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भारतीय इतिहास की महानता के गवाह हैं बिहार के ये पाँच शहर

बिहार के प्रमुख शहर (Famous cities of Bihar)

  • नालंदा (Nalanda)
  • पटना (Patna)
  • वाल्मीकि नगर (Valmiki nagar)
  • बोधगया (Bodhgaya)
  • राजगीर (Rajgir)

1. नालंदा (Nalanda)

अगर आप भी ऐतिहासिक धरोहरों (Historical monuments) को देखने और नके इतिहास के बारे में समझने की चाहत रखते हैं तो, आपको बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय को देखना और समझना भी काफी पसंद आएगा। यह विश्वविद्यालय ना सिर्फ भारत बल्कि संपूर्ण संसार के प्राचीनतम विश्वविद्यालय के रूप में जाना जाता है। इस विश्वविद्यालय का निर्माण गुप्त वंश के शासक कुमारगुप्त ने पांचवी सदी में करवाया गया था। बाद में कुमारगुप्त के उत्तराधिकारियों (successors) ने इसे सहेज कर रखा। गुप्त वंश के पतन (Downfall) के बाद आने वाले दूसरे शासकों ने भी इसके विकास में सहयोग दिया। इसे महान सम्राट हर्षवर्धन और पाल शासकों का भी संरक्षण (Protection) मिला। 19वीं शताब्दी में एक अंग्रेज (Englishman) को नालंदा में पढ़ रहे एक चीनी यात्री की डायरी मिली। जब वह उस डायरी (diary) में लिखे पते पर पहुंचा तो वह चारों ओर वीरान खंडहर (deserted ruins) थे। वहाँ टहलते हुए अंग्रेज ने देखा कि वहां कुछ चौथी शताब्दी के बने ईट के अवशेष हैं। फिर उसने हल्के हाथों से उस जगह को कुरेद (scrape) कर देखा तो उसे एक के बाद एक सजी हुई ईटों की श्रंखला (series) दिखाई दिया। उसके बाद उसने हीं वहां की खुदाई (digging) प्रारंभ करवाई और इस प्रकार खोज हुआ विश्व के प्राचीनतम विश्वविद्यालय, नालंदा विश्वविद्यालय की। नालंदा विश्वविद्यालय में 1500 से अधिक शिक्षक थे और 10,000 से अधिक छात्र पढाई किया करते थे। यहां विश्व के कोने-कोने से विद्यार्थी पढ़ने आते थे। यहां छात्रों के रहने के लिए 300 से अधिक कमरे बने हुए थे। सभी कमरे में रोशनी की व्यवस्था थी। विद्यालय के परिसर में जगह जगह पढ़ने का स्थान, प्रार्थना का प्रांगण (prayer hall) और स्टडी हॉल (study hall) बने हुए थे। एक कमरे में एक या एक से अधिक छात्रों के रहने की व्यवस्था थी।

कैसे पहुंचे नालंदा (How to reach Nalanda)?

अगर आप नालंदा आना चाहते हैं तो नालंदा का सबसे करीबी हवाई अड्डा पटना में स्थित जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (Jaiprakash Narayan International Airport) है। जहां से नालंदा शहर की दूरी लगभग 90 किलोमीटर है। आपको बता दें कि पटना का जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चंडीगढ़, देहरादून, जयपुर, अहमदाबाद और कोयंबटूर के साथ-साथ देश के काफी सारे अन्य हवाई अड्डों से जुड़ा हुआ है। जिसकी वजह से आपको फ्लाइट (Flight) से पटना पहुंचने में कोई भी तकलीफ नहीं होगी।
नालंदा का सबसे करीबी रेलवे स्टेशन नालंदा जिला में ही स्थित है। लेकिन नालंदा रेलवे स्टेशन के लिए आपको सिर्फ नालंदा के नजदीकी रेलवे स्टेशन पटना, दानापुर, गया, बिहार शरीफ और राजगीर से ही ट्रेन की सुविधा मिल पाएगी। अगर आप इन शहरों से जुड़े हुए हैं, तो आप आसानी से अपने शहर से ट्रेन पकड़ कर नालंदा पहुंच सकते हैं और नालंदा शहर को विजिट कर सकते हैं। लेकिन अगर आपके शहर से नालंदा के लिए डायरेक्ट (Direct) ट्रेन की सुविधा उपलब्ध नहीं है तो आपको अपने शहर से गया या पटना जंक्शन के लिए ट्रेन पकड़नी होगी।

2. पटना (Patna)

