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Best route to do Char Dham Yatra

चार धाम यात्रा का सबसे सही सरल रूट (best route for chaardham yatra in uttarakhand) :

कहते हैं आस्था और भक्ति का कोई दिन नहीं होता। भगवान की पूजा कभी भी कहीं और किसी भी स्थिति में की जा सकती है। बस इंसान का मन सच्चा होना चाहिए। आज के आधुनिक दौर में बढ़ते तनाव के बीच मन की शांति का एक सीधा और सरल उपाय है भगवान की भक्ति में खुद को रंग लेना। आस्था की अगर बात हो तो चार धाम यात्रा से बेहतर कुछ नहीं हो सकता। आज आपको हम बताने जा रहे हैं चार धाम यात्रा से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां। जिनसे आपको चार धाम यात्रा के ट्रिप की प्लानिंग में आसानी होगी।

क्या है चार धाम यात्रा?
The significance of Char Dham Yatra :

उत्तराखंड को देवों की भूमि के नाम से जाना जाता है और यहां कई सारे तीर्थ स्थल भी हैं। उन्हीं तीर्थ स्थलों में से प्रमुख तीर्थ स्थल हैं गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ। इन्हीं चारों तीर्थ स्थलों को मिलाकर बनता है चार धाम! जिसका हिंदू धर्म में बहुत ही खास महत्व है। चार धाम यात्रा ना सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से प्रसिद्ध है बल्कि पर्यटन के दृष्टिकोण से भी यह लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। चारों ओर हिमालय की पहाड़ियां और पहाड़ियों के बीच से पतली सी धारा में बहती गंगा नदी किसी का भी मन मोह लेने में सक्षम है। यहां आकर आपको प्राकृतिक खूबसूरती (scenic beauty) के बेहतरीन नजारे देखने को मिलेंगे। इसके साथ ही पोलूशन फ्री (pollution free) वातावरण (environment) I आपको फिर से तरोताजा कर देंगे।

चारधाम यात्रा के लिए बेस्ट रूट

Best route for chardham Yatra :

अगर चार धाम यात्रा के रूट की बात की जाए तो, चार धाम यात्रा की शुरुआत हरिद्वार से होती है और हरिद्वार पर ही आकर यह यात्रा खत्म होती है।
चार धाम यात्रा पूरी करने के दो मार्ग हैं। एक सड़क मार्ग और दूसरा हेलीकॉप्टर के द्वारा यात्रा। आप दोनों ही मार्गों का चुनाव अपनी सुविधा के अनुसार कर सकते हैं।

सड़क यात्रा के कुछ मुख्य पड़ाव
(Main stops in Chardham Yatra) :
हरिद्वार – बरकोट – जानकी चट्टी – यमुनोत्री जानकी चट्टी – बरकोट – उत्तरकाशी – गंगोत्री – उत्तरकाशी – सोनप्रयाग या गुप्तकाशी – गौरीकुंड – केदारनाथ – गौरीकुंड – सोनप्रयाग या गुप्तकाशी – बद्रीनाथ – पीपलकोटी – हरिद्वार।

अगर बात किया जाए सड़क मार्ग की तो हरिद्वार देश के प्रमुख शहरों से ट्रेन रूट से काफी अच्छी तरह से कनेक्टेड है और यह शहर सड़क मार्ग द्वारा भी देश के बाकी शहरों से जुड़ा हुआ है। हरिद्वार पहुंचकर गंगा स्नान और स्थानीय मंदिरों में पूजा अर्चना करने के बाद चार धाम की यात्रा शुरू होती है। इसके लिए आप पहले से भी ट्रैवल पैकेजे बुक कर सकते हैं या फिर इंस्टेंट कोई गाड़ी बुक करके चार धाम यात्रा के लिए निकल सकते हैं।

पहला धाम यमुनोत्री
(Yamunotri Dham) :


