Best Hindi Travel Blog -Five Colors of Travel

आईआरसीटीसी के इस पैकेज से कीजिये ओडिशा के टूरिस्ट प्लेसेस को विजिट

आईआरसीटीसी द्वारा भुवनेश्वर, नंदनकानन, चिल्का, कोणार्क और पुरी के दर्शन के लिए एक टूर पैकेज का प्लान किया गया है। अगर आप भी इन सभी जगहों के दर्शन करना चाहते हैं और वेकेशन पर जाना चाहते हैं तो आईआरसीटीसी का यह पैकेज आपके लिए बहुत ही बेहतरीन साबित हो सकता है। आज के इस ब्लॉग में मैं आपको इसी पैकेज के बारे में बताने वाली हूं। तो चलिए इस पैकेज के बारे में डिटेल से जानते हैं।

आइये जानते है आईआरसीटीसी के इस पैकेज के बारें में

  • इस टूर का नाम है ‘एक्सप्लोर पुरी-कोणार्क-भुवनेश्वर एक्स कोच्चि’ (EXPLORE PURI-KONARK-BHUBANESWAR EX KOCHI)।
  • यह पैकेज छह दिनों और पाँच रातों का होगा।
  • इस पैकेज के तहत आप भुवनेश्वर, चिल्का लेक, कोणार्क और पुरी की यात्रा करेंगे।
  • इस टूर की शुरुआत 30 नवंबर 2023 में होगी।
  • इस यात्रा के पहले दिन आप कोच्चि से भुवनेश्वर की ओर रवाना होंगे।
  • इस यात्रा के अंतिम दिन आप भुवनेश्वर से कोच्चि वापस आएंगे।

कुछ ऐसा होगा आपका टूर प्लानर (Your tour planner will be something like this)

पहला दिन
पहले दिन सुबह आप कोच्चि एयरपोर्ट से भुवनेश्वर के लिए प्रस्थान करेंगे जहां पहुंचकर होटल की ओर रवाना हो जाएंगे। होटल पहुंचकर चेक इन कर करेंगे। शाम में लिंगराज मंदिर के दर्शन करने जाएंगे। दर्शन करने के बाद होटल वापस लौट जाएंगे। भोजन और रात्रि विश्राम भुवनेश्वर में ही करेंगे।

दूसरा दिन
अगले दिन होटल से चेकआउट करेंगे और पुरी की ओर प्रस्थान करेंगे। रास्ते में शांति स्तूप का दौरा करेंगे। पुरी पहुंचकर होटल में चेक इन करेंगे। इसके बाद आप कोणार्क की ओर आगे बढ़ेंगे। वहां पहुंचकर इंटरनेशनल सैंड आर्ट फेस्टिवल और कोणार्क डांस फेस्टिवल देखेंगे। शाम में होटल वापस लौटेंगे। रात्रि भोजन और विश्राम पुरी में करेंगे।

तीसरा दिन
तीसरे दिन पुरी में सुबह-सुबह जगन्नाथ मंदिर के दर्शन करेंगे। दर्शन करने के बाद होटल वापस लौट आएंगे। नाश्ता करके आप चिल्का लेक की ओर आगे बढ़ेंगे। चिल्का लेक पहुंचकर वहां के मनोरम दृश्यों को देखेंगे। सातपाड़ा में आप बोटिंग का आनंद उठाएंगे। शाम में होटल वापस आ जाएंगे। पुरी में रात्रि भोजन और विश्राम करेंगे।

चौथा दिन
अगले दिन सुबह-सुबह आप कोणार्क मंदिर के दर्शन करेंगे। दर्शन करने के बाद आप होटल वापस लौटेंगे। नाश्ता करके होटल से चेकआउट करेंगे। होटल छोड़ने के बाद आप भुवनेश्वर की ओर प्रस्थान करेंगे। रास्ते में रघुराजपुर गांव का दौरा करेंगे। भुवनेश्वर पहुंचकर होटल में चेक इन करेंगे। रात्रि भोजन और विश्राम भुवनेश्वर में ही करेंगे।

पांचवा दिन
पांचवे दिन सुबह नाश्ता करके आप ट्राइबल म्यूजियम, उदयगिरि और खंडगिरि की गुफाओं का दौरा करेंगे। दोपहर में नंदन कानन जूलॉजिकल पार्क में घूमेंगे। शाम में वापस आ जायेंगे। रात्रि भोजन और विश्राम होटल में ही करेंगे।

छठा दिन
अंतिम दिन सुबह नाश्ता करके होटल से चेकआउट करेंगे। होटल छोड़ने के बाद आप भुवनेश्वर एयरपोर्ट के लिए प्रस्थान करेंगे। एयरपोर्ट पहुंचकर दोपहर में कोच्चि के लिए उड़ान भरेंगे। कोच्चि पहुंचकर आपकी यात्रा सुखद यादों के साथ समाप्त हो जाएगी।

बजट (Budget)

अगर बात करें इस पैकेज के बजट की है तो कॉस्ट पर पर्सन में, कम्फर्ट क्लास के लिए सिंगल ऑक्यूपेंसी पर ₹64150, डबल ऑक्यूपेंसी पर ₹49950 और ट्रिपल ऑक्यूपेंसी पर 47350 रुपए आपको भुगतान करना होगा। वही चाइल्ड विथ बेड में ₹40250 चाइल्ड विथाउट बेड में, ₹39100 और चाइल्ड विथाउट बेड में (छोटे बच्चो के लिए) 29800 रुपए पे करने होंगे।

इस पैकेज में क्या शामिल है (What is included in this package)?

