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Best National Parks of Haryana

  • सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान (Sultanpur National Park)
  • कालेसर राष्ट्रीय उद्यान (Kalesar National Park)

1. सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान (Sultanpur National Park)

सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान हरियाणा के सुल्तानपुर, फारुखनगर और गुरुग्राम जिले में स्थित भारत का एक प्रसिद्ध बर्ड अभयारण्य है। यह नेशनल पार्क सुल्तानपुर में स्थित है जिसके कारण इस उद्यान को सुल्तानपुर पक्षी विहार भी कहा जाता है। यह नेशनल पार्क लगभग 142 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस पक्षी विहार में हजारों की संख्या में लुप्तप्राय और दुर्लभ पक्षी पाए जाते है। यहाँ पाए जाने वाले पक्षियों में पेलिकन, साइबेरियाई सारस, काले पंखों वाला स्टिल्ट, जलकाग, पैडीफील्ड पिपिट, लिटिल कॉर्मोरेंट, इंडियन कॉर्मोरेंट, पर्पल सनबर्ड, ब्लैक फ्रैंकोलिन, कॉमन स्पूनबिल, कॉमन हूपो, ग्रे फ्रैंकोलिन, इंडियन रोलर, व्हाइट आइबिस, व्हाइट-थ्रोटेड किंगफिशर, ब्लैक-नेक्ड स्टॉर्क, इंडियन स्पॉट-बिल्ड डक, पेंटेड सारस, कॉमन ग्रीनशैंक्स, कुरजां आदि कुछ ऐसे प्रमुख प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां हैं जो इस नेशनल पार्क में आपको अवश्य मिल जायेंगे।

कैसे पहुंचे सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान (How to reach Sultanpur National Park)?

सुल्तानपुर नेशनल पार्क, गुड़गाँव-झज्जर हाईवे पर फर्रुखनगर के नजदीक स्थित है। दिल्ली एनसीआर में होने के कारण सुल्तानपुर नेशनल पार्क वीकेंड बिताने का एक बेहतरीन डेस्टिनेशन है। आप दिल्ली मेट्रो से यहाँ आना चाहें तो येलो लाइन से हुडा सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन पर पहुँच कर, वहां से कोई निजी कैब या ऑटो बुक करके आप इस खूबसूरत पक्षी विहार तक पहुँच सकते हैं। अगर आप गुड़गाँव से जाएँ तो यह लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर है और दिल्ली से लगभग 42 किलोमीटर की दूरी पर।

2. कालेसर राष्ट्रीय उद्यान (Kalesar National Park)

चंडीगढ़ से 122 किलोमीटर दूर हरियाणा के यमुनानगर जिले में कालेसर राष्ट्रीय उद्यान और कालेसर वन्यजीव अभ्यारण्य (Kalesar Wildlife Sanctuary) है जो अपने नेचुरल डाइवर्सिटी (Natural Diversity) के लिए अपने आसपास के क्षेत्र में प्रसिद्ध है। कालेसर राष्ट्रीय उद्यान और कालेसर वन्यजीव अभ्यारण्य क्रमशः 53 वर्ग किमी और 53.45 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है और इन दोनों की स्थापना क्रमशः 8 दिसंबर 2003 और 13 दिसंबर 1996 को हुई थी। इस नेशनल पार्क का नाम कालेसर महादेव मंदिर के नाम पर रखा गया था जो इसी राष्ट्रीय उद्यान में है। यहाँ पाए जाने वाले जीवों में एशियाई हाथी (Asian Elephant), भारतीय तेंदुआ (Indian Leopard), लेपर्ड कैट (Leopard Cat), वाइल्ड कैट (Wild Cat), चीतल (Chital), रस्टी-स्पॉटेड कैट (Rusty-spotted Cat), नीलगाय (Nilgai), सांभर (Sambar), आदि शामिल है।

कैसे पहुंचे कालेसर राष्ट्रीय उद्यान (How to reach Kalesar National Park)?

यमुनानगर पौंटा साहिब स्टेट हाईवे (NH 907) कालेसर नेशनल पार्क से होकर गुजरता है। कालेसर नेशनल पार्क सड़क मार्ग द्वारा प्रमुख शहरों (यमुनानगर, पोंटा और देहरादून) से जुड़ा हुआ है। इस नेशनल पार्क के पास में एक रेलवे स्टेशन है- ‘यमुनानगर रेलवे स्टेशन’ जहाँ से आप टैक्सी या बस लेकर कालेसर नेशनल पार्क पहुंच सकते है। हवाई मार्ग से आने के लिए इस नेशनल पार्क का निकटम एयरपोर्ट चंडीगढ़ (शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट) में है

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गोवा का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान है मोलेम नेशनल पार्क

मोलेम नेशनल पार्क (Mollem National Park) जो गोवा का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान है, दक्षिणी गोवा जिले में स्थित है। यह नेशनल पार्क सह्याद्रि की पहाड़ियों (Western Ghats) में अवस्थित है। मोलेम नेशनल पार्क लगभग 107 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसकी स्थापना 1978 हुई थी। यह नेशनल पार्क भगवान महावीर अभ्यारण्य (Bhagwan Mahavir Sanctuary) का हिस्सा है, जिसका कुल क्षेत्रफल 240 वर्ग किलोमीटर है। यह नेशनल पार्क पणजी से 57 किलोमीटर दूर है। दूधसागर जलप्रपात (Dudhsagar Falls) और तांबडी जलप्रपात (Tambdi Falls) इसी नेशनल पार्क में है जो इस नेशनल पार्क को पर्यटकों के लिए और खास बनाता है। इसके अतिरिक्त इस नेशनल पार्क में फ्लोरा और फॉउना के कई प्रजातियां है जो इसको नेचर लवर्स के लिए खास बनाती है।

मोलेम नेशनल पार्क का इतिहास (History of Mollem National Park)

सर्वप्रथम, 1978 में इस संरक्षित क्षेत्र को मोलेम गेम सेंचुरी के नाम से जाना जाता था। इसके पश्चात, 1969 में इस संरक्षित क्षेत्र को वन्य जीव अभयारण्य घोषित कर दिया गया और इसका नाम बदलकर भगवान महावीर अभयारण्य कर दिया गया। 1978 में, इसके कोर क्षेत्र को नेशनल पार्क का दर्जा दे दिया गया जिसका क्षेत्रफल 107 वर्ग किमी था।

मोलेम नेशनल पार्क में फॉउना (Fauna in Mollem National Park)

मोलेम राष्ट्रीय उद्यान में कई प्रकार के फॉउना (Fauna) निवास करते हैं। यहाँ पाए जाने वाले जीव निम्नलिखित हैं।

1. मैमल्स (Mammals)

बंगाल टाइगर (Bengal Tiger), ब्लैक पैंथर (Black Panther), वाइल्ड बोअर (Wild Boar), बोनट मकाक (Bonnet Macaque), इंडियन गौर (Indian Gaur), स्पॉटेड डियर (Spotted Deer), मालाबार जायंट गिलहरी (Malabar Giant Squirrel), सांभर (Sambar), बार्किंग डियर (Barking Deer), स्लेंडर लोरिस (Slender Loris), सिवेट (Civet), उड़ने वाली गिलहरी (Flying Squirrel), औटर (Otter), पॉर्क्यूपाइन (Porcupine), वाइल्ड डॉग (Wild Dog), पैंगोलिन (Pangolin), लंगूर (Langur), मॉउस डियर (Mouse Deer)

