ताजमहल प्यार की एक निशानी ( Taj Mahal the Significance of Love)
कहते हैं मोहब्बत के बिना जिंदगी अधूरी है और ऐसी हजारों किस्से कहानियां हैं जो मोहब्बत के सही मायने को बताते हैं। उन्हीं हजारों कहानियों में से एक कहानी है शाहजहाँ और मुमताज बेगम की कहानी। जिसकी गवाही दुनिया का सातवां अजूबा ताजमहल देता है। संगमरमर के सफेद पत्थरों पर लिखी गई मोहब्बत की ऐसी कहानी जो ना सिर्फ लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है, बल्कि यह कहानी लोगों को हैरान भी करती है। आज इस ब्लॉग में हम आपको मुमताज के लिए शाहजहां की मोहब्बत की निशानी ताजमहल के बारे में कुछ ऐसे राज बताएंगे जिनके बारे में आपमें से बहुत कम लोगों को ही पता होगा।
ताजमहल को मोहब्बत की निशानी (significance of love) के तौर पर देखा जाता है। किसी के लिए यह एक ऐतिहासिक स्मारक है तो, किसी के लिए यह एक मोहब्बत की निशानी है। कोई यहां सिर्फ इसकी खूबसूरती की वजह से घूमने जाता है तो किसी को ताजमहल से जुड़े उन रहस्यों के बारे में दिलचस्पी है, जिन पर चर्चा तो होती है लेकिन वह आज भी अनसुलझे (unresolved mysteries) हैं। अपनी बेहतरीन खूबसूरती के लिए यह स्मारक दुनिया भर में प्रसिद्ध है और हर साल देश-विदेश से हजारों लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
इतिहास (History) :
ताजमहल के इतिहास के बारे में बात की जाए तो इस मकबरे (tomb) को मुगल बादशाह(Mughal Emperor) शाहजहाँ ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद और प्यार में बनवाया था। इस मकबरे का निर्माण 1632 में करवाया गया था। बताया जाता है कि शाहजहाँ ताजमहल के निर्माण के बाद उसके सामने काले ताजमहल (Black Taj Mahal) का निर्माण करवाना चाहते थे। लेकिन उनके बेटे औरंगजेब ने उन्हें आगरा के किले में हाउस अरेस्ट करके रख दिया था। अगर ताजमहल के आधुनिक इतिहास की बात की जाए तो इसे 1983 में यूनेस्को ने विश्व विरासत स्थल (world heritage site) के तौर पर चुना। साथ ही साथ इसे 2007 में दुनिया के सातवें अजूबे की उपाधि भी मिली।
ताजमहल के वास्तुकला का महत्व (Architectural value of the Taj Mahal)
अगर आर्किटेक्चर (architecture) की बात की जाए तो भारत में ताजमहल के जितना भव्य (grandeur) शायद ही कोई दूसरा ऐतिहासिक धरोहर होगा। अगर ताजमहल के नक्काशी के बारे में बात किया जाए तो इसमें पारसी इस्लामी और भारतीय वास्तुकला का मिला जुला प्रभाव देखने को मिलता है। ताजमहल को यमुना नदी के दक्षिणी तट पर बनवाया गया है। इसके निर्माण में सफेद संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है। जो इसकी सुंदरता (beauty) में चार चांद लगाते हैं।
