकि इस समय बच्चों के स्कूल की गर्मी छुट्टी होती है और भारत के अन्य राज्यों से यहां भारी मात्रा में पर्यटक घूमने आते हैं।
6. गुलमर्ग (Gulmarg) : जम्मू कश्मीर राज्य का गुलमर्ग शहर चारों ओर से बर्फीली पहाड़ियों, जंगलों और ऊंचे पहाड़ों से घिरा हुआ है। यह शहर समुद्र तल से लगभग 2800 मीटर ऊपर है। अगर आपको दूर दूर तक फैली बर्फ की पहाड़ियां पसंद है तो आप गुलमर्ग का रुख कर सकते हैं। यह शहर इतना खूबसूरत है कि यहाँ बॉलीवुड के कई फिल्मों के सीन की शूटिंग भी हो चुकी है।
यहां आप अपने इंटरटेनमेंट के लिए कई तरह के एडवेंचर एक्टिविटीज कर सकते हैं। यहां ट्रैकिंग, माउंटेन बाइकिंग, और स्कीइंग के मजे ले सकते हैं। हर साल सर्दियों में यहां पर्यटकों की बहुत ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है। क्योंकि लोग इस समय बर्फबारी को देखने के लिए इस शहर का रुख करते हैं। इसके अलावा कपल्स को भी यह जगह काफी ज्यादा पसंद आता है। यहां की हसीन वादियां और शांत सा माहौल पर्यटकों को काफी पसंद आता है। गुलमर्ग में एशिया की सबसे ऊंची केवल कार का भी मज़ा लिया जा सकता है। अगर आप भी एडवेंचर पसंद करते हैं तो आप भी इस राइड का मजा एक बार जरूरी ले। यकीनन यह आपको बहुत पसंद आएगा
गुलमर्ग आने का सबसे बेस्ट समय (Best time to visit Gulmarg) : अगर आप भी बर्फ की बरसात देखना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कड़ाके की ठंड के तुरंत बाद जनवरी से फरवरी बीच में इस शहर का रुख करना चाहिए। यहां घूमने के लिए विजिटर्स को यह समय काफी पसंद आता है।
7. डल झील (Dal lake) :
कहते हैं अगर धरती पर स्वर्ग देखना हो तो कश्मीर चले जाओ। और कहा भी क्यों ना जाए? यह जगह बेहद खूबसूरत है कि यहां आने वाले लोगों की कलियों में यह कभी भूला ना जा सके वाले एक मिठाई याद के तौर पर बस जाती है। कई बार तो लोगों का यहां से जाना बिल्कुल भी मन नहीं होता है। क्योंकि साधारण सी बात है, दूर-दूर से बर्फ की सफेद चाँदी, ऊँची-ऊँची पहाड़ियाँ, केसर के बाग और केसर के धागों पर सुबह के सूरज की पहली किरण! ये सब खूबसूरत बेहतरीन नज़ारे होते हैं कि, आप अपना कैमरा निकाल कर करीब-करीब कैद करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। कश्मीर की खूबसूरती का सबसे बेहतरीन उदाहरण है डल लेक। यह लेक अपने शिकारों के लिए काफी फेमस है। जब रंग-बिरंगे सजे हुए शिकारे डल झील में उतरते हैं तो इसे दूर से देखना भी उतना ही खूबसूरत नजारा होता है, जितना कि उन शिकारों में बैठकर आसपास के नजारों को देखने का होता है।
डल झील को श्रीनगर का गहना माना जाता है। क्योंकि डल झील ना सिर्फ कश्मीर की खूबसूरती को बढ़ाता है, बल्कि यह वहां टूरिज्म को भी बढ़ाता है। खासकर शिकारा महोत्सव तो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने में कोई कसर नहीं छोड़ता है। अगर सीधे तौर पर कहा जाए तो यह महोत्सव कश्मीरी कला और संस्कृति को दुनिया से दुनिया को रूबरू करवाता है। डल झील के आसपास मुगल काल में बनाए गए बगीचे भी हैं। जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करते हैं। अगर आप डल झील का बेस्ट नजारा लेना चाहते हैं तो शालीमार गार्डन और निशत गार्डन से आपको डल झील का बेहतरीन नजारा देखने को मिलेगा।
डल झील आने का सबसे सही समय (Best time to visit Dal lake) :
यूँ तो पर्यटक पूरे साल ही डल लेक में शिकारों के राइड का आनंद ले सकते हैं, लेकिन यहां जाने का सबसे बेहतरीन समय नवंबर से मई तक का होता है। क्योंकि इस समय यहां का मौसम काफी ठंडा और सुहावना होता है। इस समय आप शिकारों में बैठकर बड़े ही आरामदायक तरीके से पूरे लेक की सैर पाएंगे। इसीलिए यह समय पर्यटकों को काफी पसंद आता है। इस समय यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ एक बहुत खूबसूरत शहर है। ये भारत के केंद्र शासित प्रदेशों में से भी एक है। चंडीगढ़ सिटी को बेहद खूबसूरती के साथ बसाया गया है जो अपनी कला और संस्कृति (art and culture) के लिए जाना जाता है। दोस्तों हम लोगों में अक्सर ये इच्छा रहती है कि सभी जगह के कल्चर को अच्छे से जाने, इसलिए अगर आप भी छुट्टियों के लिए हिमाचल प्रदेश की ओर जाने वाले हैं तो आप पंजाब और हरियाणा के कल्चर को ठीक से समझने के लिए चंडीगढ़ भी जरूर आए।
हेरिटेज (Heritage) को अच्छे से समझने वालो के लिए और बाकी सबके लिए भी चंडीगढ़ एक बेस्ट डेस्टिनेशन (Best Destination) है क्योंकि यहां आपको हर दूसरे कदम पर कलाओं का भंडार (art store) मिलेगा। चंडीगढ़ अपने कई खूबसूरत पार्कों और बगीचों की वजह से ‘गार्डन सिटी’ (Garden City) के नाम से फेमस है। ये पार्क और बगीचे भी चंडीगढ़ में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक हैं। चंडीगढ़ में ऐसे कई टूरिस्ट प्लेस हैं जहां आप न जाकर बड़ी गलती कर सकते हैं।