जब बात भारत के इतिहास की हो तो इस शहर को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। हम बात कर रहे हैं पटना शहर की। यह शहर गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है। अगर बात किया जाए इस शहर के वर्तमान की तो यह काफी विकसित हो चुका है। शहर के बड़े-बड़े बिल्डिंग्स, बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल और यहां की सड़कें यह बताने के लिए काफी हैं कि यह शहर भी किसी अन्य शहर से पीछे नहीं है। पटना पर्यटन के लिए भी काफी मशहूर है। जिन लोगों को इतिहास में रुचि है, यह शहर उनका बाहें फैलाकर स्वागत करता है। इस शहर के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल, जो इस शहर की शान माने जाते है निम्नलिखित है- गोलघर (Golghar), श्री कृष्ण साइंस सेंटर पटना (Shri Krishna Science Center Patna), बिस्कोमान भवन (Biscomaun Bhawan), गांधी मैदान (Gandhi maidan), बुद्धा स्मृति पार्क (Buddha smriti park), महावीर मंदिर (Mahaveer mandir), तारामंडल (Patna Planetarium – Taramandal), बिहार म्यूजियम (Bihar museum), गांधी म्यूजियम (Gandhi museum), पटना म्यूजियम (Patna museum), संजय गांधी जैविक उद्यान पटना (Sanjay Gandhi Biological Park), पटना साहिब (Patna sahib), इको पार्क (Eco park), गंगा घाट (Ganga Ghat), अगम कुआं (Agam Kuan) तथा कुम्हरार (Kumhrar)।

कैसे पहुंचे पटना (How to reach Patna)?

यदि आप पटना आना चाह रहे है तो आप तीनों मार्गों से यहाँ आसानी से आ सकते हैं। पटना सड़क मार्ग द्वारा भारत के सभी शहरों से जुड़ा हुआ है। दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता तथा सिलीगुड़ी से यहाँ के लिए बस सर्विस उपलब्ध है। भारत के किसी भी प्रमुख शहर से पटना के डायरेक्ट ट्रेन है। पटना के जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल एयरपोर्ट से भारत के किसी प्रमुख शहर के लिए डायरेक्ट फ्लाइट उपलब्ध है।

3. वाल्मीकि नगर (Valmiki nagar)

वाल्मीकि नेशनल पार्क जो बिहार का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान है, पश्चिमी चंपारण जिले में स्थित है। यह नेशनल पार्क वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (Valmiki Tiger Reserve) का हिस्सा है। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व लगभग 900 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसकी स्थापना 1978 हुई थी। यह टाइगर रिजर्व भारत का अठारहवाँ टाइगर रिजर्व है। 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में 54 बाघ है। 1950 से पहले यह संरक्षित क्षेत्र, बेतिया महाराज के राज में आता था। सर्वप्रथम, 1978 में इस संरक्षित क्षेत्र को वन्य जीव अभ्यारण घोषित कर दिया गया। इसके पश्चात, 1990 में वाल्मीकि वन्य जीव अभ्यारण्य को नेशनल पार्क का दर्जा दे दिया गया। 1990 में ही, इसे प्रोजेक्ट टाइगर के तहत टाइगर रिजर्व बना दिया गया। वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान में कई प्रकार के फॉउना (Fauna) निवास करते हैं। यहाँ पाए जाने वाले मैमल्स (Mammals) निम्नलिखित हैं बंगाल टाइगर (Bengal Tiger), इंडियन लेपर्ड (Indian Leopard), एशियन एलीफैंट (Indian Elephant), भारतीय गैंडा (Indian Rhinoceros), क्लाउडेड लेपर्ड (Clouded Leopard), वाइल्ड वाटर बफैलो (Wild Water Buffalo), वाइल्ड बोअर (Wild Boar), भारतीय स्लॉथ भालू (Indian Sloth Bear), इंडियन गौर (Indian Gaur), स्पॉटेड डियर (Spotted Deer), सांभर (Sambar), बार्किंग डियर (Barking Deer), फिशिंग कैट (Fishing Cat), हॉग डियर (Hog Deer), बंदर (Monkey), उड़ने वाली गिलहरी (Flying Squirrel), वाइल्ड डॉग (Wild Dog)। अगर बात की जाए वाल्मीकि नेशनल पार्क के फ्लोरा की तो, यहाँ पाए जाने वाले फ्लोरा निम्नलिखित है करम (Karam), साल (Sal), सिमल (Simal), मंदार (Mandar), बंजन (Banjan), बहेरा (Bahera), सतसाल (Satsal), बोडेरा (Bodera), पियार (Piyar), असिद्ध (Asidh), असान (Asan), हर्रा (Harra), चिर पाइन (Chir Pine)।

कैसे पहुंचे वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान (How to reach Valmiki National Park)?

