क्या आप जानते हैं कि पृथ्वी के जिस भू-भाग पर हमारा भारत स्थित है, वही क्षेत्र जीवन के पनपने और खिलने के लिए सबसे अनुकूल माना जाता है? भारत की यह अद्भुत और संतुलित जलवायु न केवल मनुष्यों के लिए, बल्कि असंख्य जीव-जंतुओं के लिए भी वरदान साबित हुई है। इसी जलवायु का लाभ कीटों के एक विशाल समूह — विशेष रूप से तितलियों और पतंगों — ने भी खूब उठाया है। यही कारण है कि आज भारत में लगभग 1400 ज्ञात तितली प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जो रंगों और रूपों की एक अद्भुत दुनिया रचती हैं।
यहाँ दो ऐसी तितली-प्रजातियाँ हैं जो दुनिया भर में केवल भारत में ही पाई जाती हैं-
Troides minos (Southern Birdwing)

यह प्रजाति दक्षिण भारत के Western Ghats (पश्चिमी घाट) व आसपास के क्षेत्रों में ही पाई जाती है। पंख फैला (wingspan) लगभग 140-190 मिमी तक हो सकता है, और इसे भारत की दूसरी सबसे बड़ी तितली के रूप में देखा गया है। इस तितली की उपस्थिति और स्थितियाँ विशेष तरह की जंगलों, निचले घाटी तथा शुष्क वन में मिलती हैं। इसलिए इसे एक एंडेमिक (विशिष्ट) प्रजाति माना जाता है जो भारत के दक्षिणी हिस्से में सीमित है।
Amathusia andamanensis (Andaman Palmking)

यह तितली प्रजाति सिर्फ भारत के Andaman Islands में पाई जाती है। इसका नाम–“पामकिङ”–है और यह ब्रश-फुटेड तितलियों (Nymphalidae उप-परिवार) में है। चूंकि यह सिर्फ एक द्वीपसमूह में सीमित है, इसलिए इसका प्रसरण बहुत संकीर्ण है और इसे भारत के एन्डेमिक तितलियों की सूची में रखा गया है।