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1. अमृतसर (Amritsar)

इस शहर का नाम सुनते हीं हमारे मन में कई तरह की भावनाएं जन्म लेती हैं। इस शहर के मायने सभी के लिए अलग-अलग हैं। किसी के लिए यह सिख धर्म का सबसे पवित्र स्थान है, तो किसी के लिए यह स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास का सबसे दर्दनाक आहुति देने वाला शहर है। नजरिया भले हीं अलग हो इस शहर के लिए सम्मान सभी के दिलों में एक बराबर हीं है।

अमृतसर में घूमने के लिए ऐतिहासिक और धार्मिक दोनों हीं तरह के पर्यटन स्थल मौजूद हैं। यही वजह है कि यह शहर हर तरह के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। अमृतसर में घूमने लायक जगहों में पार्टीशन म्यूजियम (Partition Museum), वाघा बॉर्डर (Wagah Border), जलियांवाला बाग (Jallianwala Bagh), स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) और महाराजा रणजीत सिंह म्यूजियम (Maharaja Ranjit Singh Museum) शामिल है।

अमृतसर कैसे पहुंचे? (How to reach Amritsar)

अमृतसर पहुंचने के लिए आप अगर फ्लाइट से आना चाह रहे हैं तो आप श्री गुरु रामदास जी इंटरनेशनल हवाई अड्डा के लिए फ्लाइट ले सकते हैं। यह अमृतसर से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहीं अगर आप ट्रेन के जरिए अमृतसर जाना चाहते हैं तो अमृतसर जंक्शन देश के अन्य भागों से काफी अच्छे तरीके से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग के द्वारा भी अमृतसर पहुंचा जा सकता है। आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट, या फिर कैब, या फिर अपनी गाड़ी का उपयोग करके अमृतसर पहुंच सकते हैं।

2. चंडीगढ़ (Chandigarh)

पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ एक बहुत खूबसूरत शहर है। ये भारत के केंद्र शासित प्रदेशों में से भी एक है। चंडीगढ़ सिटी को बेहद खूबसूरती के साथ बसाया गया है जो अपनी कला और संस्कृति (art and culture) के लिए जाना जाता है। दोस्तों हम लोगों में अक्सर ये इच्छा रहती है कि सभी जगह के कल्चर को अच्छे से जाने, इसलिए अगर आप भी छुट्टियों के लिए हिमाचल प्रदेश की ओर जाने वाले हैं तो आप पंजाब और हरियाणा के कल्चर को ठीक से समझने के लिए चंडीगढ़ भी जरूर आए।

हेरिटेज (Heritage) को अच्छे से समझने वालो के लिए और बाकी सबके लिए भी चंडीगढ़ एक बेस्ट डेस्टिनेशन (Best Destination) है क्योंकि यहां आपको हर दूसरे कदम पर कलाओं का भंडार (art store) मिलेगा। चंडीगढ़ अपने कई खूबसूरत पार्कों और बगीचों की वजह से ‘गार्डन सिटी’ (Garden City) के नाम से फेमस है। ये पार्क और बगीचे भी चंडीगढ़ में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक हैं। चंडीगढ़ में ऐसे कई टूरिस्ट प्लेस हैं जहां आप न जाकर बड़ी गलती कर सकते हैं।

चंडीगढ़ में आप जाकिर हुसैन रोज़ गार्डन (Zakir Hussain Rose Garden), इस्कॉन मंदिर (Iskcon temple), सुखना लेक (Sukhna lake), सेक्टर 17 मार्केट (Sector 17 Market), इंटरनेशनल डॉल म्यूजियम (International Doll Museum), रॉक गार्डन (Rock garden) और हॉप्स एन ग्रेन्स (Hops n Grains) जैसे जगहों पर घूमने जा सकते हैं।

चंडीगढ़ कैसे पहुंचे? (How to reach Chandigarh)

चंडीगढ़ पहुंचने के लिए आप फ्लाइट ट्रेन और सड़क मार्ग, हर तरह के यातायात के साधनों का उपयोग कर सकते हैं। चंडीगढ़ पहुंचने का सबसे आसान मार्ग है हवाई मार्ग। आप सीधा चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए फ्लाइट ले सकते हैं। चंडीगढ़ एयरपोर्ट देश के सभी महत्वपूर्ण हवाई अड्डों से अच्छे तरीके से कनेक्टेड है।
अगर आप ट्रेन के जरिए चंडीगढ़ पहुंचाना चाहते हैं तो चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन के लिए ट्रेन ले सकते हैं। देश के अधिकतम शहरों से चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन के लिए ट्रेनें चलती हैं।
अगर आप सड़क मार्ग के द्वारा चंडीगढ़ पहुंचाना चाहते हैं तो आसपास के शहरों से आपको बस की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। अगर आप अपनी गाड़ी से आना चाहते हैं तो यह भी एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। क्योंकि चंडीगढ़ सड़क मार्ग से भी देश के अन्य भागों से जुड़ा हुआ है।