चार धाम यात्रा में हरिद्वार से अगला पड़ाव होता है बरकोट। हरिद्वार से बरकोट पहुंचने के लिए आपको से 7 घंटे तक का समय लग सकता है बारकोड पहुंचकर होटल, रिसॉर्ट, गेस्ट हाउस या फिर धर्मशाला में ठहर सकते हैं। बरकोट में अपना आशियाना ढूंढने के बाद आपको बरकोट में एक रात रुकना होगा। यात्रा के दूसरे दिन बरकोट से आपको जानकीचट्टी के लिए निकलना होगा। जहां से चारधाम यात्रा के पहले धाम यमुनोत्री के लिए आपको पैदल यात्रा पर निकलना होगा। जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर है। आप दो से ढाई घंटे में यमुनोत्री पहुंच सकते हैं। आपको यमुनोत्री में पूजा अर्चना करने के बाद वापस बरकोट के लिए निकलना होगा। बरकोट से यमुनोत्री और यमुनोत्री से वापस बरकोट पहुंचने में आपको पूरा 1 दिन का समय लग जाएगा। आप वापस बारकोड आकर उसी होटल में स्टे कर सकते हैं।

गंगोत्री धाम
( Gangotri Dham) :


यात्रा के तीसरे दिन आपको चार धाम की यात्रा के अगले पड़ाव यानि गंगोत्री की ओर कूच करना होगा। जिसमें सबसे पहले आपको बरकोट से उत्तरकाशी की ओर बढ़ना होगा। जिसमें आपको लगभग 4 घंटे का समय लग सकता है। उत्तरकाशी पहुंचकर आप उत्तरकाशी में स्टे ले सकते हैं। यहां भी आपको रहने के लिए हर तरह की सुविधाएं मिल जाएंगी। उत्तरकाशी में अपने ठहरने के स्थान को सुनिश्चित करने के बाद आप गंगोत्री की ओर बढ़ सकते हैं। अगर आप थक गए हो तो गंगोत्री जाने के लिए आप अगले दिन का चुनाव कर सकते हैं। गंगोत्री पहुंचने के बाद पूजा अर्चना कर सकते हैं और समय बिताने के बाद आप वापस उत्तरकाशी के उसी जगह लौट सकते हैं, जहां आपने अपने रुकने का इंतजाम किया है। इस तरह आपके चार धाम के यात्रा का दूसरा पड़ाव पूरा हो जाएगा।

केदारनाथ धाम
( Kedarnath Dham) :

उत्तरकाशी में रुकने के बाद अगले दिन आप अहले सुबह सोनप्रयाग या फिर गुप्तकाशी के लिए निकल सकते हैं। यहां पहुंचने के बाद आपको अगले धाम यानि केदारनाथ धाम के लिए अपनी यात्रा शुरू करनी होगी। उत्तरकाशी से सोनप्रयाग की दूरी लगभग 220 किलोमीटर है और इसे करने में आपको लगभग 8 घंटे का समय लग जाएगा। इस दिन आप उत्तरकाशी से सोनप्रयाग या फिर गुप्तकाशी आकर वहां उस रात रुक सकते हैं। अगले दिन आपको सबसे पहले गौरीकुंड जाना पड़ेगा। जहां से केदारनाथ धाम की आपकी यात्रा शुरू होगी। गौरीकुंड से केदारनाथ लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप आराम से ट्रैकिंग करते हुए और महादेव के जयकारे लगाते हुए केदारनाथ के लिए निकल सकते हैं। आपको केदारनाथ धाम पहुंचते-पहुंचते शाम हो सकती है। ऐसे में आप शाम को मंदिर प्रांगण पहुंचकर भगवान शिव की आरती में शामिल हो सकते हैं और पूजा अर्चना कर सकते हैं। यहां रात में रुकने के लिए आप होटल या फिर गेस्ट हाउस में स्टे ले सकते हैं। आप चाहे तो जीएमवीएन के तहत भी अपना डोरमैट्री बुक कर सकते हैं। जीएमवीएन सर्विस (GMVN Service) को उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाया जाता है। अगले दिन वापस आप महादेव की आराधना करने के बाद गौरीकुंड के लिए ट्रेकिंग स्टार्ट कर सकते हैं। फिर से गौरीकुंड पहुंचते-पहुंचते आपको शाम हो जाएगी। गौरीकुंड पहुंचने के बाद आप वापस से गुप्तकाशी या सोनप्रयाग जहां भी आपने अपने रुकने का बंदोबस्त कर रखा हो वहां वापस जा सकते हैं और रुक सकते हैं।

बद्रीनाथ धाम
(Badrinath Dham) :