ताजमहल की चारों मीनारें बाहर की तरफ झुकी हुईं हैं। इनको बनाते समय ही बाहर की तरफ झुका हुआ बनाया गया था। इसका कारण यह बताया जाता है कि अगर कभी भूकंप (earthquake) आने पर ये मीनारें गिरेंगे तो वह ताजमहल के मुख्य गुंबद को हानि नहीं पहुंचाएंगे। ताजमहल के आसपास चारबाग भी है। जो पानी के नलों से 4 भाग में बँट जाते हैं। इस बाग को इस तरह से बनाया गया है कि यह बाग ताजमहल की खूबसूरती को कई गुना ज्यादा बढ़ा देता है। हरे-भरे घास के मैदान चमकीले फूल और यहां का शांत माहौल पर्यटकों को जहां बैठकर आराम करने और फोटोग्राफी करने के लिए आकर्षित (Attracts) करते हैं।
ताजमहल को बनवाने में शाहजहाँ को 22 साल का समय लग गया। इसका निर्माण कार्य 1631 में शुरू हुआ था और 1653 में यह बनकर तैयार हुआ था। बताया जाता है कि ताजमहल के निर्माण में 20000 से भी ज्यादा मजदूरों को काम पर लगाया गया था। ताजमहल के आर्किटेक्चर में भारतीय, फारसी और इस्लामिक शैली की कारीगरी दिखने का कारण यह भी है कि ताजमहल के निर्माण के लिए जिन मजदूरों को चुना गया था। उनमें भारतीय मजदूरों के साथ-साथ कुछ तुर्की और फारसी मजदूर भी थे। इसलिए ही तीन अलग-अलग संस्कृतियों के मेल से यह शानदार(magnificent) मकबरा (tomb) बनकर तैयार हुआ।
ताजमहल से जुड़ी कुछ अनकही बातें (Untold things about Taj Mahal)
जब आप ताजमहल में एंटर करेंगे तो आपको वहां दो कब्र दिखेंगे। पर्यटकों को लगता है कि यह शाहजहाँ और मुमताज का असली कब्र है। लेकिन ऐसा नहीं है। शाहजहाँ और मुमताज का असली कब्र मुख्य गुंबद के नीचे है। जहां तक जाने के लिए नीचे की ओर सीढ़ियां बनाई गईं हैं। जो आम दिनों में हमेशा बंद रहते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि यह कब्र वाला कमरा हमेशा ही बंद रहता है। हर साल उर्स (Urs festival) के मौके पर पर्यटकों के लिए उस कमरे को खोला जाता है। तब आप वहां जाकर असली कब्र को देख सकते हैं।
ताजमहल के 22 बंद कमरों में दफन हैं कई राज (Secrets buried in the 22 locked rooms of Taj Mahal)
ताजमहल के नीचे कुल 22 कमरे हैं। जिन्हें सामान पर्यटकों के लिए खोला नहीं जाता है। यह कमरे बंद रहने के कारण से पर्यटकों के बीच उत्सुकता का कारण बनते हैं। यहां आने वाले लोगों को इन कमरों में छिपे रहस्यों (mysteries) को जानने में काफी दिलचस्पी (interest) होती है।
बताया जाता है कि इन कमरों को समय-समय पर साफ सफाई के लिए खोला जाता है। वैसे तो इन कमरों के ऊपर कई बार काफी विवाद हुआ है और इसे संप्रदायिकता (secularism) से भी जोड़ा गया है, लेकिन अगर रिसर्च की माने तो ताजमहल के नीचे के कमरे ताजमहल से लेकर नदी तक एक लाइन में बनाए गए हैं। जिनमें कुछ अंडर ग्राउंड (Under Ground) कमरे भी हैं। ये कमरें मुगल काल के स्थापत्य कला के प्रमुख (prominent) उदाहरण हैं। बताया जाता है कि पाकिस्तान के लाहौर में भी एक महल से नदी तक लगातार लाइन में कमरे बनाए गए थे।
शोधकर्ताओं (researchers) का मानना है कि इस तरह से बनाए गए कमरों का इस्तेमाल एक हवादार कमरे की तरह होता था। ताजमहल के नीचे के कमरों में भी बेहतरीन नक्काशी की गई है। यहां की खिड़कियों के जालियों पर काफी महीन नक्काशी उकेरी गई है। जो मुगल काल के वास्तुकला का एक नायाब नमूना है।
