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राजस्थान के राजसी ठाठ बाट का जीता जागता उदाहरण है जयपुर

“कुछ शहर खूबसूरत होते हैं और कुछ सुन्दर बनने की चाहत रखते हैं। लेकिन राजस्थान का जयपुर शहर तो शायद सुंदरता के लिए बनाया गया है जिसका नाम जेहन में आते ही मन गुलाबी हो उठता है। चाहे दिन का समय हो या रात का, इस शहर की चमक और बनावट मन से उतरती ही नहीं। चारों और अरावली की पहाडयों से घिरा, चौड़ी और साफ़ सुथरी सड़कों और अपने चमकीले और सैकड़ों साल पुराने बाज़ारों के कारण यह शहर किसी भी पर्यटक के मन को खुश करने में पूरी तरह सक्षम हैं।”

इस शहर में बने बेहतरीन ऐतिहासिक इमारतें (Historical sites in Jaipur) जयपुर के कल्चरल हेरीटेज (Cultural heritage of Jaipur) को खुद में समेटे हुए हैं। शायद इसीलिए तो यूनेस्को ने इस पुरे शहर को ही वर्ल्ड हेरिटेज साइट (word heritage site) के सूची में शामिल कर लिया।

1. आमेर का किला (Amer fort):

कहा जाता है कि इस शहर को वेल्स के राजकुमार (prince of wales) के स्वागत की खुशी में गुलाबी रंग से रंगा गया था और तभी से इसे गुलाबी शहर (pink city) के नाम से जाना जाता है। जयपुर शहर का नाम आते ही यहाँ के बड़े-बड़े और भव्य किले दिलोदिमाग में तैरने लगते हैं। और इन्हीं किलों में निसंदेह सबसे पहले जिस किले की छवि उभरती है वो है खूबसूरत आमेर का किला। राजस्थान के जयपुर शहर को और ज्यादा खूबसूरत बना देने वाला ये आमेर का किला, अम्बर किला के नाम से भी जाना जाता है। ये किला ना केवल जयपुर शहर बल्कि पूरे राजस्थान के शानदार पर्यटन (jaipur tourist attraction) स्थलों में से एक है। आमेर का किला इतना प्रसिद्ध है कि यहाँ पर हर रोज छह हजार से भी अधिक लोग घूमने के लिए आते हैं। यह किला राज्य की राजधानी जयपुर से 11 किलोमीटर की दूरी पर है।

आमेर कैसे पहुंचे? (How to reach Amer):


इस किले तक पहुंचने के लिए जयपुर से बस, ऑटो-रिक्शा, टैक्सी या कैब ली जा सकती है। आप अजमेरी गेट और एमआई रोड से आमेर शहर के लिए रोडवेज या प्राइवेट बसों से भी जा सकते हैं। आमेर का किला एक पहाड़ी पर है, इसलिए किले का दीदार करने के लिए आपको किले के थोड़ी दूर पहले से ही या तो पैदल चलना होगा या फिर आप टैक्सी या जीप से भी किले के मुख्य द्वार तक पहुँच सकते हैं। या फिर आप अपनी पर्सनल गाड़ी से भी यहां जा सकते हैं। किले के मुख्य द्वार के पास थोड़ी सपाट चढ़ाई है, इसलिए अगर आप एक्सपर्ट ड्राइवर हैं तो ही अपनी पर्सनल गाड़ी से किले तक जाने का रिस्क लें। अगर आप सीजन के दौरान यहां जा रहे हैं, तो खुद की गाड़ी से जाने से बचना ही बेहतर होगा, क्योंकि ट्रैफिक जाम आपके लिए सिरदर्द साबित हो सकता है। हालांकि ऐसा सीजनल टाइम में ही ज्यादा होता है।

2. जल महल (Jal mahal) :

जयपुर स्थित जलमहल एक पाँच मंज़िला इमारत है, जिसकी 4 मंज़िल पानी के भीतर बनी हैं और एक पानी के ऊपर नज़र आती है। उस समय के राजा इस महल का उपयोग अपने मनोरंजन के लिए करते थे।

जलमहल का इतिहास (History of Jal mahal) :

पिंक सिटी जयपुर की ‘मानसागर’ झील के बीचों बीच बना ‘जलमहल’ अनोखे सौन्दर्य और अद्भुत स्थापत्यकला का बेजोड़ उदाहरण है। इस महल का निर्माण आज से लगभग 300 साल पहले आमेर के महाराज सवाई मानसिंह ने सन् 1799 में करवाया था। आपको बता दें यह पाँच मंज़िला इमारत और इस झील की सुंदरता उस समय के राजाओं के आकर्षण का केंद्र (centre of attraction) हुआ करती थी और राजा अक्सर नाव में बैठकर इस महल की सैर किया करते थे।

कैसे पहुंचे जलमहल (How to reach Jal mahal?)

झील के बीचोंबीच बना ये जलमहल राजस्थान के जयपुर जिले के आमेर मार्ग पर स्थित है, दिल्ली से लगभग 260 किलो मीटर और अजमेर से 146 किलो मीटर की दूरी पर बना ये महल पर्यटकों के आकर्षण (jaipur tourist attraction) का विशेष केंद्र है।

3. मसला चौक जयपुर (Masala Chauk Jaipur) :

जयपुर शहर सिर्फ अपने राजसी ठाठ-बाट (jaipur traditional culture) के लिए नहीं बल्कि खाने के लिए भी काफी मशहूर है। क्योंकि यहां के प्रसिद्ध व्यंजन(Famous Foods), तरह-तरह की स्टाइल और तरह-तरह की चीजों से बने हुए होते हैं। इस रॉयल सिटी के लोग खाने के बहुत ही शौकीन माने जाते हैं और यह शहर फूड लवर्स (Food Lovers) के लिए खास मायने रखता है। अगर बात खाने से संबंधित हो तो जयपुर की खूबसूरत जगहों में से एक जगह है मसाला चौक! जो कि खाने को लेकर अपनी वैरायटी के लिए और अपनी क्वालिटी के लिए बहुत ही नामी जगह है।
किसी भी शहर में बहुत सारी पसंदीदा चीजों का एक साथ एक जगह पर मिलना बहुत ही मुश्किल हो जाता हैं। लेकिन जयपुर का मसाला चौक एक ऐसी जगह है जहां आपको सभी लोकप्रिय व्यंजन और स्ट्रीट फूड एक ही जगह पर आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे।

जयपुर के मसाला चौक की शुरुआत जयपुर के सभी प्रसिद्ध स्ट्रीट फूड को सिर्फ एक जगह पर लाने के उद्देश्य से हुई। यह एक ओपन-एयर फूड कोर्ट (Open air food court) है जिसमें बैठने की अच्छी व्यवस्था है, जिसने इसे उन सभी लोगों के लिए एक टॉप हैंगआउट डेस्टिनेशन बना दिया है जो स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेना पसंद करते हैं।

मसाला चौक तक कैसे पहुंचे? (How to reach masala chauk?)

  • मसाला चौक का पता लगाना बहुत आसान है। यह बहुत प्रसिद्ध स्मारक, अल्बर्ट हॉल म्यूजियम के ठीक पीछे राम निवास बाग में स्थित है।
  • जयपुर के इस मशहूर हैंगआउट का समय सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक है। भीड़ से बचने के लिए मसाला चौक जाने का सबसे अच्छा समय दिन के समय या शाम को होता है।
  • प्रवेश शुल्क(entry fee) : मसाला चौक के लिए प्रति व्यक्ति प्रवेश शुल्क के रूप में 10 रुपये लिए जाते हैं।
  • मसाला चौक मेन्यू (masala chauk menu) : यहां कुल 21 स्टॉल है, जो शहर के चारों ओर सबसे अच्छा स्ट्रीट फूड परोसते हैं।

4. जंतर मंतर (jantar mantar) :

राजस्थान की राजधानी जयपुर में सवाई जय सिंह द्वारा बनवाया गया जंतर-मंतर यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज (UNESCO World Heritage Site) सूची में शामिल है। यहाँ पर मौजूद उपकरण और यंत्र बेहद पुराने होने के बावजूद भी आधुनिकता (Modernity) का प्रमाण देते हैं। इन बेहद पुराने उपकरणों से समय को मापा जाता है।

जंतर मंतर में स्थित यहाँ के उपकरण आपको एक पल के लिए बांध देने की क्षमता रखते हैं और जैसे ही आप इनकी बनावट देखोगे, इनकी खूबियां देखते ही रह जाओगे। यहाँ पर बहुत सारे उपकरण हैं जो आपको अलग-अलग ज्यामितीय आकारों (geometrical shapes) के दिखाई देंगे। यही वो उम्दा उपकरण हैं जो जयपुर के जंतर मंतर को दुनिया के बेहतरीन वेधशालाओं में से एक बनाते हैं।

आपने कभी सूर्य तो कभी चंद्र ग्रहण के बारे में अवश्य सुना होगा, इन यंत्रो से भविष्य में आने वाले ऐसे ग्रहण के विषय में पता लगाया जाता है। वैसे भी जयपुर स्थित जंतर-मंतर भारत के सबसे बेहतरीन वेधशालाओं (Research Centre) में से एक है।

“कहते हैं महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने जयपुर की वेधशाला का निर्माण करवाने से पहले विभिन्न देशों में अपने शांति दूत भेजे और वहां से खगोल शास्त्र पर उम्दा दर्जे की पांडुलिपियां मंगवाई, जिनसे उन्होंने खगोल विज्ञान को समझा।

जंतर मंतर की टिकट (Ticket price of jantar mantar) :

जंतर-मंतर जयपुर में भारतीय एडल्ट्स के लिए टिकट की कीमत 50 रुपए है और भारतीय स्टूडेंट के लिए 15 रुपए है। वही दूसरी तरफ विदेशी पर्यटकों के लिए टिकट की कीमत ₹200 और फॉरेन स्टूडेंट के लिए 100 निर्धारित की गई है।

5. हवा महल जयपुर (Jaipur Hawa Mahal) :

यूं तो जयपुर में बहुत से पर्यटन स्थल (historical places) हैं, लेकिन हवा महल की बात हीं कुछ और है। इस महल का इतिहास (history), इसकी वास्तुकला(architecture), और यहां की शांति, पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है। इसके हल्की गुलाबी रंग की बालकनी और जालीदार खिड़कियां आप का मन मोह लेंगे। इन जालीदार खिड़कियों को झरोखा भी कहा जाता है। अगर इसके वास्तुकला की बात की जाए तो, इसमें मुगल और राजपूतानी वास्तुकला का मिश्रण देखने को मिलता है। अगर आप जयपुर आती हैं तो आप यहां खड़े होकर पूरे सिटी का एक बेहतरीन व्यू (best view of jaipur) देख सकती हैं।

हवा महल का इतिहास (history of Jaipur) :

जयपुर के राजसी शान के प्रतीक हवा महल को सन 1799 में सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था। हवा महल के वास्तुकार (architect) का नाम लालचंद उस्ताद था। इसके निर्माण में लाल एवं गुलाबी बलुआ पत्थर (red and pink sand stone) का इस्तेमाल किया गया है।
आपको यह बता दे कि हवा महल में कुल 953 खिड़कियां हैं। जिनके बारे में बताया जाता है कि, इन्हें राजस्थान की पर्दा प्रथा को ध्यान में रखते हुए बनवाया गया था। ताकि राजघराने की महिलाएं महल के नीचे शहर में होने वाली गतिविधियों और राजघराने के समारोहों (functions) को देख सकें।