1. जाकिर हुसैन रोज़ गार्डन (Zakir Hussain Rose Garden)-
गुलाबों से भरा यह खूबसूरत और खुशबूदार गार्डन (Nice and Smelling garden) काफी बड़ा है जो की भारत के पूर्व राष्ट्रपति ज़ाकिर हुसैन को डेडिकेटिड (Dedicated) है। ज़ाकिर हुसैन गार्डन में अमेजिंग आर्किटेक्चर (Amazing Architecture) है जो फूलों की खूबसूरती को और भी ज्यादा बढ़ाती है।
इस गार्डन सबसे की स्पेशल बात ये है कि यहां 1500 से भी ज्यादा वैरायटी (Variety) के गुलाब लगाए गए हैं । पूरे इंडिया से गुलाब कलेक्ट (Collect) करके यहां लगाए गए हैं। अगर आप अपने हनीमून (Honeymoon) पर हैं और अपने हिमाचल हनीमून पैकेज (Himachal honeymoon package) पर चंडीगढ़ में रुक रहे हैं, तो इस गार्डन का विजिट (Visit) करना एक बढ़िया ऑप्शन (Option) है। कपल्स (Couples) अक्सर ऐसी जगह की तलाश में रहते हैं जहां वो एक दूसरे के साथ कुछ क्वालिटी टाइम स्पेंड (Qualitiy time spend) कर पाएं तो जाकिर हुसैन गार्डन आपकी इस इच्छा को पूरा करने के लिए एक दम सही जगह है। जहां आप फूलों के बीच एक दूसरे से तसल्ली से समय बिता पायेंगे। यहां आने का सबसे अच्छा समय फरवरी और मार्च रहेगा। तो आप भी इस जगह को अपनी डेस्टिनेशन लिस्ट (Destination list) में शामिल कर लें।
2. इस्कॉन मंदिर (Iskcon temple)-
पूरे भारत में कृष्ण भगवान की पूजा करने वाले लोगो की संख्या हमारे इमेजिनेशन (Imazination) से भी कई ज्यादा है। और आजकल हम सब ने रील्स (Reels), पोस्ट (Post) और न्यूज (News) में भी इस्कॉन मंदिर का नाम तो सुना ही होगा जो कि काफी कम समय में काफी ज्यादा पॉपुलर (Popular) हो चुका है। इस्कॉन मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित एक बहुत लोकप्रिय मंदिर है। भारत भर में कई इस्कॉन मंदिर फैले हुए हैं और ये सभी मंदिर कृष्ण मंदिर हैं। हिंदू कैलेंडर (Hindu calender) में कुछ त्यौहार (Festivals) के दिनों में, इस्कॉन मंदिर में काफी ग्रैंड इवेंट्स (Grand events) होते हैं और कृष्ण भजन से पूरा माहौल भक्ति भरा होता है।
इस्कॉन मंदिर भारत आने वाले इंटरनेशनल ट्रैवलर्स (International travelers) के बीच एक बहुत फेमस डेस्टिनेशन (Famous destination) है। ये मंदिर चंडीगढ़ के फेमस प्लेसिस (Famous Places) में से एक माना जाता है।
किसी भी दिन, आप इस मंदिर में भक्तों की भीड़ को देख सकते हैं । परिवारों को मंदिर घुमाने और पिकनिक (Picnic) मनाने के लिए लोग अक्सर यहां समय निकालकर आते है। अक्टूबर से अप्रैल का मंथ (Month) इस जगह को विजिट करने के लिए एक दम परफेक्ट रहेगा।
3. सेक्टर 17 मार्केट (Sector 17 Market)-
चंडीगढ़ का 17 सेक्टर चंडीगढ़ शहर का सबसे ज्यादा बिजी एरिया (Busy area) माना जाता है। शॉपिंग और खाने पीने के लिए ये जगह सबसे बढ़िया है। इस जगह पर टीनएजर्स (teenagers) काफी ज्यादा आते है खासकर वो लोग, जो कपल्स है।
ये जगह दिल्ली के चांदनी चौक से कम बिल्कुल नही है। यहां भी आप हैंड क्राफ्ट (Hand craft), और कई ऐसे मीमेंटो (Memento) मिल जाएंगे जिसे देख कर आपके गेस्ट (Guest) आपसे जरूर पूछ बैठेंगे की कहाँ से लिया ये आपने? अगर आप अपनी बीवी बच्चो के साथ घूमने निकले है तो इस जगह पर जरूर आए, आफ्टरऑल वूमेन लव्स शॉपिंग (after all women’s love shopping)।
4. सुखना लेक (Sukhna lake)-
चंडीगढ़ का ये फेमस लेक काफी बड़े एरिया (Big area) में है और यह एक ऐसी जगह है जहाँ कई माइग्रेटरी बर्ड्स आते हैं। कुछ फेमस बर्ड्स (Famous Birds) जो यहां देखे जा सकते हैं वो हैं क्रेन (Crane) और साइबेरियन बत्तख (Siberian Duck)। अगर आप बर्ड्स (birds) के शौकीन हैं या फोटोग्राफर (Photographer) हैं तो ये जगह घूमने के लिए काफी शानदार है।
सुखना लेक उन रोमांटिक जोड़ों (Romantic couples) के लिए एक दम सही है जो यहां पीस (peace) के लिए आते हैं। अगर आप हिमाचल जाने के लिए चंडीगढ़ से गुजर रहे हैं तो आप अपने ट्रेवलिंग प्रोग्राम (Traveling program) में सुखना लेक को ऐड (Add) करने के लिए अपने किसी भी हिमाचल हनीमून पैकेज को आसानी से बुक कर सकते हैं।
वैसे तो ये जगह कपल्स के लिए है लेकिन आप यहां अपने फ्रेंड्स ग्रुप (Friends Group) या अपने फैमिली (Family) के साथ या फिर अकेले भी आ सकते हैं। यहां आप कई सारी फन एक्टिविटीज (Fun Activities) को एंजॉय (Enjoy) कर सकते है जैसे कि, वाटर स्कीइंग (Water Skiing), फिशिंग (Fishing) और बोटिंग (Boating) हैं। ये चंडीगढ़ के मोस्ट फेमस प्लेस (Most famous place) में से एक है।