सोलो ट्रिप का मतलब होता है कुछ दिन के लिए अपने काम से दूर और अपनों से दूर होकर खुद के साथ समय बिताना और अगर सोलो ट्रिप किसी महिला का हो तो यह और भी ज्यादा स्पेशल हो जाता है। क्योंकि यह उन्हें आजादी का एहसास दिलाता है कि वह भी अकेले कहीं जा सकती हैं और बेफिक्र होकर घूम सकती हैं। यहीं असल खुशी (happiness) है। अब अगर महिलाओं को कहीं जाने की इच्छा होती है तो, उन्हें किसी से पूछने की और किसी को साथ ले जाने की जरूरत नहीं होती। वह खुद ही अपना ट्रिप प्लान भी करती हैं और कहीं घूमने भी जाती हैं। अगर आप भी ऐसे ही अकेले कहीं घूमने का प्लानिंग कर रही हैं तो आइए हम आपको इस ब्लॉग में बताते हैं आपके लिए उन सबसे बेस्ट जगहों के बारे में, जहां आप जाकर ना सिर्फ अपनी आजादी (independence) को महसूस कर सकती हैं, बल्कि साथ ही साथ आपको सामान्य तौर पर किसी भी तरह का खतरा भी नहीं होगा।
GOA :
महिलाओं के लिए फ्रीडम महसूस करने के लिए सबसे बेस्ट जगह है, गोवा। जब आप गोवा के किसी बीच पर खड़े होकर दूर फैले समुंदर को देखेंगे और अपने चेहरे पर आ रही हवा की झोंकों को महसूस करेंगी तो आपको अपने आप ही हर बंधन से आजादी महसूस होगी। हर तरह के तनाव और थकान पल भर में गायब हो जाएंगे। गोवा है ही ऐसी जगह, जहां आकर समुद्र की लहरों के साथ खुद को महसूस किया जा सकता है। महिलाओं के सोलो ट्रिप के लिए तो यह जगह सबसे बेस्ट है। ऐसा मैं नहीं कह रही, यह तो पिछले कुछ सालों के रिकॉर्ड कह रहे हैं। पिछले कई सालों में महिलाओं का गोवा की ओर रुझान काफी बढ़ा है।
आइए जानते हैं गोवा की कुछ मशहूर घूमने लायक जगहों के बारे में (places to visit in Goa) :-
कलंगुट बीच :- अगर गोवा के बीचों के बारे में बात की जाए तो सबसे पहले आता है – कलंगुट बीच। जिसे समुद्रों की रानी के नाम से भी जाना जाता है। यह गोवा के सबसे खूबसूरत बीचों में से एक है। लेकिन यह ध्यान देने वाली बात यह होती है कि यहां समुद्र की लहरें बहुत ही तेज होती हैं। गोवा का यह कलंगुट बीच लगभग 4 मील तक फैला हुआ है।
बागा बीच :- कलंगुट बीच के बगल में बागा बीच जहां कलंगुट बीच की सीमा खत्म होती है, वहां से बागा बीच की सीमा शुरू होती है। बागा बीच पर आप सुबह से शाम तक इंजॉय कर सकती हैं। यहां जैसे ही सनसेट होता है, चारों ओर पार्टी का माहौल बन जाता है। अगर आपको बीच पार्टी पसंद है तो आपके लिए सबसे बेस्ट डेस्टिनेशन हो सकता है।
बागा बीच और कलंगुट बीच के अलावा गोवा में बटरफ्लाई बीच और पालोलम बीच भी है। यह भी पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं। बीजों के अलावा इस शहर में दूधसागर वॉटरफॉल, बॉम जीसस बेसिलिका, चोराव द्वीप, अगवाड़ा किला, सैटरडे नाइट मार्केट, मंगेशी मंदिर, नेवेल एवियशन म्यूजियम, टीटू नाइटक्लब, मार्टिन कॉर्नर आदि भी हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
