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Jama Masjid Street Food: जामा मस्जिद के सामने बरसों पुरानी गली के इन प्रसिद्ध लज़ीज व्यंजनों का जायका कभी नहीं भूल पाएंगे

by Pardeep Kumar

दिल्ली ज़ायकों का शहर है।  दिल्ली के हर कोने में आपको खाने के शौक़ीन लोगों के लिए कोई न कोई ज़ायका ऐसा जरूर मिल जाएगा जो मुद्दतों  से यहां के लोगों के ज़ेहन में अवश्य बसा होगा।(Jama Masjid Street Food)

मुकम्मल तहज़ीब की सबसे खास जगह

लगभग 3000 साल पुरानी दिल्ली की पेचीदा तारीखों में गोते लगाने के बजाए ग़ालिब के दौर से दिल्ली को समझने की कोशिश करते हैं। दरअसल यही वह दौर था जिसकी निशानियां दिल्ली के मिज़ाज की छोटी-मोटी गवाहियां देती आज भी दिखाई देती हैं और इन्हीं  झरोखों से देखते हैं,  बरसों  से फलते फूलते आ रहे बाजार जामा मस्जिद को।

जी हां, दिल्ली का सबसे मोहब्बत भरा बाजार। हम बात कर रहे हैं जामा मस्जिद के गेट न. एक के सामने बने पुराने बाजार की जो सिर्फ एक बाजार नहीं बल्कि मुकम्मल तहज़ीब की सबसे खास जगह है।  जहां का ज़ायका सैकड़ों सालों से खाने के शौकीन लोगो के जेहन में मिठास घोल रहा है।(Jama Masjid Strrt Food)

इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे अपने नए डेस्टीनेशन जामा मस्जिद के बिल्कुल सामने बने इसी बाजार के बारे में। जहां की पुरानी और तंग गलियों में तबीयत को खुश कर देने वाला मुगलाई ज़ायका पैदा होता है। और यह ज़ायका किसी त्यौहार या विशेष दिनों में नहीं बल्कि सारा साल आपको जश्न में डुबोए रखता है। खाने के शौकीन लोग यहां तमाम तरह की बिरयानी, कबाब, कोरमा, शिरमा, जर्दा, और रोटियों का लुत्फ उठा सकते हैं।

तो चलिए अपने फूड ब्लॉग की शुरुआत करते हैं और निकलते हैं एक ऐसे सफर पर जहां आपको रूबरू करवाएंगे कुछ ऐसे ही मशहूर पुश्तैनी और लजीज जायकों से।

दोस्तों अगर खाने में ज़ायके की बात करें और वो भी दिल वालों के दिल्ली की, तो चांदनी चौक और जामा मस्जिद का नाम सबसे पहले लिया जाता है। चांदनी चौक में जहां अधिकतर आपको शाकाहारी खाना दिखाई देगा, तो वही जामा मस्जिद के सामने पुरानी गली में आपको अधिकतर नॉन वेज फ़ूड दिखाए देगा जो दुनिया भर में मशहूर है। आज हम आपको लेकर आए हैं देश की सबसे बड़ी और सबसे प्रसिद्ध मस्जिदों में से एक जामा मस्जिद के सामने सदियों से अपने स्वाद के लिए मशहूर बाजार में। और किस्मत से इस बार हमारा सफर पूरा हुआ रमजान के पाक महीने में, जब सारा जामा मस्जिद एरिया खूबसूरती से सजा हुआ दिखाई दिया। दिल्ली के स्वाद की बात जामा मस्जिद एरिया के बगैर अधूरी है। स्ट्रीट फूड और खास करके चिकन- मटन के शौकीन हो तो आप एक बार यहां जरूर आइए। जामा मस्जिद के पास में नॉन वेज की कुछ ऐसी दुकानें हैं जो अपने लजीज व्यंजनो के लिए खूब जानी जाती है। जामा मस्जिद के गेट नंबर दो के बिल्कुल सामने सैंकड़ों बरसों  से लग रहे मीना बाजार के शोरगुल और भीड़-भाड़ वाले माहौल से गुजरते हुए हमारे कदम बढ़ चले थे उस बेहद खास गली की तरफ जहां खाने के मुरीदों  के चेहरों पर एक अलग ही रौनक दिखाई देती है।