5. हॉप्स एन ग्रेन्स (Hops n Grains)-
जो चीज़ चंडीगढ़ को एक ग्रेट सिटी (Great city) बनाती है वो है इसकी नाइटलाइफ़ (Nightlife)। फ्रेंड सर्कल या पार्टनर (Friend circle or partner) के साथ ट्रैवल (Travel) कर रहे एक एडल्ट (Adult) होने के नाते, आप हॉप एन ग्रेन्स को शाम या देर रात बिताने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक पाएंगे। यह सिटी का बेस्ट रेस्टोरेंट है जहाँ आपको डिलीशियस फूड (Delicious Food) और अमेजिंग ड्रिंक्स एंजॉय (Enjoy amazing drinks) करने को मिलेंगी। चिंता मत कीजिए यह फैमिली के लिए स्पेशल प्लेस है जहां गुड अमाउंट (Good amount) पर टेस्टी फूड (Taty food) का टेस्ट (Taste) ले सकते हैं।
6. रॉक गार्डन (Rock garden)-
चंडीगढ़ के इस पॉपुलर (Popular) रॉक गार्डन की स्टार्टिंग (Strarting) 1957 में हुई थी और तब से ये चंडीगढ़ के बेस्ट टूरिस्ट प्लेसेस (Best tourist places) में टॉप (Top) पे है। रॉक गार्डन की सबसे यूनिक क्वालिटी (Unique quality) ये है कि, यहां 5000 से ज्यादा आर्ट पीसेस की कार्व्ड स्क्वॉट (Carved Squat Of Art Pieces) है जो कि काफी अट्रैक्टिव (Attractive) है।
कला प्रतिष्ठान (Art installation) और मूर्तियां (idols) कई चीज़ों से बनाई जाती हैं जैसे इंडस्ट्रियल वेस्ट (Industrial waste), टूटे हुए कांच (Broken glass), चट्टानें (Rocks) और कई पौधे (Many plants)। रॉक गार्डन के 3 एरिया में आर्ट आर्काइव सेटअप (art archive setup) हैं।
रॉक गार्डन चंडीगढ़ के सबसे अट्रैक्टिव टूरिस्ट प्लेस में से एक है। भले ही आप आर्ट और फैन ऑफ़ स्कल्पचर (fan of sculpture) नहीं हैं, फिर भी आपको कुछ ऐसा मिल जाएगा जो आपका ध्यान खींच लेगा। अगर आप अपने फैमिली के साथ बाहर एक दिन बिताना चाहते हैं, तो रॉक गार्डन एक बेहतरीन जगह है।
7. इंटरनेशनल डॉल म्यूजियम (International Doll Museum)-
इंटरनेशनल डाल म्यूजियम एक शानदार जगह है जो आपको एक अनफॉरगेटेबल एक्सपीरिएंस देगी। ये म्यूजियम दुनिया भर की पइंस्पिरेशन से बनी डॉल से बना है। परियों की कहानियों (Stories of Fairies) और कहानियों के कैरेक्टर्स (Character) से लेकर दुनिया भर की ट्रेडिशनल डॉल (Traditional Doll) तक, म्यूजियम आर्ट (Art) की इन अमेजिंग क्रिएशन (Amazing creation) से भरा हुआ है।
अगर आप बच्चों के साथ ट्रैवल कर रहे हैं तो चंडीगढ़ का सबसे अट्रैक्टिव टूरिस्ट प्लेस (Attractive Tourist Place of Chandigarh) इंटरनेशनल डॉल्स म्यूजियम होगा। यह अपने परिवार के साथ दिन बिताने का भी एक शानदार तरीका है। आप यहां मिड ऑफ अक्टूबर (Mid of october) में आ सकते हैं। इंडियन कल्चर को अच्छे से जानने और एक्सप्लोर (Explore) करने के लिए आप जब भी चंडीगढ़ आए तो ऊपर बताई गई जगहों पर जरूर जाएं।
गंगा के किनारे बसे बनारस शहर में जाने की ख्वाहिश सभी को होती है। वैसे तो यह शहर ज्यादा आधुनिक नहीं है, फिर भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। हर आयु के लोग यहां घूमने आना चाहते हैं। इस शहर की गंगा आरती की खूबसूरती देश ही नहीं बल्कि दुनिया के कोने-कोने से लोगों को अपनी ओर खींच लाती है।
अगर आप भी बनारस (banaras) जाना चाहते हैं तो आपके लिए एक खुशखबरी है। यह सफर आपके लिए और भी आसान होने वाला है। अगर आप भी इस सफर को बजट (Budget) में पूरा करना चाहते हैं तो आईआरसीटीसी (IRCTC) का यह पैकेज आपके लिए ही है। आईआरसीटीसी के इस पैकेज का नाम वाराणसी एक्स जोधपुर जयपुर (VARANASI EX JODHPUR JAIPUR) है। आइए इस पैकेज के बारे में डिटेल (Detail) में जानते हैं।
आईआरसीटीसी का यह पैकेज 4 दिन और 3 रातों का है और यह पैकेज 10 जुलाई 2023 के लिए है।
पहले दिन ट्रेन जयपुर (Jaipur) से जोधपुर (Jodhpur) होते हुए वाराणसी (Varanasi) के लिए निकलेगी और दूसरे दिन सुबह लगभग 10:00 बजे वाराणसी पहुंचेगी। इसके बाद आप होटल में चेक इन (Check In) करेंगे और ब्रेकफास्ट (Breakfast) करने के बाद आप यहां के मंदिरों की सैर के लिए निकल सकते हैं। इन मंदिरों की सूची में आप काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple), काल भैरव मंदिर (Kal Bhairav Temple), अनुपमा टेंपल (Anupama Temple) और भारत माता मंदिर (Bharat Mata Temple) की सैर करते हुए शाम के समय गंगा आरती (Ganga aarti) देखने के लिए जाएंगे। फिर आपको रात में वाराणसी के उसी होटल में रुकना होगा। अगले दिन आप होटल में ब्रेकफास्ट करके फिर से रेलवे स्टेशन (Railway station) पहुंच जाएंगे। जहां से फिर आपको जयपुर के लिए ट्रेन (train) लेनी होगी। जो कि चौथे दिन आपको जोधपुर (Jodhpur) पहुंचा देगी।
किस तरह की सुविधाएं दी जाएंगी?
