जब भी दुर्गा पूजा का जिक्र होता है, हमारे जहन में पश्चिम बंगाल और कोलकाता का नाम जरूर आता है। सबसे प्रमुख पर्व होने के नाते पश्चिम बंगाल का दशहरा पूरे दुनिया में मशहूर है। दूर-दूर से लोग दुर्गा पूजा के समय यहां घूमने आते हैं। अगर पश्चिम बंगाल की संस्कृति को एक्सप्लोर करना हो तो इसके लिए सबसे बेस्ट तरीका होता है दुर्गा पूजा के समय कोलकाता जाना। कहते हैं हर एक चीज की प्रसिद्धि के पीछे का कोई ना कोई कारण जरूर होता है और कोलकाता के दुर्गा पूजा की प्रसिद्धि का कारण हैं वहां लगने वाले खूबसूरत और भव्य पंडाल। जिनकी खूबसूरती देखते हीं बनती है।(Durga Puja)
अगर आप भी दशहरे के समय कहीं घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं तो कोलकाता से बेहतर कोई जगह नहीं हो सकती। यहां की रंग बिरंगी लाइटों से सजी हुई सड़कें और बड़े-बड़े भव्य पंडाल देखकर आप यहाँ की चकाचौंध में खो कर रह जाएंगे।
दुर्गा पूजा कार्निवल (Durga Puja Immersion Carnival)
कोलकाता में हर वर्ष दुर्गा पूजा के समय कार्निवल फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है। इस कार्निवल फेस्टिवल की शुरुआत 2016 में की गई थी। कोरोना के समय वर्ष 2020 और 2021 में इस कार्निवल का आयोजन नहीं किया गया, लेकिन 2022 से फिर से इसका आयोजन शुरू कर दिया गया। यह कार्निवल पर्यटकों में दुर्गा पूजा के रोमांच को और भी ज्यादा बढ़ा देता है।
क्यों है खास कोलकाता का दशहरा? (What’s special about Durga puja of Kolkata?)
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कोलकाता के दुर्गा पूजा को यूनेस्को ने अपनी सूची में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के तौर पर स्थान दिया है।
2016 के बाद से यहां हर साल मनाया जाता है दुर्गा पूजा कार्निवल। बस वर्ष 2020 और 2021 में कोरोना के कारण इसका आयोजन नहीं किया गया था।
यह हर बार एक नए रंग में पंडाल को सजाया जाता है। हर साल आपको यहां के दुर्गा पूजा के पंडालों की थीम अलग-अलग देखने को मिलेगी।
दुर्गा पूजा के पंडालों का निर्माण समितियों द्वारा करवाया जाता है। जिनके लिए एशियन पेंट्स की ओर से “एशियन पेंट्स शरद सम्मान” और पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से “बिस्वा बांग्ला शरद सम्मान” जैसे पुरस्कार दिए जाते हैं।
अगर कोलकाता के दुर्गा पूजा की थीम से हटकर बात की जाए तो यहां के फिजाओं में फैली धूप की सुगंध, ढाक की लयबद्ध थाप और बंगाली रीति रिवाज से किए जा रहे सारे अनुष्ठानों को देखकर आपके अंदर अपने आप स्पिरिचुअलिटी को लेकर विश्वास और बढ़ता जाएगा। आप भी यहीं के रंग में रंग कर पूरी श्रद्धा से देवी मां की आराधना में लीन हो जाएंगे।
कोलकाता आने का सबसे सही समय (Best time to visit Kolkata)
कोलकाता आने की अगर प्लानिंग कर रहे हैं तो कोलकाता आने के लिए सबसे सही समय दुर्गा पूजा का ही होता है। क्योंकि इस समय आप दुर्गा पूजा को तो एक्सप्लोर कर हीं सकते हैं साथ हीं आप कोलकाता के लोकल विजिटिंग प्लेसेस को भी कवर कर सकते हैं।
कैसे पहुंचे कोलकाता? (How to visit Kolkata? )
कोलकाता देश के बाकी राज्यों और सभी प्रमुख शहरों से काफी अच्छे तरीके से रेल मार्ग द्वारा कनेक्टेड है। अगर आप कोलकाता आना चाह रहे हैं तो आप रेल मार्ग का उपयोग करके यहां आ सकते हैं। इसके अलावा आप हवाई मार्ग और सड़क मार्ग का उपयोग करके भी कोलकाता पहुंच सकते हैं। हवाई मार्ग से कोलकाता पहुंचने के लिए आपको कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक की फ्लाइट लेनी होगी।