गोवा कैसे जाएं? (How to visit Goa) :-
गोवा आने के लिए आप गोवा एयरपोर्ट का रुख कर सकते हैं। या फिर आप सड़क मार्ग से भी गोवा आसानी से जा सकते हैं। अगर बात किया जाए दिल्ली से गोवा के फ्लाइट के खर्च की तो आपको कम से कम करीब 5000 तक का खर्च आएगा। आप ट्रेन से भी गोवा जा सकती हैं। इसके अलावा सड़क मार्ग से भी गोवा जाया जा सकता है।
Shimla :
अपने आप को नेचुरल रिट्रीट(natural retreat) देने का सबसे बेहतरीन तरीका है पहाड़ों की सैर पर निकल जाना। अब पहाड़ों की बात हो और शिमला का नाम ना आए ऐसा हो नहीं सकता। शोर-शराबे से दूर और प्रकृति के नजदीक स्थित इस शहर की ओर लोगों का काफी रुझान होता है। चारों ओर दिखने वाली बर्फ से ढकी सफेद पहाड़ियां और हरे-भरे देवदार के पेड़ किसी का भी मन मोह लेने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।
शिमला में घूमने के बेहतरीन जगह (best places to visit Shimla) :
यह जगह सिर्फ सीनरी(scenery) के लिए नहीं बल्कि शॉपिंग के लिए भी प्रसिद्ध है। शिमला स्थित माल रोड शॉपिंग के लिए एक बेहतरीन जगह है। यहां आपको खान-पान से लेकर पुरानी एंटिक चीजों तक का एक बड़ा कलेक्शन देखने को मिल जाएगा। यहां शिमला के पारंपरिक परिधान भी खरीद सकते हैं। शिमला में एक और फेमस जगह है वह जाखू हिल्स। इस जगह पर हनुमान जी का एक बड़ा मंदिर है। साथ हीं एक बहुत बड़ी मूर्ति भी है, जो काफी दूर से हीं दिख जाती है। इस मंदिर की खासियत है यहां आपको सैकड़ों दर्जनों लंगूर और बंदर खेलते हुए मिल जाएंगे। चारों ओर हरियाली से घिरा यह मंदिर उन लंगूरों और बंदरों के लिए घर की तरह है।
शिमला कैसे आए? (How to reach shimla?) :
शिमला की दिल्ली से दूरी लगभग 340 किलोमीटर है और यहां आप बाय रोड, ट्रेन और फ्लाइट तीनों ही रास्तों से जा सकते हैं। अगर आप टैक्सी(taxi) से शिमला जाना चाहते हैं तो आपको ₹5500 से ₹6000 तक का खर्च आता है। वहीं अगर आप ट्रेन से शिमला जाते हैं तो ₹700 से ₹800 में आपको टिकट मिल जाएगी। अगर आप फ्लाइट से शिमला जाते हैं तो इकोनामी क्लास के फ्लाइट की टिकट्स ₹2900 से शुरू हो जाते हैं।
Mussoorie
खूबसूरत पहाड़ियों के बीच से अगर आप सनराइज सनसेट देखना चाहती हैं तो, इसके लिए मसूरी के गन हिल पॉइंट (gun hill point) और लाल टिब्बा पॉइंट(lal tibba point) से बेहतर कोई जगह नहीं हो सकता। लाल टिब्बा पॉइंट पर अपनों के साथ बैठकर सन सेट को देखना, अपने आप में ही एक अविस्मरणीय दृश्य होता है। वैसे तो यह जगह कपल्स के लिए बेस्ट माना जाता है लेकिन यहां सोलो ट्रिप के लिए भी जाया जा सकता है। मसूरी पहाड़ों झरनों और हरियाली के प्राकृतिक सौंदर्य का एक अद्भुत संगम है।
मसूरी में घूमने की जगह (Best places to visit in Mussoorie) :