6. जयगढ़ किला जयपुर (Jaigarh fort Jaipur) :

जयगढ़ का किला जयपुर में पहाड़ियों के बीच स्थित एक बेहतरीन और भव्य ऐतिहासिक इमारत है। जिसका निर्माण सवाई जयसिंह द्वितीय ने 1726 में करवाया था। बताया जाता है कि जयगढ़ के किले को आमेर के किले की सुरक्षा के लिए बनवाया गया था। और यह किला भूमिगत मार्गों से आमेर के किला से जुड़ा हुआ है। इस किला को विजय का किला भी कहा जाता है।

अद्भुत राजसी शान का है प्रतीक (symbol of royal legacy) :

इस किले की शान में चार चांद लगाता है यहां स्थित तोप जयवाना! यह पहाड़ियों पर चलने वाली दुनिया की सबसे बड़ी तोप है। जिसके पहिए बहुत हीं विशाल हैं। यह तो इस किले का मुख्य आकर्षण है। दूर दूर से लोग बस इस तोप को देखने के लिए यहां आते हैं।
इस किले में कई शस्त्रागार भी है।
यह किला लाल बलुआ पत्थर (Red sand stone) से बनवाया गया है और इस किले की वास्तुकला बेहद ही सुंदर और अनोखी है। किले के परिसर में संग्रहालय और उद्यान भी है। इस किले के आसपास दूर-दूर तक हरे भरे जंगल हैं, जोकि इस किले की खूबसूरती को और भी ज्यादा बढ़ा देते हैं।

7. बापू बाजार (Bapu Bazar) :

गुलाबी शहर जयपुर अपनी रॉयल् लुक और अद्भुत महलों, स्मारकों के लिए जाना जाता है। लेकिन, इसी के साथ यहां मिलने वाले ट्रेडिशनल आइटम्स इसे एक बेहतरीन शॉपिंग डेस्टिनेशन बना देते हैं। इस बात में कोई संदेह नहीं कि जयपुर में कई ऐसी बड़ी-बड़ी मार्केट हैं जहां आपको बहुत सारी अलग-अलग वेरायटीज की चीजें बहुत ही उचित दामों पर मिल जायेंगी।

जयपुर शहर के केंद्र में, सांगानेर गेट और गुलाबी शहर के नए गेट के बीच, बापू बाजार जूते से लेकर हैंडीक्राफ्ट्स (Handi crafts) तक, आर्टिफीसियल जूलरी (Artificial jewelry) से लेकर पीतल के काम और कीमती पत्थरों तक की खरीदारी के लिए एक बेहतरीन डेस्टिनेशन है, जहां आपको अपनी मनपसंद का हर एक सामान आसानी से मिल जाएगा।
बापू बाजार यहां मिलने वाली फेमस राजस्थानी आइटम्स (Rajsthani items) जैसे कलाकृतियों, हैंडीक्राफ्ट, परम्परागत कपड़े (Traditional dresses)और आर्टिफिशियल जूलरी के लिए देश भर में प्रसिद्ध है।
राजस्थान जिस चीज के लिए प्रसिद्ध है वह है इसकी जीवंतता और भव्यता। और अगर आप इसकी राजधानी जयपुर में घूमने के लिए आते हो तो आप बापू बाजार में शॉपिंग (shopping) करके अपनी ट्रिप को यादगार बना सकते हो।

जयपुर कैसे जाएं? (How to visit Jaipur) :

जयपुर जाने के लिए आप डायरेक्ट जयपुर एयरपोर्ट (Airport) का टिकट (tickets) ले सकते हैं। अगर आप सड़क या रेल मार्ग से जयपुर आना चाहते हैं तो इसके लिए भी साधन मौजूद हैं। जयपुर हर मार्ग से देश के अन्य शहरों से भलीभांति जुड़ा हुआ है। आप आसानी से ट्रेन या बस से भी जयपुर आ सकते हैं। आप चाहे तो अपनी गाड़ी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

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एशिया की सबसे सस्ती मार्किट दिल्ली का चोर बाजार(Chor Bazar)

जानिए एशिया की सबसे सस्ती मार्किट(Cheapest Market of Asia) दिल्ली के चोर बाजार की कहानी : जहाँ सुबह चार बजे लोग आने लगते हैं शॉपिंग के लिए

दिल्ली में घूमने के लिए कई प्रमुख जगह और प्रसिद्ध बाजार हैं । इनमें से बहुत सी जगह कई हजार साल पुराने भी हैं और उनका ऐतिहासिक महत्व भी है। हमने आपको अपने पिछले व्लॉगस में कई ऐतिहासिक से लेकर आधुनिक जगहों से परिचित करवाया है। मगर आज हम जिस जगह से आपका परिचय करवाने जा रहे हैं वह किसी पहचान की मोहताज नहीं है।जी हाँ, हम बात कर रहे हैं  दिल्ली की फेमस संडे मार्किट, जिसे चोर बाजार भी कहा जाता है। संडे मार्केट यानी कि चोर बाजार में आपको कपड़ों से लेकर जूतों तक, कॉस्मेटिक से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स  तक का सामान आसानी से और कम रुपए में मिल जाएगा। इस बाजार के बारे में कहा जाता है कि  अगर आप मन में जिस चीज का नाम लोगे वो चीज आपको यहाँ मिल जाएगी। बता दें कि अधिकतर लोग इस बाजार को चोर बाजार के नाम से ही जानते हैं। शायद यहाँ मिलने वाली चीजों के काम दाम के कारण।  तो आइए आज के इस सफर में हम आपको ले चलते हैं दिल्ली की संडे मार्केट यानी कि चोर बाजार(Chor Bazar)में….

Chor Bazaar Delhi

चोर बाजार के बारे में सुना तो बचपन से बहुत कुछ था। मगर वहां जाने का मौका अब मिला। चोर बाजार को लेकर ऐसी अफवाहें हैं कि वहां पर चोरी का सामान मिलता है। आप जानते ही हैं भारत में लोग कम दाम की चीजों को ज्यादा महत्व देते हैं। इसके पीछे कारण कोई भी हो चाहे वह चीज चोरी की हो या कैसी भी हो, लोग उसे खरीदना जरूर पसंद करते हैं क्योंकि वह कम दाम की होती है। आपको बता दें इसे एशिया की सबसे सस्ती मार्केट भी कहा जाता है। यहां हर तरह के हजारों आइटम मिलते हैं। यदि आपके पास 1000 रुपए है, तो आप यहां बैग, ईयरफोन, सॉक्स, कॉसमेटिक और कई यूटिलिटी आइटम भी खरीद सकते हैं। खास बात ये कि आउटडेटेड प्रोडक्ट्स को तो यहाँ कई गुना कम कीमत में खरीदा जा सकता है।Chor Bazaar Delhi

यहाँ जाने का सही वक्त (Best Time to Visit)

चोर बाजार जाने के लिए आपको सूर्य देवता के उदय होने से पहले ही पहुंचना होता है। वहां जाने के लिए सुबह जल्दी उठना पड़ता है। मगर याद रहे कि यह बाजार केवल रविवार के दिन ही लगता है। अगर आप दिल्ली के रहने वाले हैं  तो आप मार्केट में आसानी से पहुंच सकते हैं। अगर आप कहीं बाहर से आ रहे हैं तो आपको करीब 4-5 बजे के आसपास बाजार में पहुंचना होगा। अभी फिलहाल रात ही थी सूर्य देवता ने अभी दर्शन नहीं दिए थे।

आप बस से जैसे ही लाल किला स्टॉप पर उतरते हो, उतरते ही सामने ही आपको बड़ी संख्या में लोग देखने को मिलते हैं। एक बारगी ऐसा लगेगा मानो वहां पर किसी तरह का मेला लगा हुआ है। इतनी भीड़ सुबह तड़के आपको आम तौर पर किसी भी मार्किट में दिखाई नहीं देगी । हां, दिन के समय की बात अलग है । मगर एकदम सुबह किसी बाजार में हजारों की संख्या में लोगों का होना आपको भी हैरान कर सकता है। अभी दिन निकलना बाकी था ऐसे समय में जब दिन भी ना निकला हो और लोगों की संख्या हजारों में हो तो इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि इस मार्केट को लेकर लोगों में कितना उत्साह है। बता दें कि लोग इस मार्केट में रात 3 बजे से ही पहुंचने लग जाते हैं।

एक वजह ऐसी भी

तड़के सुबह अँधेरा होने के कारण लोग मोबाइल की टॉर्च जलाकर सामान की परख करते हैं और तोलमोल करके सामान को खरीद रहे होते हैं। गारमेंट्स की बात करें तो वहां पर कपड़े भी आपको कम रुपए में मिल जाते हैं।

कबूतर मार्केटChor Bazaar Delhi

इसे कबूतर मार्केट भी कहा जाता है, क्योंकि यहां पर आपको कोयल, बुग्गी, जावा, कबूतर, खरगोश, आदि सस्ते दामों में आसानी से मिल जाएंगे। जैसे ही दिन चढ़ने लगता है, वैसे ही सड़क पर सामान बेचने वालों की संख्या कम होने लग जाएगी। इसके अंदर जो मार्केट लगती है वह पूरे दिन ही लगी रहती है। जिसे संडे मार्केट कहा जाता है।

जो सुबह सड़क के किनारे सामान मिलता है वह रात के अंधेरे में भी मिलता है। रात के अंधेरे में मिलने वाले समान को संदिग्ध माना जाता है। यही कारण है इसे चोर बाजार का नाम दिया गया है। जैसा कि आपको पहले भी बताया है कि कपड़ों से लेकर जूते तक, कॉस्मेटिक से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक का सारा सामान यहाँ पर उपलब्ध है। खास बात ये कि इस मार्केट में आपको किसी भी सामान का जितना मूल्य बताया जाता है, आपको उसका रेट आधे से कम लगाना होता है यानि कि आपको बार्गेनिंग या तोलमोल करना आना चाहिए। यहाँ शॉपिंग का मन बनाने से पहले अच्छा होगा कि आपके साथ कोई ऐसा व्यक्ति जाए जिसे गैजेट्स और टेक्नोलॉजी की बारीक़ समझ हो।

जैसे-जैसे समय बीतता जायेगा, वैसे-वैसे मार्केट में भीड़ भी बढ़ती जाएगी। रविवार को दिन के समय यहाँ आपको अच्छी खासी भीड़ देखने को मिल जाएगी। दिन के समय अगर आप यहाँ शॉपिंग करने आएं तो इस संडे बाजार के सामने ही प्रसिद्ध लाल क़िला, जामा मस्जिद और चांदनी चौक भी है जिसे आप मजे से घूम सकते हैं।

लैपटॉप लेना खतरे से खाली नहीं (Taking a laptop is not free from danger)

लैपटॉप की बात करें तो लैपटॉप यहाँ से लेना किसी खतरे से कम नहीं है। लैपटॉप का मूल्य आपको 6 हजार से 10 हजार तक का बताया जाता है। लोग तोल मोल करके ले जाते हैं। लेकिन हम आपको सलाह देंगे कि यहाँ से लेपटॉप लेना किसी खतरे से खाली नहीं है। हां, अगर कोई इस फील्ड में एक्सपर्ट है तो वह जाँच परख कर लैपटॉप ले सकता है।

अन्यथा लैपटॉप लेना किसी खतरे से खाली नहीं है! यहाँ लैपटॉप देखने में तो बहुत अच्छे लगते हैं। ऐसा लगता है मानो कि यह बिल्कुल ही नए हैं। इसकी पैकिंग ही ऐसी होती है कि लैपटॉप यहाँ आने वाले खरीददारों को खूब आकर्षित करता है और लोग इसकी डेकोरेशन और प्रेजेंटेशन को देखकर ही उसे खरीद लेते हैं और बाद में घर जाकर पछताते हैं। आपको यह भी बता दें कि इस मार्किट में आप अपना मोबाइल और पर्स संभाल कर रखें क्योंकि यहाँ पर मोबाइल और पर्स बहुत अधिक चोरी होता है।

क्या चोरी का मिलता है सामान ?