  • आपको जाते वक्त कोच्चि से भुवनेश्वर और वापसी के समय भुवनेश्वर से कोच्चि के लिए हवाई टिकटें मिलेंगी।
  • इस पैकेज के तहत आपको पाँच बार सुबह का नाश्ता और पाँच बार रात का खाना मिलेगा।
  • आपको इंटरनेशनल सैंड आर्ट फेस्टिवल और कोणार्क डांस फेस्टिवल की एंट्री टिकट मिलेंगी।
  • आपको मेन रोड से रघुराजपुर जाने और वापस आने का खर्च नहीं देना होगा।
  • इस टूर में आप सातपाड़ा में चिल्का लेक में बोटिंग कर पाएंगे।
  • आप पुरी में दो रात और भुवनेश्वर में तीन रात बिताएंगे।
  • आप सभी दर्शनीय स्थलों का दौरा आईआरसीटीसी द्वारा दिए गए वाहन से करेंगे।
  • इस यात्रा के दौरान आपको आईआरसीटीसी टूर एस्कॉर्ट सेवाएं भी मिलेंगी।
  • इस पैकेज में ड्राइवर भत्ता, टोल टैक्स, पार्किंग आदि के लिए आपको पे नहीं करना होगा।

इस पैकेज में क्या शामिल नहीं है (What is not included in this package)?

  • आपको सभी दर्शनीय स्थलों के टिकट खुद ही खरीदने होंगे।
  • यदि आप दर्शनीय स्थलों पर फोटोग्राफरों से अपनी तस्वीर खिंचवाते हैं तो उसका पैसा आपको देना होगा।
  • इस पैकेज में आपको दोपहर का भोजन नहीं मिलेगा।
  • यदि हवाई किराए में कोई बढ़ोतरी होती है तो उसके लिए पे करना होगा।
  • आप अगर किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत खर्च जैसे कपड़े धोने का खर्च, शराब, मिनरल वाटर, टिप, भोजन या फिर पेय पदार्थ का उपयोग करते हैं तो उसके लिए आपको पे करना होगा।
  • अगर आप ड्राइवरों, गाइड या प्रतिनिधियों को किसी भी प्रकार की टिप देते हैं तो उसका पैसा आपको खुद ही देना होगा।
  • कोई भी सेवाएं जो इन्क्लूजन में निर्देशित नहीं है तो वे सेवाएं आपको नहीं मिलेंगी।

अगर ओडिशा जाना चाहते हैं तो आईआरसीटीसी के साथ बनाएं टूर प्लान

आईआरसीटीसी द्वारा भुवनेश्वर, नंदनकानन, चिल्का, कोणार्क और पुरी के दर्शन के लिए एक टूर पैकेज का प्लान किया गया है। अगर आप भी इन सभी जगहों के दर्शन करना चाहते हैं और वेकेशन पर जाना चाहते हैं तो आईआरसीटीसी का यह पैकेज आपके लिए बहुत ही बेहतरीन साबित हो सकता है। आज के इस ब्लॉग में मैं आपको इसी पैकेज के बारे में बताने वाली हूं। तो चलिए इस पैकेज के बारे में डिटेल से जानते हैं।

आइए जानते हैं आईआरसीटीसी के इस पैकेज के बारे में

  • इस टूर का नाम है ‘टेम्पल टूर ऑफ पुरी विथ कोणार्क डांस फेस्टिवल एक्स लखनऊ’ (TEMPLE TOUR OF PURI WITH KONARK DANCE FESTIVAL EX LUCKNOW)।
  • यह पैकेज पाँच दिनों और चार रातों का होगा।
  • इस पैकेज के तहत ऑफ भुवनेश्वर, नंदनकानन, चिल्का, कोणार्क और पुरी का दौरा करेंगे।
  • इस टूर की शुरुआती तारीख 1 दिसंबर 2023 है।
  • इस यात्रा के पहले दिन आप लखनऊ से भुवनेश्वर की ओर रवाना होंगे।
  • इस यात्रा के अंतिम दिन आप भुवनेश्वर से लखनऊ वापस आएंगे।

कुछ ऐसा होगा आपका टूर प्लानर (Your tour planner will be something like this)

पहला दिन
पहले दिन आप सुबह लखनऊ एयरपोर्ट से भुवनेश्वर के लिए उड़ान भरेंगे। भुवनेश्वर पहुंचकर आप होटल में चेक इन करेंगे। फ्रेश होने के बाद आप नंदन कानन जूलॉजिकल पार्क घूमेंगे। आपको भोजन और रात्रि विश्राम भुवनेश्वर में ही करना होगा।

दूसरा दिन
अगले दिन आप सुबह नाश्ता करके होटल से चेक आउट करके धौली स्तूप देखने जाएगें। घूमने के बाद पुरी की ओर रवाना होंगे। पुरी पहुंचकर आप होटल में चेक इन करेंगे। आप रात्रि विश्राम पुरी में करेंगे।

तीसरा दिन
तीसरे दिन सुबह नाश्ता करके आप जगन्नाथ मंदिर के दर्शन के लिए निकल जाएंगे। जगन्नाथ मंदिर घूमने के बाद आप चिल्का झील की ओर बढ़ेंगे। आप चाहे तो अपने पैसों से चिल्का झील में बोटिंग भी कर सकते हैं. पुरी की ओर वापस रवाना हो जाएंगे। रास्ते में अलारनाथ मंदिर का दर्शन करेंगे। रात्रि भोजन तथा विश्राम पुरी में करेंगे।

चौथा दिन
अगले दिन सुबह जल्दी नाश्ता करके होटल से चेकआउट करेंगे। होटल छोड़ने के बाद चंद्रभागा बीच पर जाएंगे और वहां पर इंटरनेशनल सैंड आर्ट फेस्टिवल (International Sand Art Festival) का आनंद लेंगे। इसके बाद कोणार्क की ओर बढ़ेंगे। जहाँ आप सन टेम्पल और कोणार्क डांस फेस्टिवल देखेंगे। घूमने के बाद आप भुवनेश्वर की ओर बढ़ेंगे। भुवनेश्वर पहुंचकर होटल में चेक इन करेंगे। रात्रि विश्राम भुवनेश्वर में करेंगे।

