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जानिए एशिया की सबसे सस्ती मार्किट दिल्ली के चोर बाजार की कहानी : जहाँ सुबह चार बजे लोग आने लगते हैं शॉपिंग के लिए

दिल्ली में घूमने के लिए कई प्रमुख जगह और प्रसिद्ध बाजार हैं । इनमें से बहुत सी जगह कई हजार साल पुराने भी हैं और उनका ऐतिहासिक महत्व भी है। हमने आपको अपने पिछले व्लॉगस में कई ऐतिहासिक से लेकर आधुनिक जगहों से परिचित करवाया है। मगर आज हम जिस जगह से आपका परिचय करवाने जा रहे हैं वह किसी पहचान की मोहताज नहीं है।जी हाँ, हम बात कर रहे हैं  दिल्ली की फेमस संडे मार्किट, जिसे चोर बाजार भी कहा जाता है। संडे मार्केट यानी कि चोर बाजार में आपको कपड़ों से लेकर जूतों तक, कॉस्मेटिक से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स  तक का सामान आसानी से और कम रुपए में मिल जाएगा। इस बाजार के बारे में कहा जाता है कि  अगर आप मन में जिस चीज का नाम लोगे वो चीज आपको यहाँ मिल जाएगी। बता दें कि अधिकतर लोग इस बाजार को चोर बाजार के नाम से ही जानते हैं। शायद यहाँ मिलने वाली चीजों के काम दाम के कारण।  तो आइए आज के इस सफर में हम आपको ले चलते हैं दिल्ली की संडे मार्केट यानी कि चोर बाजार में….

चोर बाजार के बारे में सुना तो बचपन से बहुत कुछ था। मगर वहां जाने का मौका अब मिला। चोर बाजार को लेकर ऐसी अफवाहें हैं कि वहां पर चोरी का सामान मिलता है। आप जानते ही हैं भारत में लोग कम दाम की चीजों को ज्यादा महत्व देते हैं। इसके पीछे कारण कोई भी हो चाहे वह चीज चोरी की हो या कैसी भी हो, लोग उसे खरीदना जरूर पसंद करते हैं क्योंकि वह कम दाम की होती है। आपको बता दें इसे एशिया की सबसे सस्ती मार्केट भी कहा जाता है। यहां हर तरह के हजारों आइटम मिलते हैं। यदि आपके पास 1000 रुपए है, तो आप यहां बैग, ईयरफोन, सॉक्स, कॉसमेटिक और कई यूटिलिटी आइटम भी खरीद सकते हैं। खास बात ये कि आउटडेटेड प्रोडक्ट्स को तो यहाँ कई गुना कम कीमत में खरीदा जा सकता है।

यहाँ जाने का सही वक्त

चोर बाजार जाने के लिए आपको सूर्य देवता के उदय होने से पहले ही पहुंचना होता है। वहां जाने के लिए सुबह जल्दी उठना पड़ता है। मगर याद रहे कि यह बाजार केवल रविवार के दिन ही लगता है। अगर आप दिल्ली के रहने वाले हैं  तो आप मार्केट में आसानी से पहुंच सकते हैं। अगर आप कहीं बाहर से आ रहे हैं तो आपको करीब 4-5 बजे के आसपास बाजार में पहुंचना होगा। अभी फिलहाल रात ही थी सूर्य देवता ने अभी दर्शन नहीं दिए थे।

आप बस से जैसे ही लाल किला स्टॉप पर उतरते हो, उतरते ही सामने ही आपको बड़ी संख्या में लोग देखने को मिलते हैं। एक बारगी ऐसा लगेगा मानो वहां पर किसी तरह का मेला लगा हुआ है। इतनी भीड़ सुबह तड़के आपको आम तौर पर किसी भी मार्किट में दिखाई नहीं देगी । हां, दिन के समय की बात अलग है । मगर एकदम सुबह किसी बाजार में हजारों की संख्या में लोगों का होना आपको भी हैरान कर सकता है। अभी दिन निकलना बाकी था ऐसे समय में जब दिन भी ना निकला हो और लोगों की संख्या हजारों में हो तो इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि इस मार्केट को लेकर लोगों में कितना उत्साह है। बता दें कि लोग इस मार्केट में रात 3 बजे से ही पहुंचने लग जाते हैं।