ऐसा कहा जाता है कि जो लोग रात के अंधेरे में सामान बेचते हैं यह चोरी का सामान होता है। जिस वजह से ब्रांडेड सामान भी आपको आधे से कम रुपए में भी मिल जाता है। लेकिन यहाँ सभी चीजें चोरी की नहीं होती हैं। यह केवल लोगों के मन में धारणा बन चुकी है कि यहां पर रात के अंधेरे में सामान चोरी का मिलता है। जो ब्रांडेड सामान आपको हजारों रुपए में मिलता है वह आपको मात्र 500 के आसपास ही मिल जाता है। यहाँ पर अच्छा सामान मिलना आपकी किस्मत पर निर्भर करता है। बता दें  यहां पर फ्रॉड भी बहुत होता है। कई विक्रेता किसी भी ब्रांड का डुप्लीकेट भी लोगों को बेच देते हैं और लोग मन में ही गदगद हुए उसको ब्रांड समझ कर ले जाते हैं। वहां पर मोबाइल चोरी का बता कर बिगड़ा हुआ भी बेचते हैं। वहां पर ठगी का काम ज्यादा होता है। इसलिए थोड़ा सावधान रहने की ज्यादा आवश्यकता रहती है।  आप को इस तरह के मोबाइल खुले तौर पर नहीं मिलते हैं। वहां पर पुलिस का भी पहरा होता है। चोरी का मोबाइल बेचने वालों पर पुलिस की नजर रहती है।

घूमने के लिए और भी जगह है प्रमुख (More Places to visit)

आप इस मार्केट के अलावा लाल किला, जामा मस्जिद, दरियागंज, चांदनी चौक भी घूम सकते हैं क्योंकि यह ठीक इस मार्किट के साथ ही है।

कैसे पहुंचे संडे मार्केिट(How to reach Chor bazar )

इस मार्केट में पहुंचने के लिए सबसे निकट पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन है। यहां से आपको मात्र 5 मिनट पहुंचने में लगेंगे अगर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से आते हैं तो वहां से आपको केवल 10-15 मिनट यहां पहुंचने में लगेंगे। आप डीटीसी की बस, कैब  या ऑटो रिक्शा से आसानी से यहां पहुंच सकते हैं। हवाई अड्डे से यहां पहुंचने में आपको कम से कम 1 घंटे का समय लग सकता है। वहां से भी आप ऑटो रिक्शा, कैब  या महिपालपुर से डीटीसी की बस पकड़ कर आ सकते हैं।  अगर आप आईएसबीटी बस अड्डे से यहां आते हैं तो आपको केवल 10 से 15 मिनट ही यहां पहुंचने में लगेंगे। वहां से भी आपको ऑटो रिक्शा, कैब  या डीटीसी की बस मिल जाएगी। आनंद विहार बस अड्डे से आपको एक से डेढ़ घंटा यहां पहुंचने में लग सकता है। यहां से भी ऑटो रिक्शा या डीटीसी बस की सहायता से आप पहुंच सकते हैं।  यहां का निकटतम मेट्रो स्टेशन लाल किला है और निकट बस स्टैंड भी लाल किला के नाम से ही है।

हां, एक बात का आपको जरूर ख्याल रखना होगा, आपको खुद अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करना होगा। जब आप यहां आते हैं तो आपको लाल किला ही उतरना है। अगर आप इधर उधर उतरते हैं तो आप अपना रास्ता भटक सकते हैं।

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Best places to visit in Chandigarh –

पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ एक बहुत खूबसूरत शहर है। ये भारत के केंद्र शासित प्रदेशों में से भी एक है। चंडीगढ़ सिटी को बेहद खूबसूरती के साथ बसाया गया है जो अपनी कला और संस्कृति (art and culture) के लिए जाना जाता है। दोस्तों हम लोगों में अक्सर ये इच्छा रहती है कि सभी जगह के कल्चर को अच्छे से जाने, इसलिए अगर आप भी छुट्टियों के लिए हिमाचल प्रदेश की ओर जाने वाले हैं तो आप पंजाब और हरियाणा के कल्चर को ठीक से समझने के लिए चंडीगढ़ भी जरूर आए।

हेरिटेज (Heritage) को अच्छे से समझने वालो के लिए और बाकी सबके लिए भी चंडीगढ़ एक बेस्ट डेस्टिनेशन (Best Destination) है क्योंकि यहां आपको हर दूसरे कदम पर कलाओं का भंडार (art store) मिलेगा। चंडीगढ़ अपने कई खूबसूरत पार्कों और बगीचों की वजह से ‘गार्डन सिटी’ (Garden City) के नाम से फेमस है। ये पार्क और बगीचे भी चंडीगढ़ में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक हैं। चंडीगढ़ में ऐसे कई टूरिस्ट प्लेस हैं जहां आप न जाकर बड़ी गलती कर सकते हैं।

1. जाकिर हुसैन रोज़ गार्डन (Zakir Hussain Rose Garden)-

गुलाबों से भरा यह खूबसूरत और खुशबूदार गार्डन (Nice and Smelling garden) काफी बड़ा है जो की भारत के पूर्व राष्ट्रपति ज़ाकिर हुसैन को डेडिकेटिड (Dedicated) है। ज़ाकिर हुसैन गार्डन में अमेजिंग आर्किटेक्चर (Amazing Architecture) है जो फूलों की खूबसूरती को और भी ज्यादा बढ़ाती है।

इस गार्डन सबसे की स्पेशल बात ये है कि यहां 1500 से भी ज्यादा वैरायटी (Variety) के गुलाब लगाए गए हैं । पूरे इंडिया से गुलाब कलेक्ट (Collect) करके यहां लगाए गए हैं। अगर आप अपने हनीमून (Honeymoon) पर हैं और अपने हिमाचल हनीमून पैकेज (Himachal honeymoon package) पर चंडीगढ़ में रुक रहे हैं, तो इस गार्डन का विजिट (Visit) करना एक बढ़िया ऑप्शन (Option) है।
कपल्स (Couples) अक्सर ऐसी जगह की तलाश में रहते हैं जहां वो एक दूसरे के साथ कुछ क्वालिटी टाइम स्पेंड (Qualitiy time spend) कर पाएं तो जाकिर हुसैन गार्डन आपकी इस इच्छा को पूरा करने के लिए एक दम सही जगह है। जहां आप फूलों के बीच एक दूसरे से तसल्ली से समय बिता पायेंगे। यहां आने का सबसे अच्छा समय फरवरी और मार्च रहेगा। तो आप भी इस जगह को अपनी डेस्टिनेशन लिस्ट (Destination list) में शामिल कर लें।

2. इस्कॉन मंदिर (Iskcon temple)-

पूरे भारत में कृष्ण भगवान की पूजा करने वाले लोगो की संख्या हमारे इमेजिनेशन (Imazination) से भी कई ज्यादा है। और आजकल हम सब ने रील्स (Reels), पोस्ट (Post) और न्यूज (News) में भी इस्कॉन मंदिर का नाम तो सुना ही होगा जो कि काफी कम समय में काफी ज्यादा पॉपुलर (Popular) हो चुका है। इस्कॉन मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित एक बहुत लोकप्रिय मंदिर है। भारत भर में कई इस्कॉन मंदिर फैले हुए हैं और ये सभी मंदिर कृष्ण मंदिर हैं। हिंदू कैलेंडर (Hindu calender) में कुछ त्यौहार (Festivals) के दिनों में, इस्कॉन मंदिर में काफी ग्रैंड इवेंट्स (Grand events) होते हैं और कृष्ण भजन से पूरा माहौल भक्ति भरा होता है।

इस्कॉन मंदिर भारत आने वाले इंटरनेशनल ट्रैवलर्स (International travelers) के बीच एक बहुत फेमस डेस्टिनेशन (Famous destination) है। ये मंदिर चंडीगढ़ के फेमस प्लेसिस (Famous Places) में से एक माना जाता है।

किसी भी दिन, आप इस मंदिर में भक्तों की भीड़ को देख सकते हैं । परिवारों को मंदिर घुमाने और पिकनिक (Picnic) मनाने के लिए लोग अक्सर यहां समय निकालकर आते है। अक्टूबर से अप्रैल का मंथ (Month) इस जगह को विजिट करने के लिए एक दम परफेक्ट रहेगा।

3. सेक्टर 17 मार्केट (Sector 17 Market)-

चंडीगढ़ का 17 सेक्टर चंडीगढ़ शहर का सबसे ज्यादा बिजी एरिया (Busy area) माना जाता है। शॉपिंग और खाने पीने के लिए ये जगह सबसे बढ़िया है। इस जगह पर टीनएजर्स (teenagers) काफी ज्यादा आते है खासकर वो लोग, जो कपल्स है।

ये जगह दिल्ली के चांदनी चौक से कम बिल्कुल नही है। यहां भी आप हैंड क्राफ्ट (Hand craft), और कई ऐसे मीमेंटो (Memento) मिल जाएंगे जिसे देख कर आपके गेस्ट (Guest) आपसे जरूर पूछ बैठेंगे की कहाँ से लिया ये आपने? अगर आप अपनी बीवी बच्चो के साथ घूमने निकले है तो इस जगह पर जरूर आए, आफ्टरऑल वूमेन लव्स शॉपिंग (after all women’s love shopping)।

4. सुखना लेक (Sukhna lake)-

चंडीगढ़ का ये फेमस लेक काफी बड़े एरिया (Big area) में है और यह एक ऐसी जगह है जहाँ कई माइग्रेटरी बर्ड्स आते हैं। कुछ फेमस बर्ड्स (Famous Birds) जो यहां देखे जा सकते हैं वो हैं क्रेन (Crane) और साइबेरियन बत्तख (Siberian Duck)। अगर आप बर्ड्स (birds) के शौकीन हैं या फोटोग्राफर (Photographer) हैं तो ये जगह घूमने के लिए काफी शानदार है।

सुखना लेक उन रोमांटिक जोड़ों (Romantic couples) के लिए एक दम सही है जो यहां पीस (peace) के लिए आते हैं। अगर आप हिमाचल जाने के लिए चंडीगढ़ से गुजर रहे हैं तो आप अपने ट्रेवलिंग प्रोग्राम (Traveling program) में सुखना लेक को ऐड (Add) करने के लिए अपने किसी भी हिमाचल हनीमून पैकेज को आसानी से बुक कर सकते हैं।

वैसे तो ये जगह कपल्स के लिए है लेकिन आप यहां अपने फ्रेंड्स ग्रुप (Friends Group) या अपने फैमिली (Family) के साथ या फिर अकेले भी आ सकते हैं। यहां आप कई सारी फन एक्टिविटीज (Fun Activities) को एंजॉय (Enjoy) कर सकते है जैसे कि, वाटर स्कीइंग (Water Skiing), फिशिंग (Fishing) और बोटिंग (Boating) हैं। ये चंडीगढ़ के मोस्ट फेमस प्लेस (Most famous place) में से एक है।