3. मोहाली (Mohali)

कहते हैं भारत क्रिकेट प्रेमियों का देश है। भारत में कोई भी ऐसा क्रिकेट प्रेमी नहीं होगा जिसे नहीं पता हो कि मोहाली कहां है। मोहाली शहर क्रिकेट प्रेमियों के दिल में एक खास स्थान रखने वाला शहर है। यह शहर चंडीगढ से सिर्फ सिर्फ 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अक्सर जब भी भारत का मैच मोहाली स्टेडियम में होता है तो दूर-दूर से लोग यहाँ मैच देखने आते हैं। क्रिकेट ने मोहाली शहर को एक अलग पहचान देने का काम किया है। अगर आप भी मोहाली में मैच देखने आए हैं और मोहाली को एक्सप्लोर करना चाहते हैं तो इस शहर में घूमने लायक काफी कुछ है।
इस शहर में घूमने लायक जगहों में बाबा बंदा सिंह बहादुर वॉर मेमोरियल, गुरुद्वारा अंब साहिब, फतेह बुर्ज, पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन इन बिंद्रा स्टेडियम, रोज गार्डन और मनसा देवी टेंपल आदि का नाम प्रमुख है

मोहाली कैसे पहुंचे? (How to reach Mohali)

मोहाली पहुंचने के लिए आप पहले चंडीगढ़ पहुंच सकते हैं। चंडीगढ़ से मोहाली सिर्फ 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और आसानी से पब्लिक ट्रांसपोर्ट या फिर कैब से मोहाली पहुंचा जा सकता है।

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Amritsar- आस्था और सुकून का शहर

मुझे जब भी अपने व्यस्त शेड्यूल में या रोज़मर्रा की ज़िंदगी में थोड़े सुकून के पल चाहिए होते हैं तब अनायास ही यात्रा का ख्याल आता है। जब कभी ऐसा लगता है कि इस तनावपूर्ण और भागदौड़ भरी ज़िंदगी से थोड़ी निजात चाहिए तब मेरे पास अंतिम विकल्प यात्रा का ही बचता है। इस बार कार्यक्रम बना अमृतसर का। वो भी प्रसिद्ध त्यौहार बैसाखी के अगले दिन।

स्टेशन से उतरते ही फ्री बस

बैसाखी के त्यौहार की शुरुआत भारत के पंजाब राज्य से ही हुई है और इसे रबी की फसल की कटाई शुरू होने की ख़ुशी के रूप में मनाया जाता है। बैसाखी के दिन गोल्डन टेम्पल को जगमगाती लाइटों से सजाया जाता है। देश भर से सिख श्रद्धालु इस दिन अमृतसर पहुँचते हैं। बैसाखी से अगले दिन जाने का फायदा ये हुआ कि भीड़ इतनी नहीं थी। वैसे अमृतसर घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च ही रहता है। हम हिसार से अमृतसर ट्रैन से पहुंचे। स्टेशन से उतरते ही बाहर फ्री बस सेवा का भी इंतेज़ाम रहता है जो ‘सतनाम वाहेगुरु’ के जयकारें लगाते हुए सीधे गोल्डन टेम्पल ले जाती है। गुरूद्वारे पहुँचते-पहुँचते रात के 11 बज चुके थे। हमनें अंदर परिसर में ही स्थित गंगा निवास में वातानुकूलित रूम बुक करवाया था। भले ही अप्रैल के महीने में ठीक-ठाक गर्मी होती है पर अंदर परिसर में ठंडक थी। थोड़ा आराम करने के बाद जैसे ही हमनें हरमंदिर साहिब में कदम रखा एक हमें अलग ही वातावरण की अनुभूति हुई। और लगा जैसे यहाँ आना पूरी तरह सार्थक हो गया। मेन हाल में दर्शन के लिए लम्बी-लम्बी लाइनें लगी हुयी थी। सुबह तड़के पालकी के दर्शन किये। दर्शन के लिए भले ही भीड़ कितनी ही क्यों न हो पर थकान जरा-सी भी नहीं होती, बस यही खासियत है यहाँ की।

परमात्मा एक है और वो सब जगह मौज़ूद है।
एक औंकार, सतनाम करता पुरख निरभउ निरवैर…...