अगले दिन आपको बद्रीनाथ के लिए निकलना होगा। बद्रीनाथ पहुंचने में 8-9 घंटे का समय लग सकता है। बद्रीनाथ पहुंचकर आप किसी भी धर्मशाला या फिर यात्री निवास या फिर होटल में रुक सकते हैं। यहां आपको ट्रैकिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी। अगर आप सुबह सवेरे बद्रीनाथ के लिए निकलेंगे तो आप दोपहर होते-होते तक बद्रीनाथ पहुंच जाएंगे। बद्रीनाथ पहुंचकर भगवान के दर्शन कीजिए पूजा अर्चना कीजिए वापस जाकर अपने होटल में चेक इन कर लीजिए। अगले दिन बद्रीनाथ को अच्छे तरीके से एक्सप्लोर (explore) कीजिए और फिर निकल जाइए पीपलकोटी की ओर। जहां आप होटल लेकर उस रात रुक सकते हैं। अगले दिन फिर पीपलकोटी से आप बढ़ सकते अपने आखिरी डेस्टिनेशन (last destination) यानि हरिद्वार की ओर। पीपलकोटी से हरिद्वार की दूरी लगभग 230 किलोमीटर की है और आपको यहां तक आने में 8 से 9 घंटे का समय लग जाएगा। हरिद्वार पहुंचकर आपकी यात्रा समाप्त होगी और हरिद्वार में अपने हिसाब से समय बिताने के बाद आप वापस से अपने घर की तरफ प्रस्थान कर सकते हैं।

हेलीकॉप्टर से चार धाम यात्रा
(Char Dham tour by Helicopter) :


अगर आप हेलीकॉप्टर से चार धाम की यात्रा करना चाहते हैं तो देहरादून सहस्त्रधारा हेलीपैड से चार धाम के लिए आपको हेलीकॉप्टर की सुविधा मिल जाएंगी। यमुनोत्री के लिए हेलीपैड सेवा देहरादून के खरसाली तक है। जोकि यमुनोत्री के मंदिर से लगभग 6 किलोमीटर दूर है। वहीं गंगोत्री के लिए सबसे नजदीक हेलीपैड हरसिल हेलीपैड है। यह हेलीपैड मंदिर से 25 किलोमीटर दूर है। अगर बद्रीनाथ और केदारनाथ के हेलीपैड की बात करें तो वह मंदिर के पास हीं स्थित है।

चारधाम यात्रा का सबसे सही समय (Best time to visit) :
यूं तो आस्था को ऐसे समय में नहीं बांधा जा सकता, लेकिन अगर आप चार धाम की यात्रा अच्छे से पूरी करना चाहते हैं इसके लिए अप्रैल से जून और सितंबर से अक्टूबर तक का समय सबसे बेस्ट होता है।

चारधाम की पुरी यात्रा में लगने वाला समय (Total time taken in whole trip) :

इस यात्रा में लगने वाले समय की बात की जाए तो अगर आप वाया रोड ट्रैवल करते हैं तो आपको लगभग 10 दिन का समय लग सकता है। वहीं अगर आप हेलीकॉप्टर सुविधा का उपयोग करते हैं तो आपको 5 दिन का समय फिर भी लग जाएगा।

चार धाम की यात्रा के वक्त रखें इन बातों का ध्यान (Tips for Char Dham Yatra) :

चार धाम की यात्रा करते वक्त कभी भी बारिश हो सकती है। इसीलिए अपने साथ रेनकोट या फिर छाता जरूर रखें।

चार धाम की यात्रा करते वक्त आपको इंटरनेट कनेक्टिविटी तो मिल जाएगी लेकिन क्योंकि आप अधिकतर समय सफर में रहेंगे ऐसे में अपने साथ एक पावर बैंक ( Power bank) जरूर रखें। जिसे जरूरत पड़ने पर आप फोन चार्ज करने में प्रयोग कर सकें।

अपने साथ एक पानी का बोतल जरूर रखें। चार धाम की यात्रा में हो सकता है कि कहीं कहीं पानी आपको आसानी से ना मिले। इसीलिए अपने साथ एक पानी बोतल जरूर रखें।

चार धाम की यात्रा में ट्रैकिंग भी करनी होती है। इसलिए आप अपने साथ ट्रैकिंग स्टिक (trekking stick) रख सकते हैं।

जैसा कि हम सब जानते हैं कि चार धाम यात्रा उत्तराखंड में की जाती है और यह सभी हिल स्टेशंस हैं। ऐसे में आप अपने साथ गर्म कपड़े रखना ना भूलें।