5. हॉप्स एन ग्रेन्स (Hops n Grains)-

जो चीज़ चंडीगढ़ को एक ग्रेट सिटी (Great city) बनाती है वो है इसकी नाइटलाइफ़ (Nightlife)। फ्रेंड सर्कल या पार्टनर (Friend circle or partner) के साथ ट्रैवल (Travel) कर रहे एक एडल्ट (Adult) होने के नाते, आप हॉप एन ग्रेन्स को शाम या देर रात बिताने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक पाएंगे। यह सिटी का बेस्ट रेस्टोरेंट है जहाँ आपको डिलीशियस फूड (Delicious Food) और अमेजिंग ड्रिंक्स एंजॉय (Enjoy amazing drinks) करने को मिलेंगी।
चिंता मत कीजिए यह फैमिली के लिए स्पेशल प्लेस है जहां गुड अमाउंट (Good amount) पर टेस्टी फूड (Taty food) का टेस्ट (Taste) ले सकते हैं।

6. रॉक गार्डन (Rock garden)-

चंडीगढ़ के इस पॉपुलर (Popular) रॉक गार्डन की स्टार्टिंग (Strarting) 1957 में हुई थी और तब से ये चंडीगढ़ के बेस्ट टूरिस्ट प्लेसेस (Best tourist places) में टॉप (Top) पे है। रॉक गार्डन की सबसे यूनिक क्वालिटी (Unique quality) ये है कि, यहां 5000 से ज्यादा आर्ट पीसेस की कार्व्ड स्क्वॉट (Carved Squat Of Art Pieces) है जो कि काफी अट्रैक्टिव (Attractive) है।

कला प्रतिष्ठान (Art installation) और मूर्तियां (idols) कई चीज़ों से बनाई जाती हैं जैसे इंडस्ट्रियल वेस्ट (Industrial waste), टूटे हुए कांच (Broken glass), चट्टानें (Rocks) और कई पौधे (Many plants)। रॉक गार्डन के 3 एरिया में आर्ट आर्काइव सेटअप (art archive setup) हैं।

रॉक गार्डन चंडीगढ़ के सबसे अट्रैक्टिव टूरिस्ट प्लेस में से एक है। भले ही आप आर्ट और फैन ऑफ़ स्कल्पचर (fan of sculpture) नहीं हैं, फिर भी आपको कुछ ऐसा मिल जाएगा जो आपका ध्यान खींच लेगा। अगर आप अपने फैमिली के साथ बाहर एक दिन बिताना चाहते हैं, तो रॉक गार्डन एक बेहतरीन जगह है।

7. इंटरनेशनल डॉल म्यूजियम (International Doll Museum)-

इंटरनेशनल डाल म्यूजियम एक शानदार जगह है जो आपको एक अनफॉरगेटेबल एक्सपीरिएंस देगी। ये म्यूजियम दुनिया भर की पइंस्पिरेशन से बनी डॉल से बना है। परियों की कहानियों (Stories of Fairies) और कहानियों के कैरेक्टर्स (Character) से लेकर दुनिया भर की ट्रेडिशनल डॉल (Traditional Doll) तक, म्यूजियम आर्ट (Art) की इन अमेजिंग क्रिएशन (Amazing creation) से भरा हुआ है।

अगर आप बच्चों के साथ ट्रैवल कर रहे हैं तो चंडीगढ़ का सबसे अट्रैक्टिव टूरिस्ट प्लेस (Attractive Tourist Place of Chandigarh) इंटरनेशनल डॉल्स म्यूजियम होगा। यह अपने परिवार के साथ दिन बिताने का भी एक शानदार तरीका है। आप यहां मिड ऑफ अक्टूबर (Mid of october) में आ सकते हैं।
इंडियन कल्चर को अच्छे से जानने और एक्सप्लोर (Explore) करने के लिए आप जब भी चंडीगढ़ आए तो ऊपर बताई गई जगहों पर जरूर जाएं।

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Top 5 South Indian Food Restaurants in Delhi Ncr | People Don’t Know🥣

•Navaidyam •Padmanabham •Jaggarnaut •SarvanaBhavan •Bheemeshwara

कहते हैं किसी जगह के खानपान को देख कर वहां की संस्कृति के बारे में बताया जा सकता है और खानपान समाज का आईना होते हैं। खाने में डाले जाने वाले मसाले भी किसी जगह के बारे में बहुत कुछ बयां कर देते हैं। जैसे कश्मीर के मुख्य व्यंजनों में केसर का मेहक होना तय है, वैसे ही साउथ इंडियन खानों में नारियल और केले के पत्ते का होना अनिवार्य है। भारत विविधताओं (diversity) का देश है और इसके हर भाग में अलग-अलग तरह की संस्कृति, रहन सहन और खानपान देखने को मिल जाते हैं। खानपान और संस्कृतियों के विविधताओं के बीच एक दिल्ली एक ऐसा शहर है, जहां हर संस्कृति का संगम हो जाता है। आपको इस शहर की हर गली में हर तरह के भारतीय पकवानों के दुकान और रेस्टोरेंट मिल जाएंगे।

इस ब्लॉग हम आपको बताने जा रहे हैं दिल्ली स्थित कुछ ऐसे रेस्टोरेंट्स के बारे में जहां आप प्रॉपर साउथ इंडियन डिशेज (proper south Indian dishes) का आनंद उठा सकते हैं। यहां आकर आपको ऐसा लगेगा कि आप केरल या फिर तमिलनाडु में बैठकर खाना खा रहे हैं।

1. नवैद्यम : कनॉट प्लेस
(Navaidyam Connaught place)

दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्थित नैवेद्यम रेस्टोरेंट अपने साउथ इंडियन अंदाज़ के लिए काफी फेमस है। इसकी प्रसिद्धि का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि दिल्ली एनसीआर में इसके 10 ब्रांचेस है।
कनॉट प्लेस स्थित इस रेस्टोरेंट के भीतर आते हीं आपको प्रॉपर साउथ इंडियन वाइब्स आने लगेंगे। यहां आते ही सबसे पहले आपको छोटे से गिलास में छाछ सर्व किया जाएगा जिसकी ठंडी तासीर आप को गर्मी से तुरंत रिलीफ दिला देगी। यहां के मेन्यू कार्ड में बहुत सारी साउथ इंडियन डिशेज की वैरायटी उपलब्ध है। आपको यहां हर तरह के साउथ इंडियन डिश खाने को मिल जाएंगे।


यहां आपका ऑर्डर केले के पत्ते में परोस कर लाया जाता है। इसके साथ ही यहां काम करने वाले सभी स्टाफ प्रॉपर साउथ इंडियन गेट-अप (South Indian get up) में होते हैं। जिसे देखकर आपको बिल्कुल भी ऐसा नहीं लगेगा कि आप दिल्ली में हैं।

यहां के मैन्यू कार्ड में आपको 15 से भी ज्यादा टाइप के डोसा, इडली, वडा और उत्तपम देखने को मिल जाएंगे। अगर आप खाने के बाद डेजर्ट खाना पसंद करते हैं तो आपको डेजर्ट के ऑप्शन भी यहां मिल जाएंगे। खाने के बाद दिया जाने वाला सौंफ और मिश्री सोने पर सुहागा का काम करता है। यह रेस्टोरेंट दिल्ली के कनॉट प्लेस में रीगल बिल्डिंग के पास स्थित है।

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2. पदमनाभम : ग्रेटर कैलाश
(Padmanabham Greater Kailash)

ग्रेटर कैलाश स्थित यह पद्मनाभम रेस्टोरेंट अपने साउथ इंडियन टेक्सचर (South Indian texture) के लिए पूरे दिल्ली में काफी मशहूर है। इस रेस्टोरेंट का खाना ही नहीं बल्कि यहां की इंटीरियर भी वाकई लाजवाब है।

आप जब रेस्टोरेंट के अंदर एंटर करते हैं तो आपको चारों ओर वॉल पर लगाई गई पेंटिंग्स और रेस्टोरेंट के एक कोने में बनाए गए छोटे से मंदिर में रखी गई बालाजी की मूर्ति को देख कर भारतीय संस्कृति की संपन्नता का अद्भुत झलक देखने को मिलेगा। अगर बात करें यहां के मैन्यू की तो यहां के मैन्यू वीक में दिनों के हिसाब से चेंज होती रहती है। या यूं कहें की यहां के मैन्यू कार्ड दिन-ब-दिन बदलते रहते हैं। इस रेस्टोरेंट में चार दक्षिण भारतीय राज्य केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के पारंपरिक भजनों को परोसा जाता है। यहां सप्ताह में दिन के हिसाब से किसी एक राज्य पर फोकस किया जाता है। इस रेस्टोरेंट की एक और खास बात यह है कि यहां के डिशेज में स्पेशल साउथ इंडिया से मंगाए गए मसाले डाले जाते हैं, जो यहां के खाने का स्वाद और निखार देते हैं। यहीं वजह है कि आपको हर बाइट (Bite) में स्पेशल साउथ इंडियन जायके का अनुभव होगा।

अपने अनोखे साउथ इंडियन स्वाद के लिए मशहूर पदमनाभम खाने के शौकीन लोगों के आकर्षण का केंद्र है। यहीं वजह है कि यहां वीकेंड्स (weekend) में आपको पहले ही बुकिंग करवा कर रखना होगा।
हो सकता है कि वीकडेज (weekdays) में भी आपको यहां लंच करने के लिए इंतजार करना पड़े।

3. जगरनॉट रेस्टोरेंट : ग्रेटर कैलाश
(Juggernaut Restaurant Greater Kailash)

यह रेस्टोरेंट दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में स्थित है। आप दिल्ली के किसी भी कोने से यहां पहुंच सकते हैं। बात करें इस रेस्टोरेंट्स के बारे में तो यह सिर्फ खाने की डिश के लिए हीं मशहूर नहीं है बल्कि यहां की प्रेजेंटेशन भी लाजवाब है। रेस्टोरेंट में इंटर करते ही आपका अतिथि सत्कार किया जाता है और आपको टीका लगाया जाता है। जिसमें अतिथि देवो भवः की झलक देखने को मिलती है। इस तरह का अतिथि सत्कार भारतीय संस्कृति की संपन्नता को दर्शाता है। एंट्री के पास हीं आपको साउथ इंडियन स्नैक्स (South Indian snacks) मिल जाएंगे, जिन्हें आप अपनी इच्छा अनुसार खरीद सकते हैं। इस रेस्टोरेंट में बैठने की व्यवस्था फर्स्ट और सेकंड फ्लोर पर की गई है। अगर आप वीकेंड में आते हैं तो आपको यहां अपनी बारी के लिए इंतजार करना पड़ेगा। हो सकता है, इंतजार एक घंटे का भी हो जाए। वहीं वीकडेज में भी कभी-कभार आपको रश देखने को मिल सकता है। ऐसे में आप पहले से ही अतिरिक्त समय लेकर आए।

अगर बात किया जाए यहां के इंटीरियर की तो यहां के हर एक कोने कोने से आपको भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। इस रेस्टोरेंट की बनावट कुछ ऐसी है कि यहां आप खाना खाते हुए बाहर के ग्रीनरी व्यू का भी मजा ले सकते हैं। अगर यहां के खाने की बात की जाए तो यहां बैठने के साथ ही आपको और पापड़ और रसम सर्व किए जाएंगे। जिसका स्वाद आपकी भूख को और जगाने का काम करेगा। यहां के मैन्यू में आपको हर तरह के साउथ इंडियन फूड जैसे इडली, डोसा, मेदू वडा, अप्पम और उत्तपम आदि मिल जाएंगे।