2. बटरफ्लाई (Butterfly)

प्लेन टाइगर (Plain Tiger), ब्लू मॉर्मन (Blue Mormon), कॉमन माइम (Common Mime), प्लम जुडी (Plum Judy), मालाबार ट्री निम्फ (Malabar Tree Nymph), ग्रेट एगफ्लाई (Great Egg fly), साउथर्न बर्डविंग (Southern Birdwing), कॉमन मॉर्मन (Common Mormon), ग्रे पैंसी (Grey Pansy), पिग्मी स्क्रब-हॉपर (Pygmy Scrub-hopper), क्रिमसन रोज (Crimson Rose), टेल्ड जय (Tailed Jay), तमिल योएमैन (Tamil Yeoman), कॉमन जेजेबेल (Common Jezebel), लाइम बटरफ्लाई (Lime Butterfly), कॉमन वैंडरर (Common Wanderer)

3. बर्ड्स (Birds)

पैराडाईज फ्लाईकैचर (Paradise Flycatcher), पन्ना डव (Emerald Dove), लार्ज ग्रीन बारबेट (Large Green Barbet), ग्रे जंगल फॉउल (Gray Jungle Fowl), ग्रेटर इंडियन हॉर्नबिल (Greater Indian Hornbill), ड्रोंगो (Drongo), मालाबार पाइड हॉर्नबिल (Malabar Pied Hornbill), रूबी-थ्रोटेड येलो बुलबुल (Ruby-throated Yellow Bulbul), इंडियन ब्लैक वुडपेकर (Indian Black Woodpecker), गोल्डन ओरियल (Golden Oriole), वैगटेल्स (Wagtails), तीन पंजों वाली नीलकंठ (Three-toed Kingfisher), फेयरी ब्लूबर्ड (Fairy Bluebird), ग्रे-हेडेड मैना (Grey-headed Myna), श्राइक (Shrike), मालाबार ग्रे हार्नबिल (Malabar Gray Hornbill) रैकेट-टेल्ड ड्रोंगो (Racket-tailed Drongo), श्रीलंका फ्रॉगमॉउथ (Sri Lanka Frogmouth)

4. रेप्टाइल्स (Reptiles)

कैट स्नेक (Cat Snake), किंग कोबरा (King Cobra), इंडियन रॉक पाइथन (Indian Rock Python), हंप-नोज्ड पिट वाईपर (Hump-nosed Pit Viper), कॉमन करैत (Common Krait), मालाबार पिट वाईपर (Malabar Pit Viper), इंडियन कोबरा (Indian Cobra), रैट स्नेक (Rat Snake), रसेल वाईपर (Russell’s Viper), ब्रॉन्जजैक ट्री स्नेक (Bronze jack Tree Snake)

मोलेम नेशनल पार्क में फ्लोरा (Flora in Mollem National Park)

अगर बात की जाए मोलेम नेशनल पार्क के फ्लोरा की तो, यहाँ पाए जाने वाले फ्लोरा निम्नलिखित है।

वनों के प्रकार (Types of Forests)

सदाबहार वन (Evergreen forests), पश्चिमी तट के उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन (Tropical evergreen forests of the west coast), पश्चिमी तट के अर्ध-सदाबहार वन (Semi-evergreen forests of the west coast) और नम पर्णपाती वन (Moist deciduous forests)

इसके अलावा, यहाँ 492 जनेरा और 122 फैमिली से संबंधित पुष्पीय पौधों के 722 प्रजातियां, एंडेमिक पौधों के 128 प्रजातियां और टेरीडोफाइट की 37 प्रजातियां पाई जाती है।

बेस्ट टाइम टू विजिट मोलेम नेशनल पार्क (Best time to visit Mollem National Park)

अगर आप मोलेम राष्ट्रीय उद्यान आने की चाह रख रहे है तो आप समर (Summer) में आने से बचें क्योंकि समर में यहाँ बहुत ज्यादा गर्मी पड़ती है। आप यहाँ ठण्ड के महीनों (अक्टूबर से मार्च) में आने की कोशिश करें क्योंकि इस समय यहाँ का मौसम सुहाना और परिस्थितियां सम रहती हैं और आपको यहाँ ज्यादा से ज्यादा जानवर देखने को मिलेंगे।

कैसे पहुंचे मोलेम राष्ट्रीय उद्यान (How to reach Annamalai National Park)?

  • सड़क मार्ग- इस नेशनल पार्क को राष्ट्रीय राजमार्ग 4A दो भागों में विभाजित करती है। मोलेम नेशनल पार्क सड़क मार्ग द्वारा प्रमुख शहरों (मुंबई, पणजी, नागपुर, और नासिक) से जुड़ा हुआ है।
  • रेल मार्ग- कोलेम रेलवे स्टेशन इस नेशनल पार्क के सबसे निकट में स्थित है और यहाँ से आप टैक्सी या बस लेकर मोलेम नेशनल पार्क पहुंच सकते है।
  • हवाई मार्ग- इस नेशनल पार्क का निकटम एयरपोर्ट डाबोलिम (गोवा इंटरनेशनल एयरपोर्ट) में है।

मोलेम नेशनल पार्क में आकर्षण के केंद्र (Points of attraction in Mollem National Park)

  • दूधसागर फॉल्स (Dudhsagar Falls)
  • तांबडी सुरला मंदिर (Tambdi Surla Temple)
  • तांबडी फॉल्स (Tambdi Falls)
  • सनसेट पॉइंट (Sunset Point)
  • शैतान की घाटी (Devil’s Canyon)
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पश्चिम चंपारण जिले में स्थित है बिहार का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान

वाल्मीकि नेशनल पार्क का इतिहास (History of Valmiki National Park)

1950 से पहले यह संरक्षित क्षेत्र, बेतिया महाराज के राज में आता था। सर्वप्रथम, 1978 में इस संरक्षित क्षेत्र को वन्य जीव अभ्यारण घोषित कर दिया गया। इसके पश्चात, 1990 में वाल्मीकि वन्य जीव अभ्यारण्य को नेशनल पार्क का दर्जा दे दिया गया। 1990 में ही, इसे प्रोजेक्ट टाइगर के तहत टाइगर रिजर्व बना दिया गया। वाल्मीकि नेशनल पार्क और वाल्मीकि वन्यजीव अभयारण्य वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) का हिस्सा है।

वाल्मीकि नेशनल पार्क में फॉउना (Fauna in Valmiki National Park)

वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान में कई प्रकार के फॉउना (Fauna) निवास करते हैं। यहाँ पाए जाने वाले जीव निम्नलिखित हैं।

1. मैमल्स (Mammals)

बंगाल टाइगर (Bengal Tiger), इंडियन लेपर्ड (Indian Leopard), एशियन एलीफैंट (Indian Elephant), भारतीय गैंडा (Indian Rhinoceros), क्लाउडेड लेपर्ड (Clouded Leopard), वाइल्ड वाटर बफैलो (Wild Water Buffalo), वाइल्ड बोअर (Wild Boar), एशियाई काला भालू (Asiatic Black Bear), भारतीय स्लॉथ भालू (Indian Sloth Bear), इंडियन गौर (Indian Gaur), स्पॉटेड डियर (Spotted Deer), सांभर (Sambar), बार्किंग डियर (Barking Deer), फिशिंग कैट (Fishing Cat), हॉग डियर (Hog Deer), बंदर (Monkey), उड़ने वाली गिलहरी (Flying Squirrel), औटर (Otter), लेपर्ड कैट (Leopard Cat), वाइल्ड डॉग (Wild Dog), ब्लू बुल या नीलगाय (Blue Bull or Nilgai), लंगूर (Langur), नेवला (Mongoose)