चार धाम की यात्रा में ट्रेन और बस के साथ-साथ आपको जगह-जगह उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाई जाने वाली बोलेरो मिल जाएंगे। जैसे कि उत्तरकाशी से गौरीकुंड तक के बीच की सफर को आप उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाए जाने वाले बोलेरो सेवा की मदद से ₹40 में तय किया जा सकता है।

चार धाम की यात्रा सिर्फ एक यात्रा नहीं बल्कि भक्तिमय (devotional journey) और पूर्णतः भगवान को समर्पित यात्रा है। जिसके लिए आपको प्रॉपर प्लानिंग (route planning) की जरूरत पड़ेगी। वरना आप बीच में ही कहीं अटक सकते हैं। इस ब्लॉग में हमने आपको चार धाम यात्रा से जुड़े सही रूट (correct route) और सबसे सरल रूट के बारे में बताया है। उम्मीद है यह जानकारियां आपके कुछ काम आई होगी।

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Why Delhi Ncr’s People Visiting Hill Stations Nowadays | 2023


•Solang •Shimla •Tirthan valley (kullu) •Rajgarh hills •Mussoorie •Dhanoulti

मई का महीना चल रहा है और गर्मी काफी बढ़ गई है। ऐसे में चिलचिलाती धूप और बढ़ते हुए तापमान (temperature) से निजात पाने का सबसे बेस्ट(best) तरीका है कि कुछ दिनों के लिए छुट्टियां मनाने किसी हिल स्टेशन(hill station) जाने की प्लानिंग की जाए। तो आइए जानते हैं दिल्ली एनसीआर (Delhi-NCR) के आसपास के कुछ ऐसे पापुलर टूरिस्ट डेस्टिनेशंस(Popular tourists destinations) के बारे में जहां आप इस गर्मी में छुट्टियां मनाने जा सकते हैं।

Solang Valley Hill Station

पहाड़ियों के गोद में बसे हुए हिमाचल प्रदेश के इस शहर की खूबसूरती देखने लायक है। सोलंग वैली पहुंचते हीं आपको सबसे पहले दिखेगा नेहरू कुंड मंदिर। जहां आप दर्शन करने रुक सकते हैं। इसी रूट में आगे जाकर आपको वह ब्रिज दिखेगा जहां टैंगो चार्ली मूवी की शूटिंग भी हुई थी। सोलंग वैली में आपको हर ओर पैराग्लाइडिंग और बाइक राइडिंग जैसी कई तरह की एडवेंचर एक्टिविटी (adventures activities)  होती दिखाई देंगी। यूं तो सोलंग वैली आप कभी भी आ सकते हैं लेकिन, अगर आप बर्फ देखना चाहते हैं तो आपको दिसंबर या जनवरी के महीने में यहां आना चाहिए। इस समय यहां चारों ओर बर्फ हीं बर्फ दिखाई देंगे। यहाँ आप बहुत सारे स्नो एक्टिविटीज (snow activities) का लुफ्त उठा सकते हैं।

Best activities to do in sholang valley

सोलन वैली में स्कीइंग (skiing) करने का पूरा खर्च आपको ₹500 से ₹600 तक आएगा। यहां आप सुबह 9:00 से श्याम 4:00 तक कभी भी 15 से 20 मिनट के लिए स्कीइंग (skiing) कर सकते हैं।
अगर आप की भी इच्छा खुले आकाश में उड़ने की है तो, आप यहां पैराग्लाइडिंग (paragliding) भी कर सकते हैं। जिसका खर्च आपको ₹2000 तक का आ सकता है। यहां सुबह के 8:00 बजे से शाम के 5:00 बजे तक 5 से 10 मिनट के लिए पैराग्लाइडिंग कर सकते हैं।

सोलंग वैली पहाड़ियों की गोद में बसा हुआ है, इसीलिए यहां एडवेंचर टूरिज्म(adventure tourism) बहुत ज्यादा फल फूल रहा है।
यहां ट्रेकिंग की एक्टिविटीज (activities) भी की जा सकती हैं जिसका खर्च आपको ₹1200 से ₹1500 तक का आ सकता है। यहां आप लगातार 2 दिन तक ट्रैकिंग (tracking) भी कर सकते हैं। जो पहले दिन के 10:00 बजे सुबह शुरू होता है और दूसरे दिन के 1:00 बजे दोपहर में जाकर खत्म होता है।
अगर आपको भी कैंपिंग करना पसंद है और टेंट हाउस और बोनफायर मैं दिलचस्पी है तो, आप सोलंग में कैंपिंग भी कर सकते हैं। जिसकी कीमत आपको ₹1000 से ₹1500 तक की पड़ेगी।