4. सर्वाना भवन : कनॉट प्लेस
(Sarvana Bhavan Connaught Place)

दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित यह रेस्टोरेंट सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि भारत के बाहर भी अपनी अलग पहचान बनाए हुए है। इसकी प्रसिद्धि के बारे में जितना कहा जाए उतना कम है। अगर आप यहां आते हैं तो यहां आपको टाइम मार्जिन लेकर चलना होगा। क्योंकि हो सकता है आपको अपनी बारी के लिए घंटे भर तक वेट करना हो। यह एक प्रॉपर साउथ इंडियन रेस्टोरेंट है। जिसके 33 ब्रांच इन इंडिया में और 78 ब्रांच इंडिया से बाहर हैं। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि, यह कितना पॉपुलर है। जनपथ मेट्रो स्टेशन (Janpath Metro Station) से वॉकिंग डिस्टेंस (walking distance) पर स्थित यह रेस्टोरेंट लोगों के बीच अपने साउथ इंडियन जायके के लिए जाना जाता है। अगर बात करें यहां के खाने की तो अगर आप डोसा खाना पसंद करते हैं तो यह रेस्टोरेंट आपके लिए सबसे बेस्ट ऑप्शन हो सकता है। यहां डोसा की इतनी वैरायटी है कि, यहां के मेन्यू कार्ड को देखकर आप खुद सोच में पड़ जाएंगे कि कौन सा डोसा खाया जाए।

अगर साउथ इंडियन रेस्टोरेंट्स की बात की जाए तो वहां की कॉफी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। साउथ इंडियन रेस्टोरेंट्स में फिल्टर कॉफी (filter coffee) एक रिवाज की तरह है जिसे पीना, खाने के बाद अनिवार्य माना जाता है। यहां आपको हर तरह के साउथ इंडियन डिशेज खाने को मिल जाएंगे। अगर बात करें यहां के खाने के स्वाद की तो यकीनन यहां खाना खाने के बाद आप उंगली चाटने पर मजबूर हो जाएंगे। यहां खाने के लिए आपको वेटिंग लाइन में लगना पड़ेगा। खासकर वीकेंड पर यहां काफी रश होता है।

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5. भीमेश्वरा : कनॉट प्लेस
(Bheemeshwara Restaurant Connaught Place)

भीमेश्वरा रेस्टोरेंट दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित साउथ इंडियन रेस्टोरेंट है। आप जैसे हीं इस रेस्टोरेंट में एंट्री (entry) लोगे यहां की इंटीरियर और यहां के दीवारों पर लगी हुई महाभारत तथा रामायण की पेंटिंग आपको एकदम रिच कल्चरल वाइब्स (Rich cultural wives) देंगी। रेस्टोरेंट एक टिपिकल साउथ इंडियन रेस्टोरेंट है, जो साउथ इंडियन खाने की शौकीन लोगों को अक्सर अपनी ओर आकर्षित करता है। अगर इसके नाम की बात की जाए तो इस रेस्टोरेंट का नाम महाभारत के भीम के नाम पर रखा गया है। जिनके बारे में कहा जाता है कि वह भी खाने के शौकीन थे। भीमेश्वरा फूड लवर्स के लिए एक परफेक्ट प्लेस है। जहां आपको हर तरह के साउथ इंडियन डिशेज खाने को मिल जाएंगे। यहां की स्पेशलिटी है भीमेश्वरा वेज थाली (Bheemeshwara Veg Thali)। जिसकी प्राइस 299 रुपए है और एक ही थाली में आपको कई तरह की डिशेस मिल जाएंगी। भीमेश्वरा वेज थाली टिपिकल आंध्र प्रदेश सेंटरर्ड थाली होती है जिसका स्वाद आपको आंध्र प्रदेश लेकर चला जाएगा।

अगर आप भी साउथ इंडियन खाना पसंद करते हैं और दिल्ली में रहते हैं तो इन रेस्टोरेंट्स का रुख जरूर कीजिएगा। इनमें से कुछ रेस्टोरेंट्स ऐसे भी हैं जिनके ब्रांच दिल्ली के बाहर भी हैं। आप उनके अपने शहर वाले ब्रांच में जाकर अपना खाना खा सकते हैं। उम्मीद है इस ब्लॉग में दी गई जानकारियों से आपको मदद मिली होगी।

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Mussoorie : The Best Tourist Place

देहरादून के करीब ये ब्यूटीफुल डेस्टिनेशन आपको अपना दीवाना बना देगा।

जिंदगी की तरह ये वादियां भी कितनी हसीन हैं,
आसमान नीला और ज़मीं रंगीन है..!
रुकावटें तो बहुत आएंगी पर
ना मंजिलों के लिए ना ही रास्तों के लिए
मेरा ये सफर है खुद की पहचान के लिए।
(Mussoorie: Best Tourist Place)

MUSSOORIE : Best Tourist Place

और ऐसे ही हंसते- मुस्कुराते पहाड़ों के इस सफर में आज फाइव कलर्स ऑफ़ ट्रेवल की टीम आ पहुंची है दिल्ली वालों की फेवरेट और करीबी डेस्टिनेशन पहाड़ों की रानी मसूरी में। जहां हर मौसम घूमने वालों का तांता लगा रहता है। कुछ स्नोफॉल के मजे लेने यहां आ पहुँचते हैं, तो कुछ चिलचिलाती गर्मी से राहत पाते यहां दिखाई देते हैं। ठण्ड के मौसम में तो “पहाड़ों की रानी” बेशक ही किसी हैवन से कम नहीं। यहाँ पहाड़ों में बादल नीचे और आप ऊपर होंगे, चारों तरफ फॉग, और ठण्ड से काँपते हाथों में चाय। ये छोटे-छोटे अहसास ही हमें पहाड़ों के करीब ले आते हैं। (Mussoorie)

क्वीन ऑफ़ हिल्स
देहरादून से मसूरी का सफर काफी शानदार है, पेड़ों से घिरी सड़कें और हर मोड़ ठहरने और नेचर का लुत्फ़ उठाने के लिए बने कैफ़ेज़ इस सफर में चार चाँद लगा देते हैं। मसूरी के इस सफर में रास्ते में आपको दिखाई देगा एक बहुत ही सुन्दर शिव मंदिर। खूबसूरत वादियों बीच स्थित इस मंदिर की खास बात यह है, कि यहां दर्शन करने वालों को दान करने पर सख्त मनाही है। यहां दान पात्र जैसी कोई व्यवस्था नहीं की गयी है MUSSOORIE : Best Tourist Place

चलेंगे अकेले तो सफर में हैरानियां भी आएंगी
जुड़ेंगे नए किस्से, नई जगह, नए किरदार
और बदलेंगे मौसम तो दुश्वारियां भी आएंगी
घुमक्कड़ हो तो बचपन साथ लेकर चलना फिर नादानियों, शैतानियों के साथ दिलचस्प कहानियां भी आएंगी।

Mussoorie Lake

कुछ दूर चलने पर मसूरी से थोड़ा पहले आपको मसूरी लेक जाने का रास्ता दिखाई देगा और मसूरी लेक गए बिना शायद ही आपका मसूरी ट्रिप मुकम्मल हो। इस ब्यूटीफुल डेस्टिनेशन में जाना बिलकुल न भूलें क्योंकि यहां होने वाले एडवेंचर आपको शायद ही मेन मसूरी में करने को मिले। पहाड़ों के बीचों-बीच लेक में बोटिंग करने का भी अलग ही मज़ा है। इसके साथ -साथ लेक के किनारे छोटी सी मार्केट इस जगह को और भी खूबसूरत बना देती है

जहां आप अपने मन-पसंद की खरीदारी कर सकते है। इसके अलावा इस मार्केट में थोड़ा आगे बढ़कर आपको पहाड़ी ड्रेस में फोटोशूट करने का मौका भी मिलेगा। जिसमें विथ फोटो आपको 80 रुपए चार्ज पड़ता है और विथाउट फोटो 50 तो पहाड़ों में आकर पहाड़ी वाइब्स का आनंद जरूर उठाएं।

मसूरी लेक में आकर आप कई तरह की एडवेंचर एक्टिविटीज भी कर सकते हैं जैसे ज़िप लाइन, क्लाइम्बिंग, पैराग्लाइडिंग।

माल रोड

जैसे ही आप मसूरी लेक से आगे चलेंगे तो थोड़ी ही देर में आप पहुँच जायेंगे मेन मसूरी की सबसे चहल-पहल वाली जगह जो है, मसूरी का माल रोड। जहां रोड के एक तरफ शॉपिंग के लिए दुकानें मिल जाएंगी और वहीं दूसरी तरफ कुदरत के खूबसूरत नज़ारे आपको दिखाई देंगे। वहीं मॉल रोड में आपको तुर्किश आइसक्रीम की शॉप भी दिखाई देगी। जहां आप न सिर्फ आइसक्रीम बल्कि तुर्किश अंदाज़ में पेश किए मनोरंजन का आनंद भी ले सकते हैं।

क्राइस्ट चर्च

मॉल रोड जाकर क्राइस्ट चर्च को एक्स्प्लोर करना बिलकुल न भूलें। इस चर्च को 1836 में अंग्रेजों के द्वारा बनवाया गया था, जो हिमालय पर्वतमाला का सबसे पुराना चर्च माना जाता है। 1906 में, वेल्‍स की राजकुमारी जो बाद में इंग्‍लैंड की क्‍वीन मैरी बन गई थी, उन्होंने इस चर्च का दौरा किया था। कहा जाता है कि राजकुमारी ने इस चर्च के आंगन में एक देवदार के पेड़ को लगाया था और यह पेड़ आज तक यहां लगा हुआ है। Mussoorie

Mussoorie

कैम्पटी फॉल

Mussoorie


मसूरी के खूबसूरत नज़रों से तो अब आप वाकिफ हो ही गए होंगे। पर यहां के वाटरफॉल्स को देखे बिना आपका यह सफर अधूरा ही माना जाएगा। इसलिए मसूरी आकर यहां के बेस्ट वॉटरफॉल “कैम्पटी फॉल” में जाना बिलकुल न भूलें। कैम्पटी फॉल जाते ही आपको एहसास हो जाएगा मानो कुदरत ने इस जगह को बड़ी फुर्सत से बनाया हो। गर्मियों के लिए यह बेस्ट डेस्टिनेशन है और मुख्य सड़क से आप रोपवे में भी वॉटरफॉल तक आ सकते हैं।

MUSSOORIE : The Best Tourist Place

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Delhi Haat -Best Traditional Shopping Place in Delhi 

हां, बेशक ही आपने दिल्ली हाट के बारे में तो सुना ही होगा, पर क्या आपको पता है दिल्ली में “तीन” हाट हैं। दिल्ली हाट सुनते ही सबके दिमाग में आने लगता है दिल्ली का सबसे लोकप्रिय हाट आई.एन.ए, पर इसके अलावा भी दिल्ली में दो हाट और मौजूद हैं, जनकपुरी और पीतमपुरा। आज के इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे क्यों मशहूर हैं दिल्ली हाट और क्या है इसमें ख़ास।