2. बर्ड्स (Birds)

पैराडाईज फ्लाईकैचर (Paradise Flycatcher), कलिज तीतर (Kalij Pheasant), व्हाइट-आई बार्बलर (White-eye Barbler), तीन पंजों वाली बटेर (Three-toed Quail), पाइड हॉर्नबिल (Hornbill), स्टॉर्क (Storks), ग्रीन बारबेट (Green Barbet), प्लोवर (Plover), व्हाइट-ईयर नाइट हेरॉन (White-eared Night Heron), स्निप्स (Snipes), ट्री पिपिट (Tree Pipit), आइबिस (Ibis), ग्रे श्राइक (Gray Shrike), पन्ना डव (Emerald Dove), पिटा (Pitta), ग्रीन विलो वार्बलर (Green Willow Warbler), वेडर्स (Waders)

3. रेप्टाइल्स (Reptiles)

किंग कोबरा (King Cobra), अजगर (Python ), करैत (Krait), मॉनिटर लिजर्ड (Monitor Lizard), बैंडेड करैत (Banded Krait), घड़ियाल (Alligator), क्रोकोडाइल (Crocodile), दोमुंहा सांप (Two-headed Snake)

4. बटरफ्लाई (Butterfly)

ग्लासी टाइगर (Glassy Tiger), ग्रेट मॉर्मन (Great Mormon), ग्रेट एगफ्लाई (Great Eggfly), कॉमन मॉर्मन (Common Mormon), ग्रे पैंसी (Gray Pansy), क्लब बीक (Club Beak), कॉमन क्रो (Common Crow), लाइम बटरफ्लाई (Lime Butterfly)

वाल्मीकि नेशनल पार्क में फ्लोरा (Flora in Valmiki National Park)

अगर बात की जाए मुकुर्थी नेशनल पार्क के फ्लोरा की तो, यहाँ पाए जाने वाले फ्लोरा निम्नलिखित है।

1. महत्वपूर्ण पेड़ (Important Trees)

करम (Karam), साल (Sal), सिमल (Simal), मंदार (Mandar), बंजन (Banjan), बहेरा (Bahera), सतसाल (Satsal), बोडेरा (Bodera), पियार (Piyar), असिद्ध (Asidh), असान (Asan), हर्रा (Harra), चिर पाइन (Chir Pine),

2. घास (Grass)

इम्पेराटा सिलिंड्रिका (Imperata Cylindrica), कंस (Kans), चोरंथ (Choranth), मुंज (Munj), सबाई (Sabai), हाथी घास (Elephant Grass), वेटिवेरिया ज़िज़ानियोइड्स (Vetiveria Zizanioides), नरकट (Narkat)

3. औषधीय पौधे (Medicated Plants)

कुटज (Cottage), आंवला (Gooseberry), सतावर (Satawar), सफेद मूसली (Safed Musli), पाइपर (Piper)

बेस्ट टाइम टू विजिट वाल्मीकि नेशनल पार्क (Best time to visit Valmiki National Park)

अगर आप वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान आने की चाह रख रहे है तो आप समर (Summer) और मानसून (Monsoon) में यहाँ आने से बचें क्योंकि इस समय यहाँ बहुत गर्मी पड़ती है और यह नेशनल पार्क बंद रहता है। यह राष्ट्रीय उद्यान 1 अक्टूबर से 31 मई तक खुला रहता है। आप यहाँ नवंबर से फरवरी के बीच में आने की कोशिश करें क्योंकि इस समय यहाँ का मौसम सुहाना और परिस्थितियां सम रहती हैं और आपको यहाँ ज्यादा से ज्यादा जानवर देखने को मिलेंगे।

कैसे पहुंचे वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान (How to reach Valmiki National Park)?

सड़क मार्ग- वाल्मीकि नेशनल पार्क सड़क मार्ग द्वारा प्रमुख शहरों (पटना, लखनऊ और प्रयागराज) से जुड़ा हुआ है। निकटतम शहर बेतिया (80 किमी) से यहाँ के डेली बस सर्विस है। रेल मार्ग- इस नेशनल पार्क के पास में निकटम रेलवे स्टेशन ‘वाल्मीकि रेलवे स्टेशन’ है जहाँ से आप टैक्सी या बस लेकर वाल्मीकि नेशनल पार्क पहुंच सकते है। हवाई मार्ग- इस नेशनल पार्क का निकटम एयरपोर्ट पटना (जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल एयरपोर्ट) में है जो नेशनल पार्क से 295 किलोमीटर दूर है।

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एक ऐसा राष्ट्रीय उद्यान जिसे नीलगिरी तहर राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जाना जाता है

मुकुर्थी नेशनल पार्क में फॉउना (Fauna in Mukurthi National Park)

मुकुर्थी राष्ट्रीय उद्यान में कई प्रकार के फॉउना (Fauna) निवास करते हैं। यहाँ पाए जाने वाले जीवों में नीलगिरि तहर (Nilgiri Tahr), बंगाल टाइगर (Bengal Tiger), लेपर्ड (Leopard), नीलगिरि मार्टन (Nilgiri Marten), नीलगिरि लंगूर (Nilgiri Langur), इंडियन एलीफैंट (Indian Elephant), बोनट मकाक (Bonnet Macaque), सांभर (Sambar), बार्किंग डियर (Barking Deer), सियार (Jackal), माउस डियर (Mouse Deer), ब्लैक-नेप्ड रैबिट (Black-napped Rabbit), औटर (Otter), वाइल्ड कैट (Wild Cat), स्मॉल इंडियन सिवेट (Small Indian Civet), वाइल्ड डॉग (Wild Dog), मालाबार स्पाइनी डोरमाउस (Malabar spiny dormouse), सॉफ्ट-हेयर रैट (Soft-haired rat), नीलगिरि लाफिंगथ्रश (Nilgiri laughingthrush) आदि शामिल है।

इसके अलावा यहाँ मालाबार व्हिसलिंग थ्रश (Malabar whistling thrush), यूरेशियन वुडकॉक (Eurasian woodcock), नीलगिरि वुड पिजन (Nilgiri wood pigeon), ब्लैक-एंड-ऑरेंज फ्लाईकैचर (Black-and-orange flycatcher), नीलगिरि फ्लाईकैचर (Nilgiri flycatcher, ), ग्रे-हेडेड कैनरी फ्लाईकैचर (Grey-headed canary flycatcher), ब्लैक बुलबुल (Black bulbul), इंडियन व्हाइट-आई (Indian white-eye), नीलगिरी पिपिट (Nilgiri pipit), ब्लैक ईगल (Black Eagle), कॉमन केस्ट्रल (Common Kestrel) भी पाए जाते है।

मुकुर्थी नेशनल पार्क में फ्लोरा (Flora in Mukurthi National Park)