सड़क मार्ग- वाल्मीकि नेशनल पार्क सड़क मार्ग द्वारा प्रमुख शहरों (पटना, लखनऊ और प्रयागराज) से जुड़ा हुआ है। निकटतम शहर बेतिया (80 किमी) से यहाँ के डेली बस सर्विस है। रेल मार्ग- इस नेशनल पार्क के पास में निकटम रेलवे स्टेशन ‘वाल्मीकि रेलवे स्टेशन’ है जहाँ से आप टैक्सी या बस लेकर वाल्मीकि नेशनल पार्क पहुंच सकते है। हवाई मार्ग- इस नेशनल पार्क का निकटम एयरपोर्ट पटना (जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल एयरपोर्ट) में है जो नेशनल पार्क से 295 किलोमीटर दूर है।

4. बोधगया (Bodhgaya)

बोधगया महात्मा बुद्ध की धरती है और बिहार की राजधानी पटना (Patna) से लगभग 100 किलोमीटर दूर है। खूबसूरत पहाड़ियों और बुद्ध स्मृतियों से जुड़े हुए इस शहर में आकर लाइफ की सारी निगेटिविटी (Negativity) को खत्म किया जा सकता है। बोधगया एक प्राचीन शहर है जहां लगभग 500 साल पहले भगवान बुद्ध को फल्गु नदी के तट पर, बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। कहते हैं भगवान बुद्ध को वैशाख महीने में पूर्णिमा के दिन ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। जिसके बाद से वह बुद्ध के नाम से प्रसिद्ध हुए और यहां बौद्ध भिक्षुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया। वैशाख की पूर्णिमा जिस दिन भगवान महावीर को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी, उस दिन को बौद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाने लगा। माना जाता है कि, बोधगया के महाबोधि मंदिर में स्थित बुद्ध की प्रतिमा उसी अवस्था में है, जिस अवस्था में महावीर बुद्ध ने तपस्या की थी। बोधगया में घूमने के लिए बहुत जगह जिनमे से कुछ प्रमुख है: महाबोधि मंदिर (Mahabodhi temple), थाई मठ (Thai Monastery), भगवान बुद्ध की प्रतिमा (Statue of Buddha), जापानी मंदिर (Japanese temple), आर्कियोलॉजिकल म्यूजियम (Archaeological Museum), पितृपक्ष मेला (Pitrupaksha Mela)

कैसे पहुँचें बोधगया? (How to reach Bodhgaya)

बोधगया हवाई, रेल और सड़क तीनों ही मार्गो से जुड़ा हुआ है। बोधगया जाने के लिए सबसे आसान रास्ता हवाई मार्ग है। गया जिला का एयरपोर्ट बिहार का इंटरनेशनल एयरपोर्ट(International Airport) है, जो भारत के अन्य शहरों से भी अच्छी तरह से जुड़ा (Well connected) हुआ है। बोध गया आने का दूसरा सबसे सरल मार्ग रेल मार्ग है। बोधगया से 13 किलोमीटर दूर स्थित गया जंक्शन (Junction) भी भारत के अलग-अलग शहरों से जुड़ा हुआ है। गया आने के लिए आप पटना जंक्शन तक की ट्रेन भी ले सकते हैं। पटना गया की दूरी लगभग 100 किलोमीटर है। जिससे रोड रेल दोनों ही रास्तों से आसानी से तय किया जा सकता है।

5. राजगीर (Rajgir)