कैसे पहुंचे

आप यहां मेट्रो, बस या कैब से भी आ सकते हैं। लाल किले के बिल्कुल सामने आपको जायकों का यह ठिकाना आसानी से मिल जाएगा। एमसीडी  की पार्किंग में आप अपनी कार को पार्क कीजिए और पैदल ही निकल पड़िए पुरानी दिल्ली की गलियों का आनंद लेते हुए।

जामा मस्जिद के गेट नंबर 1 के सामने बरसों से अपने मुगलाई ज़ायकों के लिए मशहूर यह गली बाहें फैलाए आपका इस्तकबाल करती है।  और अगर किस्मत से रमजान का पाक महीना हो तो समझ लीजिए आप जन्नत में हैं। सबसे पहले गली में एंट्री करते ही हमें दिखाई दिया मोहब्बत का शरबत।

मोहब्बत का शरबत

अमूल प्योर दूध में गुलाब जल, रूह अफ़ज़ा और तरबूज के बारीक-बारीक पीस मिलाकर बना यह शरबत सच में आपको मोहब्बत का रूहानी एहसास करा देगा। जामा मस्जिद का दीदार करने आने वाले यहां आकर मोहब्बत का शरबत अवश्य चखते हैं।

तरबूज के बारीक पीस शरबत को जायकेदार बनाने का बाखूबी काम करते हैं। मजहब चाहे कोई भी हो हर किसी को यहां का यह मोहब्बत का शरबत अपना मुरीद बना ही लेता है।

जामा मस्जिद एरिया की शान- शाही टुकड़ा

आप इसी गली में एक दो दुकानें छोड़कर आगे बढ़ेंगे तो आपका दशकों से जामा मस्जिद एरिया की शान- शाही टुकड़ा भी दिखाई देगा।

हमें एक बेहद तरतीब और स्वच्छता से अपनी ओर खींचती दुकान दिखाई दी और हमारे कदम बढ़ चले शाही टुकडे की ओर। वहां जो शख्स दिखाई दिए उन्होंने अपना नाम तशनीन  बताया। उन्हीं से बातचीत के सिलसिले में हमें पता चला शाही टुकडे की बनावट के बारे में। प्योर दूध, खोए और ड्राई फ्रूट से बना यह स्पेशल फूड सही मायने में शाही कहलाने लायक लगा।

उन्होंने हमसे ₹60 लिए और बड़ी ही मोहब्बत के साथ शाही टुकडे की एक प्लेट हमें दी। साथ में शाही टुकडे के साथ रबड़ी भी जायके को और स्वादिष्ट बनाने के लिए अपनी ओर से कंप्लीमेंट्री तौर पर ऑफर की।  रबड़ी के साथ शाही टुकडे का स्वाद लाज़वाब लगा। रमजान के महीने में यह शाही टुकड़ा खाने दूर-दूर से लोग यहां आते हैं, वैसे यह गली मशहूर है अपने नॉनवेज फूड के लिए, अगर आप नॉनवेज खाने के शौकीन हैं तो समझ लीजिए आप बिल्कुल मुकम्मल जगह पर हैं। जैसे-जैसे आप इस गली में आगे बढ़ेंगे आपको हर दूसरी दुकान पर कुछ पुराना और नायाब दिखाई देगा। कहीं लॉन्ग चुरी के शाकाहारी पकोड़े तो कहीं मुगलई चिकन आपको दिखाई देगा।  क्योंकि यह रमजान का महीना है इसलिए आपको यहां पर बहुत सारी दुकानों पर फेनी खरीदते हुए भी लोग दिखाई देंगे।

असलम का बटर चिकन

शाम का समय हो रहा था इसलिए गली में भीड़ भी लगातार बढ़ रही थी।  इसी भीड़ में हम अपने अगले पड़ाव पर पहुंचे, जो था असलम चिकन। दुकान के बाहर बार-बी- क्यू  की खुशबू फैली हुई थी, जहां कबाब के साथ चिकन भी रोस्ट हो रहा था।  असलम चिकन की शोहरत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की बीसीयों किलो चिकन हमारे सामने ही तैयार किया जा रहा था और इसी तीन मंजिला दुकान में लोग टेबल खाली होने की वेट कर रहे थे। जब मैंने काउंटर पर बैठे शख्स से यहां की स्पेशलिटी के बारे में पूछा तो उन्होंने बटर चिकन और तंदूरी चिकन बताया।  लेकिन जब चिकन परोसा गया तो पता चला की 26 सालों से असलम भाई की खुद की ईज़ाद है ये बटर चिकन।