इस पैकेज में आपको ट्रेन का रिजर्वेशन (Reservation) मिलेगा जोकि डीलक्स पैकेज (Deluxe Package) में थर्ड एसी क्लास (Third AC Class) का होगा वही स्टैंडर्ड पैकेज (Standard Package) में स्लीपर क्लास (Sleeper Class) का होगा।
अगर आप शेड्यूल (Shedule) के हिसाब से मंदिर घूमने जाएंगे तो आपका ट्रांसपोर्टेशन (Transportation) दी पैकेज में शामिल होगा।
एक रात के लिए आपकी होटल की बुकिंग करवाई जाएगी और 2 दिनों का ब्रेकफास्ट और एक रात का डिनर (Dinner) भी इस पैकेज में इंक्लूड (Include) होगा।
क्या नहीं होगा शामिल?
इस पैकेज में आपको ट्रेन यात्रा के दौरान खाना उपलब्ध नहीं करवाया जाएगा।
किसी भी प्रकार के हवाई यात्रा का खर्च नहीं उठाया जाएगा।
होटल में किए जाने वाले किसी भी तरह के खर्च जैसे टिप (Tip), इंश्योरेंस (Insurance), मिनरल वाटर (Minral Water), टेलीफोन चार्ज (Telephone Charge) या लॉन्ड्री (Laundry) इन सब की जिम्मेदारी नहीं ली जाएगी।
किसी भी पर्यटन स्थल का एंट्री फीस (Entry Fees) पैकेज में शामिल नहीं होगा।
अगर आप बनारस में बोटिंग (Boating) करना चाहे तो इसका खर्च भी आपको खुद ही देना होगा।
किसी तरह के टूर गाइड (Tour Guide) की सर्विस (Service) नहीं दी जाएगी।
अगर आप अलग से कुछ खाना खाते हैं तो उसका खर्च भी नहीं उठाया जाएगा।
क्या होगा टिकट प्राइस?
आईआरसीटीसी के इस पैकेज का अगर आप अकेलेे ठहरते हैं तो कंफर्ट क्लास (Comfort Class) के लिए ₹14825 रुपया पे होगा। वहीं अगर आप स्टैंडर्ड क्लास (Standard Class) के लिए जाते हैं तो ₹11575 पे करना होगा। अगर आप डबल शेयरिंग (Double Sharing) में जाते हैं तो पर पर्सन (Per Person) ₹10665 रुपया कंफर्ट क्लास के लिए और ₹7420 रूपया स्टैंडर्ड क्लास के लिए देना होगा। ट्रिपल शेयरिंग कंफर्ट क्लास (Triple Sharing Comfort Class) की फीस प्रति व्यक्ति ₹9405 है और स्टैंडर्ड क्लास की फीस ₹6155 रुपया है। अगर आप 5 से 11 साल के बच्चे के साथ जाते हैं तो उस बच्चे के टिकट की प्राइस कंफर्ट क्लास के लिए विथ बेड (With Bed) ₹6680 होगी और विदाउट बेड (Without Bed) ₹5520 होगी। वहीं स्टैंडर्ड क्लास के लिए बच्चे के टिकट की फीस विथ बेड ₹3635 और विदाउट बेड ₹2275 होगी।
इस पैकेज के बारे में ज्यादा जानकारी (information) के लिए आप आईआरसीटीसी की वेबसाइट (Website) को विजिट (Visit) कर सकते हैं।
उत्तराखंड की ख़ूबसूरत वादियाँ और यहाँ के बेहतरीन नज़ारे हमेशा से हीं पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते रहे हैं। उत्तराखंड की ख़ूबसूरती में चार चांद लगते हैं यहां की नदियां और झरने। इस राज्य में कुछ झरने बहुत मशहूर हैं और कुछ छुपे हुए विजिटिंग पॉइंट (Visiting Point) की तरह अज्ञात (Unknown) भी हैं। आज के इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे उत्तराखंड के एक ऐसी हीं छुपी हुई जगह परीताल झील के बारे में।
झीलों के शहर नैनीताल में बसे इस झील की बात ही कुछ और है। वैसे तो यहां आने के लिए लंबी ट्रैकिंग (tracking) करनी पड़ती है, लेकिन जब आप यहां आएंगे तो यहां के खूबसूरत वादियों (beauty of nature) और खुले आसमान को देखकर आपको ऐसा लगेगा मानो यहां तक पहुंचने के लिए कि गई आपकी सारी मेहनत वसूल हो गई। परीताल नैनीताल से लगभाग 25 किलोमीटर की दूरी पर चाफी गांव में स्थित है।
परीताल के बारे में काई तरह की रहस्यमयी कहानियाँ सामने आती रहती हैं। लोगों का मानना यह है कि, यहां पर परियाँ आकर स्नान करती हैं। लेकिन इस झील की कहानी (Story of lake) भले ही कुछ भी हो, लेकिन यह तो सच है कि यह वाकई में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत है। हिमालय (Himalayas) की गोद में बसे उत्तराखंड के इस झील का पानी भी हिमालयन रेंज (Himalayan range) के पहाड़ों (Mountains) से हीं आता है, जो कि काफी साफ रहता है। यहां आकर आप प्रकृति को अपने बहुत करीब से महसूस कर सकते हैं। यहां ट्रैकिंग (Tracking) करते हुए आना भी अपने आप में ही एक एडवेंचर (Adventure) है।
वैसे तो परीताल बहुत बड़ी झील नहीं है। लेकिन यहां आने के लिए कि जाने वाली ट्रैकिंग (Tracking) के रास्ते में मिलने वाले खुबसूरत व्यूज (Views), इस परीताल के आस-पास की हरियाली और शांत माहौल लोगों को अपनी या आकर्षित करता है। आप यहां अपने दोस्तों के साथ आनंद लेने के लिए तैयार हैं। यहां स्विमिंग (swimming) भी की जा सकती है, इसलिए अगर आप भी यहां आने का प्लान बना रहे हैं तो अपने साथ एक्स्ट्रा कपड़े (Extra clothes) जरूर रख लें। यहां आकर आप नेचर को बहुत ही अच्छे तरीके से एक्सप्लोर (Explore) कर सकते हैं। पहले परीताल टूरिज्म (Tourism) के लिए उतना मशहूर नहीं था। लेकिन पिछले कुछ सालों से यहां आने वाले लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है।
