अल्मोड़ा(Almora) -कुमाऊँ का दिल
वो क्या है ना, ये पहाड़ थोड़े मूडी होते हैं
कभी सुबह सूरज की रौशनी के साथ उठ जाते हैं
तो कभी बारिश की बूदों में आराम फरमाते हैं
लेकिन जब इनका मूड ठीक हो
तो बस इनके पास निकल पड़ना चाहिए
क्योकि तब जो इनकी खूबसूरती आपको सुकून देगी
वो शायद ही कहीं नसीब हो
और फिर वो गाना भी तो है
मेरा फलसफा कंधे पे मेरा बस्ता
चला में जहाँ ले चला मुझे रस्ता…….
तो चलिए ले चलते हैं आपको पहाड़ों के एक नए सफर में। उत्तराखंड का एक बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है “अल्मोड़ा” जो कि कुमाऊँ रीजन में पड़ता है। जितना खूबसूरत ये हिल स्टेशन है उतना ही खूबसूरत यहाँ पहुँचने का सफर। तो इस सफर में जैसे ही हम नैनीताल पहुंचते हैं, हमें अहसास होने लगता है कि हाँ, अब हम पहाड़ों में ऐंटर कर चुके हैं । नैनीताल में चारों ओर पहाड़ों से घिरी एक बहुत ही खूबसूरत झील आपको मुख्य सड़क से ही दिखने लगती है और यहाँ रुके बिना आप अल्मोड़ा का सफर कर लें ये तो हो ही नहीं सकता। क्योंकि ये झील इतनी खूबसूरत है कि सबको अपनी ओर खींच ही लेती है। यहाँ ठहर कर आप झीलों से घिरे एक लाज़वाब हिल स्टेशन का आनंद ले सकते हैं। और फिर नैनीताल से लगभग 64 किमी दूर आता है एक लाजवाब हिल स्टेशन अल्मोड़ा।(Almora)

अल्मोड़ा का इतिहास
अगर बात करें कुमाऊँ के तीन पहाड़ी जिलों की तो अल्मोड़ा उनमें से एक है। और सांस्कृतिक नज़रिये से देखें तो अल्मोड़ा उत्तराखंड की “कल्चरल कैपिटल” कही जाती है। 1798 में गोरखाओं द्वारा चंद राजवंश पर आक्रमण किया गया, और 1814-15 के गोरखा युद्ध के बाद अंग्रेजों ने इसे अपने कब्जे में ले लिया। उन्होंने अल्मोड़ा को अपना मुख्यालय बनाया और अच्छी संख्या में स्कूल, अस्पताल, चर्च और अन्य संस्थान खुल गए। आज यह एक महत्वपूर्ण व्यापारिक नगर और प्रशासनिक केंद्र है। यह शहर कुमाऊं के सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव का मेल माना जाता है। (Almora)

अगर अल्मोड़ा घूमने की बात करें तो इस शहर में ऐसी बहुत सी फेमस और रहस्मयी जगह हैं जो आपकी ट्रिप को यादगार बना देंगी। क्योकि ये शहर चारों ओर से मंदिरों से घिरा हुआ है, और इन मंदिरों की खासियत और खूबसूरती बाकी सभी हिल स्टशनों से अलग हैं। तो चलिए जानते हैं क्या खास है इन मंदिरों में –
चितई गोलू मंदिर

यहाँ गोलू देवता को न्याय का देवता कहा जाता है। और यहाँ की खास बात यह है की यहाँ लोग चिठ्ठी में अपनी मनोकामना लिखकर उसे टांग देते है और ऐसे अपनी विश पूरी होने की कामना करते है। मनोकामना पूरी होने पर यहाँ घंटी चढाने की परंपरा है। इसी के चलते इस मंदिर में हज़ारों घंटियाँ और हज़ारो चिट्ठियाँ आपको देखने को मिल जाएगी। यह मंदिर अल्मोड़ा से लगभग 8 km. की दूरी पर है।
जागेश्वर धाम

जागेश्वर धाम अपने आप में एक बहुत बड़ा और मशहूर मंदिर है, जो अल्मोड़ा से लगभग 40 km. दूर है। उत्तराखंड के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक जागेश्वर धाम देवदार के जंगलों के बीचों-बीच स्थित है। ये पूरे उत्तराखंड में सबसे बड़े मंदिरों का ग्रुप है। क्योंकि जागेश्वर धाम में लगभग 150 मंदिर स्थित है। और यही इस मंदिर की खासियत है। इसे चरों धामों के बाद पांचवा धाम कहा जाता है। पुरानी मनीयता के हिसाब से इसे भगवान शिव का तपस्थल मन जाता है। यहाँ हर साल सावन के महीने में बहुत बड़े मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश भर से श्रद्धालु दर्शन करने आते है।
डोल आश्रम

नैनीताल से जब आप अल्मोड़ा की तरफ चलेंगे तो रस्ते में पहाड़ों के बीच, पेड़ों से घिरा हुआ यह बड़ा आश्रम रोड से ही आपको दिखाई देने लगेगा। अगर आप किसी शोर से दूर शांत माहौल में रहना पसंद करते है तो यह जगह आपके लिए बेस्ट साबित होगी। ताज़ी हवा, शांत माहौल, हरे-भरे पेड़, चिड़ियाओं के चहकने की आवाज बहुत ही पॉजिटिव वाइब्स ले आती है। ऐसी जगह आकर कोई भी अपना तनाव भूल जायेगा। यह आश्रम अल्मोड़ा से 40 किलोमीटर की दूरी पर है।
कसार देवी मंदिर