अगर बात की जाए मुकुर्थी नेशनल पार्क के फ्लोरा की तो, यहाँ पाए जाने वाले आर्किड की कुछ प्रमुख प्रजातियाँ में एरिया एब्लिफ़्लोरा (Area abliflora), ओबेरोनिया सैंटापौई (Oberonia centapoui), एराइड्स रिंगेंस (Arides ringense), एराइड्स क्रिस्पा (Arides crispa), कोएलोग्ने ओडोरैटिसिमा (Coelogne odoratissima), ब्राचीकोरीथिस इएंथा (Brachycorythis iantha), सैटिरियम नेपालेंस (Satyrium nepalense), हेबेनेरिया सेफलोट्स (Habenaria cephalotes), सेडेनफिया डेंसिफ्लोरा (Seidenphia densiflora), स्पिरैंथेस साइनेंसिस (Spiranthes sinensis), लिपारिस एट्रोपुरप्यूरिया (Liparis atropurpurea) शामिल है।

बेस्ट टाइम टू विजिट मुकुर्थी नेशनल पार्क (Best time to visit Mukurthi National Park)

अगर आप मुकुर्थी राष्ट्रीय उद्यान आने की चाह रख रहे है तो आप समर (Summer) में आने से बचें क्योंकि समर में यहाँ बहुत ज्यादा गर्मी पड़ती है। आप यहाँ फरवरी से मई और सितम्बर से नवंबर के बीच में आने की कोशिश करें क्योंकि इस समय यहाँ का मौसम सुहाना और परिस्थितियां सम रहती हैं और आपको यहाँ ज्यादा से ज्यादा जानवर देखने को मिलेंगे।

कैसे पहुंचे मुकुर्थी राष्ट्रीय उद्यान (How to reach Mukurthi National Park)?

  • सड़क मार्ग- मुकुर्थी नेशनल पार्क सड़क मार्ग द्वारा प्रमुख शहरों (ऊटी, कोयंबटूर और बैंगलोर) से जुड़ा हुआ है।
  • रेल मार्ग- इस नेशनल पार्क के पास में एक रेलवे स्टेशन है- ऊटी रेलवे स्टेशन जहाँ से आप टैक्सी या बस लेकर मुकुर्थी नेशनल पार्क पहुंच सकते है।
  • हवाई मार्ग- इस नेशनल पार्क का निकटम एयरपोर्ट कोयंबटूर (पीलामेडु इंटरनेशनल एयरपोर्ट) में है।
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तमिलनाडु के कोयंबटूर और तिरुपुर जिलों में स्थित है अन्नामलाई राष्ट्रीय उद्यान

अन्नामलाई नेशनल पार्क में फॉउना (Fauna in Annamalai National Park)

अन्नामलाई राष्ट्रीय उद्यान में कई प्रकार के फॉउना (Fauna) निवास करते हैं। यहाँ पाए जाने वाले जीवों में बंगाल टाइगर (Bengal Tiger), भारतीय हाथी (Indian Elephant), भारतीय तेंदुआ (Indian Leopard), ढोल (Dhol), नीलगिरि तहर (Nilgiri Tahr), लायन-टेल्ड मकाक (Lion-tailed Macaque), भारतीय भूरा नेवला (Indian Brown Mongoose), गौर (Gaur), मालाबार स्पाइनी डोरमाउस (Malabar Spiny Dormouse), नीलगिरि लंगूर (Nilgiri Langur), रस्टी-स्पॉटेड कैट (Rusty-spotted Cat), सांभर (Sambar), स्लॉथ भालू (Sloth Bear), भारतीय विशाल गिलहरी (Indian Giant Squirrel) आदि शामिल है।

इसके अलावा यहाँ भारतीय पैंगोलिन (Indian Pangolin), गोल्डन सियार (Golden Jackal), लेपर्ड कैट (Leopard Cat), वाइल्ड कैट (Wild Cat), चीतल (Chital), भारतीय मंटजैक (Indian Muntjac), भारतीय चित्तीदार शेवरोटेन (Indian Spotted Chevrotain), जंगली सूअर (Wild Boar), ग्रे लंगूर (Grey Langur), बोनट मकाक (Bonnet Macaque), एशियाई पाम सिवेट (Asian Palm Civet), छोटा भारतीय सिवेट (Small Indian Civet), भारतीय ग्रे नेवला (Indian Grey Mongoose), धारीदार गर्दन वाला नेवला (Striped-necked Mongoose), सुर्ख नेवला (Ruddy Mongoose) भी पाए जाते है।

अन्नामलाई नेशनल पार्क में फ्लोरा (Flora in Annamalai National Park)

अगर बात की जाए अन्नामलाई नेशनल पार्क के फ्लोरा की तो, यहाँ पाए जाने वाले पेड़ों की कुछ प्रमुख प्रजातियाँ में होपिया परविफ्लोरा (Hopia Parviflora), मेसुआ फेरिया (Messua Ferrea), कैलोफिलम टोमेंटोसम (Calophyllum Tomentosum), एवोडिया मेलियाफोलिया (Evodia Melliafolia), वेटेरिया इंडिका (Vetaria Indica), कुलेनिया एक्सेलसा (Cullenia Excelsa), मैंगीफेरा इंडिका (Mangifera Indica), एल्सटोनिया स्कॉलरिस (Alstonia Scholaris), माचिलस मैक्रान्था (Machilus Macrantha), ऐलेन्थस (Ailanthus), बॉम्बैक्स सीइबा (Bombax Ceiba), यूकेलिप्टस ग्रैंडिस (Eucalyptus Grandis) और पोडोकार्पस वालिचियानस (Podocarpus Wallichianus) शामिल है।

बेस्ट टाइम टू विजिट अन्नामलाई नेशनल पार्क (Best time to visit Annamalai National Park)

अगर आप अन्नामलाई राष्ट्रीय उद्यान आने की चाह रख रहे है तो आप समर (Summer) में आने से बचें क्योंकि समर में यहाँ बहुत ज्यादा गर्मी पड़ती है। आप यहाँ ठण्ड के महीनों (अक्टूबर से मई) में आने की कोशिश करें क्योंकि इस समय यहाँ का मौसम सुहाना और परिस्थितियां सम रहती हैं और आपको यहाँ ज्यादा से ज्यादा जानवर देखने को मिलेंगे।

कैसे पहुंचे अन्नामलाई राष्ट्रीय उद्यान (How to reach Annamalai National Park)?

  • सड़क मार्ग- अन्नामलाई नेशनल पार्क सड़क मार्ग द्वारा प्रमुख शहरों (चेन्नई, बैंगलोर, कोचीन और कोयंबटूर) से जुड़ा हुआ है।
  • रेल मार्ग- इस नेशनल पार्क के पास में एक रेलवे स्टेशन है- पोल्लाची रेलवे स्टेशन जो कोयंबटूर से जुड़ा हुआ है और यहाँ से आप टैक्सी या बस लेकर अन्नामलाई नेशनल पार्क पहुंच सकते है।
  • हवाई मार्ग- इस नेशनल पार्क का निकटम एयरपोर्ट कोयंबटूर (पीलामेडु इंटरनेशनल एयरपोर्ट) में है।
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Tadoba National Park-चंद्रपुर जिले में स्थित है महाराष्ट्र का सबसे बड़ा और पुराना राष्ट्रीय उद्यान

फॉउना (Fauna in Tadoba National Park)

ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान में कई प्रकार के फॉउना (Fauna) निवास करते हैं। यहाँ पाए जाने वाले जीवों में बंगाल टाइगर (Bengal Tiger), भारतीय तेंदुआ (Indian Leopard), स्लॉथ भालू (Sloth Bear), गौर (Gaur), सांभर (Sambar), ढोल (Dhole), स्मॉल इंडियन सिवेट (Small Indian Civet), नीलगाय (Nilgai), वाइल्ड कैट्स (Wild Cats), चौसिंगा (Chausingha), बार्किंग डियर (Barking Deer), चीतल (Chital), हनी बैजर (Honey Badger), ग्रे -हेडेड फिश ईगल (Grey-headed Fish Eagle), क्रेस्टेड सर्पेंट ईगल (Crested Serpent Eagle), चेंजेबल हॉक-ईगल (Changeable Hawk-Eagle), इंडियन पिटा (Indian Pitta), क्रेस्टेड ट्रीस्विफ्ट (Crested Treeswift), स्टोन कर्लेव (Stone Curlew), ब्लैक-नेप्ड ब्लू फ्लाईकैचर (Black-naped Blue Flycatcher), पैराडाइज फ्लाईकैचर (Paradise Flycatcher), क्रेस्टेड हनी बज़र्ड (Crested Honey Buzzard), ब्रॉन्ज-विंग्ड जैकाना (Bronze-winged Jacana), लेसर गोल्डनबैक्ड वुडपेकर (Lesser Goldenbacked Woodpecker), ऑरेंज-हेडेड थ्रश (Orange-headed Thrush), भारतीय मोर (Indian Peacock), मॉर्मन (Mormon), मोनार्क (Monarch), स्वोर्डटेल (Swordtail), मार्श मगरमच्छ (Marsh Crocodile), भारतीय मॉनिटर टेरापिंस (Indian Monitor Terrapins), इंडियन पाइथन (Indian Python), भारतीय स्टार कछुआ (Indian Star Tortoise), इंडियन कोबरा (Indian Cobra) और रसेल वाइपर (Russell’s Viper) शामिल है।

फ्लोरा (Flora in Tadoba National Park)

अगर बात की जाए ताडोबा नेशनल पार्क के फ्लोरा की तो, यहाँ पायी जाने वाली वन की प्रजाति दक्षिणी उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती है। यहाँ पाए जाने वाले वृक्षों की प्रजातियों में सागौन (Teak), क्रोकोडाइल बार्क (Crocodile Bark), बीजा (Beeja), हल्द (Hald), तेंदू (Tendu), सेमल (Semal), सलाई (Salai), बहेड़ा (Bahera), हिरदा (Hirda), कराया गोंद (Karaya Gum), फ्लेम-ऑफ-द-फॉरेस्ट (Flame-of-the-Forest), क्रेप मर्टल (Crape Myrtle), लानिया कोरोमंडेलिका (Lania coromandelica), एक्सलवुड (Axlewood), अर्जुन (Arjun) और ब्लैक प्लम (Black Plum) शामिल हैं।

बेस्ट टाइम टू विजिट ताडोबा नेशनल पार्क (Best time to visit Tadoba National Park)

यदि आप ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान घूमने जाना चाहते है तो समर (Summer) के समय यहाँ जाना के प्लानिंग से बचे। इसका कारण यह है कि इस अवधि में यहाँ बहुत गर्मी होती है जिसके कारण आप इस नेशनल पार्क में अच्छी तरह से नहीं घूम पाएंगे। यदि आप गोरुमारा राष्ट्रीय उद्यान को अच्छी तरह से एक्सप्लोर करना चाहते है तो आप यहाँ ठंड के महीनों (नवंबर से मार्च) में आ सकते है।

कैसे पहुंचे ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान (How to reach Tadoba National Park)?

  • सड़क मार्ग- ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान बय रोड चंद्रपुर, चिमूर, नागपुर, और मुंबई से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
  • रेल मार्ग- इस नेशनल पार्क का नजदीकी रेलवे स्टेशन है- चंद्रपुर रेलवे स्टेशन जहाँ से आप टैक्सी या बस लेकर ताडोबा नेशनल पार्क पहुंच सकते है।
  • हवाई मार्ग- इस नेशनल पार्क का निकटम एयरपोर्ट नागपुर (डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट) में है जो भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है
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Papikonda National Park-संकटग्रस्त और लुप्तप्राय जीवों का घर है पापीकोंडा नेशनल पार्क

फॉउना (Fauna in Papikonda National Park)

पापीकोंडा राष्ट्रीय उद्यान में कई प्रकार के फॉउना (Fauna) निवास करते हैं। यहाँ पाए जाने वाले मैमल्स (Mammals) में बंगाल टाइगर (Bengal Tiger) भारतीय तेंदुआ (Indian Leopard), रस्टी-स्पॉटेड कैट (Rusty-spotted Cat), लेपर्ड कैट (Leopard Cat), वाइल्ड कैट (Wild Cat), स्लॉथ बियर (Sloth Bear), एशियन पाम सिवेट (Asian Palm Civet), स्मॉल इंडियन सिवेट (Small Indian Civet), वाइल्ड बोअर (Wild Boar), स्पॉटेड डियर (Spotted Deer), इंडियन स्पॉटेड शेवरोटेन (Indian Spotted Chevrotain), इंडियन मंटजैक (Indian Muntjac), गौर (Gaur), सांभर (Sambar), नीलगाय (Nilgai) और चार सींग वाला मृग (Four-horned Antelope) शामिल है।

फ्लोरा (Flora in Papikonda National Park)

अगर बात की जाए पापीकोंडा नेशनल पार्क के फ्लोरा की तो, यहाँ पायी जाने वाली वन की प्रजाति नम पर्णपाती और शुष्क पर्णपाती है। यहाँ पाए जाने वाले वृक्षों की प्रजातियों में टर्मिनलिया एलिप्टिका (Terminalia elliptica), टर्मिनलिया अर्जुन (Terminalia arjuna), एडिना कॉर्डिफोलिया (Adina cordifolia), टेरोकार्पस मार्सुपियम (Pterocarpus marsupium), स्टेरकुलिया यूरेन्स (Sterculia urans), एनोजीसस लैटिफोलिया (Anozicus latifolia) और मैंगीफेरा इंडिका (Mangifera indica) शामिल हैं।

बेस्ट टाइम टू विजिट पापीकोंडा नेशनल पार्क (Best time to visit Papikonda National Park)

अगर आप पापीकोंडा राष्ट्रीय उद्यान आने की चाह रख रहे है तो आप समर (Summer) में आने से बचें क्योंकि समर में यहाँ बहुत ज्यादा गर्मी पड़ती है। आप यहाँ ठण्ड के महीनों (नवंबर से मार्च) में आने की कोशिश करें क्योंकि इस समय यह की परिस्थितियां सम रहती हैं और आपको यहाँ ज्यादा से ज्यादा जानवर देखने को मिलेंगे।

कैसे पहुंचे पापीकोंडा राष्ट्रीय उद्यान (How to reach Papikonda National Park)?