सबसे पहले बात करते हैं दिल्ली के सबसे मशहूर और लोकप्रिय हाट आई.एन.ए की।

दिल्ली हाट आई.एन.ए

तीनों हाटों में सबसे लोकप्रिय है आई.एन.ए, जहां आपको भारत की अलग-अलग कलाकृतियों की शानदार झलक देखने को मिलेगी। यहां पर आपको चंद मिनटों में पूरे भारत के दर्शन करने को मिलने वाले हैं इसके अलावा यहां पर भारत के विभिन्न क्षेत्रों की कलाओं से बने हैंडमेड आइटम्स को प्रदर्शित करती दुकानें भी मिल जाएंगी। शॉपिंग आइटम्स की बात करें तो फुलकारी दुपट्टा, कश्मीरी शॉल्स, होम डेकॉर आइटम्स, जूलरी, जूत्ती और भी लगभग सभी दुकानें, काफी वैरायटी में यहां आपको आसानी से मिल जाएंगी। इसके अलावा आपको बता दें कि आई.एन.ए मार्किट अलग-अलग फ़ूड वेरायटीज के लिए भी काफी मशहूर है।

दिल्ली हाट में मिलने वाला स्वादिष्ट खान-पान ‘दिल्ली हाट’ को ख़ास बनाता है। भारत के कोने -कोने से स्वाद का पिटारा लिए व्यंजनों की दुकानें यहाँ लगी हुई हैं।  पंजाब के ‘मक्के दी रोटी सरसों दा साग’ हो, बंगाल के ‘माछेर-झोल’ और दक्षिण भारत के ‘इडली डोसा’ हो या फिर बिहार के मशहूर लिट्टी-चोखा यहाँ सब कुछ अलग-अलग संस्कृतियों के स्वाद के साथ मौजूद है।

आई.एन.ए मार्किट में समय-समय पर काफी प्रोग्राम्स डांस और म्यूजिक जैसे कार्यक्रम भी लगे रहते हैं।

आई.एन.ए में एडल्ट्स के लिए एंट्री टिकट 30 रुपए, और बच्चों की टिकट 20 रुपए है। इसके अलावा टाइमिंग की बात करें तो सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक हफ्ते में सातों दिन यह मार्केट खुली रहती है।

नियरेस्ट मेट्रो स्टेशन (यल्लो लाइन) दिल्ली हाट आई.एन.ए  है।

दिल्ली हाट -जनकपुरी

अगर आप दिल्ली हाट बाजार को एक्स्प्लोर करने जा रहे हैं, तो यहां पर आप हैंडमेड क्राफ्ट्स, कपडे, होमडेकोर आइटम्स और स्वादिष्ट खाने का अनुभव ले सकते हैं, पर दिल्ली हाट जनकपुरी अब समय के साथ इसके बिलकुल विपरीत हो चुका है। ये पहले जितना मशहूर था अब उतना ही खाली पड़ा है, अब ना तो यहां पहले जितनी दुकानें हैं और ना ही खान-पान की वैराइटी, तो लाज़िम है ज्यादा भीड़ की कोई गुंजाइश ही नहीं। आप जब भी यहां आएं तो ज़हन में यह रखकर आएं कि आपको यहां आकर खाने-पीने और शॉपिंग करने के ज्यादा अलटरनेट नहीं मिलेंगे

एंट्री फीस : यहां 20 रुप्पे एडल्ट्स के लिए और 10 रुप्पे बच्चों के लिए है।

नेअरेस्ट मेट्रो स्टेशन : जनकपुरी वेस्ट।

दिल्ली हाट- पीतमपुरा

दिल्ली हाट पीतमपुरा, नेताजी सुभाष प्लेस में स्थित है जब यहां कोई इवेंट्स होते हैं तो दिल्ली हाट में आपको सौ से भी ज्यादा क्राफ्ट स्टाल्स लगे दिखाई देंगे जहां आपको हैंडमेड और हैंडलूम आइटम्स आदि मिल जाएंगे और आपकी जानकारी के लिए बता दें की समय-समय पर यहां इवेंट्स भी होते रहते हैं। इसके अलावा यहां आपको ज्यादा भीड़ देखने को नहीं मिलेगी

यहां भी एंट्री टिकट और टाइम और हाटों के जैसे ही हैं।

लेकिन यहाँ ध्यान देने की बात है कि रोजाना बेसिस में सिर्फ दिल्ली हाट आई.एन.ए में ही आपको दिल्ली हाट की खूबसूरती दिखाई पड़ेगी। क्योंकि यहाँ पर आपको बारह महीनों रौनक दिखाई देगी।

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Best Tourist Places in Chandigarh

भारत की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक चंडीगढ़

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यह बात तो सभी जानते हैं कि चंडीगढ़ भारत की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। अगर रहने की बात की जाए तो पूरे भारत में रहने के लिए चंडीगढ़ को बेस्ट प्लेस कहना गलत नहीं होगा क्योंकि यहां शांत वातावरण, हरियाली और भी सुविधा के तौर पर देखें लगभग सब कुछ ही मौजूद है। सबसे अच्छी बात तो यह है चंडीगढ़ में आपको कभी पार्किंग की असुविधा नहीं होगी और यहां की व्यवस्थित सड़कें और साफ सफाई आपको इस जगह का दीवाना बना देगी। तो चलिए आपको यहां की कुछ ऐसी खूबसूरत जगहों (Best Places in Chandigarh) से रूबरू कराते हैं, जिन्हें आपको चंडीगढ़ के ट्रिप के दौरान एक बार तो जरूर एक्स्प्लोर करना चाहिए।

सुखना झील

सुखना लेक को पूरे चंडीगढ़ की सबसे लाजवाब टूरिस्ट प्लेस में गिना जाता है, और यही कारण है कि यहां पर आपको सबसे ज्यादा टूरिस्ट आपको दिखाई देंगे। सुखना लेक, एक बहुत बड़ी और खूबसूरत लेक है जो कि काफी बड़ी और सुन्दर है। यहां आपको बोटिंग करने का मजा भी आएगा। अगर आप चंडीगढ़ घूमने आएं तो सुखना लेक को एक्स्प्लोर करना बिलकुल ना भूलें क्योंकि यह चंडीगढ़ का बेस्ट टूरिस्ट प्लेस माना जाता है।

सुखना लेक चंडीगढ़ सेक्टर 1 में पड़ती है जोकि सेक्टर 17 से 4km. की दूरी पर है। यहां तक आप बस में भी आसानी से आ सकते हैं, या फिर आप ऑटो या अपनी पर्सनल गाड़ी के माध्यम से भी पहुँच सकते हैं। यहां पर आप बच्चों या फिर पूरी फेमिली के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड कर सकते हैं, तो अगर आप पूरे दिन यहां पिकनिक के लिहाज़ से आएंगे तो यहाँ आपको खाने-पीने की भी सभी सुविधाएं मिल जाएंगी। इसके अलावा यहां आप 200 से लेकर 500 रुपए में अपनी स्केच भी बनवा सकते हैं। सुखना लेक एक काफी सुन्दर जगहों में शुमार हैं, तो इस जगह को जरूर एक्स्प्लोर करें।

रोज गार्डन

फूलों का दीवाना कौन नहीं होता और फिर बात गुलाब के फूल की हो तो इसके आगे तो पूरी कायनात सर जुखाए खड़ी हो जाती है। फिर चाहे कोई आशिक़ हो या दीवाना। तो चलिए आपको रूबरू करते हैं गुलाब के एक ऐसे बाग़ से जिसमें गुलाब के फूल की एक हज़ार स्पीशीज आपको देखने को मिल जाएगी। इस प्रमुख पर्यटन स्थल को जाकिर हुसैन रोज गार्डन भी कहा जाता है।

रोज गार्डन को 1967 में चंडीगढ़ के फर्स्ट चीफ कमिश्नर डॉ. एम् एस रंधावा जी ने बनवाया था। रोज गार्डन 30 एकड़ की जमीन में फैला हुआ है, जिसमें एक हज़ार से भी ज्यादा रोज की स्पीशीज देखने को मिलती है। यहां आपको हर एकपौधे के नीचे उनकी स्पीशीज का नाम भी लिखा गया है। यहां विजिट करने का बेस्ट समय है फरवरी और मार्च। यह गार्डन जन मार्ग, 16 बी, सेक्टर16 में स्थित है।

रॉक गार्डन

रॉक गार्डन सुखना झील के पास ही मौजूद है, जिसमें आपको काफी कुछ इंट्रेस्टिंग देखने को मिलेगा, और वेस्ट चीज़ो से किस तरह सजावटी सामान बनाए जाते है यह भी आप यहां देख सकते हैं। इसके अंदर हैंड मेड झरने और कई अन्य तरह की मूर्तियां बनी हुई हैं। जिसमें इसकी खासियत यह है कि यह मूर्तियां और कलाकृतियां स्क्रैप और अन्य तरह के वेस्ट चीज़ो से बनाई गई हैं जैसे बोतलें, गिलास, चूड़ियां, बर्तन, सिंक, टूटे पाइप आदि। यह गार्डन कम-से-कम चालीस एकड़ की जगह में फैला हुआ है। इसे नेक चंद द्वारा बनाया गया था, वह कचरे व अन्य प्रकार के वेस्ट मटेरियल को उठा कर उसे मूर्तियां बनाने में इस्तेमाल करता। जिसमें उस एक लाजवाब व्यक्ति की रचनात्मकता साफ़ झलकती दिखाई पड़ती है।

Best Places to visit in Chandigarh

अगर आप चंडीगढ़ की खूबसूरती को तराश रहे हैं तो आपको इस जगह को एक बार जरूर एक्स्प्लोर करना चाहिए। यह गार्डन सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है, और यह सप्ताह के सातों दिन खुला रहता है। रॉक गार्डन की एंट्री टिकट 30 रूपये है। इसकी लोकेशन की बात करें तो यह सुखना झील से केवल 2 किमी दूर है।

छत्तबीर चिड़ियाघर

चंडीगढ़ का यह प्रसिद्ध चिड़ियाघर महेंद्र चौधरी जूलॉजिकल पार्क के नाम से भी जाना जाता है। सभी चिड़ियाघर की तरह यहां भी आपको सबसे पहले एंट्री टिकट लेनी होगी जोकि 12 साल से उप्पर सभी की टिकट 100 रूपये है और बच्चों की टिकट 50 रूपये है।

और इसके अलावा अगर आप फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी के शौकीन हैं तो आपको यहां कैमरे के लिए भी आपको टिकट अलग से खरीदनी होगी जिसकी टिकट है 250 रूपये। यहां आपको कई सारे पशुओं को देखने व अलग अलग तरह की जानकारी लेने का मौका मिलेगा। तो इस चिड़ियाघर में एक बार जरूर आएं।

एलांते मॉल

मॉल तो वैसे हर बड़े शहर में आपको देखने को मिलते हैं वैसे ही चंडीगढ़ का सबसे बड़ा मॉल है एलांते मॉल। यहां बच्चों के फन से लेकर कपडे खाने पीने और मूवी जैसी हर एक सुविधा उपलब्ध है। यह लगभग 20 एकड़ की जगह में फैला हुआ है एलांते मॉल न सिर्फ चंडीगढ़ बल्कि देश भर का सबसे बड़ा मॉल है।

इसकी टाइमिंग सुबह 11 बजे से शाम 10 बजे तक है। एलांते मॉल फन और शॉपिंग हर लिहाज से काफी शानदार है। इसकी लोकेशन की बात करें तो 178, इंडस्ट्रियल एरिया, फेज 1, चंडीगढ़। यहां आप आपने वाहन या कैब के माध्यम से आसानी से पहुँच सकते हैं। इसके अलावा यहां के लिए बस भी उपलब्ध हैं। नेअरेस्ट बस स्टॉप है सेंट्रा मॉल बस स्टॉप। आप सेक्टर 17 बस स्टैंड से भी यहां की बस ले सकते हैं