अगर आप सोलंग वैली जा कर अच्छे से घूमना चाहते हैं तो, आपको पूरे ट्रिप का मिनिमम खर्च 15000 रुपए तक का आएगा। आपको सोलंग वैली को अच्छे से एक्सप्लोर(explore) करने लिए कम से कम 3 दिन के ट्रिप की प्लानिंग करनी होगी। सोलंग वैली के आसपास होटल में रहने के लिए आपको एक रात का खर्च ₹1000 से ₹2000 तक का आ सकता है। यहां होटल की बहुत सारी वैरायटी है। आप अपने बजट के अनुसार अपना होटल चुन सकते हैं।

How to reach sholang valley
इस हिल स्टेशन (hill station) की दिल्ली से दूरी लगभग 540 किलोमीटर है। बाय रोड टैक्सी से यहां जाने का लगभग खर्च ₹7000 से ₹8000 रुपए तक का आता है। वहीं अगर आप न्यू दिल्ली रेलवे स्टेशन (NDLS) से ट्रेन से सोलंग वैली जाते हैं, तो इसका खर्च ₹1500 तक का आता है। अगर आप फ्लाइट (flight) के द्वारा सोलंग वैली पहुंचना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको दिल्ली इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGIA) से कुल्लू मनाली एयरपोर्ट के लिए फ्लाइट (flight) ₹9000 से ₹25000 तक में मिल सकती है।

SHIMLA

अपने आप को नेचुरल रिट्रीट(natural retreat) देने का सबसे बेहतरीन तरीका है पहाड़ों की सैर पर निकल जाना। अब पहाड़ों की बात हो और शिमला का नाम ना आए ऐसा हो नहीं सकता। शोर-शराबे से दूर और प्रकृति के नजदीक स्थित इस शहर की ओर कपल्स का काफी रुझान होता है। पनोर्मिक व्यूज़(panoramic views) वाला यह जगह काफी रोमांटिक डेस्टिनेशन(romantic destination) के रूप में जाना जाता है। चारों ओर दिखने वाली बर्फ से ढकी सफेद पहाड़ियां और हरे-भरे देवदार के पेड़ किसी का भी मन मोह लेने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। यह जगन सिर्फ सीनरी(scenery) के लिए नहीं बल्कि शॉपिंग के लिए भी प्रसिद्ध है। शिमला स्थित माल रोड शॉपिंग के लिए एक बेहतरीन जगह है। यहां आपको खान-पान से लेकर पुरानी एंटिक चीजों तक का एक बड़ा कलेक्शन देखने को मिल जाएगा। यहां शिमला के पारंपरिक परिधान भी खरीद सकते हैं।


शिमला में एक और फेमस जगह है वह जाखू हिल्स। इस जगह पर हनुमान जी का एक बड़ा मंदिर है। साथ हीं एक बहुत बड़ी मूर्ति भी है, जो काफी दूर से हीं दिख जाती है। इस मंदिर की खासियत है यहां आपको सैकड़ों दर्जनों लंगूर और बंदर खेलते हुए मिल जाएंगे। चारों ओर हरियाली से घिरा यह मंदिर उन लंगूरों और बंदरों के लिए घर की तरह है।


How to reach shimla

शिमला की दिल्ली से दूरी लगभग 340 किलोमीटर है और यहां आप बाय रोड, ट्रेन और फ्लाइट तीनों ही रास्तों से जा सकते हैं। अगर आप टैक्सी(taxi) से शिमला जाना चाहते हैं तो आपको ₹5500 से ₹6000 तक का खर्च आता है। वहीं अगर आप ट्रेन से शिमला जाते हैं तो ₹700 से ₹800 में आपको टिकट मिल जाएगी। अगर आप फ्लाइट से शिमला जाते हैं तो इकोनामी क्लास के फ्लाइट की टिकट्स ₹2900 से शुरू हो जाते हैं।