अगर आपको वॉटरफॉल (water fall) में ज्यादा इंटरेस्ट है तो, आप यहां के केंपटी फॉल्स(campty falls) का रुख कर सकते हैं। इस शहर में पहाड़ों के बीच एक ज्वाला जी मंदिर भी है, जो अक्सर पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है।
मसूरी में आप कई तरह के एडवेंचरस एक्टिविटीज कर सकते हैं। जिनमें कुछ एडवेंचरस एक्टिविटीज की डिटेल नीचे दी गई है। स्काईवॉक : यहां आप 120 फुट की ऊंचाई पर स्काईवॉक कर सकते हैं। जिसका खर्च आपको ₹300 पर पर्सन के हिसाब से आएगा। मसूरी में स्काईवॉक करने का समय सुबह 9:00 से श्याम 6:00 तक का होता है। रिवर राफ्टिंग : यहां आफ रिवर राफ्टिंग का भी लुफ्त उठा सकते हैं, जो बारकोट से लखामंडल तक का एक ट्रिप होता है। यहां रिवर राफ्टिंग का टाइमिंग सुबह 10:00 से दोपहर 3:00 तक का होता है और इसका प्राइस आपके द्वारा तय की गई दूरी पर डिपेंड करता है।
रैपलिंग : मसूरी पहाड़ों का शहर है इसलिए आप यहां रैपलिंग भी कर सकते हैं। जिसका प्राइस आपको ₹1000 तक का आएगा। रैपलिंग करने का समय सुबह 8:00 से दोपहर 2:00 बजे तक का होता है।
रैपलिंग के अलावा आप यहां रॉक क्लाइंबिंग कैंपिंग ट्रैकिंग आदि भी कर सकते हैं। अगर आप मसूरी को अच्छे से घूमना चाहते हैं तो, आप को कम से कम 3 दिन का समय निकालकर यहां आना होगा।
मसूरी कैसे आए ? (How to reach mussoorie?) :
दिल्ली से मसूरी तक की दूरी तकरीबन 274 किलोमीटर है। मसूरी से सबसे नजदीक एयरपोर्ट भुंटर एयरपोर्ट है। न्यू दिल्ली से भुंटर एयरपोर्ट जाने के लिए आपको ₹3500 से फ्लाइट टिकट मिलने स्टार्ट हो जाते हैं। आप वाया रोड और वाया ट्रेन में मसूरी जा सकते हैं। ट्रेन के लिए आपको ₹250 से ₹1500 तक का खर्च आएगा। वहीं बाय रोड टैक्सी से जाने के लिए आपको 4000 से 5000 तक का खर्च आ सकता है।
जैसलमेर (jaisalmer) :
अगर आपको सोने जैसा रेत (Golden sand) वाला रेगिस्तान (desert), शानदार किले, पुरानी हवेलियां और राजसी ठाट बाट की झलक देखनी हो तो राजस्थान के जैसलमेर से बेहतरीन कोई दूसरा जगह नहीं हो सकता है। जैसलमेर किलों से तो भरा हुआ है हीं, यहां के बाजार में बेहतरीन राजस्थानी ज्वेलरी और राजस्थानी ब्लॉक प्रिंट (Block printing) के कपड़े भी मिल जाते हैं, जो शॉपिंग को पसंद करने वाली महिलाओं का ध्यान अपनी और आकर्षित करते हैं। आज के समय में महिलाओं के लिए जैसलमेर काफी पसंदीदा जगह बनता जा रहा है। अगर आप भी भारतीय संस्कृति को करीब से देखना चाहती हैं तो जैसलमेर आपके लिए एक अच्छा डेस्टिनेशन ऑप्शन हो सकता है।
जैसलमेर में घूमने लायक जगह :
गोल्डन फोर्ट (Golden Fort) :
यह किला दिन के समय में सूरज की रोशनी में बहुत ज्यादा चमकता है। इसलिए इसे सोनार किला के नाम से भी जाना जाता है। यह किला काफी बड़ा है और देखने में बहुत खूबसूरत है। इसे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ रेगिस्तानी किलों में से एक माना जाता है। सुबह के समय जब सूरज की पहली किरण इस पर पड़ती है तो यह किला सुनहरे रंग में चमक उठता है। इस किले को पीले रेत के पत्थरों (yellow sandstone) से जोड़कर बनाया गया है और इस किले को राजा रावल जैसल ने बनवाया था।