पांचवा दिन
अंतिम दिन सुबह लिंगराज मंदिर के दर्शन करेंगे। दर्शन के बाद वापस होटल आएंगे। होटल आने के बाद नाश्ता करके आप होटल से चेक आउट करेंगे। होटल छोड़ने के बाद भुवनेश्वर एयरपोर्ट के लिए प्रस्थान करेंगे। भुवनेश्वर एयरपोर्ट पहुंचकर लखनऊ के लिए उड़ान भरेंगे। लखनऊ पहुंचकर आपकी यात्रा सुखद यादों के साथ समाप्त हो जाएगी।

बजट (Budget)

अगर बात करें इस पैकेज के बजट की है तो कॉस्ट पर पर्सन में, कंफर्ट क्लास के लिए सिंगल ऑक्यूपेंसी पर ₹50500, डबल ऑक्यूपेंसी पर ₹39400 और ट्रिपल ऑक्यूपेंसी पर 37100 रुपए आपको भुगतान करना होगा। वही चाइल्ड विथ बेड में ₹32200, चाइल्ड विथाउट बेड में ₹30400 और चाइल्ड विथाउट बेड (छोटे बच्चो के लिए) में 16600 रुपए पे करने होंगे।

इस पैकेज में क्या शामिल है (What is included in this package)?

  • आपको जाते वक्त दिल्ली से भुवनेश्वर और वापसी के समय भुवनेश्वर से दिल्ली के लिए हवाई टिकटें मिलेंगी।
  • आप सभी दर्शनीय स्थलों का दौरा एसी वाहन से करेंगे।
  • इस पैकेज के तहत आपको चार बार सुबह का नाश्ता और चार बार रात का खाना मिलेगा।
  • इस पैकेज में आपको यात्रा बीमा भी मिलेगा।
  • आप पुरी में दो रात और भुवनेश्वर में दो रात बिताएंगे।
  • आपको दर्शनीय स्थलों के टिकट नहीं खरीदने पड़ेंगे।
  • इस पैकेज में आपको टूर गाइड की सेवाएं मिलेंगी।

इस पैकेज में क्या शामिल नहीं है (What is not included in this package)?

  • आप अगर किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत खर्च जैसे कपड़े धोने का खर्च, शराब, मिनरल वाटर, टिप, भोजन या फिर पेय पदार्थ का उपयोग करते हैं तो उसके लिए आपको पे करना होगा।
  • यदि आप दर्शनीय स्थलों पर फोटोग्राफरों से अपनी तस्वीर खिंचवाते हैं तो उसका पैसा आपको देना होगा।
  • अगर आप दोपहर का भोजन या किसी भी अन्य प्रकार की भोजन सेवाएं लेते हैं तो उसके लिए आपको पैसे देने होंगे।
  • अगर आप बोटिंग करते है तो उसका पैसा आपको अपने जेब से देना होगा।
  • आप किसी भी प्रकार की स्थानीय परिवहन का उपयोग करते हैं तो उसके लिए आपको पे करना होगा।
  • कोई भी सेवाएं जो इन्क्लूजन में निर्देशित नहीं है तो वे सेवाएं आपको नहीं मिलेंगी।

IRCTC के इस पैकेज से एक ही बार में कीजिए भुवनेश्वर, चिल्का, कोणार्क और जगन्नाथ पुरी के दर्शन

आईआरसीटीसी द्वारा भुवनेश्वर, चिल्का, कोणार्क और जगन्नाथ पुरी के दर्शन के लिए एक टूर पैकेज का प्लान किया गया है। अगर आप भी इन सभी जगहों के दर्शन करना चाहते हैं और वेकेशन पर जाना चाहते हैं तो आईआरसीटीसी का यह पैकेज आपके लिए बहुत ही बेहतरीन साबित हो सकता है। आज के इस ब्लॉग में मैं आपको इसी पैकेज के बारे में बताने वाली हूं। तो चलिए इस पैकेज के बारे में डिटेल से जानते हैं।

आइए जानते हैं आईआरसीटीसी के इस पैकेज के बारे में

  • इस टूर का नाम है ‘डिवाइन पुरी टूर पैकेज’ (Divine Puri Tour Package)।
  • यह पैकेज चार दिनों और तीन रातों का होगा।
  • इस पैकेज के तहत ऑफ भुवनेश्वर, चिल्का, कोणार्क और पुरी का दौरा करेंगे।
  • इस टूर की शुरुआती तारीख 2 नवंबर 2023, 23 नवंबर 2023, 14 दिसंबर 2023, 25 जनवरी 2024, 17 फरवरी 2024 और 15 मार्च 2024 है।
  • इस यात्रा के पहले दिन आप दिल्ली से भुवनेश्वर की ओर रवाना होंगे।
  • इस यात्रा के अंतिम दिन आप भुवनेश्वर से दिल्ली वापस आएंगे।

कुछ ऐसा होगा आपका टूर प्लानर (Your tour planner will be something like this)

पहला दिन
पहले दिन आप सुबह दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से भुवनेश्वर के लिए उड़ान भरेंगे। भुवनेश्वर पहुंचकर आप पुरी के लिए रवाना हो जाएंगे जहाँ पर आप होटल में चेक इन करेंगे। फ्रेश होने के बाद आप जग्गनाथ मंदिर के दर्शन करेंगे। आपको भोजन और रात्रि विश्राम पुरी में ही करना होगा।

दूसरा दिन
अगले दिन सुबह नाश्ता करके चिल्का के लिए आगे बढ़ेंगे। जहां पहुँचकर आप यहाँ के चिल्का झील और इरावदी डॉल्फिन साइट का दौरा करेंगे। आप चाहें तो अपने पैसो से चिल्का झील में बोटिंग भी कर सकते है। घूमने के बाद वापस पुरी की ओर रवाना होंगे। रास्ते में अल्लारनाथ मंदिर के दर्शन जरुर करें। आप फिर रात्रि विश्राम पुरी में करेंगे।

तीसरा दिन
तीसरे दिन सुबह नाश्ता करके कोणार्क के लिए आगे बढ़ेंगे। कोणार्क पहुँच वहां के कोणार्क मंदिर, चंद्रभागा बीच, गोल्डन सी बीच और बीच मार्केट का भ्रमण करेंगे। शाम में वापस पुरी लौटेंगे। रात्रि विश्राम पुरी में ही करेंगे।

