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Delhi Haat -Best Traditional Shopping Place in Delhi 

हां, बेशक ही आपने दिल्ली हाट के बारे में तो सुना ही होगा, पर क्या आपको पता है दिल्ली में “तीन” हाट हैं। दिल्ली हाट सुनते ही सबके दिमाग में आने लगता है दिल्ली का सबसे लोकप्रिय हाट आई.एन.ए, पर इसके अलावा भी दिल्ली में दो हाट और मौजूद हैं, जनकपुरी और पीतमपुरा। आज के इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे क्यों मशहूर हैं दिल्ली हाट और क्या है इसमें ख़ास।

सबसे पहले बात करते हैं दिल्ली के सबसे मशहूर और लोकप्रिय हाट आई.एन.ए की।

दिल्ली हाट आई.एन.ए

तीनों हाटों में सबसे लोकप्रिय है आई.एन.ए, जहां आपको भारत की अलग-अलग कलाकृतियों की शानदार झलक देखने को मिलेगी। यहां पर आपको चंद मिनटों में पूरे भारत के दर्शन करने को मिलने वाले हैं इसके अलावा यहां पर भारत के विभिन्न क्षेत्रों की कलाओं से बने हैंडमेड आइटम्स को प्रदर्शित करती दुकानें भी मिल जाएंगी। शॉपिंग आइटम्स की बात करें तो फुलकारी दुपट्टा, कश्मीरी शॉल्स, होम डेकॉर आइटम्स, जूलरी, जूत्ती और भी लगभग सभी दुकानें, काफी वैरायटी में यहां आपको आसानी से मिल जाएंगी। इसके अलावा आपको बता दें कि आई.एन.ए मार्किट अलग-अलग फ़ूड वेरायटीज के लिए भी काफी मशहूर है।

दिल्ली हाट में मिलने वाला स्वादिष्ट खान-पान ‘दिल्ली हाट’ को ख़ास बनाता है। भारत के कोने -कोने से स्वाद का पिटारा लिए व्यंजनों की दुकानें यहाँ लगी हुई हैं।  पंजाब के ‘मक्के दी रोटी सरसों दा साग’ हो, बंगाल के ‘माछेर-झोल’ और दक्षिण भारत के ‘इडली डोसा’ हो या फिर बिहार के मशहूर लिट्टी-चोखा यहाँ सब कुछ अलग-अलग संस्कृतियों के स्वाद के साथ मौजूद है।

आई.एन.ए मार्किट में समय-समय पर काफी प्रोग्राम्स डांस और म्यूजिक जैसे कार्यक्रम भी लगे रहते हैं।

आई.एन.ए में एडल्ट्स के लिए एंट्री टिकट 30 रुपए, और बच्चों की टिकट 20 रुपए है। इसके अलावा टाइमिंग की बात करें तो सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक हफ्ते में सातों दिन यह मार्केट खुली रहती है।

नियरेस्ट मेट्रो स्टेशन (यल्लो लाइन) दिल्ली हाट आई.एन.ए  है।

दिल्ली हाट -जनकपुरी

अगर आप दिल्ली हाट बाजार को एक्स्प्लोर करने जा रहे हैं, तो यहां पर आप हैंडमेड क्राफ्ट्स, कपडे, होमडेकोर आइटम्स और स्वादिष्ट खाने का अनुभव ले सकते हैं, पर दिल्ली हाट जनकपुरी अब समय के साथ इसके बिलकुल विपरीत हो चुका है। ये पहले जितना मशहूर था अब उतना ही खाली पड़ा है, अब ना तो यहां पहले जितनी दुकानें हैं और ना ही खान-पान की वैराइटी, तो लाज़िम है ज्यादा भीड़ की कोई गुंजाइश ही नहीं। आप जब भी यहां आएं तो ज़हन में यह रखकर आएं कि आपको यहां आकर खाने-पीने और शॉपिंग करने के ज्यादा अलटरनेट नहीं मिलेंगे