  • सड़क मार्ग- पापीकोंडा राष्ट्रीय उद्यान बय रोड विशाखापत्तनम, राजमंड्री और एलूरु से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
  • रेल मार्ग- इस नेशनल पार्क का नजदीकी रेलवे स्टेशन है- राजमंड्री रेलवे स्टेशन जहाँ से आप टैक्सी या बस लेकर पापीकोंडा नेशनल पार्क पहुंच सकते है।
  • हवाई मार्ग- इस नेशनल पार्क का निकटम एयरपोर्ट विशाखापत्तनम (भोगापुरम एयरपोर्ट) में है जो भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
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उड़ीसा के मयूरभंज जिले में स्थित है सिमलिपाल राष्ट्रीय उद्यान

फॉउना (Fauna in Simlipal National Park)

सिमलिपाल राष्ट्रीय उद्यान में कई प्रकार के फॉउना (Fauna) निवास करते हैं जिनमें मैमल्स की 42 प्रजातियाँ, रेप्टाइल्स की 30 प्रजातियाँ और बर्ड्स की 242 प्रजातियाँ शामिल है। यहाँ पाए जाने वाले जानवरों में चीता (Cheetah), सांभर (Sambhar), हाथी (Elephant), भालू (Bear), बार्किंग डियर (Barking Deer), जंगली बिल्ली (Wild Cat), तेंदुआ (Leopard), जंगली सूअर (Wild Boar), रकून (Raccoon), गौर (Gaur), बिजोन (Bison), साही (Porcupine), चित्तीदार हिरण (Spotted Deer), चौसिंगा (Chousingha), स्मॉल मस्क डियर (Small Musk Deer), ग्रे हॉर्नबिल (Grey Hornbill), जायंट गिलहरी (Giant Squirrel), लंगूर (Langur), ऊद (Otter), फ्लाइंग गिलहरी (Flying Squirrel), स्लॉथ बियर (Sloth Bear) और छिपकली (Lizard) शामिल है।

फ्लोरा (Flora in Simlipal National Park)

अगर बात की जाए सिमलिपाल नेशनल पार्क के फ्लोरा की तो, यहाँ वनों की विस्तृत प्रजातियाँ है जिनमें अर्ध-सदाबहार वन (Semi-Evergreen Forest), शुष्क पर्णपाती पहाड़ी वन (Dry Deciduous Mountain Forest) और उष्णकटिबंधीय नम पर्णपाती वन (Tropical Moist Deciduous Forest) शामिल है। यहाँ पौधों की 102 फैमिलीज़ की 1076 प्रजातियाँ और आर्किड की 96 से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती है।

बेस्ट टाइम टू विजिट सिमलिपाल राष्ट्रीय उद्यान (Best time to visit Simlipal National Park)

अगर आप सिमलिपाल राष्ट्रीय उद्यान आने की चाह रख रहे है तो आप समर (Summer) में आने से बचें क्योंकि समर में यहाँ बहुत ज्यादा गर्मी पड़ती है। आप यहाँ ठण्ड के महीनों (नवंबर से मार्च) में आने की कोशिश करें क्योंकि इस समय यह की परिस्थितियां सम रहती हैं और आपको यहाँ ज्यादा से ज्यादा जानवर देखने को मिलेंगे।

कैसे पहुंचे सिमलिपाल राष्ट्रीय उद्यान (How to reach Simlipal National Park)?

  • सड़क मार्ग- सिमलिपाल राष्ट्रीय उद्यान सड़क मार्ग द्वारा भुवनेश्वर और कोलकाता से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
  • रेल मार्ग- इस नेशनल पार्क के पास में रेलवे स्टेशन है- बालासोर रेलवे स्टेशन (105 किमी) जहाँ से आप टैक्सी या बस लेकर सिमलिपाल नेशनल पार्क पहुंच सकते है।
  • हवाई मार्ग- इस नेशनल पार्क का निकटम एयरपोर्ट्स कोलकाता (240 किमी) और भुवनेश्वर (270 किमी) में है।
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कर्नाटक के कोडागु जिले में स्थित है भारत का सैंतीसवां टाइगर रिजर्व

फॉउना (Fauna in Nagarhole National Park)

नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान में कई प्रकार के फॉउना (Fauna) निवास करते है। यहाँ पाए जाने वाले मैमल्स में भारतीय एलीफैंट (Indian Elephant), बंगाल टाइगर (Bengal Tiger), भारतीय तेंदुआ (Indian Leopard), गौर (Gaur), बार्किंग डियर (Barking Deer), सांभर (Sambar), ढोल (Dhole), भारतीय सियार (Indian Jackal), चार-सींग वाला मृग (Four-Horned Antelope), चीतल (Chital), रेड जायंट फ्लाइंग गिलहरी (Red Giant Flying Squirrel), ग्रे लंगूर (Gray Langur), स्लॉथ बियर (Sloth Bear), बोनेट मैकाक (Bonnet Macaque), इंडियन जायंट फ्लाइंग गिलहरी (Indian Giant Flying Squirrel), एशियाई पाम सिवेट (Asian Palm Civet), रेड स्लेंडर लोरिस (Red Slender Loris), जंगली सुअर (Wild Boar), भारतीय विशाल गिलहरी (Indian Giant Squirrel), यूरेशियन ओटर (Eurasian Otter), भारतीय भूरा नेवला (Indian Brown Mongoose), स्मॉल इंडियन सिवेट (Small Indian Civet), तेंदुआ बिल्ली (Leopard Cat), भारतीय खरगोश (Indian Hare), भारतीय कलगी साही (Indian Crested Porcupine), इंडियन पैंगोलिन (Indian Pangolin), धारीदार गर्दन वाला नेवला (Stripe-Necked Mongoose), जंगली बिल्ली (Wild Cat), इंडियन ग्रे नेवला (Indian Grey Mongoose) और इंडियन स्पॉटेड हेवरोटेन (Indian Spotted Hevrotain) शामिल है।

फ्लोरा (Flora in Nagarhole National Park)

अगर बात की जाए नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान के फ्लोरा की तो, यहाँ पेड़ों की अनेक प्रजातियाँ पायी जाती हैं जिनमे से कुछ प्रमुख निम्नलिखित है- टीक (Teak), शीशम (Rosewood), चंदन (Sandalwood), आंवला (Indian Gooseberry), बीचवुड (Beachwood), एक्सलवुड (Axlewood), गोल्डन शॉवर (Golden Shower), सिल्वर ओक (Silver Oak), गुच्छेदार बांस (Clumped bamboo) और भारतीय किनो (Indian Kino) शामिल है।

बेस्ट टाइम टू विजिट नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान (Best time to visit Nagarhole National Park)

अगर आप नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान आने की चाह रख रहे है तो आप समर (Summer) में आने से बचें क्योंकि समर में यहाँ बहुत ज्यादा गर्मी पड़ती है। आप यहाँ ठण्ड के महीनों (नवंबर से मार्च) में आने की कोशिश करें क्योंकि इस समय यह की परिस्थितियां सम रहती हैं और आपको यहाँ ज्यादा से ज्यादा जानवर देखने को मिलेंगे।

कैसे पहुंचे नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान (How to reach Nagarhole National Park)?