जब भी दुर्गा पूजा का जिक्र होता है हमारे जहन में पश्चिम बंगाल और कोलकाता का नाम जरूर आता है। पश्चिम बंगाल का सबसे प्रसिद्ध पर्व होने के नाते पश्चिम बंगाल का दुर्गा पूजा पूरे दुनिया में मशहूर है। दूर-दूर से लोग दुर्गा पूजा के समय यहां घूमने आते हैं। अगर पश्चिम बंगाल की संस्कृति को एक्सप्लोर करना हो तो इसके लिए सबसे बेस्ट तरीका होता है दुर्गा पूजा के समय कोलकाता जाना। कहते हैं हर एक चीज के प्रसिद्धि के पीछे का कोई ना कोई कारण जरूर होता है और कोलकाता के दुर्गा पूजा के प्रसिद्धि के कारण हैं वहां लगने वाले खूबसूरत और भव्य पंडाल। जिनकी खूबसूरती देखते हीं बनती है।
काशी बोस लेन के पंडाल की थीम महिला सुरक्षा :
इस बार कोलकाता के जिस पंडाल ने सबसे ज्यादा वह वाही लूटी है वह है काशी बोस लेन का एक ऐसा पंडाल जहां की थीम महिला सुरक्षा है। यह पंडाल आज के समय में महिलाओं की सुरक्षा और आज के समाज पर एक बहुत ही तीखा व्यंग करता है। क्योंकि यहां अलग-अलग तरीके से महिलाओं की समाज में स्थिति को दिखाया गया है।
क्या है यूनिक (What is unique)?
जहां एक जगह आपको देखने को मिलेगा कि महिलाओं के प्राइवेट पार्ट्स को फल से रिप्रेजेंट किया गया है और फर्श पर कई सारी इविल आंखें बनाई गई हैं, जो की गिद्ध की तरह उन फलों पर नजरें टिकाए हुए हैं। इसके अलावा एक जगह दुर्गा मां की मूर्ति को श्वेत रंग का रखा गया है, जहां उनको साड़ी नहीं पहनाई गई है। बल्कि माँ की साड़ी उड़कर वहां मौजूद बच्चियों के मूर्ति के तन को ढकने का काम कर रही है। इसके अलावा पंडाल में एक जगह दुर्गा मां की मूर्ति की में एक आम सी बच्ची को दिखाया गया है। जो लाल जोड़ा और सोलह श्रृंगार के साथ दुर्गा मां को रिप्रेजेंट कर रही है। यहां यह बताने की कोशिश की गई है कि हर बच्ची दुर्गा मां होती है। दशहरा के समय उन्हें सम्मान देकर बाकी दिनों में उनको नोचना सही नहीं है।
क्या है मैसेज? (What is the message)?
इस पंडाल में उन लड़कियों की मूर्ति बनाई गई है जो रेप और ह्यूमन ट्रैफिकिंग जैसी घटनाओं की शिकार हुई हैं। यह पंडाल गर्ल चाइल्ड ट्रैफिकिंग को रोकने के लिए जागरूकता फैलाने की दृष्टिकोण से बनाया गया है। जब आप यहां जाएंगे और यहां की अद्भुत कलाकृतियों को देखेंगे तो एक बार के लिए आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे। यह पांडाल सिर्फ लोगों को दिखाने के लिए नहीं है, बल्कि यह एक संदेश देता है कि हम दोहरी जिंदगी ना जीते हुए महिलाओं को पूरे साल वही सम्मान और वही स्थान दें जो स्थान और समान दुर्गा पूजा के समय देते हैं।
कोलकाता- भारत का एक ऐसा शहर, जिसे अंग्रेजी शासन काल में भारत की राजधानी होने का भी गौरव प्राप्त हुआ था। यह शहर आज के समय में भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। हुगली नदी के तट पर बसा हुआ यह शहर भारत के इतिहास में बहुत हीं महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस शहर की जनता ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। स्वतंत्रता संग्राम के समय प्रकाशित होने वाली कई पत्र पत्रिकाएं भी इसे प्रकाशित होती थीं। आज के समय में भी यह शहर भारत के सबसे महत्वपूर्ण शहरों की सूची में शामिल है। ब्रिटिश शासनकाल की राजधानी होने के कारण इस शहर में कई सारी औपनिवेशिक इमारतें भी हैं। जो इस शहर के गौरवशाली इतिहास की गवाही देते हैं। इस ब्लॉग में हम आपको उन्हीं बेहतरीन ऐतिहासिक इमारतों और कुछ ऐसे विजिटिंग प्लेसेस के बारे में बताने वाले हैं जो इस शहर की शान और शौकत में चार चांद लगाने का काम करते हैं।