गोल्डन टेम्पल में दिन रात शब्द कीर्तन और गुरुबाणी चलती रहती है जो दुनिया की भाग दौड़ से थके हारे मन को रूहानी सुकून देती है

अद्भुत और अलौकिक गुरुद्वारा

Golden Temple, Amritsar, Sri Harmandir Sahib

स्वर्ण मंदिर में प्रवेश के लिए चार द्वार है जो इस बात के प्रतीक हैं की यहाँ के दरवाज़े हर धर्म के लोगो के लिए खुले हैं। रात में जगमगाती रौशनी में संगमरमर और सोने के आवरण से बना यह गुरुद्वारा अद्भुत और अलौकिक लगता है

Golden Temple, Amritsar, Sri Harmandir Sahib

दुनिया की सबसे बड़ी रसोई

अंदर परिसर में ही दुनिया की सबसे बड़ी रसोई में से एक गुरु के लंगर में रोज़ाना हज़ारों लोग प्रशाद रूप में भोजन ग्रहण करते है। इतनी बेहतरीन व्यवस्था, इतना स्वाद और इतना अपनापन। सच में अद्भुत। इसी कारण कहते हैं अमृतसर में कोई भूखा नहीं सोता।

Golden Temple, Amritsar, Sri Harmandir Sahib

पवित्र जल के तालाब के बीचों-बीच गुरुद्वारा साहिब है व चारों तरफ बड़ा-सा प्रांगण है। जहाँ आपको सैंकड़ों श्रद्धालु सिमरन करते मिल जायेंगे। गुरूद्वारे में एक भव्य म्यूजियम भी है जहां सिख धर्म से जुडी ऐतिहासिक चीज़ें रखी गयी है।

Golden Temple, Amritsar, Sri Harmandir Sahib

गुरुओं की देन- अमृतसर शहर

वैसे तो अमृतसर को देश विदेश में सब जानते हैं लेकिन दरबार साहिब (गोल्डन टेम्पल ) इस शहर की लाइफ लाइन है। पूरा अमृतसर शहर गोल्डन टेम्पल के इर्द गिर्द ही बसा हुआ है। अमृतसर शहर गुरुओं की देन माना जाता है। चौथे गुरु रामदास जी ने पांच सौ बीघा जमीन लेकर यह शहर बसाया था। तभी इसका नाम पड़ा रामदासपुर। महाराज रंजीत सिंह ने हरमिंदर साहिब पर उन्नीसवीं शताब्दी में सोने का आवरण चढ़वाया था और तब से अमृतसर को स्वर्ण नगरी भी कहा जाने लगा। एक शहर के तौर पर देखें तो यह सिर्फ अपने गुरुद्वारों के लिए प्रसिद्ध नहीं है बल्कि कौमी एकता का एक बेहतरीन उदाहरण भी है – यहाँ जहां एक तरफ बेहद खूबसूरत दुर्गियाना मंदिर है वहीँ आज़ादी की लड़ाई की गवाह दिल्ली की जामा मस्जिद जैसी दिखती खैरउद्दीन मस्जिद भी है। जहाँ हज़ारों लोग इबादत के लिए आते हैं।(Golden Temple, Amritsar)

Golden Temple, Amritsar, Sri Harmandir Sahib

वाघा बॉर्डर

अमृतसर शहर से 30-32 किलोमीटर एकऔर डेस्टिनेशन है वाघा बॉर्डर। यहाँ पर रोज़ शाम को दोनों देशों के सिपाहियों द्वारा बहुत ही जोशीले ढंग से अपने-अपने राष्ट्रीय ध्वज को वापिस उतरा जाता है। इस दौरान देशभक्ति का ऐसा रंग चढ़ जाता है जिसकी कल्पना करना भी सम्भव नहीं। यहाँ की ये जोशीली परेड देखने के लिए आपको समय से पहले ही जाना पड़ता है वरना भीड़ इतनी हो जाती है कि वहां पर खड़े होने की भी जगह नसीब नहीं होती।

Golden Temple, Amritsar, Sri Harmandir Sahib

जलियावालां बाग

अमृतसर में ही भारत की आज़ादी के इतिहास का साक्षी प्रसिद्ध जलियावालां बाग भी है। आज जलियावालां बाग एक पर्यटक स्थल बन गया है और रोजाना हजारों सैलानी इसे देखने आते हैं। यहाँ की दीवार पर आज भी उन गोलियों के निशान मौज़ूद हैं जो जनरल डायर ने निहत्थी भीड़ पर चलवाई थी जिसमे हज़ारों लोग मारे गए थे।

Golden Temple, Amritsar, Sri Harmandir Sahib

अमृतसर शहर के पुराने बाजार आज भी उतने ही लोकप्रिय हैं जैसे किसी ज़माने में हुआ करते थे। आप शाम के समय पैदल ही बाजार की सैर पर निकल सकते हैं। भीड़-भाड़ वाले ये बाजार एक बार तो आपको चांदनी चौक की याद दिला देंगे। अगर आप खाने के शौकीन हैं तो अमृतसर आपके लिए किसी जन्नत से कम नहीं होगा। अमृतसर लस्सी, छोले भटूरे, राजमा चावल और पिन्नी का स्वाद पूरी दुनिया में मशहूर है। बात चाहे धार्मिक आस्था की हो, इतिहास की हो, संस्कृति की या फिर खानपान की, अमृतसर का कोई सानी नहीं।

by Pardeep Kumar
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