शायद असली मसालों में चिकन का मेरिनेशन वाकई जबरदस्त था।  हमने ऑर्डर किया रुमाली रोटी और दिल्ली का बेहद फेमस यह असलम का बटर चिकन। दही की चटनी, टमाटर और प्याज के साथ बटर चिकन परोसा गया। मेरा मानना है, यह खाते ही अमूल बटर में पूरी तरह डूबा हुआ यह चिकन आपकी तबीयत को गुलजार कर देगा।  वास्तव में पुरानी दिल्ली के नायाब ज़ायकों  में एक है यह असलम का बटर चिकन।  सच में जामा मस्जिद की पुरानी और लज़्ज़तदार गली के बारे में जितना सुना था, आज वह बिल्कुल हकीकत लगा।Jama Masjid Street Food Places

 करीम रेस्टोरेंट

शाम ढल रही थी।  लौटने का वक्त हो रहा था, लेकिन अगर आप इस मशहूर गली में आए और सैकड़ों साल दुनियाभर में राज करने वाले करीम रेस्टोरेंट पर ना गए तो फिर आप सही में मुगलाई ज़ायकों से महरूम रह गए। करीम के ख़ानसामा  से जब हमने बात की तो उन्होंने हमें अपने मटन और चिकन के पतीलों  के ढक्कन खोल कर अपनी स्पेशलिटी के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अभी रमजान का महीना है इसलिए वह सिर्फ शाम 7 बजे तक ही चिकन और मटन पैकिंग में ही देते हैं।

7 बजे के बाद आप यहां रेस्टोरेंट में बैठ कर इत्मीनान से चिकन मटन का आनंद ले सकते हैं। जब वह जनाब एक-एक करके बड़े ही नाज़ से पतीलों के ढ़क्कन खोल कर अलग-अलग ज़ायकेदार मटन और चिकन हमें दिखा रहे थे , ढक्कन खोलते ही  मुगलाई ज़ायकों की खुशबू जैसे जता रही हो कि यूं ही हम दशकों से खाने के मुरीद लोगों की पहली पसंद नहीं है। वास्तव में हमारे लिए एक साथ इतने सारे मुगलाई ज़ायकों को देखना ही बेहद खास अनुभव था

चिकन चंगेज़ी और हाजी मोहम्मद हुसैन चिकन 

करीम के लिए जहां गली के अंदर जाना पड़ता है, वहीं इसी गली में  एक और प्रसिद्ध रेस्टोरेंट्स है अल जवाहर, जो अपने चिकन चंगेज़ी के लिए और चिकन निहारी के लिए अच्छा खासा प्रसिद्ध है। आप जब भी यहां आए, यहां के चिकन चंगेजी का जरूर लुत्फ़ उठाएं।  इसके अलावा यहां हाजी हुसैन चिकन का नाम भी बहुत फेमस है। जिसका कुरकुरा चिकन आपको साल भर में ना जाने कितनी बार यहां आने पर मजबूर कर देगा, यहां का चिकन फ्राई खाने के लिए हर मौसम में बेइंतहा भीड़ लगी रहती है। दुकान के बाहर आपको खोलती कढ़ाई में चिकन फ्राई करते हुए खानसामा दिखाई देंगे और मसालों की खुशबू आपको खूब सारी भीड़ होने के बावजूद भी यहां रुकने पर मजबूर कर देगी यही खासियत है 40 सालों से अपने डबल चिकन फ्राई के  कारण हाजी मोहम्मद हुसैन चिकन लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं।Jama Masjid Street Food Places

दुनिया भर में अपने लाजवाब मुगलाई ज़ायकों के लिए मशहूर इस गली से फिलहाल लेते हैं विदा।  फिर मिलते हैं फाइव कलर्स ऑफ़ ट्रेवल के किसी नए ब्लॉग में।

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