Howrah Bridge
Victoria Memorial
Science City
St Paul’s Cathedral
Vishwa Bangla Gate
Prinsep Ghat
New Market
Floating Market
Birla Planetarium
Indian Museum Kolkata
The National Library
1. हावड़ा ब्रिज (Howrah Bridge) : जब भी कोलकाता शहर के नाम का जिक्र होता है, सबसे पहले जो ख्याल हमारे दिमाग में आता है वह इस स्थान का होता है। ब्रिटिश काल में हुगली नदी पर बनाया गया यह ब्रिज कोलकाता के गेटवे (Gateway of Kolkata) के जैसा है। इस पुल का निर्माण 1940 में हुआ था और 1965 में रविंद्र नाथ टैगोर (Rabindra nath tagore) के सम्मान में इसका नाम रवींद्र सेतु (Ravinjdra setu) कर दिया गया। आपको यह जानकर हैरानी होगी की प्रतिदिन लगभग एक लाख वाहन और हजारों लोग इस फुल को पार करते हैं। हावड़ा ब्रिज घूमने का सबसे सही समय रात का होता है। क्योंकि जब रात में यहां के लाइट्स ऑन (Lights On) होते हैं तो इस पुल की खूबसूरती और भी ज्यादा बढ़ जाती है। अगर आप भी कोलकाता घूमने गए हैं तो आपको इस जगह पर जरूर घूमने जाना चाहिए।
2. विक्टोरिया मेमोरियल (Victoria Memorial) :
ब्रिटिश शासन काल में बनवाया गया यह इमारत अंग्रेजी स्थापत्य कला (English Architecture) का एक बेहतरीन नमूना है। इस इमारत में अंग्रेजी स्थापत्य कला के अलावा मुगल (Mughal), मिश्र (Mishra) और फारसी (Farsi) सहित अन्य शैली की वास्तुकलाओं (Architectures) की झलक भी देखने को मिलती हैं। विक्टोरिया मेमोरियल शहर के बीचोबीच स्थित है औरऔर इसे महारानी विक्टोरिया के सम्मान में बनवाया गया था। विक्टोरिया मेमोरियल का आर्किटेक्चर भी काफी खूबसूरत है। सफेद संगमरमर से बने हुए इस इमारत का निर्माण 1906-1921 के बीच करवाया गया था। यह स्मारक एक बेहतरीन संग्रहालय (Musuem) है।
3. साइंस सिटी (Science City) : अगर आपकी भी रुचि विज्ञान और अनुसंधान (Science and research) के क्षेत्र में है तो यह जगह आपके लिए कोलकाता का सबसे बेस्ट विजिटिंग प्लेस (Best visiting place) होगा। लेकिन ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ विज्ञान के क्षेत्र में इंटरेस्ट (Interest) रखने वाले लोगों कोई पसंद आता है। अगर आपकी रूचि विज्ञान में थोड़ी कम है, फिर भी आप इस जगह को काफी अच्छे से इंजॉय (Enjoy) कर सकते हैं। यह कोलकाता के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। जिसमें स्पेस थिएटर (Space Theater), नेचुरल साइंस पार्क (Natural Science Park), 3D परफॉर्मेंस (3D Performance), टाइम मशीन (Time Machine), डायनासोर कंपलेक्स (Dinosaur Complex), इवोल्यूशन थीम पार्क (Evolution Theme Park) जैसे एडवेंचर (Adventure) से भरे वैज्ञानिक उपकरणों (scientific instruments) का आप मजा ले सकते हैं। यह दुनिया के सबसे बड़े वैज्ञानिक संग्रहालयों (scientific museums) में से एक है। इसकी खासियत यह है कि यह मनोरंजन (Entertainment) के साथ लोगों को विज्ञान की जानकारी देता है। कोलकाता साइंस सेंटर का इनॉग्रेशन (inauguration) 1997 में हुआ था। यहां आप कई तरह की वैज्ञानिक घटनाओं को देख और समझ सकते हैं।