दोस्तों ट्रैवलिंग के लिए ये बिलकुल भी जरूरी नहीं, कि हम अपने साथ ढेर सारा बोझ लेकर चले,जो हमारे किसी काम भी नहीं आता ।हम एक या मैक्सिमम (maximmum) दो सूटकेस (suitcase) के साथ बड़े आराम से ट्रैवलिंग कर सकतें हैं, बस पेकिंग करते समय इन बातो का खास ख्याल रखें।
1. कोशिश करे ट्रैवलिंग के लिए एक ही बैग कैरी (carry) करें, जिसे कोई भी एयरलाइन्स हैंड लगेज (airline hand ludege) के रूप में भी अलाउ (allowed) कर दे। क्योंकि बड़ा बैग हमें अक्सर लगेज में देना पड़ता है, जिसे रिसीव(recieve) करने के लिए लंबी लाइन में खड़ा होना पड़ता है। इसके अलावा आप अपने साथ एक छोटा हैंड बैग रख सकते हैं जिसमे अपना जरूरी सामान कैरी (carry) सकते हैं।
2. ट्रैवलिंग के लिए पहले एक प्रीप्लान (pre plan) जरूर बनाएं। सबसे पहले एक लिस्ट जरूर बनाए जिसमे आपके सारे जरूरी समान शामिल हों,और जैसे जैसे आपकी समान पैक हो जाए उसे टिक मार्क कर ले ताकि चीजों को लेकर क्लियरिटी (clearity) बनी रहे।बैग में ऐसे कपड़े रखें, जो रिंकल फ्री हों और ज्यादा स्पेस (space) ना कवर करे।
3. हमेशा ध्यान रखें कि ट्रैवलिंग में लिक्विड (Liquid) के बजाय सॉलिड चीजों को कैरी करे तो ज्यादा बेहतर होगा। जब भी आप ट्रिप का प्लान बनाएं तो यह पहले से तय करें कि आप किस तरह से दिन गुजारने वाले हैं. मसलन, अगर आप एक महीने में एक किताब पढ़ पाते हैं तो बीच पर वेकेशन के लिए 3-4 किताबें ले जाने का कोई फायदा नही होगा वो बस आपका वजन बढ़ा देगा जोकि काफी ट्रबल क्रिएट करता है ।
4. कपड़ों को जितना हो सके छोटा फोल्ड करें और ट्रैवल पाउच का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें. कपड़े वही ले जाए जिसे आपने अपनी ट्रिप के अकॉर्डिंग (according) डिसाइड (deside) है, ताकि ज्यादा कन्फ्यूजन (confusion) न क्रिएट हो।
5. अगर आप ने किसी ठंडी जगह का प्लान बनाया है तो गर्म कपड़ों को (कोर्ट या स्टॉल) पैक करने की बजाए पहन सकते है या फिर हाथ में भी कैरी कर सकते है। इससे आप बैग में अच्छा स्पेस मेंटेन (Maintain) कर सकते हैं।
6. वैसे तो ये बताने की जरूरत ही नही की शॉपिंग की प्लानिंग पहले से ही बना ले क्यूंकि इसमें सब एक्सपर्ट (Expert) होते हैं । लेकिन ध्यान इस बात का दे कि, आप शॉपिंग में वो चीजें ना खरीदें जिन्हें लाने में ज्यादा परेशानी हो। इसकी बजाए आप वहां के लोकल कुरियर सर्विस (Local Courier Service) का इस्तेमाल करें तो बेहतर होगा जिससे वो आपके घर पर ही बड़ी आसानी से पोस्ट हो जाएगा।
7. क्योंकि आप ट्रिप के लिए प्लान बना रहे हैं तो आपको ज्यादा फैंसी फुट वेयर की जरूरत बिल्कुल नहीं है। आप अपने कंफर्ट के हिसाब से एक शूज और स्लीपर का पेयर (Shoes and slipper pair) रख सकते हैं। जिसमें से एक आप पहनकर ही ट्रैवल करेंगे तो स्पेस (Space) की ज्यादा टेंशन नहीं रहेगी।
सोलो ट्रिप का मतलब होता है कुछ दिन के लिए अपने काम से दूर और अपनों से दूर होकर खुद के साथ समय बिताना और अगर सोलो ट्रिप किसी महिला का हो तो यह और भी ज्यादा स्पेशल हो जाता है। क्योंकि यह उन्हें आजादी का एहसास दिलाता है कि वह भी अकेले कहीं जा सकती हैं और बेफिक्र होकर घूम सकती हैं। यहीं असल खुशी (happiness) है। अब अगर महिलाओं को कहीं जाने की इच्छा होती है तो, उन्हें किसी से पूछने की और किसी को साथ ले जाने की जरूरत नहीं होती। वह खुद ही अपना ट्रिप प्लान भी करती हैं और कहीं घूमने भी जाती हैं। अगर आप भी ऐसे ही अकेले कहीं घूमने का प्लानिंग कर रही हैं तो आइए हम आपको इस ब्लॉग में बताते हैं आपके लिए उन सबसे बेस्ट जगहों के बारे में, जहां आप जाकर ना सिर्फ अपनी आजादी (independence) को महसूस कर सकती हैं, बल्कि साथ ही साथ आपको सामान्य तौर पर किसी भी तरह का खतरा भी नहीं होगा।
GOA :