अल्मोड़ा से 8 किमी दूर देवी गांव में यह मंदिर है, और लगभग दूसरी सदी का माना जाता है। यहाँ के स्थानीय लोग माँ कसार देवी की शक्तियों पर अटूट आस्था रखते है। यह मंदिर देवी गांव में कश्यप पहाड़ी पर गुफा नुमा स्थान में बना हुआ है। कहा जाता है कि इस मंदिर में माँ दुर्गा प्रकट हुयी थी और इसी वजह से यहाँ माँ दुर्गा को पूजा जाता है।
अल्मोड़ा में मंदिरों के साथ साथ और भी बहुत सी जगहें घूमने लायक हैं। ज़ीरो पॉइंट, कटारमल सूर्य मंदिर, डियर पार्क, दुनागिरि मंदिर, ब्राइट एन्ड कार्नर, पंडित गोविन्द बल्लाभ पंत संग्रालय, और भी बहुत सी ऐसी जगहें है जहाँ जाकर आपकी ट्रिप मुकम्मल हो जाएगी। इसके अलावा अल्मोड़ा में चारों तरफ रानीखेत, चौकोरी, शीतलखेत, बिनसर, कौसानी और बागेश्वर जैसे कई शांत पहाड़ी शहर बास्ते हैं।
अल्मोड़ा की फेमस मिठाई
बाल मिठाई – अल्मोड़ा की “बाल मिठाई” के चर्चे तो देश भर में है। अल्मोड़ा की फेमस बाल मिठाई और सिंगोड़ी यहाँ की पहचान है। बाल मिठाई एक ब्राउन चॉक्लेट की तरह होती है जिसे खोये को भून कर बनाया जाता है, और बाहर से इसमें सफ़ेद चीनी के गोले लगाए जाते है। जिससे ये देखने में बहुत टेस्टी दिखाई पड़ती है।

सिंगोड़ी – अब कुमाऊँ आकर सिंगोड़ी का स्वाद नहीं लिया तो क्या ही कुमाऊँ आना। खोया (गाढ़ा दूध) से बनी यह मिठाई एक अलग ही प्रकार से देखने को मिलती है, क्योंकि यह मिठाई बनने के बाद मोलू के पत्ते में लपेटी जाती है। और सोफ्टी आइसक्रीम की तरह इसका शेप बनाया जाता है। मोलू के पत्ते की ताजी महक और इलायची और नारियल के स्वाद वाले दूध का स्वाद आपको और किसी मिठाई में नहीं मिलेगा। और पूरे कुमाऊँ में ये मिठाई आपको सिर्फ अल्मोड़ा में मिलेगी।

कल्चर ऑफ़ अल्मोड़ा : क्योंकि अल्मोड़ा कुमाऊँ रीजन में पड़ता है इसलिए अल्मोड़ा में पूरा कुमाऊनी कल्चर है। जैसे हिलजात्रा, छलिया डांस आदि। इसके अलावा यहाँ की भाषा भी कुमाऊनी है, और त्यौहार भी कुमाऊनी कल्चर में मनाये जाते है।
कैसे पहुंचे
अगर दिल्ली से अल्मोड़ा आने की बात करें तो आनंद बिहार ISBT से बस लेकर या अपनी पर्सनल गाड़ी से आप यहाँ आसानी से पहुँच सकते हैं। इसके अलावा आप हल्द्वानी काठगोदाम तक ट्रैन में और वहाँ से कैब या बस के माध्यम से यहाँ आ सकते हैं।
3 replies on “Best Places to Visit in Almora”
[…] मुंश्यारी के सफर में ही आपको मुख्य रोड से ही एक बहुत ऊंचाई से बहता एक आकर्षक झरना दिखाई देगा। अगर आप यहाँ रुके बिना अगर मुंश्यारी की ओर चले गए तो यकीनन पूरी ट्रिप में आपका मन सिर्फ बिर्थी फॉल ढूढ़ता रह जायेगा। बिर्थी फॉल का झरना पहाड़ों की काफी ऊंचाई से निकलता है, लगभग 50 मीटर दूर से ही पानी की बूंदे दूर से ही चेहरे पर पड़ने लगती हैं और हवा भी काफी तेज़ महसूस होती है, तो आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि पानी का फ्लो कितना जबरदस्त होगा। बिर्थी फॉल की खूबसूरती बारीश के दिनों और ज्यादा निखर जाती है, जब पानी में इंद्रधनुष निकलता दिखाई देता है। […]
[…] अमर ज्योति के बगल में ही आपको एक एक्सिबिशन दिखाई देगा जिसमें हमारे देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों के फोटो लगाए गए हैं जिनकी कुर्बानियों को भुला पाना शायद मुमकिन नहीं । […]
[…] कुछ दूर चलने पर मसूरी से थोड़ा पहले आपको मसूरी लेक जाने का रास्ता दिखाई देगा और मसूरी लेक गए बिना शायद ही आपका मसूरी ट्रिप मुकम्मल हो। इस ब्यूटीफुल डेस्टिनेशन में जाना बिलकुल न भूलें क्योंकि यहां होने वाले एडवेंचर आपको शायद ही मेन मसूरी में करने को मिले। पहाड़ों के बीचों-बीच लेक में बोटिंग करने का भी अलग ही मज़ा है। इसके साथ -साथ लेक के किनारे छोटी सी मार्केट इस जगह को और भी खूबसूरत बना देती है। […]