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दिल्ली के दिल में बसा बाजार – जनपथ

दिल्ली के दिल में बसा एक बहुत ही खूबसूरत बाजार “जनपथ ” जो पहले क्वीन -वे के नाम से जाना जाता था। कनॉट प्लेस में स्थित यह बाज़ार हस्तशिल्प कारीगरी के लिए काफी फेमस माना जाता है। यह मार्केट पारम्परिक , आधुनिक और फैशनेबल कपड़ो का शानदार मेल है। इसका इतिहास ब्रिटिश काल से जुड़ा हुआ है, ब्रिटिश राज में यहां से ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया की सवारी गुजरा करती थी। पहले यह एक सड़क मार्ग था ,जो आजकल एक खूबसूरत बाजाऱ के रूप में जाना पहचाना जाता है। (Janpath Market)

इस अद्भुत मार्केट में एक तरफ जहाँ तिब्बती बाज़ार और गुजराती बाजार की रौनक है वहीं यहाँ फैन्सी स्टोर और सड़क के दोनों और लगने वाली दुकानों तक सब कुछ है। शॉपिंग के दीवानों के लिए यह मार्केट काफी पॉपुलर मानी जाती है। दिल्ली की लड़कियों , खासकर कॉलेज की लड़कियों की जान है यह जनपथ मार्केट। लेटेस्ट फैशन के दीवानों के लिए बेहद ही बेहतरीन यह बाजार ट्रेंडी कपड़ो के लिए फेवरेट माना जाता है। स्ट्रीट शॉपिंग पसंद करने वालों के लिए तो यह पसंदीदा मार्केटों में से एक मानी जाती है। कनॉट प्लेस में होने के कारण यहां हर समय काफी भीड़ देखने को मिलती है। शाम के समय इस मार्केट की रौनक ही अलग होती है। चमचमाती रौशनी के बीच खरीददारी करती हुई लड़कियां बाजार का दृश्य काफी रंगीन बना देती है।(Janpath Market)

यहाँ आपको कपड़े ,हेंडीक्राफ्ट आइटम्स, सजावट का सामान जैसे तमाम चीज़े मिल जाएगी। केवल दिल्ली वाले ही नहीं बल्कि दिल्ली से बाहर के लोग भी लेटेस्ट ट्रेंड के कपड़ो की तालाश में यहाँ आते हैं। जनपथ मार्किट में आपको सस्ते फैशनेबल ड्रेसेज़, जीन्स, प्लाज़ो ,फुटवेयर ,ज्वेलरी , स्टाल्स की वेरायटीज मिल जाएगी। सर्दियों में स्वेटर, स्वेट शर्ट्स , जैकेट्स के सैकड़ों डिज़ाइन मिल जायेंगे। जनपथ में कई प्रसिद्ध दुकानें हैं, जहां लोग अपनी जरूरत की चीजें तो खरीदने आते ही हैं, साथ ही यहां स्पाइसी स्ट्रीट फूड का भी मजा लेकर जाते हैं।

जनपथ के अंदर ही आपको चार तरह के बाजार देखने को मिलेंगे

तिब्बती बाज़ार – यहां आपको सिल्वर ज्वेलरीस , हर प्रकार के कांच, हर आकार और रूप की मूर्तियां, और देवी-देवताओं की तिब्बती थांका पेंटिंग देखने को मिल जाएगी और आप खरीद भी सकते हैं। अगर आपके पास शॉपिंग करने के लिए पूरा दिन है, तो एक बार इस बाजार में भी खरीदारी करने के लिए जरूर आएं ।

गुजराती बाज़ार -गुजराती बाजार अपने शिल्पकार और चमकीले रंग के बैग, तकिए, चादरें, कुर्तों शीशों और कढ़ाई वाली कुर्ती के लिए जाना जाता है। आप बाजार में थोड़ा आगे बढ़ेंगे, तो आपको सस्ते दामों में अफगानी झुमकें और अंगूठियों की भी दुकानें देखने को मिल जाएंगी।

मेन बाज़ार – इस मार्केट में आपको लगभग सभी जरूरत की चीजें मिल जाएंगी। यहां के फैशनेबल कपड़े, जंक ज्वैलरी और हैंडीक्राफ्ट्स से लेकर घर के लिए पुराने समय के ट्रेडिशनल घरेलू सामान मिल जाएंगे। यहां आपको हर चीज़ की क्वॉलिटी भी एकदम अच्छी मिलेगी। जहां लैदर के प्रोडक्ट्स की शुरुवात हज़ारो से शुरू होती है वहीँ इस मार्केट में लैदर के प्रोडक्ट जैसे पर्स और बैग के प्राइज 900 से शुरू होते हैं और अच्छी क्वॉलिटी के भी मिलते हैं।

स्ट्रीट बाज़ार – जनपथ की सड़क पर लगा बाजार सरोजिनी मार्केट की याद जरूर दिलाता है। लेकिन यहां आपको सरोजिनी के मुकाबले थोड़ा ट्रेंडी कपड़े मिल जाएंगे, डेनिम शर्ट और जंपसूट से लेकर सेलर-प्रिंट स्नीकर्स तक आपको यहां सब कुछ मिल जाएगा। इसलिए यह बाजार अपने आप में ही एक पूर्ण मार्केट है। तो जब भी यहाँ जाए तो किसी चीज़ को मिस न करें थोड़ी सी दूरी पर क्या पसंद आजाये उसका पता नहीं चलता।

जनपथ मार्केट में फेमस खाने की जगह :

डिपॉल्स : अगर जनपथ मार्केट जा रहे है तो डिपॉल्स (depauls) की कॉफ़ी जरूर ट्राई करें।यहां आपको कारमेल, हेज़लनट और आयरिश क्रीम जैसे फ्लेवर में सस्ती कीमतों पर कुछ बेहतरीन कोल्ड कॉफी को टेस्ट करने का मौका मिलेगा। कॉफी के अलावा आप यहां से स्वादिष्ट चीज़बॉल, सैंडविच और मोमोज भी खा सकते हैं

सर्वना भवन: दक्षिण भारतीय खाने का स्वाद लेने के लिए यह दिल्ली की सबसे अच्छी जगहों में से एक है। यह जगह हमेशा खाने के शौकीनों से भरी रहती है। बाजार जाओ और कुछ स्वादिष्ट भोजन का आनंद न लो ये तो अधूरा मामला हो जाता है। कहते है ना पेट पूजा फिर काम दूजा।

प्रिंस चाट कॉर्नर: अगर आप चटपटा चाट खाने के शौकीन है, तो प्रिंस चाट कॉर्नर जा सकते हैं। यहां के मेन्यू में पापड़ी चाट, आलू चाट, आलू टिक्की, साबूदाना टिक्की, समोसा चाट, पालक पापड़ी चाट, आलू टोकरी, राज कचौरी जैसी कई टेस्टी चीजें मिलती हैं।आप एक बार खाएंगे तो बार-बार आएँगे

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Best Places To Eat In Chandni Chowk, Old Delhi

चाँदनी चौक है दिल्ली के वर्ल्ड फेमस स्ट्रीट फ़ूड की पहचान

अलग-अलग संस्कृतियों में रची बसी दिल्ली देश की शान और देश की जान मानी जाती है, फिर चाहे दिल्ली के लाजपत नगर की बात करें या चाँदनी चौक की, दिल्ली अपने आप में एक गहरा इतिहास समेटे हुए है। इसके अलावा अगर दिल्ली के मशहूर खान-पान की बात करें तो यहाँ न तो बंगाल का रोशोगुल्ला इतना फेमस है और ना ही हरियाणा का चूरमा। दिल्ली में सबसे फेमस है दिल्ली का “स्ट्रीट फ़ूड”। जी हाँ, दिल्ली का स्ट्रीट फ़ूड जहाँ आपको मुंबई की भेल पूरी, तिब्बतन मोमोज़, अमृतसरी कुलचा, इंदौर का पोहा, नई दिल्ली की चाट और भी लगभग सभी राज्यों के फेमस फ़ूड का जायका यहाँ हर गली में मौजूद मिलेगा। दिल्ली जितनी अपनी विरासत और ऐतिहासिक जगहों के लिए मशहूर है उतनी ही यहाँ के स्ट्रीट फ़ूड की महक देश भर में स्वाद का परिचय देते दिखाई पड़ती है। तो आज के इस ब्लॉग में हम आपको ले चलेंगे दिल्ली के ऐतिहासिक और मशहूर चाँदनी चौक में। जहाँ के स्ट्रीट फ़ूड का ज़ायका ऐसा है कि सिर्फ खुशबू से ही मुँह में पानी आ जाता है। Best Places To Eat In Chandni Chowk, Old Delhi

चाँदनी चौक की इन 5 दुकानों का स्वाद दिल्ली में आपको और कहीं नहीं मिलेगा, तो चाँदनी चौक आकर यहाँ खाना बिल्कुल ना भूलें।

दौलत की चाट : अगर कभी चाट की बात हो रही हो तो सभी के मन में कुछ तीखा, मसालेदार, चटपटा आने लगता है पर दौलत की चाट एक ऐसी चाट है जिसका स्वाद मीठा है। दौलत की चाट दिल्ली की सबसे मशहूर विंटर डैज़र्ट है जो सिर्फ अक्टूबर से मार्च के महीने में ही खाने को मिलती है दिल्ली के चाँदनी चौक में और जिसके चर्चे आप लोगों ने काफी सुने भी होंगे। चाँदनी चौक की लगभग हर गली में आपको दौलत की चाट के स्टाल्स लगे दिखाई देंगे

क्यों फेमस है – दौलत की चाट एक रहस्यमय मिठाई है जिसे कहा जाता है कि यह मुग़ल शासन के टाइम से बनायी जा रही है। इस चाट का सिर्फ सर्दियों में मिलने का यह कारण है क्योंकि इसकी रेसिपी में सर्दियों की ओस का इस्तमाल किया जाता है। जरूर आप भी सोच रहे होंगे की ओस से रेसिपी ये कैसे मुकम्मल है, पर यही तो खासियत है दौलत के चाट की। इसमें सबसे पहले दूध को उबाल कर बाहर ठण्ड में रख दिया जाता है जिससे ठंडा होने पर उबले हुए दूध के ऊपर ओस बैठ जाती है। इस मिठाई को अपने सुंदर दिखने के लिए लगभग आधे दिन और पूरी रात की आवश्यकता होती है, और इसे केवल 2-3 घंटे के लिए ही खुले में रखा जा सकता है। इस चाट को लखनऊ में निमिष और कानपूर में मलाई मक्खन के नाम से जाना जाता है।

नटराज दही भल्ले : चाँदनी चौक की लगभग सभी दुकानें काफी पुराने समय से हैं। और उन्हीं में से एक है नटराज दही भल्ले जो 1940 से दही भल्लों का स्वाद परोस रही है। यहाँ चौबीसों घंटे लगी भीड़ आपको इसके स्वाद का गवाह दे देगी। नरम, दानेदार, और फुले हुए भल्ले और उसके बहार चढ़ी सुपर क्रिस्पी परत , लाल इमली की चटनी , और उप्पर से छिड़के मसाले। आ गया ना मुँह में पानी ?
यहाँ के दही भल्ले जितने मशहूर हैं वाकई उतने स्वादिष्ट भी हैं। तो चाँदनी चौक जाकर दही भल्ले टेस्ट करना बिलकुल ना भूलें।

पराठें वाली गली :