एक वजह ऐसी भी

इतनी बड़ी संख्या में लोग सुबह-सुबह वहां पर इसलिए पहुंचते हैं क्योंकि रात के अंधेरे में बहुत-सा कीमती सामान कम रूपयों में मिल जाता है। सड़क के किनारे ही हजारों की संख्या में लोगों का जमावड़ा देखने को मिलता है। पास जाकर देखा तो वहां पर एक बोरी में जूते लेकर लोग बेच रहे होते हैं और ऐसे ही जूते बेचने वालों की संख्या भी कई गुना थी।

तड़के सुबह अँधेरा होने के कारण लोग मोबाइल की टॉर्च जलाकर सामान की परख करते हैं और तोलमोल करके सामान को खरीद रहे होते हैं। गारमेंट्स की बात करें तो वहां पर कपड़े भी आपको कम रुपए में मिल जाते हैं।

कबूतर मार्केट

इसे कबूतर मार्केट भी कहा जाता है, क्योंकि यहां पर आपको कोयल, बुग्गी, जावा, कबूतर, खरगोश, आदि सस्ते दामों में आसानी से मिल जाएंगे। जैसे ही दिन चढ़ने लगता है, वैसे ही सड़क पर सामान बेचने वालों की संख्या कम होने लग जाएगी। इसके अंदर जो मार्केट लगती है वह पूरे दिन ही लगी रहती है। जिसे संडे मार्केट कहा जाता है।

जो सुबह सड़क के किनारे सामान मिलता है वह रात के अंधेरे में भी मिलता है। रात के अंधेरे में मिलने वाले समान को संदिग्ध माना जाता है। यही कारण है इसे चोर बाजार का नाम दिया गया है। जैसा कि आपको पहले भी बताया है कि कपड़ों से लेकर जूते तक, कॉस्मेटिक से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक का सारा सामान यहाँ पर उपलब्ध है। खास बात ये कि इस मार्केट में आपको किसी भी सामान का जितना मूल्य बताया जाता है, आपको उसका रेट आधे से कम लगाना होता है यानि कि आपको बार्गेनिंग या तोलमोल करना आना चाहिए। यहाँ शॉपिंग का मन बनाने से पहले अच्छा होगा कि आपके साथ कोई ऐसा व्यक्ति जाए जिसे गैजेट्स और टेक्नोलॉजी की बारीक़ समझ हो।

जैसे-जैसे समय बीतता जायेगा, वैसे-वैसे मार्केट में भीड़ भी बढ़ती जाएगी। रविवार को दिन के समय यहाँ आपको अच्छी खासी भीड़ देखने को मिल जाएगी। दिन के समय अगर आप यहाँ शॉपिंग करने आएं तो इस संडे बाजार के सामने ही प्रसिद्ध लाल क़िला, जामा मस्जिद और चांदनी चौक भी है जिसे आप मजे से घूम सकते हैं।

लैपटॉप लेना खतरे से खाली नहीं

लैपटॉप की बात करें तो लैपटॉप यहाँ से लेना किसी खतरे से कम नहीं है। लैपटॉप का मूल्य आपको 6 हजार से 10 हजार तक का बताया जाता है। लोग तोल मोल करके ले जाते हैं। लेकिन हम आपको सलाह देंगे कि यहाँ से लेपटॉप लेना किसी खतरे से खाली नहीं है। हां, अगर कोई इस फील्ड में एक्सपर्ट है तो वह जाँच परख कर लैपटॉप ले सकता है। अन्यथा लैपटॉप लेना किसी खतरे से खाली नहीं है!

