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Bangle Market: जानिए क्यों देश विदेश के पर्यटकों की पहली पसंद है जयपुर की लाख की चूड़ी मार्किट

क्यों खास है जयपुर के लाख की चूड़ियाँ ?

जयपुर का बाजार लाख की चूड़ियों के लिए दुनिया भर में मशहूर है। यहां हर तरह की लाख की चूड़ियाँ बनवायी जाती है। आप यहां अपनी आंखों के सामने लाख की चूड़ियों को बनते हुए देख सकते हैं। चूड़ियां महिलाओं की खास पसंद होती है। इंडियन कल्चर को मानने वाली हर विवाहित महिला अपने हाथों में चूड़ियाँ पहनती हैं। …और सिर्फ विवाहित हीं नहीं अविवाहित लड़कियां भी अपने हाथ में चूड़ियाँ पहनना पसंद करती हैं। और अगर यह चूड़ियाँ उन्हें उपहार में दे दी जाए तो इससे बेहतर गिफ्ट उनके लिए और कुछ हो ही नहीं सकता है।

सामने बनाई जाती हैं चूड़ियाँ

अगर आपको भी अलग-अलग रंगों की चूड़ियाँ पहनना पसंद है तो आप जयपुर के चूड़ी मार्केट का रुख सकती हैं। जहां आप रंग बिरंगी चमचमाती चूड़ियाँ कस्टमाइज्ड करवा सकते हैं और अपने सामने इन चूड़ियों को बनता हुआ देख सकते हैं। यहां पर लाख की चूड़ियाँ बनाने वाले कलाकार आने वाले पर्यटकों के सामने चूड़ी बनाकर उन्हें दिखाते हैं। यह आपको काफी फैशिनेटिंग लगेगा। दूर से देखने पर लाख की चूड़ियाँ बनाना आसान काम लगता है। लेकिन इन कलाकारों से पूछने पर पता चलता है कि गर्म लाख को चूड़ी के खांचे में डालना एक चैलेंजिंग काम होता है। ये कलाकार बताते हैं कि इन लाख की चूड़ियों को बनाने के लिए सही तकनीक आना काफी जरूरी है। कोई भी व्यक्ति ऐसे ही फिनिशिंग के साथ चूड़ियों को नहीं बना पाएगा अगर उसे वह तकनीक पता ना हो। कलाकार बताते हैं कि लाख की चूड़ियाँ बनाने का यह तकनीक सिखाई नहीं जाती बल्कि अनुभव से आती है।

करवा सकते हैं कस्टमाइज

पर्यटक अपने हिसाब से इन लाख की चूड़ियों को डिजाइन करवा सकते हैं। अगर आप भी लाख की चूड़ियाँ बनवाना चाहते हैं तो आप अपने हिसाब से इन लाख की चूड़ियों के रंग, डिजाइन आदि को कस्टमाइज करवा सकते हैं। यहां आने वाले पर्यटक अपनी डिमांड्स चूड़ी निर्माता के सामने रखते हैं और चूड़ी बनाने वाले कारीगर उनकी डिमांड्स के अनुसार उनके सामने हीं चूड़ी बनाकर उन्हें पहना देते हैं।

सबसे खास है नाम वाली चूड़ियाँ

आप कस्टमाइज्ड नाम वाले चूड़ियों का भी यहां ऑर्डर दे सकते हैं। लाख की चूड़ियों पर नग से लोगों के नाम को उकेर कर यह खास चूड़ियाँ तैयार की जाती है। यह चूड़ियाँ अक्सर नव विवाहिताओं के लिए डिजाइन करवाई जाती है। जिसमें उस नव विवाहिता के साथ उसके पति का नाम उसकी चूड़ी में लिखा गया होता है। लाख की ऐसी चूड़ियों की डिमांड काफी दूर-दूर से आती है

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Jal Mahal Jaipur the Water Palace

Jal Mahal - झील के बीचों-बीच बना अनोखे सौन्दर्य और अद्भुत स्थापत्यकला का बेजोड़ उदाहरण

by Pardeep Kumar

अपनी यात्रा के अगले पड़ाव पर हम आ पहुंचे हैं राजस्थान के एक ऐसे शहर जो प्रेम, शांति और कला की अपनी एक अलग ही कहानी बयां करता है। कुछ शहर खूबसूरत होते हैं और कुछ सुन्दर बनने की चेष्टा करते हैं। लेकिन राजस्थान का जयपुर शहर तो शायद सुंदरता के लिए बनाया गया है जिसका नाम जेहन में आते ही मन गुलाबी हो उठता है। चाहे दिन का समय हो या रात का, इस शहर की चमक और बनावट मन से उतरती ही नहीं। चारों और अरावली की पहाडयों से घिरा, चौड़ी और साफ़ सुथरी सड़कों और अपने चमकीले और सैकड़ों साल पुराने बाज़ारों के कारण यह शहर किसी भी पर्यटक के मन को खुश करने में पूरी तरह सक्षम है। हमनें  अपने जयपुर ट्रिप में न केवल यहाँ के ऐतिहासिक और भव्य किलों को एक्सप्लोर किया बल्कि यहाँ की जीवन शैली, कल्चर, वास्तुकला, बाजार और खानपान को भी समझने की कोशिश की। इसी कड़ी में आज के इस ब्लॉग में हम आपको बता रहे हैं जयपुर की एक बेहद खूबसूरत जगह जलमहल के बारे में।

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कैसे पहुंचे जलमहल

झील के बीचोंबीच बना ये जलमहल राजस्थान के जयपुर जिले के आमेर मार्ग पर स्थित है, दिल्ली से लगभग 260 किलो मीटर और अजमेर से 146 किलो मीटर की दूरी पर बना ये महल पर्यटकों के आकर्षण का विशेष केंद्र है।