एंट्री फीस : यहां 20 रुप्पे एडल्ट्स के लिए और 10 रुप्पे बच्चों के लिए है।

नेअरेस्ट मेट्रो स्टेशन : जनकपुरी वेस्ट।

दिल्ली हाट- पीतमपुरा

दिल्ली हाट पीतमपुरा, नेताजी सुभाष प्लेस में स्थित है जब यहां कोई इवेंट्स होते हैं तो दिल्ली हाट में आपको सौ से भी ज्यादा क्राफ्ट स्टाल्स लगे दिखाई देंगे जहां आपको हैंडमेड और हैंडलूम आइटम्स आदि मिल जाएंगे और आपकी जानकारी के लिए बता दें की समय-समय पर यहां इवेंट्स भी होते रहते हैं। इसके अलावा यहां आपको ज्यादा भीड़ देखने को नहीं मिलेगी

यहां भी एंट्री टिकट और टाइम और हाटों के जैसे ही हैं।

लेकिन यहाँ ध्यान देने की बात है कि रोजाना बेसिस में सिर्फ दिल्ली हाट आई.एन.ए में ही आपको दिल्ली हाट की खूबसूरती दिखाई पड़ेगी। क्योंकि यहाँ पर आपको बारह महीनों रौनक दिखाई देगी।

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Dilli Haat INA, Delhi- History, Timings, How to Reach

Dilli Haat-दिल्ली हाट: पारम्परिक भारत की खूबसूरत झलक

अगर आपका लगाव ट्रेडिशनल चीज़ों से हैं और पारम्परिक खरीदारी और हस्तकलाओं का बेहद शौक रखते हैं और शहरी परिवेश में रहते हैं तो दिल्ली के आईएनए स्थित  दिल्ली हाट जरूर जाइएगा।  दिल्ली के शहरी परिवेश में ग्रामीण और पारम्परिक भारत का अहसाह कराने वाले बाजार यानी दिल्ली हाट (आईएनए) का अपना ही एक अलग स्वैग है। मेट्रो के आसान और सुहाने सफर का लुत्फ़ उठाते हुए उतर जाइए आईएनए मेट्रो स्टेशन पर। मेट्रो से बाहर निकलते ही सामने ही है आपका दिल्ली हाट।(Dilli Haat)

किस समय यहाँ आना सबसे बेहतर

हाट के परिसर में घुसते ही सामने ही टिकट घर है। आपको ये  टिकट घर कुछ अलग ही दिखाई देगा, जैसे मधुबनी की कोई हस्तनिर्मित झोपड़ी जो कि किसी का भी ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करेगी । यहाँ कोविड महामारी के बाद से पर्यटकों की कमी साफ दिखाई दी । और यहाँ  खरीददारी के लिए आने वालों की कमी का असर टिकट के दामों पर साफ साफ़ दिखाई दिया, जो टिकट 30 रुपये की  हुआ करती थी, इस वक्त वो 10 रुपये की कर दी गयी थी। पिछले एक साल से इस कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभाव पर्यटन और बाजारों पर ही देखने को मिला है। और खबर ये भी मिली कि दिल्ली हाट में खरीददारों के लिए आने वालों के लिए एक समय ये  एंट्री मुफ्त भी कर दी गई थी।(Delhi Haat)

वैसे तो साल भर यहाँ पर्यटकों और खरीददारों का आना लगा रहता है लेकिन फिर भी अक्टूबर से मार्च का महीना यहाँ आने के लिए बेस्ट रहता है। लेकिन जब भी आपका मन कुछ एंटीक खरीदने का हो तब आप किसी भी समय यहाँ बेधड़क आ सकते हैं फिर चाहे कोई भी मौसम हो।

