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बारिश की फुहारों में छिपे भारत के 10 खूबसूरत डेस्टिनेशन स्थल

डेस्टिनेशन स्थल

यहाँ की बारिश सिर्फ मौसम का ही नहीं, संस्कृति का हिस्सा है। चेरापूंजी और मासिनराम जैसे स्थल दुनिया में सबसे ज़्यादा वर्षा वाले क्षेत्रों में गिने जाते हैं। लिविंग रूट ब्रिज और डावकी की कांच जैसी नदी इस मौसम में और भी चमकने लगती हैं।

मुन्नार तो मानसून में जैसे हरा समुद्र बन जाता है। ढलानों पर फैले चाय बागान, बादलों में लिपटे पहाड़ और शांत झरने इस जगह को जादुई बना देते हैं। यहाँ की सड़कों पर बारिश के बीच ड्राइव अपने आप में एक सुकून देने वाला एहसास होता है।

डेस्टिनेशन स्थल

बारिश में कूर्ग की पहाड़ियाँ कोहरे से ऐसे ढ़क जाती हैं जैसे मानो कोहरा ओढ़ लिया हो। कॉफी के बागान भी भीगे हुए होते हैं और ऐसा लगता है कि वॉटरफॉल्स अपनी पूरी ताकत से बह रहे हों। बारिश के इस मौसम में यह मानसून रिट्रीट तो जरूर बनती है।

स्ट्रॉबेरी (Strawberry ) के लिए प्रसिद्ध महाबलेश्वर मानसून में कुछ अलग ही नजर आता है। प्रतापगढ़ किले से लेकर एलिफंट पॉइंट (Elephant point) तक हर जगह बादलों से ढकी होती है। यहाँ की वादियाँ बारिश में एक संगीत सा सुनाती हैं।

सुन,.. सुना! आती क्या खंडाला?

ये गाना तो आपने जरूर ही सुना होगा। लेकिन आपको बात दें की मॉनसून में खंडाला जाना वाक़ई मजेदार होता है।

इन दोनों हिल स्टेशनों की खूबसूरती बारिश में कई गुना बढ़ जाती है। टाइगर पॉइंट, भुशी डैम और राजमाची किला जैसे स्थान ट्रेकिंग के लिए बहुत बढ़िया माने जाते हैं। पास की दूरी और हरियाली इन्हें मानसून वीकेंड ट्रिप का बेस्ट ऑप्शन बनाती है।

डेस्टिनेशन स्थल

जुलाई और अगस्त में खुलने वाली यह घाटी मानसून के समय अपने चरम पर होती है। यहाँ हजारों किस्म के फूल खिलते हैं, रास्ते पर हर अगला कदम कुछ रंग-बिरंगा दिखाता है। यह जगह प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए एक बढ़िया स्पॉट है।

मानसून में उदयपुर जैसा राजसी स्थान और भी खूबसूरत लगता है। पिछोला झील, फतेह सागर और सिटी पैलेस जैसे स्थल बारिश में धुलकर चमकने लगते हैं। शाही वास्तुकला और झीलों का ये मनोरम संगम इस मौसम में और भी मनमोहक बना देता है।

डेस्टिनेशन स्थल

केरल के बैकवॉटर में मानसून का अपना अलग जादू है। बारिश की बूँदें हाउसबोट्स की छतों पर गिरती हैं, और झीलों का पानी और शांत हो जाता है। इस समय पर ये जगह बेहद शांत मालूम होती है।

शिलांग की गलियाँ, पाइन के जंगल और ऐलिफंट फॉल्स बारिश में जीवंत हो उठते हैं। इस जगह को भारत का स्कॉटलैंड भी कहा जाता है, और मानसून में तो यह नाम पूरी तरह सार्थक लगने लगता है।

मानसून में दार्जिलिंग एक धुंधली सतह बन जाता है। टॉय ट्रेन की सीटी, गरम चाय की खुशबू और टाइगर हिल के बादलों में छिपा सूर्योदय, जब यह सब मिल जाते हैं तो वाक़ई देखने लायक अनुभव रचते हैं।

डेस्टिनेशन स्थल का मज़ा ही अलग है

उत्तर में मेघालय की वादियाँ जैसे चेरापूंजी और मावसिनराम, जहाँ बारिश की हर बूँद आपको जीवन के रंग दिखाती है। वहीं केरल का मुन्नार और अलेप्पी, मानसून में आयुर्वेद और बैकवॉटर क्रूज़ का बढ़िया कॉम्बो लगता है। दक्षिण का कूर्ग, कॉफी की भीनी महक और बरसते झरनों से एक मनोहर दृश्य दिखाता है, तो पश्चिम में महाबलेश्वर और लोनावला जैसे हिल स्टेशन ट्रेकिंग और वॉटरफॉल्स के शौकीनों को जैसे अपनी तरफ बुलाते हैं।

ये स्थान सिर्फ पर्यटन स्थल नहीं हैं, ये मानसून में जीवन को और प्यारे रंग देने वाली जगहें हैं

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