महिलाओं के लिए फ्रीडम महसूस करने के लिए सबसे बेस्ट जगह है, गोवा। जब आप गोवा के किसी बीच पर खड़े होकर दूर फैले समुंदर को देखेंगे और अपने चेहरे पर आ रही हवा की झोंकों को महसूस करेंगी तो आपको अपने आप ही हर बंधन से आजादी महसूस होगी। हर तरह के तनाव और थकान पल भर में गायब हो जाएंगे। गोवा है ही ऐसी जगह, जहां आकर समुद्र की लहरों के साथ खुद को महसूस किया जा सकता है। महिलाओं के सोलो ट्रिप के लिए तो यह जगह सबसे बेस्ट है। ऐसा मैं नहीं कह रही, यह तो पिछले कुछ सालों के रिकॉर्ड कह रहे हैं। पिछले कई सालों में महिलाओं का गोवा की ओर रुझान काफी बढ़ा है।
आइए जानते हैं गोवा की कुछ मशहूर घूमने लायक जगहों के बारे में (places to visit in Goa) :-
कलंगुट बीच :- अगर गोवा के बीचों के बारे में बात की जाए तो सबसे पहले आता है – कलंगुट बीच। जिसे समुद्रों की रानी के नाम से भी जाना जाता है। यह गोवा के सबसे खूबसूरत बीचों में से एक है। लेकिन यह ध्यान देने वाली बात यह होती है कि यहां समुद्र की लहरें बहुत ही तेज होती हैं। गोवा का यह कलंगुट बीच लगभग 4 मील तक फैला हुआ है।
बागा बीच :- कलंगुट बीच के बगल में बागा बीच जहां कलंगुट बीच की सीमा खत्म होती है, वहां से बागा बीच की सीमा शुरू होती है। बागा बीच पर आप सुबह से शाम तक इंजॉय कर सकती हैं। यहां जैसे ही सनसेट होता है, चारों ओर पार्टी का माहौल बन जाता है। अगर आपको बीच पार्टी पसंद है तो आपके लिए सबसे बेस्ट डेस्टिनेशन हो सकता है।
बागा बीच और कलंगुट बीच के अलावा गोवा में बटरफ्लाई बीच और पालोलम बीच भी है। यह भी पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं। बीजों के अलावा इस शहर में दूधसागर वॉटरफॉल, बॉम जीसस बेसिलिका, चोराव द्वीप, अगवाड़ा किला, सैटरडे नाइट मार्केट, मंगेशी मंदिर, नेवेल एवियशन म्यूजियम, टीटू नाइटक्लब, मार्टिन कॉर्नर आदि भी हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
गोवा कैसे जाएं? (How to visit Goa) :-
गोवा आने के लिए आप गोवा एयरपोर्ट का रुख कर सकते हैं। या फिर आप सड़क मार्ग से भी गोवा आसानी से जा सकते हैं। अगर बात किया जाए दिल्ली से गोवा के फ्लाइट के खर्च की तो आपको कम से कम करीब 5000 तक का खर्च आएगा। आप ट्रेन से भी गोवा जा सकती हैं। इसके अलावा सड़क मार्ग से भी गोवा जाया जा सकता है।
Shimla :
अपने आप को नेचुरल रिट्रीट(natural retreat) देने का सबसे बेहतरीन तरीका है पहाड़ों की सैर पर निकल जाना। अब पहाड़ों की बात हो और शिमला का नाम ना आए ऐसा हो नहीं सकता। शोर-शराबे से दूर और प्रकृति के नजदीक स्थित इस शहर की ओर लोगों का काफी रुझान होता है। चारों ओर दिखने वाली बर्फ से ढकी सफेद पहाड़ियां और हरे-भरे देवदार के पेड़ किसी का भी मन मोह लेने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।
शिमला में घूमने के बेहतरीन जगह (best places to visit Shimla) :
यह जगह सिर्फ सीनरी(scenery) के लिए नहीं बल्कि शॉपिंग के लिए भी प्रसिद्ध है। शिमला स्थित माल रोड शॉपिंग के लिए एक बेहतरीन जगह है। यहां आपको खान-पान से लेकर पुरानी एंटिक चीजों तक का एक बड़ा कलेक्शन देखने को मिल जाएगा। यहां शिमला के पारंपरिक परिधान भी खरीद सकते हैं। शिमला में एक और फेमस जगह है वह जाखू हिल्स। इस जगह पर हनुमान जी का एक बड़ा मंदिर है। साथ हीं एक बहुत बड़ी मूर्ति भी है, जो काफी दूर से हीं दिख जाती है। इस मंदिर की खासियत है यहां आपको सैकड़ों दर्जनों लंगूर और बंदर खेलते हुए मिल जाएंगे। चारों ओर हरियाली से घिरा यह मंदिर उन लंगूरों और बंदरों के लिए घर की तरह है।
शिमला कैसे आए? (How to reach shimla?) :
शिमला की दिल्ली से दूरी लगभग 340 किलोमीटर है और यहां आप बाय रोड, ट्रेन और फ्लाइट तीनों ही रास्तों से जा सकते हैं। अगर आप टैक्सी(taxi) से शिमला जाना चाहते हैं तो आपको ₹5500 से ₹6000 तक का खर्च आता है। वहीं अगर आप ट्रेन से शिमला जाते हैं तो ₹700 से ₹800 में आपको टिकट मिल जाएगी। अगर आप फ्लाइट से शिमला जाते हैं तो इकोनामी क्लास के फ्लाइट की टिकट्स ₹2900 से शुरू हो जाते हैं।
Mussoorie
खूबसूरत पहाड़ियों के बीच से अगर आप सनराइज सनसेट देखना चाहती हैं तो, इसके लिए मसूरी के गन हिल पॉइंट (gun hill point) और लाल टिब्बा पॉइंट(lal tibba point) से बेहतर कोई जगह नहीं हो सकता। लाल टिब्बा पॉइंट पर अपनों के साथ बैठकर सन सेट को देखना, अपने आप में ही एक अविस्मरणीय दृश्य होता है। वैसे तो यह जगह कपल्स के लिए बेस्ट माना जाता है लेकिन यहां सोलो ट्रिप के लिए भी जाया जा सकता है। मसूरी पहाड़ों झरनों और हरियाली के प्राकृतिक सौंदर्य का एक अद्भुत संगम है।
मसूरी में घूमने की जगह (Best places to visit in Mussoorie) :