  • सड़क मार्ग- नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान सड़क मार्ग द्वारा बंगलुरु और मैसूर से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
  • रेल मार्ग- इस नेशनल पार्क के पास में रेलवे स्टेशन है- मैसूर (90 किमी) जहाँ से आप टैक्सी या बस लेकर नागरहोल नेशनल पार्क पहुंच सकते है।
  • हवाई मार्ग- इस नेशनल पार्क का निकटम एयरपोर्ट बैंगलोर (240 किमी) में है।
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5 Most Famous Highly Recommended National Parks to Visit Near Delhi NCR🏝

शहरों की बढ़ती आबादी और पॉल्यूशन (pollution) पूरी दुनिया में एक बड़ी समस्या बनकर उभर रहा है। भारत में भी महानगरों की स्थिति ऐसी हो गई है कि पेड़ों की संख्या कम और इंसानों की गिनती ज्यादा है। यह ना सिर्फ स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं को उत्पन्न करता है, बल्कि लोगों में बढ़ रहे मानसिक तनाव का भी एक बड़ा कारण है। ऐसे में नेचर को अपने करीब महसूस करने के लिए और जिंदगी से कुछ सुकून के पल चुराने के लिए सबसे बेहतरीन विकल्प है, जंगल सफारी। आइए हम आपको बताते हैं कुछ ऐसे नेशनल पार्क्स के बारे में जहां आप आसानी से जंगल सफारी कर सकते हैं और प्रकृति को अपने करीब से महसूस कर सकते हैं। यह नेशनल पार्क प्रकृति के खजाने( Natural Treasure Of India)  को संजो कर रखते हैं और धरती के वातावरण को जीवन के अनुकूल बनाए रखने में मदद करते हैं। तो आइए आपको बताते हैं कि आप कैसे इंडिया के वाइल्ड लाइफ को एक्सप्लोर कर सकते हैं(exploring india’s wilderness) :

कूनो राष्ट्रीय उद्यान (Kuno National Park)

देश के सबसे प्रसिद्ध नेशनल पार्क में से एक कूनो नेशनल पार्क हाल में ही काफी चर्चा का विषय रहा था। यहां कुछ दिनों पहले नामीबिया से 8 चीतों को ला कर रखा गया था। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित इस नेशनल पार्क में आकर आपको एक अलग ही अनुभूति होगी। चारों ओर घने जंगल और बेफिक्र घूम रहे जंगली जानवर किसी अलग ही दुनिया का आभास करा देते हैं। यह नेशनल पार्क कूनो नदी के तट पर स्थित है। यह कह सकते हैं कि कूनो नदी यहां की जीवन रेखा है। यहां के जंगली जानवरों को गर्मी के समय सिर्फ इसी नदी का सहारा होता है।  बात करें अगर इस पार्क के फैलाव की तो यह नेशनल पार्क 415 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और हजारों जानवरों का आसरा है।

इतिहास (history) :

बात करें अगर कूनो नेशनल पार्क के इतिहास की तो इसे 1981 में एक वन अभ्यारण्य के रूप में स्थापित किया गया था जिसे 2018 में नेशनल पार्क की उपाधि दे दी गई। जब 1992 गुजरात के गिर से शेरों को विस्थापित कर किसी दूसरे जगह भेजने का प्रस्ताव पारित हुआ तो, कूनो को इस सिंह परियोजना के लिए चुना गया था। मध्य प्रदेश सरकार ने कूनो में शेरों के स्वागत के लिए 2003 तक कूनो के आसपास के क्षेत्र में बसे 29 गांव को विस्थापित कर शेरों को लाने की सारी तैयारी कर ली थी। इसके बाद से ही गुजरात सरकार से शेर मांगे जा रहे हैं लेकिन गुजरात सरकार किसी ना किसी बहाने से इस प्रोजेक्ट में अड़ंगा लगा रही है।

कैसे पहुंचे? (how to reach?)

ग्वालियर एयरपोर्ट कूनो नेशनल पार्क के सबसे नजदीक स्थित एयरपोर्ट है। यह एयरपोर्ट देश के अन्य शहरों जैसे दिल्ली, कोटा, पटना, जयपुर आदि से भली भांति जुड़ा हुआ है। दिल्ली एयरपोर्ट से ग्वालियर के लिए फ्लाइट लगभग ₹2000 से ₹3000 तक की आती है। आप नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से ट्रेन के माध्यम से भी ग्वालियर पहुंच सकते हैं। इसके अलावा आप बाय रोड भी कूनो नेशनल पार्क पहुंच सकते हैं।

जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान (Jim Corbette National Park)

पहाड़ियों की गोद में बसे हुए इस नेशनल पार्क में आकर आपके सारे थकान दूर हो जाएंगे और मन तरोताजा हो जाएगा। यह एक हिल स्टेशन(hill station) नेशनल पार्क है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यहां 480 से भी ज्यादा प्रकार के पौधे पाए जाते हैं (rich biodiversity)। नैनीताल के पास बसा यह नेशनल पार्क हाल फिलहाल के दिनों में पर्यटकों के लिए खासा आकर्षण का केंद्र रहा है।

इतिहास (history)

यह पार्क उत्तराखंड के रामनगर में स्थित है। जिम कार्बेट नेशनल पार्क को 1936 में हेली नेशनल पार्क के रूप में स्थापित किया गया था। जिम कॉर्बेट ने इस पार्क की स्थापना में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उन्हीं के सम्मान के लिए इस पार्क का नाम बदलकर जिम कार्बेट नेशनल पार्क किया गया। इस नेशनल पार्क का क्षेत्रफल लगभग 1318 वर्ग किलोमीटर है और यह नेशनल पार्क ना सिर्फ जंगली जानवरों बल्कि कई प्रकार के प्रवासी पक्षियों और तितलियों का भी घर है।

यह नेशनल पार्क हमारे देश का सबसे पुराना नेशनल पार्क भी है और इसकी स्थापना लुप्त हो चुके बंगाली बाघों (Royal Bengal tiger) के रक्षा के लिए किया गया था। बाघों के संरक्षण के लिए यहां सबसे पहले पहल किया गया था। कार्बेट नेशनल पार्क में पहाड़ी, नदी, दलदल के गड्ढे, घास के मैदान और एक बड़ी झील शामिल है। इस पार्क में आपको ताल, पीपल, रोहिणी और आम आदि के पेड़ देखने को मिल जाएंगे। यह पार्क नम पर्णपाती वनों की सूची में आता है।

इस पार्क में आपको कई प्रकार के टूरिस्ट जोन देखने को मिलते हैं। जिनमें से कुछ निम्नांकित हैं (types of tourist zone) –

बिजरानी सफारी जोन : इस सफारी जोन की खासियत यहां के खुले घास के मैदान हैं। यह सफारी जोन रामनगर से 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

ढेला सफारी जोन : यह नया इको टूरिज्म सफारी जोन है। जिसे नवंबर 2014 में शुरू किया गया था। यह सफारी जोन इकलौता ऐसा सफारी जोन है जो नेशनल पार्क के बफर जोन में स्थित है। बफर जोन की रिच बायोडायवर्सिटी पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है। यहीं वजह है कि इस सफारी जोन के लिए लोगों की भीड़ ज्यादा होती है।

झिरना सफारी जोन : यह सफारी जोन पूरे साल भर पर्यटकों के लिए खुला रहता है और यह रामनगर सिटी से 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इनके अतिरिक्त यहां दुर्गा देवी जोन, सीताबनी जोन जैसे सफारी जॉन भी हैं। जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

कैसे पहुंचे? (How to reach?)