पटवों की हवेली :
अगर जैसलमेर के सबसे खूबसूरत नक्काशी दार हवेली की बात की जाए तो पटवों की हवेली का नाम सबसे पहले लिया जाता है। इस हवेली को गुमान चंद पटवा ने बनवाया था। इस को बनाने में 50 साल का समय लगा था। दरअसल यह घर 5 हवेलियों का समूह है। जिसे गुमान चंद ने अपने पांच बेटों के लिए बनवाया था। लेकिन इस हवेली तक पहुंचने के लिए आपको संकरी गली से गुजरना होगा। यह हवेली शहर के मुख्य रोड (Main road) पर स्थित नहीं है।
बड़ी झील :
राजस्थान में झील या यूं कहें कि रेगिस्तान में झील,,,,, सुनकर थोड़ा अटपटा लगा ना? लेकिन यह सच है! राजस्थान के जैसलमेर में झील भी है। यह झील जैसलमेर के किले से मात्र 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसे गड़ी सागर झील भी कहा जाता है। इसे लेक गार्सीयर के नाम से भी जाना जाता है। यह झील सैलानियों के बीच काफी प्रसिद्ध है। इस झील तक जाने के लिए एक शाही विशाल द्वार से रास्ता जाता है। जो फोटोग्राफी (photography) का मुख्य केंद्र बनता है।
बड़ा बाग स्मारक
जैसलमेर से लगभग 6 कि. मी. दूर चलने पर हम बड़ा बाग़ पहुंचे। दरअसल बड़ा बाग़ एक खूबसूरत पार्क है जो भाटी राजाओं की याद में बनाया गया है। यहाँ जैसलमेर के राजाओं की कब्रें मौजूद हैं, वो छतरियों की शेप में बनाई गयी हैं। छतरियों की अद्भुत कलाकृति एक बार तो आपको अचंभित कर सकती है।
इसके अलावा इस शहर में कुलधारा हांटेड विलेज (haunted village) भी है। जिस गांव के उजड़ने के पीछे कई तरह की भूतिया कहानी बताई जाती हैं। अगर आप हांटेड प्लेस जाने में रुचि रखते हैं तो, आप यहां का रूख कर सकते हैं।
यहां घूमने जाने का सबसे बेस्ट समय :
वैसे तो साल भर यहां पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। लेकिन फिर भी अक्टूबर से मार्च का महीना यहां आने के लिए सबसे अच्छा रहता है। क्योंकि देखा जाए तो राजस्थान में साल भर गर्मी ही रहती है। जब आप कहीं भी घूमने जाए तो किस दिन कहां जाएं? क्या दिख रहा है? सब का शेड्यूल पहले ही बना लें। इसका फायदा यह होता है कि आप बिना किसी फालतू के आपाधापी के आराम से घूम पाएंगी। जैसलमेर घूमने के लिए आपको कम से कम 3 दिनों के ट्रिप का शेड्यूल बनाना होगा।
जैसलमेर कैसे जाएं (How to visit Jaisalmer) :
अगर आप जैसलमेर हवाई रास्ते से जाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको जोधपुर हवाई अड्डा तक का टिकट बुक करना होगा। अगर आप ट्रेन या बस के माध्यम से जैसलमेर जाना चाहते हैं तो जैसलमेर रेलवे स्टेशन भारत के अन्य राज्यों से अच्छी तरीके से जुड़ा हुआ है। बस की सुविधा के लिए आपको परेशानी आ सकती है। लेकिन आप अपनी गाड़ी से भी जैसलमेर आ सकती हैं।
जयपुर (Jaipur) :