Tirthan Valley

अगर आप रोजमर्रा के शोर-शराबे से दूर कुछ दिन शांत और शुद्ध वातावरण में बिताना चाहते हैं तो, तीर्थन वैली आपके लिए एक अच्छा डेस्टिनेशन (destination) हो सकता है। चारों ओर हरे भरे पेड़ों और वनस्पतिक घासों से घिरा हुआ यह जगह ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क(Great Himalayan National Park) के बफर जोन( Buffer Zone) में स्थित है। आप यहां फिशिंग (fishing), रॉक क्लाइंबिंग (Rock climbing), रैपलिंग(rapling), साइट सीइंग (sightseeing) आदि जैसे एडवेंचरस एक्टिविटीज का आनंद ले सकते हैं। यह सारे एक्टिविटीज पूरी तरह फैमिली फ्रेंडली family-friendly हैं।

Best things to do in tirthan valley

तीर्थन वैली में कैंपिंग (camping) के पैकेज में ट्रैकिंग, फिशिंग, रैपलिंग आदि एक साथ ही इंक्लूड(include) होता है। यहां कैंपिंग(camping) के लिए पूरे पैकेज(pakage) का खर्च आपको 6500 रुपए से 7000 रुपए तक का आ सकता है। अगर आप तीर्थन वैली को अच्छे से घूमना चाहते हैं तो, बिना फिशिंग, रैपलिंग और ट्रैकिंग के आप इसे पूरे अच्छे तरीके से एक्सप्लोर(explore) नहीं कर सकते हैं। तीर्थन वैली का यह पैकेज आपके माइंड के लिए रिफ्रेसिंग गेटवे (refreshing gateway) का काम करेगा।

तीर्थन वैली में नाइट स्टे(night stay) के लिए आपको ₹1500 से ₹3000 तक में आसानी से होटल में सकता है।

तीर्थन वैली हिमाचल प्रदेश के कुल्लू से बेहद नजदीक स्थित है। अगर दिल्ली से चलना शुरू किया जाए तो, तीर्थन वैली की दूरी लगभग 488 किलोमीटर है।

तीर्थन वैली से सबसे नजदीक एयरपोर्ट कुल्लू मनाली एयरपोर्ट है, जिसके लिए दिल्ली से एक फ्लाइट का किराया ₹9000 से ₹25000 तक का सकता है। बाय रोड टैक्सी से तीर्थन वैली जाने के लिए आपको ₹7000 के आसपास का खर्च आएगा। वाया ट्रेन आप सबसे कम खर्च में तीर्थन वैली पहुंच सकते हैं।

Rajgarh Hills

राजगढ़ हिमाचल प्रदेश का एक ऐसा जगह है, जहां की खूबसूरती आपको अपलक निहारने के लिए मजबूर कर देगी। प्रकृति को पसंद करने वाले लोगों के लिए यह जगह किस स्वर्ग की तरह है। यहां आकर आपको एक अलग हीं सुकून का एहसास होगा। राजगढ़ की खूबसूरती में चार चांद लगाने का कार्य करती है गिरी नदी।

इस नदी के किनारे बैठकर सनसेट(sunset) को देखना अपने आप में एक अद्भुत दृश्य होता है। चारों ओर पहाड़, हरे-भरे जंगल और सूरज की लालिमा लिए खुला आसमान यह सब इतना खूबसूरत होता है कि आपका सारा थकान पल भर में छूमंतर हो जाता है। सिर्फ सन सेट (sunset) हीं नहीं सनराइज(sunrise) भी राजगढ़ की खूबसूरती का एक बेहतरीन नजारा होता है। अब पहाड़ों के शहर में आओ और सनराइज सनसेट का मजा ना लो तो सफर अधूरा माना जाता है। दो पहाड़ों के बीच से उगता हुआ सूरज, बचपन में स्कूल के ड्राइंग बुक में की गई सीनरी पेंटिंग के लैंडस्केप्स (Land Escapes) की आपकी परिकल्पना को सच बना देता है।

How to reach Rajgarh hills

दिल्ली से राजगढ़ लगभग 340 किलोमीटर दूर है। आप यहां जाने के लिए किसी भी माध्यम का उपयोग कर सकते हैं। अगर आपके पास अपनी गाड़ी है तो आपके लिए यह सफर और भी खूबसूरत हो जाएगा। क्योंकि पहाड़ियों के बीच रोड ट्रिप, खूबसूरत मौसम और ठंडी हवा का झोंका अपने आप में ही एक बेहतरीन अनुभव होता है।