किस समय और किस मौसम में यहाँ आना बेस्ट रहता है

वैसे तो यह महल 24 घंटे खुला रहता है पर यहां आने का सबसे उपयुक्त समय सुबह दस बजे से रात नौ बजे तक है इस समय अधिकतर लोग यहां पिकनिक करने, क्वालिटी टाइम स्पेंड करने और सुबह शाम यहां के लोकल लोग वॉक करने भी आते हैं। यहां आने का सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर से मार्च के बीच का है । दरअसल इन दिनों सर्दियों की खिली-खिली धूप में जल महल का नजारा बहुत ही अद्भुत और खूबसूरत लगता है।

जानिए जलमहल का इतिहास

पिंक सिटी जयपुर की ‘मानसागर’ झील के बीचों बीच बना ‘जलमहल’ अनोखे सौन्दर्य और अद्भुत स्थापत्यकला का बेजोड़ उदाहरण है। इस महल का निर्माण आज से लगभग 300 साल पहले आमेर के महाराज सवाई मानसिंह ने सन् 1799 में करवाया था। आपको बता दें यह पाँच मंज़िला इमारत और इस झील की सुंदरता उस समय के राजाओं के आकर्षण का केंद्र हुआ करती थी और राजा अक्सर नाव में बैठकर इस महल की सैर किया करते थे ।

जल महल की वास्तुकला

जलमहल एक पाँच मंज़िला इमारत है जिसकी 4 मंज़िल पानी के भीतर बनी हैं और एक पानी के ऊपर नज़र आती है। उस समय के राजा इस महल का उपयोग अपने मनोरंजन के लिए करते थे. धीरे-धीरे यहां राजाओं की आवाजाही कम हो गयी जिसके कारण यह महल लगभग 200 सालों के लिए वीरान हो गया। उसके बाद साल 2000 में इसकी मरम्मत का काम दोबारा शुरू किया गया और इसे दोबारा सैलानियों के लिए खोला गया। बाहरी परिसर से देखने पर आपको यू लगेगा मानो कोई विशाल नाव झील में उतरी हो।

जलमहल के किनारे लगने वाला शानदार बाजार

सैर सपाटे और घूमने के साथ-साथ यह क्षेत्र अब  लोगों के लिए आय का साधन भी बन गया है. यहां पर आपको राजस्थानी मोजड़ी, राजस्थानी जूती, हैंड बैग, होम डेकोरेटिव आइटम्स, ज्वेलरी और एडिशनल क्लोथ्स, मैग्नेट और भी कई डेली यूज़ के सामान मिलते हैं, इसी के साथ आपको यहां खाने-पीने के बहुत सारे आइटम भी मिल जाएंगे.

यहां पर स्पेशली आपको मैग्नेट के आइटम्स बेचते बहुत से पुराने परंपरागत लोग दिख जायेंगे साथ ही आप यहां पर ऊंट और घोड़े की सवारी का आनंद भी उठा सकते हैं ।

पिकनिक, नेचर लवर्स और क्वॉलिटी टाइम बिताने के लिए यह जगह एक बेहतरीन प्लेस है। आप यहां आकर पक्षियों और मछलियों को दाना देते हुए पहाड़ों के बीच में बनी इस झील के बेहतरीन नजारो का आनंद ले सकते हैं। बहुत से कपल्स यहां पर आपको राजस्थानी पोशाक में फोटो शूट करते हुए भी नजर आएंगे।

पिकनिक स्पॉट

वैसे जल महल का निर्माण आवासीय तौर पर ना होकर एक पिकनिक स्पॉट के तौर पर किया गया था. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जल महल के अंदर कोई कमरा नहीं है। और न ही कभी इस महल में राजाओं ने कभी रात्रि विश्राम नहीं किया। एक चीज जो इस महल को बेहद खूबसूरत और थोड़ा हटकर बनाती है वो है इस महल के अंदर बने गलियारे और छत पर बनाया शानदार बगीचा। इसकी खूबसूरत बनावट के कारण ही किसी जमाने में इसे ‘रोमांटिक महल’ के नाम से भी जाना जाता था।  महल की खासियत की बात करें तो तपते रैगिस्तान के बीच बसे इस महल में गरमी नहीं लगती, क्‍योंकि इसके कई तल पानी के अंदर बनाए गए हैं। आप आसानी से इस महल से पहाड़ और झील का ख़ूबसूरत नज़ारा भी देख सकते हैं। चांदनी रात में झील के पानी में इस महल का नजारा बेहद आकर्षक लगता है।

पक्षी विहार

जलमहल अब पक्षी विहार के रूप में भी विकसित हो रहा है। बताते हैं जल महल की  नर्सरी में तकरीबन एक लाख से ज्‍यादा पेड़ लगे हुए हैं। दिन रात बहुत से माली पेड़-पौधों की देखभाल में लगे रहते हैं। यह नर्सरी राजस्थान की सबसे उंचे पेड़ों वाली नर्सरी भी मानी  जाती  है।

रात के समय में ये महल न केवल अद्भुत रूप ले लेता है बल्कि रंग बिरंगी लाइटों से जगमग होकर हर किसी को अपनी खूसूरती का कायल भी बना लेता है। अगर आपकी जरा भी दिलचस्पी फोटोग्राफी में है तो जल महल आपके लिए एक बेहद सुन्दर और लाज़वाब जगह है। इस महल के आसपास के नज़ारे इतने आकर्षक हैं कि यह सिर्फ फोटो खींचने के लिए ही नहीं बल्कि आपको अपने फोटो खिंचवाने पर भी मजबूर कर देंगे।

 

some glimpse of Jal Mahal……..

 

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