चौथा दिन
अंतिम दिन आप सुबह जल्दी नाश्ता करके होटल से चेक आउट करेंगे। होटल छोड़ने के बाद भुवनेश्वर के लिए निकल जाएंगे। भुवनेश्वर में लिंगराज मंदिर, उदयगिरि, खंडगिरि और मुक्तेश्वर मंदिर के दर्शन करेंगे। रात्रि में दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे। दिल्ली पहुंचकर आपकी यात्रा सुखद यादों के साथ समाप्त हो जाएगी।

बजट (Budget)

अगर बात करें इस पैकेज के बजट की है तो कॉस्ट पर पर्सन में, स्टैण्डर्ड क्लास के लिए सिंगल ऑक्यूपेंसी पर ₹40900, डबल ऑक्यूपेंसी पर ₹32500 और ट्रिपल ऑक्यूपेंसी पर 31000 रुपए आपको भुगतान करना होगा। वही चाइल्ड विथ बेड में ₹28000, चाइल्ड विथाउट बेड में ₹23600 और चाइल्ड विथाउट बेड (छोटे बच्चो के लिए) में 20300 रुपए पे करने होंगे।

इस पैकेज में क्या शामिल है (What is included in this package)?

  • आपको जाते वक्त दिल्ली से भुवनेश्वर और वापसी के समय भुवनेश्वर से दिल्ली के लिए हवाई टिकटें मिलेंगी।
  • आप सभी दर्शनीय स्थलों का दौरा एसी बस से करेंगे।
  • इस पैकेज के तहत आपको तीन बार सुबह का नाश्ता और तीन बार रात का खाना मिलेगा।
  • इस पैकेज में आपको यात्रा बीमा भी मिलेगा।
  • आप पुरी में तीन रात थ्री स्टार होटल में बिताएंगे।

इस पैकेज में क्या शामिल नहीं है (What is not included in this package)?

  • आप अगर किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत खर्च जैसे कपड़े धोने का खर्च, शराब, मिनरल वाटर, टिप, भोजन या फिर पेय पदार्थ का उपयोग करते हैं तो उसके लिए आपको पे करना होगा।
  • अगर आप दोपहर का भोजन या किसी भी अन्य प्रकार की भोजन सेवाएं लेते हैं तो उसके लिए आपको पैसे देने होंगे।
  • इस पैकेज में आपको टूर मैनेजर की सेवाएं नही मिलेंगी।
  • अगर आप बोटिंग करते है तो उसका पैसा आपको अपने जेब से देना होगा।
  • आपको सभी दर्शनीय स्थलों के टिकट खुद ही खरीदने होंगे।
  • आप किसी भी प्रकार की स्थानीय परिवहन का उपयोग करते हैं तो उसके लिए आपको पे करना होगा।
  • कोई भी सेवाएं जो इन्क्लूजन में निर्देशित नहीं है तो वे सेवाएं आपको नहीं मिलेंगी।

आईआरसीटीसी के इस टूर पैकेज से अब एक ही बार में करें चारो धामों की यात्रा

अगर आपकी भी इच्छा चार धाम के यात्रा की हो और आप भी भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों के दर्शन करना चाहते हो तो आईआरसीटीसी के द्वारा लाया गया यह टूर पैकेज आपके लिए ही है। आईआरसीटीसी ने चार धामों के यात्रा के लिए एक टूर पैकेज का प्लान किया है। जिसका नाम है चार धाम यात्रा! आइये जानते हैं आईआरसीटीसी के इस पैकेज के बारे में :-

  • आईआरसीटीसी का ये पैकेज 17 दिन और 16 रातों का है।
  • इस पैकेज के जरीए आप बद्रीनाथ, द्वारिका, हम्पी, जोशीमठ, मदुरै, नासिक, पुरी, ऋषिकेश, रामेश्वरम और वाराणसी की यात्रा कर पाएंगे।
  • आईआरसीटीसी के इस पैकेज का नाम है – चार धाम यात्रा।
  • इस पैकेज के तहत आप रेल मार्ग का उपयोग करेंगे।
  • इस टूर की शुरूआती तारीख 14 सितंबर 2023 है।
  • 14 सितंबर को आप निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन से रात 7:00 बजे ऋषिकेश के लिए निकलेंगे। अगले दिन 2:00 बजे आप ऋषिकेश पहुँचेंगे।
  • वहीं वापसी के समय 27 सितंबर को आपको द्वारिका से दिल्ली ले जाया जाएगा। जहां आपकी यात्रा समाप्त हो जाएगी।

कुछ ऐसा होगा आपका टूर प्लानर :

दिन 1

पहले दिन आप निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन से ऋषिकेश के लिए निकलेंगे। आपको रात्रि भोजन और विश्राम ट्रेन में हीं करना होगा।

दिन 2

अगले दिन सुबह ट्रेन में हीं नाश्ता करके आप जोशीमठ के लिए बढ़ जाएंगे। जोशीमठ के लिए आगे बढ़ते समय उचित स्थान ढूंढ कर दिन का भोजन कर ले। जोशीमठ पहुंचने के बाद होटल में चेक इन करें और रात्रि भोजन और विश्राम करें।

दिन 3

अगले दिन सुबह नाश्ते के बाद बद्रीनाथ के लिए निकले और बद्रीनाथ मंदिर का दर्शन करें और दोपहर का भोजन करें। मंदिर में दर्शन के बाद बड़े गांव का दौरा करेंगें और उसके जोशीमठ वापस आ जाएंगे। होटल में चेक इन कर ले। इसी होटल में भोजन तथा रात्रि विश्राम करें।

दिन 4
अगले दिन आप होटल चेक आउट करेंगे और नरसिंह देवी मंदिर के लिए निकल जाएंगे। नरसिंह देवी मंदिर में भ्रमण करने के बाद, ऋषिकेश की तरफ आगे बढ़ेंगे। ऋषिकेश जाने के मार्ग में हीं दिन का भोजन कर ले। ऋषिकेश पहुँच के होटल में चेक इन करें और खाना खाकर रात्रि विश्राम करें।