जिम कार्बेट नेशनल पार्क से नियरेस्ट एयरपोर्ट है पटनागर एयरपोर्ट। जिसके लिए दिल्ली एयरपोर्ट से आपको लगभग 3000 रुपए से 5000 रुपए तक के बीच में टिकट मिल जाएंगे। आप यहां जाने के लिए ट्रेन मार्ग या फिर सड़क मार्ग का भी उपयोग कर सकते हैं।

राजाजी नेशनल पार्क (Rajaji National Park)

उत्तराखंड राज्य के देहरादून और हरिद्वार में स्थित राजाजी नेशनल पार्क का क्षेत्रफल 820.5 वर्ग किलोमीटर है। हाथियों, तेंदुओं, बाघों और हिरनों जैसे जानवरों को अपने में पनाह देने वाला यह पार्क पर्यटकों के मन को भी काफी लुभाता है। सुहाने मौसम, हरे भरे पेड़ और पहाड़ियों के बीच खुले में घूम रहे जानवर को देखना अपने आप में ही अविस्मरणीय दृश्य होता है।

एंट्री फीस (entry fees)

अगर बात करें इस पार्क में एंट्री फी की तो भारतीय नागरिकों के लिए इस पार्क में एंट्री फीस ₹750 प्रति व्यक्ति है। वहीं विदेशी नागरिकों के लिए यहां ₹1500 प्रति व्यक्ति का एंट्री फी है। अगर आप जीप सफारी करना चाहते हैं तो 150 प्रति व्यक्ति जीप सफारी का अतिरिक्त खर्च आता है। यहां एक जीप सफारी में 10 व्यक्ति एक साथ जा सकते हैं।

इतिहास (history)

इस नेशनल पार्क की स्थापना 1983 में वाइल्ड लाइफ सेंचुरी (wild life century) के तौर पर की गई थी। इस नेशनल पार्क का नामकरण स्वतंत्रता सेनानी और भारत के प्रथम गवर्नर जनरल श्री राजगोपालाचारी के नाम पर रखा गया है। जिन्हें लोग राजा जी के नाम से भी जानते थे।

कैसे पहुंचे? (how to reach?)

यहां पहुंचने का सबसे सरल मार्ग है हवाई मार्ग। राजाजी नेशनल पार्क से सबसे निकटतम एयरपोर्ट है जौली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून। जो कि दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से अच्छे तरीके से जुड़ा हुआ है। यहां के लिए फ्लाइट टिकट की कीमत आपको लगभग ₹3500 रुपए पड़ेंगे। यहां आप वाया ट्रेन भी जा सकते हैं। न्यू दिल्ली से देहरादून रेलवे स्टेशन के लिए भी कई सारी ट्रेनें चलती हैं। आप चाहे तो दिल्ली से देहरादून के लिए कैब भी बुक कर सकते हैं।

अलवर सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान (Alwar Sariska Safari)

दिल्ली के नजदीक स्थित अलवर सरिस्का सफारी अन्य जंगल सफारियों से काफी अलग है। क्योंकि आप यहां मानसून में भी जंगल सफारी का आनंद उठा सकते हैं। सरिस्का जंगल सफारी दिल्ली से मात्र ढाई घंटे की दूरी पर स्थित है और नेचर को एक्सप्लोर करने के लिए एक बेहतरीन जगह है। सरिस्का जंगल सफारी के पास हीं स्थित है, अलवर फोर्ट और बाला फोर्ट बफर जोन (buffer zone)। आप इन दोनों जगह पर जाकर भी घूम सकते हैं। अलवर के किले पर खड़े होकर आप पूरे सरिस्का नेशनल पार्क को देख सकते हैं। चारों ओर बड़े-बड़े पेड़, घना जंगल और जंगलों में बिना डरे चहल कदमी कर रहे हिरन आपका मन मोह लेंगे। खड़े होकर आसपास के सीनरी को निहारना भी सुकून दायक होता है।

इतिहास (history)

राजस्थान के अलवर जिले में स्थित  सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान 866 वर्ग किलोमीटर स्क्वायर में फैला हुआ एक राष्ट्रीय उद्यान है। जिसके स्थापना 1955 में एक वन्य जीव अभ्यारण के तौर पर की गई थी। आज यह पर्यटकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र है। लोग यहां आकर जंगल सफारी करना और अलवर का किला घूमना काफी पसंद करते हैं।
नेचर को पसंद करने वाले लोगों के लिए यह किसी स्वर्ग की तरह है। वहीं वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी को पसंद करने वाले लोग भी यहां आकर अपने शौक को पूरा करने का प्रयास करते हैं।

कैसे पहुंचे? (how to reach?)

दिल्ली से अलवर वाया रोड और वाया ट्रेन आसानी से आ सकते हैं। अलवर के लिए आपको नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से कई ट्रेनें मिल जाएंगी। अगर आप अपनी गाड़ी से अलवर आना चाहते हैं तो यह भी एक अच्छा ऑप्शन है। आप अपनी सुविधा अनुसार अपने यातायात के साधन का चुनाव कर सकते हैं।

गिर राष्ट्रीय उद्यान (Gir National Park)

चारों तरफ घने जंगल और स्वतंत्र रूप से बिना किसी डर के घूम रहे बब्बर शेर, गुजरात के सोमनाथ जिले में स्थित गिर नेशनल पार्क की पहचान हैं। 
यहां मैमल्स (mammals) के 38 प्रजाति पक्षियों (birds) के 300 से अधिक प्रजाति रेप्टाइल्स (reptiles) के साथ इस प्रजाति और इनसेक्टस (insects) के 2,000 से भी ज्यादा प्रजाति पाए जाते हैं। यह नेशनल पार्क सिर्फ जानवरों के लिए नहीं बल्कि यहां पाए जाने वाले पौधों के विविधता के लिए भी मशहूर है।

इतिहास (history) :

यह इकलौता नेशनल पार्क है जहां एशियाटिक लायंस (Asiatic Lions) अपने प्राकृतिक आवास में पाए जाते हैं। यहां शेरों की संख्या लगभग 600 के आसपास है। इस नेशनल पार्क की स्थापना 1965 में की गई थी और इसका क्षेत्रफल 1410 वर्ग किलोमीटर है।
गिर के वन राजतंत्र शासन के समय में जूनागढ़ के नवाबों के लिए एक शिकार का क्षेत्र हुआ करता था और यहां पाए जाने वाले जानवरों का ट्रॉफी हंटिंग (trophy hunting) किया जाता था।
गिर जंगल ट्रेल सफारी में अगर आप जंगल सफारी का आनंद उठाना चाहते हैं तो फारेस्ट डिपार्टमेंट की ओर से 3 घंटे के लिए ओपन जीप में बिठाकर घने जंगलों की सैर करवाई जाएगी। यहां जंगल सफारी के तेरा रूट हैं। टूरिज्म से जंगली जानवरों का जीवन प्रभावित ना हो इसके लिए भी यहां विशेष प्रावधान किए जाते हैं। Wildlife photography in Indian national parks

घूमने का सबसे बेस्ट समय (best time to visit)

इस नेशनल पार्क में टूरिज्म से जंगली जानवरों और खासकर शेरों की जिंदगी प्रभावित ना हो, का विशेष ध्यान रखा जाता है। यह पार्क टूरिज्म के लिए 16 अक्टूबर से 15 जून तक के लिए हर साल खुला होता है। साल के बाकी के दिनों में यहां टूरिज्म एक्टिविटीज नहीं होती हैं। यहां के जंगल सफारी का प्लान बनाते वक्त इस बात का ध्यान रखें।

कैसे पहुँचे? (how to reach?) :

केशोद एयरपोर्ट और राजकोट एयरपोर्ट गिर नेशनल पार्क से सबसे निकटतम एयरपोर्ट्स हैं। आप यहां से कैब और बस सर्विस का उपयोग करके गिर नेशनल पार्क पहुंच सकते हैं। दिल्ली से राजकोट एयरपोर्ट के लिए फ्लाइट टिकट की कीमत मिनिमम ₹5000 के आसपास होती है।
आप वाया ट्रेन बड़ी आसानी से यहां पहुंच सकते हैं।

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