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बारिश में हिल स्टेशन जाने से पहले जान लीजिए ये 7 जरूरी बातें; सुंदरता से पहले सावधानी!

पहाड़ों में मौसम कभी भी बदल सकता है, खासकर बारिश में. जहां एक पल धूप खिली होगी, अगले ही पल मूसलाधार बारिश शुरू हो सकती है। इसलिए यात्रा शुरू करने से पहले और यात्रा के दौरान भी मौसम की जानकारी लेते रहें। अचानक भारी बारिश या लैंडस्लाइड की स्थिति में आपकी यात्रा में बाधा आ सकती है। इससे बिल्कुल अलर्ट रहें।

हिल स्टेशन

शिमला में मानसून के दौरान मौसम बहुत अप्रत्याशित हो सकता है। सुबह की धूप जल्दी ही घने बादलों और तेज़ बारिश में बदल सकती है, जिससे विज़िबिलिटी कम हो जाती है और सड़कों पर फिसलन बढ़ जाती है. इसलिए, हमेशा अतिरिक्त कपड़े-वाटरप्रूफ जैकेट साथ रखें।

बारिश में यात्रा करते समय आपके सामान की लिस्ट थोड़ी अलग होनी चाहिए। वाटरप्रूफ जैकेट, छाता, वॉटरप्रूफ जूते या सैंडल, और नमी से बचाने वाले कपड़े आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए। अपने गैजेट्स को वाटरप्रूफ पाउच में रखना न भूलें। हल्के और जल्दी सूखने वाले कपड़े पैक करें, ताकि परेशानी न आए।

हिल स्टेशन

बारिश में पहाड़ों की सड़कें फिसलन भरी और खतरनाक हो सकती हैं। लैंडस्लाइड का खतरा भी बढ़ जाता है। अगर आप अपनी गाड़ी से जा रहे हैं तो धीमी गति से चलाएं और तीखे मोड़ों पर अतिरिक्त सावधानी बरतें। स्थानीय ड्राइवरों की सलाह लें और अगर बहुत ज़्यादा बारिश हो रही हो तो यात्रा को टालना ही बेहतर है।

मनाली जैसे स्थानों पर मानसून में भूस्खलन (लैंडस्लाइड) एक आम समस्या है। खासकर कुल्लू-मनाली हाईवे पर यह अक्सर देखा जाता है। यात्रा से पहले सड़क की स्थिति की जांच कर लें और रात में यात्रा करने से बचें। अगर आपको रास्ते में कहीं मलबा या पानी भरा दिखे तो सावधान रहें। इन सभी का बचाव करते हुए चलना चाहिए।

बारिश के मौसम में भी कई लोग हिल स्टेशन घूमने आते हैं, खासकर लंबे वीकेंड्स पर। इसलिए, अपनी होटल और ट्रैवल बुकिंग पहले से कर लें, ताकि अंतिम समय में कोई परेशानी न हो। कुछ ऑफबीट जगहों पर कनेक्टिविटी की समस्या भी हो सकती है, इसलिए यह और भी ज़रूरी हो जाता है।

नमी और ठंडी हवा के कारण बीमार पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। अपने साथ ज़रूरी दवाइयां जैसे सर्दी-खांसी, बुखार और पेट दर्द की दवा ज़रूर रखें। पहाड़ी इलाकों में मच्छरों और अन्य कीटों का प्रकोप भी बढ़ जाता है, इसलिए इनसे बचने के उपाय भी साथ रखें।

दार्जिलिंग में मानसून के दौरान हवा में नमी बढ़ जाती है, जिससे सर्दी-खांसी और फ्लू जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अपने साथ गर्म कपड़े और व्यक्तिगत दवाएं ज़रूर रखें। अगर आपको कोई पुरानी बीमारी है, तो अपनी दवाएं पर्याप्त मात्रा में ले जाएं।

जिस भी हिल स्टेशन पर आप जा रहे हैं, वहां के स्थानीय लोगों से जानकारी ज़रूर लें। वे आपको मौसम, सड़क की स्थिति और किसी भी संभावित खतरे के बारे में सबसे सटीक जानकारी दे सकते हैं। कुछ स्थानीय टिप्स आपकी यात्रा को और भी आरामदायक और सुरक्षित बना सकते हैं। इनका जरूर ख्याल रखें।

औली में मानसून के दौरान रोप-वे का संचालन मौसम पर बहुत निर्भर करता है। स्थानीय लोगों से बात करने पर आपको पता चल सकता है कि रोप-वे चालू है या नहीं, या वैकल्पिक रास्ते क्या हैं। वे आपको आसपास के छिपे हुए झरनों और सुरक्षित रास्तों के बारे में भी बता सकते हैं, इसलिए स्थानीय लोगों की सलाह जरूरी है।

बारिश के मौसम में अप्रत्याशित बाधाएं आ सकती हैं, जैसे सड़क बंद होना, बिजली गुल होना या किसी जगह तक पहुंचने में दिक्कत होना। ऐसी स्थिति के लिए हमेशा एक वैकल्पिक योजना तैयार रखें। अगर कोई रास्ता बंद है तो दूसरा रास्ता क्या हो सकता है, या अगर किसी जगह पर नहीं पहुंच पा रहे तो और क्या किया जा सकता है।

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मुन्नार में मानसून में कुछ ट्रेकिंग रूट्स फिसलन भरे या बंद हो सकते हैं। ऐसे में, आप चाय के बागानों का दौरा करने, मसाला बागानों में घूमने, या स्थानीय बाजारों में शॉपिंग करने का विकल्प चुन सकते हैं। हमेशा कुछ इनडोर एक्टिविटीज की लिस्ट तैयार रखें।

बारिश में हिल स्टेशन का सफर सचमुच जादू भरा होता है। हरे-भरे पहाड़, बादलों से ढकी चोटियां, और बहते झरने मन को शांति देते हैं। लेकिन इन बातों का ध्यान रखने से आप अपनी यात्रा को न केवल सुरक्षित बना सकते हैं, बल्कि इसे एक यादगार अनुभव में भी बदल सकते हैं। तो बस, तैयारी करें और निकल पड़ें इस मानसून एक अद्भुत सफर पर!

Written by Ajay Raj
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