दिन 5

अगले दिन होटल से चेक आउट करने के बाद ऋषिकेश में लक्ष्मण झूला और त्रिवेणी घाट का भ्रमण करेंगे और उसके बाद ऋषिकेश के रेलवे स्टेशन से वाराणसी जाने के लिए ट्रेन में चढ़ जाएंगे। दिन का भोजन तथा रात का खाना आपको ट्रेन में ही करना होगा।

दिन 6

छठे दिन ट्रेन में ही नाश्ता करने के बाद आप वाराणसी रेलवे स्टेशन पर उतरेंगे और काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन को निकल जाएंगे। सामने गंगा घाट की आरती का अनुभव लेते हुए आप दोबारा ट्रेन में चढ़ जाएंगे और पुरी के लिए प्रस्थान करेंगे। रात का खाना और विश्राम आपको ट्रेन में हीं करना होगा।

दिन 7

आपको सुबह का नाश्ता और दिन का भोजन ट्रेन में हीं करना होगा। पुरी पहुँच कर होटल में चेक इन करें और शाम में जगन्नाथ मंदिर के दर्शन करें। होटल वापस लौटे और पुरी के समुद्र तट का आनंद उठाएं। आपको पुरी में ही रात में रहना होगा।

दिन 8
होटल में नाश्ता करें और फिर होटल से चेक आउट कर कोणार्क सूर्य मंदिर और चंद्रभागा समुद्र तट के लिए बढ़ जाएं। रास्ते में किसी सही जगह पर ठहरकर दोपहर का खाना खा ले और पूरी रेलवे स्टेशन पहुंच जाएं। रात का खाना ट्रेन में ही खाएं और आराम करें।

दिन 9

नौवें दिन आपको पूरा दिन ट्रेन में हीं बिताना होगा। सुबह की शुरुआत चाय के साथ होगी और ट्रेन में ही नाश्ता करके आपको स्नान भी करना होगा। दोपहर और रात का भोजन भी आपको ट्रेन में हीं मिल जाएगा।

दिन 10

अगले दिन ट्रेन मदुरै रेलवे स्टेशन पहुंचेगी जहां से आप रामेश्वरम के होटल के लिए प्रस्थान करेंगे। होटल में चेकिंग के बाद आप दोपहर का खाना खाएं और फिर शाम को धनुष्कोटी को एक्सप्लोर करने के लिए बढ़ जाएं। धनुष्कोटी घूम लेने के बाद वापस उसी होटल में आकर रात का खाना खाएं और वही आराम करें।

दिन 11

अगले दिन सुबह-सुबह रामनाथ स्वामी के मंदिर के लिए प्रस्थान करें। मंदिर से लौटने के बाद नाश्ता करके मीनाक्षी मंदिर के विजिट लिए निकल जाएं। मीनाक्षी मंदिर घूम लेने के बाद वापस मदुरै रेलवे स्टेशन पहुंचें और हासपेट जंक्शन रेलवे स्टेशन के लिए ट्रेन में बैठ जाएं। शाम को ट्रेन में चाय का लुफ़्त उठाएं और ट्रेन में हीं रात का खाना खाकर आराम करें।

दिन 12

सुबह उठकर ट्रेन में ही फ्रेश हो जाएं। सुबह के 11:00 आप होसपेट जंक्शन पर पहुंच जाएंगे। इसके बाद आप बस के जरिए हम्पी के होटल तक पहुंचे। होटल में चेकिंग करके दोपहर का खाना खाएं और अंजानाद्री पहाड़ी और विरुपाक्ष मंदिर के दर्शनीय स्थलों के यात्रा के लिए बढ़ जाएं।
इन सभी जगह को एक्सप्लोर करने के बाद वापस होटल में आकर रात्रि भोजन करें और वहीं अपनी नींद पूरी करें।

दिन 13

होटल में नाश्ता करने के बाद विट्ठल मंदिर घूमने के लिए निकल जाएं। 12:00 बजे तक वापस हासपेट जंक्शन के लिए प्रस्थान करें। हासपेट जंक्शन पहुंचकर 2:00 बजे नासिक रेलवे स्टेशन के लिए ट्रेन में बैठ जाएं।

दिन 14

सुबह-सुबह 8:00 बजे आप नासिक पहुंच जाएंगे। नासिक पहुंचकर होटल में चेकिंग करके फ्रेश हो जाएं और नाश्ता करने के बाद त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के दर्शन के लिए बढ़ जाएं। दोपहर में उचित जगह पर भोजन करें और वापस नासिक रेलवे स्टेशन पहुंच जाएं। जहां से 7:00 बजे द्वारका रेलवे स्टेशन के लिए ट्रेन खुलती है। ट्रेन में बैठकर रात का खाना खाएं और ट्रेन में हीं आराम करें।

दिन 15

अगले दिन ट्रेन द्वारका पहुंचेगी। द्वारका पहुंचकर होटल में चेक इन करें और फुर्सत से शाम में द्वारका को एक्सप्लोर करें। होटल में रात का खाना खाएं और वहीं आराम करें।

दिन 16

सुबह-सुबह द्वारकाधीश मंदिर के दर्शन के लिए निकल जाएं। दर्शन के बाद नाश्ता के लिए वापस होटल लौटे आए और दोपहर का खाना खाकर होटल से चेक आउट करें। होटल से चेक आउट करने के बाद नागेश्वर ज्योतिर्लिंग और बेट द्वारका के दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए आगे बढ़ जाएं। इन सभी जगहों को एक्सप्लोर करने के बाद द्वारका रेलवे स्टेशन वापस लौटे और ट्रेन में बैठकर वापसी की यात्रा के लिए प्रस्थान करें। ट्रेन में ही रात का खाना खाएं और आराम करें।

दिन 17

अगले दिन ट्रेन आपको निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर पहुंचा देगी। इसके बाद आपकी यह यात्रा समाप्त हो जाएगी।