4. सेंट पॉल कैथेड्रल (St Paul’s Cathedral) : कोलकाता के सबसे प्रसिद्ध जगहों की सूची में सेंट पॉल कैथेड्रल का भी नाम आता है। जिन लोगों को इतिहास में रूचि होती है तथा ऐतिहासिक वास्तुकला और स्थापत्य शैली (Historical architecture and architectural styles) के बारे में जानने की इच्छा होती है, उन लोगों के लिए यह जगह सबसे परफेक्ट (Perfect) होता है। इसके अलावा क्रिसमस (Chirstmas) के समय में भी यहां पर्यटकों (Tourists) की संख्या काफी ज्यादा बढ़ जाती है। क्योंकि जब क्रिसमस के लिए इस जगह को सजाया जाता है तो मोमबत्ती और लाइट के वजह से यह जगह और भी ज्यादा खूबसूरत दिखने लगता है। सेंट पॉल कैथेड्रल काफी भव्य इमारत है। जिसके चारों ओर बगीचा है। क्रिसमस के रात यहां पर्यटकों की काफी ज्यादा मात्रा में भीड़ उमड़ती है।
5. विश्व बांग्ला गेट (Vishwa Bangla Gate) :
विश्व बांग्ला गेट एक प्रकार का स्वागत द्वार (welcome gate) है, जो कि कोलकाता में आपका स्वागत करता है। आज के समय में यह सिर्फ एक स्वागत द्वार के तौर पर नहीं बल्कि एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में उभर रहा है। इसके टॉप पर एक रेस्टोरेंट (Restaurant) भी है, जहां आप खाने के साथ-साथ पार्टी भी कर सकते हैं। यहां जाने के लिए आपको पहले से हीं टिकट बुक करवाना पड़ेगा। जिसकी प्राइस (Price) भारतीय लोगों के लिए ₹100 है।
6. प्रिंसेप घाट (Prinsep Ghat) :
वोटिंग (Boating) को पसंद करने वाले लोगों के लिए कोलकाता का प्रिंसेप घाट एक बेहतरीन विजिटिंग प्लेस है। जहां नदी के किनारे चलते हुए नेचर (Nature) की खूबसूरती का मजा लिया जा सकता है। प्रिंसेप घाट को 1843 में ब्रिटिश शासन काल के दौरान ही बनवाया गया था। हुगली नदी का यह घाट जेम्स प्रिंसेप (James Prinsep) को समर्पित है, जो अंग्रेजी विद्वान थे। प्रिंसेप घाट पर लोग सुबह शाम को वॉकिंग (Walking) के लिए जाना पसंद करते हैं। यहां आप सुबह और शाम के समय सनराइज और सनसेट (Sunrise and Sunset) की खूबसूरती को बहुत ही अच्छे तरीके से महसूस कर सकते हैं।
7. न्यू मार्केट (New Market) :
अगर आपको भी शॉपिंग (Shopping) पसंद है तो कोलकाता का न्यू मार्केट आपको बहुत ही पसंद आने वाला है। यह जगह कोलकाता के सबसे प्रसिद्ध मार्केटों में से एक है। जिसे 1874 में अंग्रेजों ने स्थापित किया था। यह मार्केट लिंडसे स्ट्रीट चौरंगी रोड (Lindsay Street Chowringhee Road) पर स्थित है। अगर आप भी कभी कोलकाता जाए तो आप इस मार्केट को विजिट कर सकते हैं।
8. फ्लोटिंग मार्केट (Floating Market) :
कहते हैं कि किसी शहर को अगर अच्छे से समझना हो तो उस जगह के बाजारों को एक्सप्लोर (Explore) करना चाहिए। क्योंकि बाजार के जरिए किसी भी जगह की संस्कृति (Culture) और खानपान को बहुत ही अच्छे तरीके से समझा जा सकता है। कोलकाता में न्यू मार्केट के अलावा एक और मार्केट है जो कि आज के दिनों में काफी फेमस है। इस मार्केट का नाम है फ्लोटिंग मार्केट पाटोली। यह मार्केट दक्षिणी कोलकाता में एक लेक (Lake) पर बनाया गया है। यह पश्चिम बंगाल का पहला फ्लोटिंग मार्केट है। फ्लोटिंग मार्केट में नाव पर फल, सब्जियां, अनाज (Fruits, Vegetables and Grains) आदि बेचे जाते हैं।