अगर आप भी नेचर को करीब से महसूस करना चाहते हैं तो बिहार की राजधानी पटना से लगभग 100 किलोमीटर के दूरी पर स्थित राजगीर आपके लिए एक परफैक्ट हॉलीडे डेस्टिनेशन (Perfect holiday destination) हो सकता है। राजगीर आजकल प्रकृति प्रेमियों के लिए एक फेमस टूरिस्ट स्पॉट (Famous tourist spot) बनकर उभर रहा है। सिर्फ बिहार से ही नहीं बल्कि पूरे देश और दुनिया के अलग-अलग कोने से लोग यहां घूमने आ रहे हैं। यहां आप कई तरह के एडवेंचर एक्टिविटीज (Adventure activities) भी ट्राई कर सकते हैं। शहरों के शोर-शराबे से दूर और पॉल्यूशन फ्री (Pollution free) इस जगह पर आप बेहद ही शांति से खुद के या किसी अपने के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड (Quality time spend) कर सकते हैं। अगर बात करें राजगीर के पर्यटन स्थलों की तो वहां घूमने लायक जगह में राजगीर जंगल सफारी (Rajgir jungle safari), राजगीर जू सफारी (Rajgir zoo safari), पावापुरी जल मंदिर (Pawapuri Jal Mandir), राजगीर गंगा वॉटर लिफ्टिंग प्रोजेक्ट (Rajgir Ganga Water lifting project), घोरा कटोरा लेक (Ghora katora lake), विश्व शांति स्तूप (vishwa shanti stupa), गिरियक स्तूप (Giriyak stupa), बिंबिसार जेल (Bimbisar jail), ब्रह्म कुंड (Bramha Kund) और सप्तपर्णी गुफा (Saptparni Gufa) प्रमुख हैं

राजगीर कैसे पहुंचे?(How to reach Rajgir)
अगर आप फ्लाइट से राजगीर आना चाह रहे हैं तो पटना स्थित जयप्रकाश नारायण हवाई अड्डा के लिए आप फ्लाइट की बुकिंग करवा सकते हैं। वहीं अगर आप ट्रेन से राजगीर आने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आप राजगीर रेलवे स्टेशन के लिए ट्रेन ले सकते हैं। अगर आपके शहर से राजगीर के लिए डायरेक्ट ट्रेन नहीं है तो आप पहले पटना से और फिर वहां से राजगीर के लिए ट्रेन ले सकते हैं। इसके अलावा बस से भी राजगीर आया जा सकता है। अगर आप आसपास के शहरों में रहते हैं तो राजगीर आने के लिए आप बस की सुविधा का उपयोग कर सकते हैं। राजगीर शहर सड़क मार्ग से बहुत ही अच्छे तरीके से जुड़ा हुआ है। इसलिए आप अपनी गाड़ी या फिर कैब के जरिए भी राजगीर सकते हैं।

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जानिए बुद्ध की भूमि बोधगया के बारे में…

अगर भागदौड़ की जिंदगी से कहीं दूर जाना चाहते हैं और खुद को नेचर (Nature) के करीब महसूस करना चाहते हैं तो, आपके लिए बोधगया सबसे बेस्ट ऑप्शन (best option) हो सकता है।
जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है, बोधगया महात्मा बुद्ध की धरती है। यह शहर बिहार की राजधानी पटना (Patna) से लगभग 100 किलोमीटर दूर है। खूबसूरत पहाड़ियों और बुद्ध स्मृतियों से जुड़े हुए इस शहर में आकर लाइफ की सारी निगेटिविटी (Negativity) को खत्म किया जा सकता है।

बोधगया का इतिहास (History of Bodhgaya) :

बोधगया एक प्राचीन शहर है। जहां लगभग 500 साल पहले भगवान बुद्ध को फल्गु नदी के तट पर, बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। कहते हैं भगवान बुद्ध को वैशाख महीने में पूर्णिमा के दिन ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। जिसके बाद से वह बुद्ध के नाम से प्रसिद्ध हुए और यहां बौद्ध भिक्षुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया। वैशाख की पूर्णिमा जिस दिन भगवान महावीर को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी, उस दिन को बौद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाने लगा। माना जाता है कि, बोधगया के महाबोधि मंदिर में स्थित बुद्ध की प्रतिमा उसी अवस्था में है, जिस अवस्था में महावीर बुद्ध ने तपस्या की थी। 13वीं शताब्दी तक यह शहर पूरी दुनिया भर में काफी प्रसिद्ध था।

बोधगया में घूमने की जगह :

1. महाबोधि मंदिर (Mahabodhi temple):
बोधगया आने वाले लोगों के लिए महाबोधि मंदिर एक खास आकर्षण (Attraction) का केंद्र होता है। दुनिया भर से भगवान बुद्ध के भक्त यहां इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं। इस मंदिर को महाबोधि वृक्ष के चारों ओर बनाया गया है। इस मंदिर को सम्राट अशोक ने बनवाया था।
इस मंदिर के बीच स्थित महाबोधि वृक्ष और उसके नीचे मौजूद भगवान बुद्ध की मूर्ति लोगों के बीच काफी पॉपुलर (popular) है। विक्रमशिला विश्वविद्यालय और नालंदा विश्वविद्यालय में भी इस मूर्ति के प्रतिरूप को स्थापित किया गया है।