अगर आप फ्लाइट से राजगढ़ आना चाहते हैं तो, आपको चंडीगढ़ एयरपोर्ट आना पड़ेगा और दिल्ली से चंडीगढ़ एयरपोर्ट के लिए फ्लाइट की टिकट ₹3000 से मिलनी स्टार्ट हो जाती है। दिल्ली से चंडीगढ़ के लिए आपको ट्रेन भी आसानी से मिल जाएगा।

अगर आप राजगढ़ को अच्छे से एक्स्प्लोर करना चाहते हैं तो आपको कम से कम 3 दिनों का समय लेकर यहां आना होगा।

राजगढ़ में आपको 1500 रुपए से 3000 रुपए तक में अच्छे होटल रहने के लिए मिल जाएंगे।

Mussoorie

खूबसूरत पहाड़ियों के बीच से अगर आप सनराइज सनसेट देखना चाहते हैं तो, इसके लिए मसूरी के गन हिल पॉइंट (gun hill point) और लाल टिब्बा पॉइंट(lal tibba point) से बेहतर कोई जगह नहीं हो सकता। लाल टिब्बा पॉइंट पर अपनों के साथ बैठकर सन सेट को देखना, अपने आप में ही एक अविस्मरणीय दृश्य होता है। यहीं वजह है कि यह जगह कपल्स के लिए बेस्ट माना जाता है। मसूरी पहाड़ों झरनों और हरियाली के प्राकृतिक सौंदर्य का एक अद्भुत संगम है।

अगर आपको वॉटरफॉल (water fall) में ज्यादा इंटरेस्ट है तो, आप यहां के केंपटी फॉल्स(campty falls) का रुख कर सकते हैं। इस शहर में पहाड़ों के बीच एक ज्वाला जी मंदिर भी है, जो अक्सर पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है।

अगर आप परफेक्ट फैमिली समर वेकेशन प्लान बनाना चाहते हैं तो, मसूरी आपके लिए बेहतरीन विकल्प है। मसूरी जाने के लिए आप फ्लाईट, ट्रेन और रोड तीनों में से किसी भी रूट का चुनाव कर सकते हैं। मसूरी से निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून रेलवे स्टेशन है, जहां तक के टिकट का मिनिमम प्राइस ₹215 का है वहीं एसी फर्स्ट क्लास का प्राइस आपको 1500 रुपए तक पड़ सकता है। अगर आप हवाई मार्ग से मसूरी को हंसना चाहते हैं तो, आपको तीन हजार के आसपास का मिनिमम खर्चा आएगा।

Adventures Activities to do in Mussoorie

मसूरी में आप कई तरह के एडवेंचरस एक्टिविटीज कर सकते हैं। जिनमें कुछ एडवेंचरस एक्टिविटीज की डिटेल नीचे दी गई है।

स्काईवॉक : यहां आप 120 फुट की ऊंचाई पर स्काईवॉक कर सकते हैं। जिसका खर्च आपको ₹300 पर पर्सन के हिसाब से आएगा। मसूरी में स्काईवॉक करने का समय सुबह 9:00 से श्याम 6:00 तक का होता है।

रिवर राफ्टिंग : यहां आफ रिवर राफ्टिंग का भी लुफ्त उठा सकते हैं, जो बारकोट से लखामंडल तक का एक ट्रिप होता है। यहां रिवर राफ्टिंग का टाइमिंग सुबह 10:00 से दोपहर 3:00  तक का होता है और इसका प्राइस आपके द्वारा तय की गई दूरी पर डिपेंड करता है।

रैपलिंग : मसूरी पहाड़ों का शहर है इसलिए आप यहां रैपलिंग भी कर सकते हैं।  जिसका प्राइस आपको ₹1000 तक का आएगा। रैपलिंग करने का समय सुबह 8:00 से दोपहर 2:00 बजे तक का होता है।

रैपलिंग के अलावा आप यहां रॉक क्लाइंबिंग कैंपिंग ट्रैकिंग आदि भी कर सकते हैं। अगर आप मसूरी को अच्छे से घूमना चाहते हैं तो, आप को कम से कम 3 दिन का समय निकालकर यहां आना होगा।