9. बिरला प्लैनेटेरियम (Birla Planetarium) :
अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए बिरला प्लेनेटोरियम सबसे पसंदीदा जगह में से एक है। यह कोलकता के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि बिरला प्लैनेटोरियम एशिया का सबसे बड़ा प्लैनेटोरियम है और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा प्लैनेटोरियम है। इस तारामंडल में पर्यटकों के लिए कई तरह के दैनिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यहां पर्यटकों के लिए 3 भाषाओं में कार्यक्रमों का आयोजन होता है। जिसकी टाइमिंग अलग-अलग होती है। यहां बांग्ला हिंदी तथा अंग्रेजी तीनों भाषाओं में आप अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में सीख और समझ सकते हैं।
10. इंडियन म्यूजियम कोलकाता (Indian Museum Kolkata) :
कोलकाता में स्थित इंडियन म्यूजियम भारत के सबसे पुराने संग्रहालय में से एक है। जिसके निर्माण की आधारशिला वर्ष 1814 में रखी गई थी। इस संग्रहालय के बारे में एक और रोचक बात यह है कि इस संग्रहालय को ‘जादूगर’ के नाम से जाना जाता है। यह मशहूर संग्रहालय समकालीन चित्रों, बुद्धों के पवित्र अवशेषों, मिस्र की ममीयों, जीवाश्मों, प्राचीन वस्तुओं, आभूषणों, कंकालों और प्राचीन मूर्तियों के जरिए भारत के इतिहास को को अपने अंदर सहेजें हुआ है। अगर आप भी भारत के इतिहास को जानने और समझने की इच्छा रखते हैं तो कोलकाता का यह इंडियन म्यूजियम, आपके लिए सबसे बेस्ट ऑप्शन हो सकता है।
11. द नेशनल लाइब्रेरी (The National Library) : कोलकाता का द नेशनल लाइब्रेरी देश की सबसे बड़ी लाइब्रेरी है। इस लाइब्रेरी में पुस्तकों की 20,00,000 से भी अधिक प्रतियों का संग्रह है। जो अपने आप में हीं एक बहुत बड़ी संख्या है। इस पुस्तकालय में भारत के सार्वजनिक रिकॉर्ड भी संग्रहित किए गए हैं। यह जगह किताबों के शौकीन लोगों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है। पहली नजर में इस लाइब्रेरी को देखने पर तो ऐसा लगता है कि, हम जैसे किताबों के समुद्र में आ गए हो। अगर आपकी भी किताब पढ़ने में रुचि है तो आप कोलकाता के द नेशनल लाइब्रेरी का रुख कर सकते हैं। इस लाइब्रेरी में एक बहुत ही शानदार डाइनिंग स्पेस भी है। साथ हीं यहां एक लंदन से लाई गई एंटीक घड़ी भी रखी गई है। जो काफी पुरानी है। आप नेशनल लाइब्रेरी के गार्डन एरिया में शांति से टहल भी सकते है। यह लाइब्रेरी सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुली रहती है।
12. स्विंग ब्रिज कोलकाता (Swing Bridge) :
18 वीं सदी में जब कोलकाता देश की राजधानी थी, तब अंग्रेजों ने उद्योगों के विकास के लिए कोलकाता में बहुत सारे औपनिवेशिक स्मारक बनवाए। जिसमें से स्विंग ब्रिज भी एक है। स्विंग ब्रिज का निर्माण अंग्रेजों ने कोलकाता के उद्योग को बढ़ाने के लिए और कोलकाता पोर्ट के तहत नदी के जरिए कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए करवाया गया था। यह ब्रिज एक सदी से भी अधिक समय से निरंतर प्रयोग में है और फिलहाल यह ब्रिज पर्यटन के लिए भी काफी मशहूर है। क्योंकि यहां से दिखने वाले नजारे बेहद खूबसूरत होते हैं। फोटोग्राफी को पसंद करने वाले लोगों के लिए भी यह जगह मुख्य आकर्षण का केंद्र होता है।