इस टूर पैकेज में क्या-क्या शामिल होगा (What will be included in this tour package)

  • पूरे सफर के दौरान आपको स्पेशल टूरिस्ट ट्रेन में 1 (AC), 2 (AC) और 3 (AC) क्लास के कोच में यात्रा करने को मिलेगा।
  • इस यात्रा के दौरान 7 दिन एक अच्छे होटल में आपके ठहरने की व्यवस्था की जाएगी।
  • डीलक्स कैटेगरी के एक होटल में और फर्स्ट एसी क्लास में आपको ठहराया जाएगा।
  • सुबह की चाय ब्रेकफास्ट लंच और डिनर सारे खाने आपको इस पैकेज के जरिए फ्री मिलेंगे।
  • सेकंड एसी एंड फर्स्ट एसी क्लास के लिए ट्रेन रेस्टोरेंट में आपको पैकेज की ओर से खाना दिया जाएगा। वहीं 3 एसी क्लास के यात्रियों के बर्थ पर खाना पहुंचा दिया जाएगा।
  • इस पूरी यात्रा के दौरान ट्रेन में 9 दिनों का नाइट स्टे इस पैकेज में शामिल होगा।
  • सभी तरह के यातायात और दर्शनीय स्थलों की यात्रा ऐसी गाड़ी में करवाई जाएगी।
    आपको इस यात्रा के लिए ट्रैवल इंश्योरेंस मिलेगा।
  • आईआरसीटीसी के टूर मैनेजर आपके साथ पूरी यात्रा के दौरान ट्रैवल करेंगे और जरूरत पड़ने पर आपका मार्गदर्शन करेंगे।
  • ट्रेन में आपकी सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा।
  • यात्रा के दौरान लगने वाले सभी प्रकार के कर इस पैकेज में इंक्लूडेड है।

क्या नहीं होगा शामिल (What will not be included)

  • यात्रा के दौरान बोटिंग और एडवेंचरस स्पोर्ट्स के लिए आपको टिकट खुद हीं खरीदनी होगी।
  • मेन्यू के अलावा अलग से किसी भी प्रकार के खाने का खर्च आपको खुद ही उठाना होगा।
  • इस पैकेज में रूम सर्विस शामिल नहीं है।
  • अगर आप लोकल गाइड करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको खुद ही पे करना होगा।
  • किसी भी तरह के टिप के लिए आपको अपने ही जेब पर निर्भर रहना पड़ेगा।
  • पहाड़ियों पर एसी ट्रांसपोर्ट की सुविधा नहीं होगी।
  • जो भी इस ट्रैवल पैकेज के इंक्लूडिंग्स में शामिल नहीं है वह सुविधा आपको नहीं दी जाएगी।`

बजट (Budget)

अगर बात करें इस टूर पैकेज के बजट की तो यह पैकेज महंगा दिखता है, लेकिन जब एक हीं बार में चारों धामों की यात्रा और इतने अलग-अलग जगहों पर घूमने का अवसर मिल रहा हो तो इस टूर पैकेज को हम बजट में मान सकते हैं। क्योंकि ₹60,000 से ₹1,00,000 तक में चारों धामों की यात्रा और इतने सारे विजिटिंग प्लेसेस को कवर करना आपके लिए किफायती साबित होगा। अगर इन सभी विजिटिंग प्लेस के इंडिविजुअल विजिट के खर्च को देखा जाए तो इस टूर पैकेज का बजट उसके सामने कुछ भी नहीं होगा।

इस पैकेज के बारे में अधिक से अधिक जानकारी के लिए आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर जाएं। तो फिर देर किस बात की? अगर आप भी इंटरेस्टेड हैं तो अभी बुक कीजिए अपना और अपने फैमिली का टिकट।

Categories
Culture Destination Food Lifestyle Travel

बेहतरीन ऐतिहासिक धरोहरों को अपने में समेटे हुए है ओडिशा का जाजपुर

क्या आप जानते है जाजपुर शहर के बारे में ये बातें? वैसे ओडिशा के इस जाजपुर शहर के बारे में काफी कम लोग ही जानते हैं, लेकिन पर्यटन का ये क्षेत्र काफी दिलचस्प है। जिसे आपको बिलकुल भी विजिट करने से चूकना नहीं चाहिए।

भारत के ओडिशा का जोजपूर का एक एमजिंग ऑफबीट डेस्टिनेशन (Amazing Offbeat Destination) है। जो की आपके वेकेशन (Vacation) की खुशियों में जान डाल देगा।

ओडिशा के बारे में बात करें, तो सबसे पहले दिमाग में भुवनेश्वर (Bhubaneswar), पुरी (Puri), यूनेस्को साइट (UNESCO Site) या फिर सूर्य मंदिर कोणार्क (Sun Temple Konark) का नाम आता है। खैर, ये जल्द ही एक टूरिस्ट प्लेस (Tourist place) बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

जाजपुर का नाम कैसे पड़ा? (How did Jajpur get its name?) –

“जाजपुर पहले यज्ञपुरा के नाम से जाना जाता था”
इसके अलावा इसे विराजा (Viraja), बैतरिणी तीर्थ (Baitarani Tirtha), जाजापुर (Rajapur) और पार्वती (Parvati) के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि राजा जजाती ने जजातिपुर को अपनी राजधानी बनाया और शहर का नाम बदलकर जाजापुरा रखा। इसे भारत के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थों में से एक माना जाता है।

जाजपुर में ऐसे कई मंदिर हैं जिन्हें आप विजिट (Visit) कर सकते हैं यहां आपको काफी पॉजिटिव एनर्जी (Positive Energy) मिलेगी। आप जा सकते हैं – बिराजा मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, बारहनाथ मंदिर, सूर्य देव मंदिर और सप्त मातृका मंदिर। ये सभी एक दूसरे के काफी नजदीक है। जिसकी दूरी कुछ ही घंटों में तय की जा सकती है।