अगर आपको वॉटरफॉल (water fall) में ज्यादा इंटरेस्ट है तो, आप यहां के केंपटी फॉल्स(campty falls) का रुख कर सकते हैं। इस शहर में पहाड़ों के बीच एक ज्वाला जी मंदिर भी है, जो अक्सर पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है।
मसूरी में आप कई तरह के एडवेंचरस एक्टिविटीज कर सकते हैं। जिनमें कुछ एडवेंचरस एक्टिविटीज की डिटेल नीचे दी गई है। स्काईवॉक : यहां आप 120 फुट की ऊंचाई पर स्काईवॉक कर सकते हैं। जिसका खर्च आपको ₹300 पर पर्सन के हिसाब से आएगा। मसूरी में स्काईवॉक करने का समय सुबह 9:00 से श्याम 6:00 तक का होता है। रिवर राफ्टिंग : यहां आफ रिवर राफ्टिंग का भी लुफ्त उठा सकते हैं, जो बारकोट से लखामंडल तक का एक ट्रिप होता है। यहां रिवर राफ्टिंग का टाइमिंग सुबह 10:00 से दोपहर 3:00 तक का होता है और इसका प्राइस आपके द्वारा तय की गई दूरी पर डिपेंड करता है।
रैपलिंग : मसूरी पहाड़ों का शहर है इसलिए आप यहां रैपलिंग भी कर सकते हैं। जिसका प्राइस आपको ₹1000 तक का आएगा। रैपलिंग करने का समय सुबह 8:00 से दोपहर 2:00 बजे तक का होता है।
रैपलिंग के अलावा आप यहां रॉक क्लाइंबिंग कैंपिंग ट्रैकिंग आदि भी कर सकते हैं। अगर आप मसूरी को अच्छे से घूमना चाहते हैं तो, आप को कम से कम 3 दिन का समय निकालकर यहां आना होगा।
मसूरी कैसे आए ? (How to reach mussoorie?) :
दिल्ली से मसूरी तक की दूरी तकरीबन 274 किलोमीटर है। मसूरी से सबसे नजदीक एयरपोर्ट भुंटर एयरपोर्ट है। न्यू दिल्ली से भुंटर एयरपोर्ट जाने के लिए आपको ₹3500 से फ्लाइट टिकट मिलने स्टार्ट हो जाते हैं। आप वाया रोड और वाया ट्रेन में मसूरी जा सकते हैं। ट्रेन के लिए आपको ₹250 से ₹1500 तक का खर्च आएगा। वहीं बाय रोड टैक्सी से जाने के लिए आपको 4000 से 5000 तक का खर्च आ सकता है।
जैसलमेर (jaisalmer) :
अगर आपको सोने जैसा रेत (Golden sand) वाला रेगिस्तान (desert), शानदार किले, पुरानी हवेलियां और राजसी ठाट बाट की झलक देखनी हो तो राजस्थान के जैसलमेर से बेहतरीन कोई दूसरा जगह नहीं हो सकता है। जैसलमेर किलों से तो भरा हुआ है हीं, यहां के बाजार में बेहतरीन राजस्थानी ज्वेलरी और राजस्थानी ब्लॉक प्रिंट (Block printing) के कपड़े भी मिल जाते हैं, जो शॉपिंग को पसंद करने वाली महिलाओं का ध्यान अपनी और आकर्षित करते हैं। आज के समय में महिलाओं के लिए जैसलमेर काफी पसंदीदा जगह बनता जा रहा है। अगर आप भी भारतीय संस्कृति को करीब से देखना चाहती हैं तो जैसलमेर आपके लिए एक अच्छा डेस्टिनेशन ऑप्शन हो सकता है।
जैसलमेर में घूमने लायक जगह :
गोल्डन फोर्ट (Golden Fort) :
यह किला दिन के समय में सूरज की रोशनी में बहुत ज्यादा चमकता है। इसलिए इसे सोनार किला के नाम से भी जाना जाता है। यह किला काफी बड़ा है और देखने में बहुत खूबसूरत है। इसे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ रेगिस्तानी किलों में से एक माना जाता है। सुबह के समय जब सूरज की पहली किरण इस पर पड़ती है तो यह किला सुनहरे रंग में चमक उठता है। इस किले को पीले रेत के पत्थरों (yellow sandstone) से जोड़कर बनाया गया है और इस किले को राजा रावल जैसल ने बनवाया था।
पटवों की हवेली :
अगर जैसलमेर के सबसे खूबसूरत नक्काशी दार हवेली की बात की जाए तो पटवों की हवेली का नाम सबसे पहले लिया जाता है। इस हवेली को गुमान चंद पटवा ने बनवाया था। इस को बनाने में 50 साल का समय लगा था। दरअसल यह घर 5 हवेलियों का समूह है। जिसे गुमान चंद ने अपने पांच बेटों के लिए बनवाया था। लेकिन इस हवेली तक पहुंचने के लिए आपको संकरी गली से गुजरना होगा। यह हवेली शहर के मुख्य रोड (Main road) पर स्थित नहीं है।
बड़ी झील :
राजस्थान में झील या यूं कहें कि रेगिस्तान में झील,,,,, सुनकर थोड़ा अटपटा लगा ना? लेकिन यह सच है! राजस्थान के जैसलमेर में झील भी है। यह झील जैसलमेर के किले से मात्र 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसे गड़ी सागर झील भी कहा जाता है। इसे लेक गार्सीयर के नाम से भी जाना जाता है। यह झील सैलानियों के बीच काफी प्रसिद्ध है। इस झील तक जाने के लिए एक शाही विशाल द्वार से रास्ता जाता है। जो फोटोग्राफी (photography) का मुख्य केंद्र बनता है।
बड़ा बाग स्मारक
जैसलमेर से लगभग 6 कि. मी. दूर चलने पर हम बड़ा बाग़ पहुंचे। दरअसल बड़ा बाग़ एक खूबसूरत पार्क है जो भाटी राजाओं की याद में बनाया गया है। यहाँ जैसलमेर के राजाओं की कब्रें मौजूद हैं, वो छतरियों की शेप में बनाई गयी हैं। छतरियों की अद्भुत कलाकृति एक बार तो आपको अचंभित कर सकती है।