ख़ूबसूरत पारम्परिक बाजार

आप जैसे ही दिल्ली हाट में अंदर प्रवेश करेंगे  तो आपको लगेगा आप एक बारगी तो जैसे किसी गांव के पारम्परिक बाजार में पहुंच गए हो। ईंटो की जालीदार शैली से बने छोटे-छोटे कमरे एक कतार में बड़ी सुंदरता से बनाए गए हैं वहां सभी दुकानों में सीमेंट के पलस्तर की जगह हाथों से लिपाई-पुताई की गई है, इस तरह हट नुमा घर की बनावट आपको किसी भी सामान्य भारतीय गांव में आसानी से देखने को मिल जाती है। शायद यही ख़ूबसूरती दिल्ली हाट को बाकी सभी बाज़ारों से अलग करता है। इसलिए यहाँ जितने लोग खरीददारी करने आते हैं उतने ही वीकेंड पर मौज मस्ती, खाने-पीने या यूँ कहिये अपना क्वालिटी टाइम बिताने भी आते हैं। ये हाट पूरे भारत की एक छोटी सी पारम्परिक झलक दिखाता है।

हस्तकला और क्राफ्ट से संबंधित गांव

इस जगह घूम कर आपको ऐसा लगेगा जैसे  देश के अलग-अलग हिस्सों से आये कारीगरों ने यहाँ अपना एक अलग हस्तकला और क्राफ्ट से संबंधित गांव बसा दिया दिया हो। कहीं कोई अपने खिलौने बेच रहा था तो कोई महिलाओं से सम्बंधित वस्तुएं। खास बात ये थी कि ज्यादातर पूरे हाट में महिलाओं से सम्बन्धित प्रोडक्ट ही दिखाई दे रहे थे। हर दूसरी शॉप में कोई न कोई  अपनी कारीगरी और कला का प्रदर्शन कर रहा था।  देश के हर कोने से हुनरमंदों को एक छत्त के नीचे लाने से न केवल इन कलाकारों के हुनर को एक विशेष पहचान मिल रही है बल्कि यह उनके लिए आय का भी एक बेहतरीन जरिया सिद्ध हो रहा है। यहाँ ख़रीददारी के लिए आने वाले  लोगो में इन हस्तनिर्मित चीज़ों को खरीदने की चाहत भी साफ देखी जा सकती थी देश के छोटे-छोटे हिस्सों से आए इन कलाकारों के लिए ये जगह किसी सपने से कम नही वरना ऐसी कीमती कला कुछ हिस्सों तक सिमट कर रह जाती हैं और एक समय पर अपना अस्तित्व ही खो बैठती हैं।

ओपन रंगमंच

अगर आप परिवार और दोस्तों के साथ इस जगह पर आने की सोच रहे हों तो यह एक शानदार निर्णय रहेगा।  हाट के परिसर में सामने की ओर एक रंगमंच भी है जो मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया है। इस ओपन रंगमंच में विभिन्न प्रदेशों के कलाकारों द्वारा  पारम्परिक वाद्ययंत्र और संगीत की ध्वनि आपको थिरकने पर मजबूर कर देगीं।

खान-पान के लिए भी प्रसिद्ध

हस्तनिर्मित वस्तुओं और संगीत संध्या के अलावा दिल्ली हाट अपने खान-पान के लिए भी प्रसिद्ध है। विभिन्न कलाओं के साथ-साथ यहां के भोजन में भी पूरे भारत की झलक मिलती है। गुजराती ढोकला खाने की इच्छा हो या दक्षिण का उत्तपम यहां हर राज्य के पकवान आपका स्वागत करेंगे। सिक्किम से लेकर कश्मीर तक सब कुछ मिलेगा यहां। समझ लीजिए छोटा-सा भारत दिल्ली हाट के रूप में बसा दिया गया है। इतना तय है कि ये जगह आपको निराश तो बिल्कुल नहीं कर सकती।(Delhi Haat)

तो आइये और छोटे भारत के दर्शन पर निकल पड़िए। मधुबनी से लेकर चिकनकारी तक सब कुछ है यहां। कोल्हापुरी हो या गोटापत्ती हर चीज़ आपको यहां देखने को मिलेगी तो इंतज़ार किस बात का शहरों के मॉल देख कर थक गए हो तो आओ कुछ नया अनुभव करने। ग्रामीण अनुभव और सुंदर कलाओं के इस जश्न में।

 

Research – Nikki Rai
Written & Edited by Pardeep Kumar

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