बिराजा मंदिर शक्ति पीठ (Barahnath Temple) –

जाजपुरा के सभी मंदिरों में बिराजा मंदिर सबसे फैमस है। यह भारत के 18 प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है। वैतरिणी नदी के तट पर स्थित इस मंदिर तक सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। विशाल मंदिर परिसर कई मंदिरों, एक विशाल बकुल वृक्ष (स्पेनिश चेरी) और कुछ नए निर्माणों से युक्त है।

बराहनाथ मंदिर (Barahnath Temple) –

यह मंदिर बराह ( वराह, भगवान विष्णु के सूअर अवतार) को समर्पित है। इसके छत पे की गई कारीगरी काफी एम्जिंग और यूनिक है, यही एक वजह है कि इस मंदिर को एक बार जरूर देखना चाहिए।

सूर्य देव मंदिर (Surya Dev Temple) –

सूर्य भगवान को समर्पित एक छोटा लेकिन खूबसूरती से बनया गया ये मंदिर काफी शानदार है। यह मूर्ति काफी सरप्राइजिंग है, जिसे 7 सफेद घोड़ों पर टिक एक रथ पर बैठे हुए दिखाया गया है।

ब्रह्नानाथ मंदिर और सूर्य देव मंदिर दोनों की यात्रा एक घंटे में की जा सकती है। क्यूंकि दोनो एक ही स्थान पर हैं। आप आसपास के छोटे मंदिरों को भी एक्सप्लोर कर सकते हैं । पास में भगवान शिव की एक बड़ी मूर्ति बनाई गई है और जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है। जो की आगे चलकर जाजपुर के लिए अट्रैक्शन का में रीजन होगा।

जजापुरा का जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple of Jajpur) –

ये मंदिर पुरी मंदिर के बाद भगवान जगन्नाथ के दूसरे निवास स्थान के रूप में बनाया गया है। यहां आप उस मंच पर मूल मंदिर के अवशेष देख सकते हैं जिस पर आज मंदिर खड़ा है, जो इस बात का सिगनीफाई करता है कि एक्चुअल मंदिर उस समय कितनी डिफिकल्ट नक्काशी वाला रहा होगा।

सप्त मातृका मंदिर (Sapta Matrika Temple) –

जिसका मतलब है सात माताओं (देवियों) का मंदिर। जिनमें ब्राह्मणी, वैष्णवी, नरसिम्ही, चामुंडा, इंद्राणी और वाराही की मूर्तियां शामिल हैं।

उदयगिरि बौद्ध मठ (Udayagiri Buddhist Monastery) –

तीनों में से, उदयगिरि त्रिकोण में सबसे बड़ा और सबसे कम उत्खनन वाला स्थल है। एक बड़े क्षेत्र में फैले हुए, आप दो मठों के खंडहर, आश्चर्यजनक मूर्तियां और महास्तूपों के अवशेष, प्रार्थना कक्ष, पहाड़ी की चोटी से मंत्रमुग्ध कर देने वाले मनोरम दृश्य देख सकते हैं। यह क्षेत्र आने वाले वर्षों में बहुत सारे कैफे, सौर ऊर्जा संचालित वाहनों के साथ विकसित होने जा रहा है जो दूर-दराज के स्थलों तक पहुंच को आसान बना देगा।

पक्षी प्रेमी विभिन्न प्रकार की देशी पक्षी प्रजातियाँ पा सकते हैं।

रत्नागिरी –

यह स्थल उदयगिरि की तुलना में छोटा है और इसे एक घंटे में कवर किया जा सकता है। इस स्थल ने महाविहार को बर्बाद कर दिया है। इतिहासकारों ने निष्कर्ष निकाला है कि रत्नागिरी मठ एक समय भारत का प्रमुख बौद्ध मठ था। यह उदयगिरि बौद्ध मठ से 13.5 किमी पूर्व में जाजपुर जिले में ब्राह्मणी और बिरुपा नदियों के बीच एक पहाड़ी पर स्थित है। अभी और भी बहुत कुछ खोदा जाना बाकी है।

हमने बुद्ध के बालों के घुंघराले बाल देखे, मुझे यकीन है कि यह बुद्ध के सिर का सिर्फ एक हिस्सा था। यदि टीले की खुदाई की जाए तो और भी कई खंडहर मिल सकते हैं।

ध्यान देने योग्य एक और दिलचस्प संरचना नीले-हरे क्लोराइट मजबूत दरवाजे का फ्रेम है। उदयगिरि और रत्नागिरि मठ जाजपुर ओडिशा। उपरोक्त दोनों मठों के लिए टिकट आवश्यक हैं।

गोपालपुर

गोपालपुर जाजपुर ओडिशा में बुनकरों के गांव का दौरा
गोपालपुर टसर विशेष है और अपनी बुनाई के लिए विशिष्ट है। बुनाई की तकनीक को सात पीढ़ियों से आगे बढ़ाया जा रहा है।

हथकरघा के लिए रेशम के धागे चौड़े पंखों वाले पीले-भूरे रंग के कीट (वैज्ञानिक नाम: एंथेरिया पफिया) (Scientific name: Antheria paphia) के रेशम कोकून से प्राप्त किए जाते हैं। गोपालपुर की महिलाएं (पुरुष भी) सुंदर टसर रेशम कपड़ा बनाने में अत्यधिक कुशल हैं। 10 मीटर टसर रेशम का कपड़ा तैयार करने में उन्हें तीन दिन लगते हैं।

गोपालपुर गांव में एक हेरिटेज वॉक (Heritage walk) करें और देखें कि रेशम के कीड़ों को पालने से लेकर, कोकून से धागे निकालने, धागों को रंगने और अंत में कपड़े बुनने तक प्रत्येक घर एक या दूसरे तरीके से बुनाई उद्योग में कैसे योगदान देता है।