इसके अलावा इस शहर में कुलधारा हांटेड विलेज (haunted village) भी है। जिस गांव के उजड़ने के पीछे कई तरह की भूतिया कहानी बताई जाती हैं। अगर आप हांटेड प्लेस जाने में रुचि रखते हैं तो, आप यहां का रूख कर सकते हैं।
यहां घूमने जाने का सबसे बेस्ट समय :
वैसे तो साल भर यहां पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। लेकिन फिर भी अक्टूबर से मार्च का महीना यहां आने के लिए सबसे अच्छा रहता है। क्योंकि देखा जाए तो राजस्थान में साल भर गर्मी ही रहती है। जब आप कहीं भी घूमने जाए तो किस दिन कहां जाएं? क्या दिख रहा है? सब का शेड्यूल पहले ही बना लें। इसका फायदा यह होता है कि आप बिना किसी फालतू के आपाधापी के आराम से घूम पाएंगी। जैसलमेर घूमने के लिए आपको कम से कम 3 दिनों के ट्रिप का शेड्यूल बनाना होगा।
जैसलमेर कैसे जाएं (How to visit Jaisalmer) :
अगर आप जैसलमेर हवाई रास्ते से जाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको जोधपुर हवाई अड्डा तक का टिकट बुक करना होगा। अगर आप ट्रेन या बस के माध्यम से जैसलमेर जाना चाहते हैं तो जैसलमेर रेलवे स्टेशन भारत के अन्य राज्यों से अच्छी तरीके से जुड़ा हुआ है। बस की सुविधा के लिए आपको परेशानी आ सकती है। लेकिन आप अपनी गाड़ी से भी जैसलमेर आ सकती हैं।
जयपुर (Jaipur) :
जयपुर का नाम सुनते ही सबसे पहला ख्याल आता है गुलाबी शहर (pink city) पिछले कई वर्षों से जयपुर महिला सैलानियों (women visitors) के लिए एक पसंदीदा जलन की तरह उभरा है जहां ना सिर्फ भारत के दूसरे कोनों से बल्कि पूरी दुनिया से लोग घूमने आते हैं। जयपुर का नाम आते ही मन गुलाबी हो उठता है। चाहे दिन का समय हो या रात का, इस नगर का प्रकाश और मन स्थिर नहीं है। चारों और अरावली के पहाड़ों से घिरे, चौड़े और स्पष्ट सुथरी घूमते और अपने संकेत और सैकड़ों साल पुराने बाज़ारों के कारण यह शहर किसी भी पर्यटक के मन को खुश करने में पूरी तरह सक्षम है।
जयपुर में घूमने के बेहतरीन जगह (best places to visit in Jaipur) :
जल महल जयपुर (Jaipur jal Mahal) :
पिंक सिटी जयपुर की ‘मानसागर’ झील के बीचों बीच बना ‘जलमहल’ अद्वितीय सौन्दर्य और अद्भुत स्थापत्यकला का बेजोड़ उदाहरण है। इस महल का निर्माण आज से लगभग 300 साल पहले आमेर के महाराज सवाई मानसिंह ने सन् 1799 में किया था। सैर सपाटे और घूमने के साथ-साथ यह क्षेत्र अब लोगों के लिए आय का साधन भी बन गया है। यहां पर आपको राजस्थानी मोजड़ी, राजस्थानी जूती, हैंड बैग, होम डेकोरेटिव आइटम्स, ज्वैलरी और अलग-अलग क्लॉथ्स, मैग्नेटोनेट और कई डेली यूज के सामान मिलते हैं, इसी के साथ आपको यहां खाने-पीने के कई सारे आइटम भी मिलेंगे।
मसाला चौक (Masala chauk) :
भोजन-पीने के मामले में देखें तो पिंक सिटी जयपुर वास्तव में एक ऐसा शहर है जो कि बहुत प्रसिद्ध (famous) है यहां के बेहद लजीज ब्रेक के कारण, यहां के प्रसिद्ध व्यंजन, तरह-तरह की शैली और तरह-तरह की चीजों से बने हुए हैं। इस रॉयल सिटी (Royal city) के लोग खाने के बहुत ही शौकीन माने जाते हैं और यह सिटी फूड लवर्स (food lovers) के लिए विशेष मायने रखता है। अगर बात खाने से जुड़ी हो तो जयपुर की खूबसूरत जगहों में से एक जगह है मसाला चौक जो कि खाने को लेकर अपनी वैरायटी (variety) के लिए और अपनी खूबियों के लिए बहुत ही मशहूर है।
हवा महल जयपुर (Jaipur Hawa Mahal) :
यूं तो जयपुर में बहुत से पर्यटन स्थल (historical places) हैं, लेकिन हवा महल की बात हीं कुछ और है। इस महल का इतिहास, इसकी वास्तुकला, और यहां की शांति पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है। इसके हल्की गुलाबी रंग की बालकनी और जालीदार खिड़कियां आप का मन मोह लेंगे। अगर इसके वास्तुकला की बात की जाए तो, इसमें मुगल और राजपूतानी वास्तुकला का मिश्रण देखने को मिलता है। अगर आप जयपुर आती हैं तो आप यहां खड़े होकर पूरे सिटी का एक बेहतरीन व्यू (view) देख सकती हैं।
जयपुर कैसे जाएं? (How to visit Jaipur) :
जयपुर जाने के लिए आप डायरेक्ट जयपुर एयरपोर्ट (Airport) का टिकट (tickets) ले सकते हैं। अगर आप सड़क या रेल मार्ग से जयपुर आना चाहते हैं तो इसके लिए भी साधन मौजूद हैं। जयपुर हर मार्ग से देश के अन्य शहरों से भलीभांति जुड़ा हुआ है। आप आसानी से ट्रेन या बस से भी जयपुर आ सकते हैं।