2. थाई मठ (Thai Monastery):
इस शहर में कई सारे प्रसिद्ध बौद्ध मठ भी हैं। इन्हीं प्रसिद्ध मठों में से एक है थाई मठ। इस मठ के निर्माण में सोने से बनी टाइलों (Golden Tiles) का इस्तेमाल किया गया है। इसके दीवारों और छतों में की गई नक्काशी भारतीय संस्कृति का एक बेहतरीन उदाहरण है। यहां का शांत माहौल और स्वच्छ वातावरण इतना सुकून देने वाला है कि आपको यहीं का होकर रह जाने का मन करेगा।

3. भगवान बुद्ध की प्रतिमा (Statue of Buddha) :
इस शहर में भगवान बुद्ध की एक 80 फीट ऊंची प्रतिमा भी है। इस प्रतिमा को भगवान बुद्ध के प्रसिद्ध स्मारकों में से एक माना जाता है। इस मूर्ति को देश के सबसे ऊंची बुद्ध की मूर्तियों में से एक माना जाता है। इसका का उद्घाटन (Inaugration) दलाई लामा द्वारा 1989 में किया गया था। इसे बलुआ पत्थर के ब्लॉक (Block of sand stone) और लाल ग्रेनाइट (Red granite) से बनाया गया है। इस मूर्ति की लोकप्रियता (Popularity) का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पर्यटक (Tourist) विशेषकर इस मूर्ति को देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं।

4. जापानी मंदिर (Japanese temple) :
प्राकृतिक खूबसूरती (Natural beauty) से भरा हुआ यह शहर वास्तु कला में भी धनी है। इस शहर में एक जापानी मंदिर है, जिसमें जापानी आर्किटेक्चर (Architecture) देखने को मिलता है। इस मंदिर के दीवारों पर महात्मा बुद्ध के उपदेशों की नक्काशी की गई है। इस मंदिर का निर्माण 1972 में किया गया था। यह मंदिर मुख्य शहर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

4. आर्कियोलॉजिकल म्यूजियम (Archaeological Museum):
इस शहर में आर्कियोलॉजिकल म्यूजियम भी है। यहाँ बौद्ध और हिंदू धर्म तरह-तरह की मूर्तियां और कलाकृतियां मौजूद हैं। साथ ही साथ यहां खुदाई में मिले हुए अन्य वस्तुओं को भी रखा गया है, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

5. पितृपक्ष मेला (Pitrupaksha Mela):
गया का हिंदू धर्म में भी विशेष महत्व रहा है। क्योंकि हिंदू धर्म में इसे मोक्ष भूमि के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि, पितृपक्ष के समय यहां आकर पिंडदान करने से पूर्वजों के आत्मा को शांति मिलती है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। हर साल भाद्रपद के पूर्णिमा से अश्विन के कृष्ण पक्ष तक यहां पितृपक्ष का मेला लगता है।

गया जाने के लिए सबसे सही समय (Best time to visit Gaya) :

वैसे तो गया में साल भर सैलानियों (Visitors) की भीड़ लगी रहती है। लेकिन अगर आप मौसम का लुफ्त उठाते हुए और बिना किसी परेशानी के गया घूमना चाहते हैं तो, फरवरी से अप्रैल और सितंबर से नवंबर तक के समय में यहां घूमने जा सकते हैं। सितंबर से नवंबर के बीच यहां पितृपक्ष का मेला लगता है। इस समय लोग यहां जाकर अपने पूर्वजों के मोक्ष की प्राप्ति के लिए पिंडदान करते हैं।

कैसे पहुँचें? (How to reach):

बोधगया हवाई, रेल और सड़क तीनों ही मार्गो से जुड़ा हुआ है। बोधगया जाने के लिए सबसे आसान रास्ता हवाई मार्ग है। गया जिला का एयरपोर्ट बिहार का इंटरनेशनल एयरपोर्ट(International Airport) है, जो भारत के अन्य शहरों से भी अच्छी तरह से जुड़ा (Well connected) हुआ है। बोध गया आने का दूसरा सबसे सरल मार्ग रेल मार्ग है। बोधगया से 13 किलोमीटर दूर स्थित गया जंक्शन (Junction) भी भारत के अलग-अलग शहरों से जुड़ा हुआ है। गया आने के लिए आप पटना जंक्शन तक की ट्रेन भी ले सकते हैं। पटना गया की दूरी लगभग 100 किलोमीटर है। जिससे रोड रेल दोनों ही रास्तों से आसानी से तय किया जा सकता है।

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