जयपुर का नाम सुनते ही सबसे पहला ख्याल आता है गुलाबी शहर (pink city) पिछले कई वर्षों से जयपुर महिला सैलानियों (women visitors) के लिए एक पसंदीदा जलन की तरह उभरा है जहां ना सिर्फ भारत के दूसरे कोनों से बल्कि पूरी दुनिया से लोग घूमने आते हैं। जयपुर का नाम आते ही मन गुलाबी हो उठता है। चाहे दिन का समय हो या रात का, इस नगर का प्रकाश और मन स्थिर नहीं है। चारों और अरावली के पहाड़ों से घिरे, चौड़े और स्पष्ट सुथरी घूमते और अपने संकेत और सैकड़ों साल पुराने बाज़ारों के कारण यह शहर किसी भी पर्यटक के मन को खुश करने में पूरी तरह सक्षम है।
जयपुर में घूमने के बेहतरीन जगह (best places to visit in Jaipur) :
जल महल जयपुर (Jaipur jal Mahal) :
पिंक सिटी जयपुर की ‘मानसागर’ झील के बीचों बीच बना ‘जलमहल’ अद्वितीय सौन्दर्य और अद्भुत स्थापत्यकला का बेजोड़ उदाहरण है। इस महल का निर्माण आज से लगभग 300 साल पहले आमेर के महाराज सवाई मानसिंह ने सन् 1799 में किया था। सैर सपाटे और घूमने के साथ-साथ यह क्षेत्र अब लोगों के लिए आय का साधन भी बन गया है। यहां पर आपको राजस्थानी मोजड़ी, राजस्थानी जूती, हैंड बैग, होम डेकोरेटिव आइटम्स, ज्वैलरी और अलग-अलग क्लॉथ्स, मैग्नेटोनेट और कई डेली यूज के सामान मिलते हैं, इसी के साथ आपको यहां खाने-पीने के कई सारे आइटम भी मिलेंगे।
मसाला चौक (Masala chauk) :
भोजन-पीने के मामले में देखें तो पिंक सिटी जयपुर वास्तव में एक ऐसा शहर है जो कि बहुत प्रसिद्ध (famous) है यहां के बेहद लजीज ब्रेक के कारण, यहां के प्रसिद्ध व्यंजन, तरह-तरह की शैली और तरह-तरह की चीजों से बने हुए हैं। इस रॉयल सिटी (Royal city) के लोग खाने के बहुत ही शौकीन माने जाते हैं और यह सिटी फूड लवर्स (food lovers) के लिए विशेष मायने रखता है। अगर बात खाने से जुड़ी हो तो जयपुर की खूबसूरत जगहों में से एक जगह है मसाला चौक जो कि खाने को लेकर अपनी वैरायटी (variety) के लिए और अपनी खूबियों के लिए बहुत ही मशहूर है।
हवा महल जयपुर (Jaipur Hawa Mahal) :
यूं तो जयपुर में बहुत से पर्यटन स्थल (historical places) हैं, लेकिन हवा महल की बात हीं कुछ और है। इस महल का इतिहास, इसकी वास्तुकला, और यहां की शांति पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है। इसके हल्की गुलाबी रंग की बालकनी और जालीदार खिड़कियां आप का मन मोह लेंगे। अगर इसके वास्तुकला की बात की जाए तो, इसमें मुगल और राजपूतानी वास्तुकला का मिश्रण देखने को मिलता है। अगर आप जयपुर आती हैं तो आप यहां खड़े होकर पूरे सिटी का एक बेहतरीन व्यू (view) देख सकती हैं।
जयपुर कैसे जाएं? (How to visit Jaipur) :
जयपुर जाने के लिए आप डायरेक्ट जयपुर एयरपोर्ट (Airport) का टिकट (tickets) ले सकते हैं। अगर आप सड़क या रेल मार्ग से जयपुर आना चाहते हैं तो इसके लिए भी साधन मौजूद हैं। जयपुर हर मार्ग से देश के अन्य शहरों से भलीभांति जुड़ा हुआ है। आप आसानी से ट्रेन या बस से भी जयपुर आ सकते हैं।