गोपालपुर टसर सिल्क को जीआई टैग मिला हुआ है

जाजपुर में क्या खाएं? (What to eat in Jajpur?) –
जाजपुर के विभिन्न रेस्तरां में स्वादिष्ट उड़िया व्यंजनों का स्वाद चखें। ओडियानी रेस्तरां में हमारे पास एक उड़िया थाली थी जिसमें अधिक नहीं तो कम से कम 24 आइटम थे। वे व्यंजन जो आपको अवश्य आज़माने चाहिए:

1. दालमा (Dalma)अलग ढंग से बनाई गई पौष्टिक दाल। यह व्यंजन विभिन्न प्रकार की दालों और सब्जियों के साथ बनाया जाता है और अंत में कई प्रकार के मसालों के साथ तड़का लगाया जाता है।

2. चोथरू पोडा (Chothru Poda)मशरूम को विशेष रूप से तैयार करी पेस्ट के साथ मिलाया जाता है, केले के पत्तों में लपेटा जाता है और आग पर भुना जाता है। कभी नहीं पता था कि मशरूम इस तरह भी बनाया जा सकता है।

3. दही बैगाना (Dahi Bagana) – केवल दो मुख्य सामग्रियों से बना एक स्वादिष्ट व्यंजन: दही (दही) और बैंगन (बैंगन)।

4. चेन्ना पोडा (अनुवादित बेक्ड पनीर) (Chenna Poda) – यह एक पनीर मिठाई है, एक मीठा स्मोक्ड पनीर पैनकेक। मुझे इसका जला हुआ हिस्सा ज्यादा पसंद है.

5. नोलेन गुडर रोसोगुल्ला – सर्दियों के दौरान उपलब्ध एक मौसमी मिठाई।
6. ओडियानी थाली
– यह यहाँ की स्पेशल थाली है। इस प्रथम सेवा के बाद अधिक आइटम परोसे गए

कला (Arts) –
जाजपुर के गांवों में कई कुशल कारीगर हैं जो हैंडक्राफ्ट की कई बारीक वस्तुएं बनाते हैं।

1. पत्थर पर नक्काशी –

जाजपुर के बौद्ध मठों और मंदिरों में मूर्तियां पत्थर पर नक्काशी में उनकी स्पेशलिटी के बारे में बताती हैं।

2. कपड़ा –

गोपालपुर का टसर सिल्क घर पर आपके फेवरेट पर्सन को गिफ्ट करने के लिए बिल्कुल सही है। आपको यहां साड़ी, स्टोल या सिर्फ कपड़ा मिलता है।

3. सुनहरी घास शिल्प वस्तुएँ –

औरतों द्वारा अपने ख़ाली समय में अपनाई जाने वाली यह पारंपरिक शिल्प पीढ़ियों से चली आ रही है। वे सुनहरी घास से कई प्रकार की उपयोगी वस्तुएँ बनाते हैं। समय के साथ ये वस्तुएं खराब हो सकती हैं लेकिन कभी भी अपनी चमक नहीं खोती हैं ।

संस्कृति (Culture) –
जाजपुर के फेस्टिवल्स (Festivals of jajpur)
एक ट्रैवलर होने के नाते आप भी इस बात से इत्तफाक जरूर रखते ही होंगे कि अगर किसी जगह को अच्छे से समझना है तो वहां के कल्चर (Culture) को समझना बेहद जरूरी है, है की नहीं?

जाजपुर महोत्सव –

यह एक वार्षिक जाजपुर जिला महोत्सव (जाजपुर जिला महोत्सव) है । इस महोत्सव में विशाल मेले में सभी एक्साइटिंग चीजे होती है, जिसमें स्ट्रीट फूड, हैंडक्राफ्ट आइटम और बच्चों के लिए मजेदार गेम बेचने वाले कई स्टॉल थे, जिसमें एक बड़ा विशाल पहिया भी शामिल था। बॉलीवुड और ओलिवुड (उड़ीसा की फिल्मी दुनिया) के सुपरस्टारों ने दर्शकों को रोमांचित करने के लिए लोकप्रिय धुने बजाई जाती है।

दुर्गा पूजा –

दुर्गा पूजा नॉर्मली ओडिशा का सबसे इंपोर्टेंट फेस्टिवल है। जाजपुर में भी दुर्गा पूजा के समय काफी रौनक रहती है ।

पर्यटन (Tourism) –

जाजपुर घूमने के लिए सितंबर से मार्च का महीना सबसे बेस्ट माना जाता है।
अपने इंट्रस्ट के हिसाब से आप जाजपुर में 3डी/2एन या 2डी/1एन का प्लान बना सकते हैं।
जाजपुर में क्या है स्पेशल?
बिराजा मंदिर, एक शक्ति पीठ और उदयगिरि और रत्नागिरि में बौद्ध मठों के खंडहर जाजपुर में घूमने के लिए फेमस प्लेस हैं। जाजपुर ओडिशा का टॉप सीक्रेट है।


क्या आप जानते हैं? (Do you know) –
ऐसा माना जाता है कि भगवान बुद्ध के पहले शिष्य, तपसु (Tapsu) और भल्लिका (Bhallika), आधुनिक शहर जाजपुर से थे।


जाजपुर कैसे पहुंचे? (How to reach Jajpur?) –

1. हवाई मार्ग से (By Plane) – बीजू (IATA: BBI, ICAO: VEBS) एक घरेलू हवाई अड्डा और अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा जाजपुर का निकटतम हवाई अड्डा है। भुवनेश्वर से जाजपुर की दूरी 102 किमी है, 2 घंटे है।
2. ट्रेन से (By Train) – जाजपुर क्योंझर रोड रेलवे स्टेशन (Jajpur Keonjhar Road Railway Station) (स्टेशन कोड – जेजेकेआर JJKR) सभी प्रमुख भारतीय शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यह भारतीय राज्य ओडिशा के जाजपुर जिले और कलिंगनगर में कार्य करता है।
3. हाईवे से (By Highway) – जाजपुर ओडिशा भारत के अन्य प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

जाजपुर में कहाँ ठहरें? (Where to stay in Jajpur?)
जाजपुर में काफी सारे होटल हैं जो बजट में है।

error: Content is protected !!