29 Best Places To Eat In Chandni Chowk, Old Delhi

चाँदनी चौक में सबसे मशहूर पराठें वाली गली का नाम तो न सिर्फ दिल्ली बल्कि देश भर में ही काफी मशहूर है। यहाँ पर आपको पराठों की 40-50 वैरायटी मिल जाएगी। और यहाँ के पराठों की खास बात यह है कि यहाँ पर बनने वाले पराठें देसी घी में डीप फ्राई किए जाते है, और यहाँ पर आकर आप पराठों में तेल की उम्मीद ना ही रखें तो बेहतर है।

और एक चीज़ यहाँ पर खास है कि यहाँ पर सभी लगभग शुद्ध शाकाहारी पराठें ही बनाते हैं जिसमे ना ही प्याज शामिल है और न ही लहसून। इन पराठों को और स्वादिष्ट बनाने के लिए बादाम काजू और सूखे मेवे भी डाले जाते है। अगर आप खाने के ज़रा भी शौकीन हो तो थाली ख़त्म किए बिना आप यहाँ से उठ नहीं पाएंगे क्योंकि यही तो खास बात है पराठें वाली गली की।

कुरेशी कबाब :

जामा मस्जिद के पास, मीना बाजार के बिलकुल सामने अपनी विरासत जमाए कुरेशी कबाब नॉन वेज़ लवर्स का अड्डा है। वैसे तो यहाँ आपको अलग अलग तरह के कबाब खाने को मिल जायेंगे पर लजीज आनंद के लिए आप यहाँ कबाब रायते और चटनी के साथ आर्डर करें। यहाँ कबाब इतने टेस्टी हैं कि आप दुबारा यहाँ आए बिना रह नहीं पाएंगे और ये कबाब न सिर्फ टेस्टी बल्कि बजट फ्रेंडली भी है।

ज्ञानी की हट्टी : तो क्या आप भी हैं रबड़ी के दीवाने हैं तो चल पड़िये ज्ञानी दी हट्टी में खाने। पुरानी दिल्ली के सबसे सीक्रेट फूड्स में से एक है ज्ञानी दी हट्टी जोकि अपने रबड़ी फालूदा के लिए सबसे ज्यादा जानी जाती है। दाल का हलवा, मूंग का हलवा, बादाम का हलवा, सूजी का हलवा और कई तरह की मिठाइयाँ इस जगह आपको मिल जाएँगी।

तो इंतज़ार किस बात का है। चल पड़िये चाँदनी चौक की इन मशहूर जगहों में और चख लीजिये दिल्ली के स्ट्रीट फ़ूड का स्वाद।

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Best Places to Visit in Almora

अल्मोड़ा(Almora) -कुमाऊँ का दिल

वो क्या है ना, ये पहाड़ थोड़े मूडी होते हैं
कभी सुबह सूरज की रौशनी के साथ उठ जाते हैं
तो कभी बारिश की बूदों में आराम फरमाते हैं
लेकिन जब इनका मूड ठीक हो
तो बस इनके पास निकल पड़ना चाहिए
क्योकि तब जो इनकी खूबसूरती आपको सुकून देगी
वो शायद ही कहीं नसीब हो
और फिर वो गाना भी तो है
मेरा फलसफा कंधे पे मेरा बस्ता
चला में जहाँ ले चला मुझे रस्ता…….

तो चलिए ले चलते हैं आपको पहाड़ों के एक नए सफर में। उत्तराखंड का एक बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है “अल्मोड़ा” जो कि कुमाऊँ रीजन में पड़ता है। जितना खूबसूरत ये हिल स्टेशन है उतना ही खूबसूरत यहाँ पहुँचने का सफर। तो इस सफर में जैसे ही हम नैनीताल पहुंचते हैं, हमें अहसास होने लगता है कि हाँ, अब हम पहाड़ों में ऐंटर कर चुके हैं । नैनीताल में चारों ओर पहाड़ों से घिरी एक बहुत ही खूबसूरत झील आपको मुख्य सड़क से ही दिखने लगती है और यहाँ रुके बिना आप अल्मोड़ा का सफर कर लें ये तो हो ही नहीं सकता। क्योंकि ये झील इतनी खूबसूरत है कि सबको अपनी ओर खींच ही लेती है। यहाँ ठहर कर आप झीलों से घिरे एक लाज़वाब हिल स्टेशन का आनंद ले सकते हैं। और फिर नैनीताल से लगभग 64 किमी दूर आता है एक लाजवाब हिल स्टेशन अल्मोड़ा।(Almora)

अल्मोड़ा का इतिहास
अगर बात करें कुमाऊँ के तीन पहाड़ी जिलों की तो अल्मोड़ा उनमें से एक है। और सांस्कृतिक नज़रिये से देखें तो अल्मोड़ा उत्तराखंड की “कल्चरल कैपिटल” कही जाती है। 1798 में गोरखाओं द्वारा चंद राजवंश पर आक्रमण किया गया, और 1814-15 के गोरखा युद्ध के बाद अंग्रेजों ने इसे अपने कब्जे में ले लिया। उन्होंने अल्मोड़ा को अपना मुख्यालय बनाया और अच्छी संख्या में स्कूल, अस्पताल, चर्च और अन्य संस्थान खुल गए। आज यह एक महत्वपूर्ण व्यापारिक नगर और प्रशासनिक केंद्र है। यह शहर कुमाऊं के सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव का मेल माना जाता है। (Almora)

अगर अल्मोड़ा घूमने की बात करें तो इस शहर में ऐसी बहुत सी फेमस और रहस्मयी जगह हैं जो आपकी ट्रिप को यादगार बना देंगी। क्योकि ये शहर चारों ओर से मंदिरों से घिरा हुआ है, और इन मंदिरों की खासियत और खूबसूरती बाकी सभी हिल स्टशनों से अलग हैं। तो चलिए जानते हैं क्या खास है इन मंदिरों में –

चितई गोलू मंदिर

Golu Devta Mandir

यहाँ गोलू देवता को न्याय का देवता कहा जाता है। और यहाँ की खास बात यह है की यहाँ लोग चिठ्ठी में अपनी मनोकामना लिखकर उसे टांग देते है और ऐसे अपनी विश पूरी होने की कामना करते है। मनोकामना पूरी होने पर यहाँ घंटी चढाने की परंपरा है। इसी के चलते इस मंदिर में हज़ारों घंटियाँ और हज़ारो चिट्ठियाँ आपको देखने को मिल जाएगी। यह मंदिर अल्मोड़ा से लगभग 8 km. की दूरी पर है।

जागेश्वर धाम

जागेश्वर धाम अपने आप में एक बहुत बड़ा और मशहूर मंदिर है, जो अल्मोड़ा से लगभग 40 km. दूर है। उत्तराखंड के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक जागेश्वर धाम देवदार के जंगलों के बीचों-बीच स्थित है। ये पूरे उत्तराखंड में सबसे बड़े मंदिरों का ग्रुप है। क्योंकि जागेश्वर धाम में लगभग 150 मंदिर स्थित है। और यही इस मंदिर की खासियत है। इसे चरों धामों के बाद पांचवा धाम कहा जाता है। पुरानी मनीयता के हिसाब से इसे भगवान शिव का तपस्थल मन जाता है। यहाँ हर साल सावन के महीने में बहुत बड़े मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश भर से श्रद्धालु दर्शन करने आते है।

डोल आश्रम

 BEST Places to Visit in Almora
Dol Ashram

नैनीताल से जब आप अल्मोड़ा की तरफ चलेंगे तो रस्ते में पहाड़ों के बीच, पेड़ों से घिरा हुआ यह बड़ा आश्रम रोड से ही आपको दिखाई देने लगेगा। अगर आप किसी शोर से दूर शांत माहौल में रहना पसंद करते है तो यह जगह आपके लिए बेस्ट साबित होगी। ताज़ी हवा, शांत माहौल, हरे-भरे पेड़, चिड़ियाओं के चहकने की आवाज बहुत ही पॉजिटिव वाइब्स ले आती है। ऐसी जगह आकर कोई भी अपना तनाव भूल जायेगा। यह आश्रम अल्मोड़ा से 40 किलोमीटर की दूरी पर है

कसार देवी मंदिर

Kasaar Devi Mandir

अल्मोड़ा से 8 किमी दूर देवी गांव में यह मंदिर है, और लगभग दूसरी सदी का माना जाता है। यहाँ के स्थानीय लोग माँ कसार देवी की शक्तियों पर अटूट आस्था रखते है। यह मंदिर देवी गांव में कश्यप पहाड़ी पर गुफा नुमा स्थान में बना हुआ है। कहा जाता है कि इस मंदिर में माँ दुर्गा प्रकट हुयी थी और इसी वजह से यहाँ माँ दुर्गा को पूजा जाता है।
अल्मोड़ा में मंदिरों के साथ साथ और भी बहुत सी जगहें घूमने लायक हैं। ज़ीरो पॉइंट, कटारमल सूर्य मंदिर, डियर पार्क, दुनागिरि मंदिर, ब्राइट एन्ड कार्नर, पंडित गोविन्द बल्लाभ पंत संग्रालय, और भी बहुत सी ऐसी जगहें है जहाँ जाकर आपकी ट्रिप मुकम्मल हो जाएगी। इसके अलावा अल्मोड़ा में चारों तरफ रानीखेत, चौकोरी, शीतलखेत, बिनसर, कौसानी और बागेश्वर जैसे कई शांत पहाड़ी शहर बास्ते हैं।

अल्मोड़ा की फेमस मिठाई
बाल मिठाई – अल्मोड़ा की “बाल मिठाई” के चर्चे तो देश भर में है। अल्मोड़ा की फेमस बाल मिठाई और सिंगोड़ी यहाँ की पहचान है। बाल मिठाई एक ब्राउन चॉक्लेट की तरह होती है जिसे खोये को भून कर बनाया जाता है, और बाहर से इसमें सफ़ेद चीनी के गोले लगाए जाते है। जिससे ये देखने में बहुत टेस्टी दिखाई पड़ती है।

सिंगोड़ी – अब कुमाऊँ आकर सिंगोड़ी का स्वाद नहीं लिया तो क्या ही कुमाऊँ आना। खोया (गाढ़ा दूध) से बनी यह मिठाई एक अलग ही प्रकार से देखने को मिलती है, क्योंकि यह मिठाई बनने के बाद मोलू के पत्ते में लपेटी जाती है। और सोफ्टी आइसक्रीम की तरह इसका शेप बनाया जाता है। मोलू के पत्ते की ताजी महक और इलायची और नारियल के स्वाद वाले दूध का स्वाद आपको और किसी मिठाई में नहीं मिलेगा। और पूरे कुमाऊँ में ये मिठाई आपको सिर्फ अल्मोड़ा में मिलेगी।

कल्चर ऑफ़ अल्मोड़ा : क्योंकि अल्मोड़ा कुमाऊँ रीजन में पड़ता है इसलिए अल्मोड़ा में पूरा कुमाऊनी कल्चर है। जैसे हिलजात्रा, छलिया डांस आदि। इसके अलावा यहाँ की भाषा भी कुमाऊनी है, और त्यौहार भी कुमाऊनी कल्चर में मनाये जाते है

कैसे पहुंचे

अगर दिल्ली से अल्मोड़ा आने की बात करें तो आनंद बिहार ISBT से बस लेकर या अपनी पर्सनल गाड़ी से आप यहाँ आसानी से पहुँच सकते हैं। इसके अलावा आप हल्द्वानी काठगोदाम तक ट्रैन में और वहाँ से कैब या बस के माध्यम से यहाँ आ सकते हैं

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