How to reach Mussoorie

दिल्ली से मसूरी तक की दूरी तकरीबन 274 किलोमीटर है। मसूरी से सबसे नजदीक एयरपोर्ट भुंटर एयरपोर्ट है। न्यू दिल्ली से भुंटर एयरपोर्ट जाने के लिए आपको ₹3500 से फ्लाइट टिकट मिलने स्टार्ट हो जाते हैं। आप वाया रोड और वाया ट्रेन में मसूरी जा सकते हैं। ट्रेन के लिए आपको ₹250 से ₹1500 तक का खर्च आएगा। वहीं बाय रोड टैक्सी से जाने के लिए आपको 4000 से 5000 तक का खर्च आ सकता है।

Dhanaulti

पहाड़ों के बीच बसे इस शहर का मौसम साल भर खुशनुमा रहता है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप दिसंबर और जनवरी के समय यहां जाकर स्नोफॉल का आनंद लेना चाहते हैं या फिर गर्मियों के समय यहां जाकर गर्मी से राहत पाना चाहते हैं। इस जगह की ख़ूबसूरती किसी भी मौसम में पर्यटकों का मन मोह सकती है।

अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं तो धनोल्टी में आपको अपने शौक पूरा करने के पूरे अवसर मिलेंगे। यहां आप स्काईवॉक और स्काई ब्रिजिंग भी कर सकते हैं। धनोल्टी में स्काईवॉक 120 फीट की ऊंचाई पर तथा 360 फीट तक की दूरी के लिए किया जा सकता है। वहीं स्काई ब्रिजिंग 80 फीट की ऊंचाई पर और 300 फीट की दूरी तक के लिए किया जा सकता है। स्काईवॉक लिए यहां पर एंट्री फीस 500 रुपए हैं। वहीं स्काई ब्रिजिंग के लिए एंट्री फीस मात्र 25 रुपए हैं। आप यहां सुबह 8:00 बजे से शान 5:00 बजे तक स्काईवॉक और स्काई ब्रिजिंग कर सकते हैं। इन एडवेंचरस एक्टिविटीज का लुफ्त उठाने के लिए आपको धनोल्टी एडवेंचर पार्क जाना होगा।

धनोल्टी में स्थित इको पार्क पर्यटकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र है। इको पार्क की एंट्री फीस ₹15 है। आप इस इको पार्क में बैठकर पहाड़ों के बेहतरीन सीनिक ब्यूटी(scenic beauty) का आनंद ले सकते हैं।

धनोल्टी में सुरकंडा देवी मंदिर भी है, जो घूमने के लिए बेहतरीन जगहों में से एक है। वैसे तो यहां की एंट्री फीस फ्री हीं है, लेकिन अगर आप हॉर्स राइड करके यहां जाना चाहते हैं तो आपको ₹400 पर पर्सन का खर्च आएगा।

अगर आपको बाइक राइडिंग पसंद है तो आप धनोल्टी में माउंटेन बाइकिंग भी कर सकते हैं। धनोल्टी में बाइक राइडिंग करने का खर्च आपको पर पर्सन ₹500 का आएगा।

दिल्ली से 370 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस शहर तक पहुंचने के लिए आपको वाया रोड से 7 घंटे लग सकते हैं।

अगर आप वाया टैक्सी दिल्ली से धनोल्टी जाते हैं तो, दिल्ली से धनोल्टी के लिए 4000 रुपए से टैक्सीमिलनने स्टार्ट हो जाते हैं। फ्लाइट से धनोल्टी आने के लिए आपको मिनिमम खर्च ₹3000 का पड़ेगा। वहीं अगर आप ट्रेन से धनोल्टी आते हैं तो 250 रुपए से 1500 रुपए तक में आप आराम से धनोल्टी आ सकते हैं।

धनोल्टी घूमने के लिए आपको कम से कम  2 दिनों का समय चाहिए होगा, जो आप वीकेंड गेटावेज (weekend gateways) के तौर पर निकाल सकते हैं।

ये थीं कुछ नियर बाय हिल स्टेशन (nearby hill station) के बारे में जानकारियां। आशा है ये जानकारियां आपके ट्रैवल डेस्टिनेशन (travel destination) चुनने में आपकी कुछ मदद कर पाई होगी। इन सभी ट्रैवल डेस्टिनेशंस की दिल्ली एनसीआर से एक्सेसिबिलिटी (accessibility from Delhi NCR) बहुत ही आसान है।

 

Written by Shambhavi/Edited by Pardeep Kumar