यहाँ लैपटॉप देखने में तो बहुत अच्छे लगते हैं। ऐसा लगता है मानो कि यह बिल्कुल ही नए हैं। इसकी पैकिंग ही ऐसी होती है कि लैपटॉप यहाँ आने वाले खरीददारों को खूब आकर्षित करता है और लोग इसकी डेकोरेशन और प्रेजेंटेशन को देखकर ही उसे खरीद लेते हैं और बाद में घर जाकर पछताते हैं। आपको यह भी बता दें कि इस मार्किट में आप अपना मोबाइल और पर्स संभाल कर रखें क्योंकि यहाँ पर मोबाइल और पर्स बहुत अधिक चोरी होता है।

क्या चोरी का मिलता है सामान ?

ऐसा कहा जाता है कि जो लोग रात के अंधेरे में सामान बेचते हैं यह चोरी का सामान होता है। जिस वजह से ब्रांडेड सामान भी आपको आधे से कम रुपए में भी मिल जाता है। लेकिन यहाँ सभी चीजें चोरी की नहीं होती हैं। यह केवल लोगों के मन में धारणा बन चुकी है कि यहां पर रात के अंधेरे में सामान चोरी का मिलता है। जो ब्रांडेड सामान आपको हजारों रुपए में मिलता है वह आपको मात्र 500 के आसपास ही मिल जाता है। यहाँ पर अच्छा सामान मिलना आपकी किस्मत पर निर्भर करता है। बता दें  यहां पर फ्रॉड भी बहुत होता है। कई विक्रेता किसी भी ब्रांड का डुप्लीकेट भी लोगों को बेच देते हैं और लोग मन में ही गदगद हुए उसको ब्रांड समझ कर ले जाते हैं। वहां पर मोबाइल चोरी का बता कर बिगड़ा हुआ भी बेचते हैं। वहां पर ठगी का काम ज्यादा होता है। इसलिए थोड़ा सावधान रहने की ज्यादा आवश्यकता रहती है।  आप को इस तरह के मोबाइल खुले तौर पर नहीं मिलते हैं। वहां पर पुलिस का भी पहरा होता है। चोरी का मोबाइल बेचने वालों पर पुलिस की नजर रहती है।

घूमने के लिए और भी जगह है प्रमुख

आप इस मार्केट के अलावा लाल किला, जामा मस्जिद, दरियागंज, चांदनी चौक भी घूम सकते हैं क्योंकि यह ठीक इस मार्किट के साथ ही है।

कैसे पहुंचे संडे मार्केिट

इस मार्केट में पहुंचने के लिए सबसे निकट पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन है। यहां से आपको मात्र 5 मिनट पहुंचने में लगेंगे अगर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से आते हैं तो वहां से आपको केवल 10-15 मिनट यहां पहुंचने में लगेंगे। आप डीटीसी की बस, कैब  या ऑटो रिक्शा से आसानी से यहां पहुंच सकते हैं। हवाई अड्डे से यहां पहुंचने में आपको कम से कम 1 घंटे का समय लग सकता है। वहां से भी आप ऑटो रिक्शा, कैब  या महिपालपुर से डीटीसी की बस पकड़ कर आ सकते हैं।  अगर आप आईएसबीटी बस अड्डे से यहां आते हैं तो आपको केवल 10 से 15 मिनट ही यहां पहुंचने में लगेंगे। वहां से भी आपको ऑटो रिक्शा, कैब  या डीटीसी की बस मिल जाएगी। आनंद विहार बस अड्डे से आपको एक से डेढ़ घंटा यहां पहुंचने में लग सकता है। यहां से भी ऑटो रिक्शा या डीटीसी बस की सहायता से आप पहुंच सकते हैं।  यहां का निकटतम मेट्रो स्टेशन लाल किला है और निकट बस स्टैंड भी लाल किला के नाम से ही है।

हां, एक बात का आपको जरूर ख्याल रखना होगा, आपको खुद अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करना होगा। जब आप यहां आते हैं तो आपको लाल किला ही उतरना है। अगर आप इधर उधर उतरते हैं तो आप अपना रास्ता भटक सकते हैं।


 

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