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दुनिया की सबसे बड़ी रथ यात्रा-पुरी रथ यात्रा 2025 – तारीख, इतिहास

क्या आप जानते हैं दुनिया की सबसे बड़ी रथ यात्रा ओडिशा के पुरी शहर में होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा मानी जाती है। दरअसल रथ यात्रा (Rath Yatra) एक प्रमुख हिंदू पर्व है, जो विशेष रूप से उड़ीसा राज्य के पुरी शहर में भगवान जगन्नाथ के मंदिर से जुड़ी हुई है। यह यात्रा धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।(पुरी रथ यात्रा 2025) चलिए इसे विस्तार से समझते हैं:

पुरी रथ यात्रा 2025

रथ यात्रा क्या है ? रथ यात्रा का अर्थ होता है “रथ पर यात्रा”। इसमें भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को विशाल रथों पर बैठाकर पुरी (उड़ीसा) के श्री जगन्नाथ मंदिर से निकट स्थित गुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है। यह यात्रा हर वर्ष आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि (जून-जुलाई) को होती है।

रथ यात्रा की पौराणिक कथा

पौराणिक मान्यता के अनुसार: भगवान जगन्नाथ (श्रीकृष्ण) अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ मातृ स्थान (गुंडिचा मंदिर) जाने की इच्छा व्यक्त करते हैं। यह यात्रा प्रतीक है उस समय की जब श्रीकृष्ण अपनी बहन सुभद्रा के साथ मथुरा से द्वारका लौटे थे। इसे भक्ति आंदोलन और वैष्णव परंपरा से भी जोड़ा जाता है।

पुरी रथ यात्रा 2025

 पुरी की रथ यात्रा का आयोजन

मुख्य चरण:

  1. स्नान यात्रा (Snana Yatra): यात्रा से पहले भगवानों की भव्य स्नान क्रिया होती है।
  2. आनसरा (Anasara): स्नान के बाद भगवान 15 दिन तक विश्राम करते हैं और सार्वजनिक दर्शन नहीं देते।
  3. रथ यात्रा (Rath Yatra): भगवान विशाल रथों पर बैठकर मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक जाते हैं।
  4. गुंडिचा यात्रा: भगवान 7 दिन वहां रुकते हैं।
  5. बहुड़ा यात्रा (Return Yatra): भगवान लौटकर जगन्नाथ मंदिर वापस आते हैं।
  6. सुनाबेसा (Suna Besha): लौटते समय भगवान को स्वर्ण आभूषणों से सजाया जाता है।

रथ विवरण

देवतारथ का नामपहियों की संख्याऊँचाईरंग
बलभद्रतालध्वज14~43 फीटलाल-नीला
सुभद्रापद्मध्वज12~42 फीटकाला
जगन्नाथनन्दिघोष16~45 फीटलाल-पीला

महत्व और विशेषताएं

  • यह दुनिया की सबसे बड़ी रथ यात्रा मानी जाती है।
  • इसमें लाखों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं, और रथ खींचने को बहुत पुण्य का कार्य माना जाता है।
  • यह परंपरा 11वीं शताब्दी से लगातार चली आ रही है।
  • इसे “चलंत देवता” की उपासना का पर्व भी कहते हैं।
  • रथ यात्रा – अहम तिथियाँ 2025
कार्यक्रमतिथि
स्नान यात्रा (Snana Purnima)11 जून 2025
अनावासर अवधि13 – 26 जून 2025
नयत्रोत्सव (Netrotsava)26 जून 2025
मुख्य रथ यात्रा (Rath Yatra)27 जून 2025
हेड़ा पंचमी1 जुलाई 2025
बहुड़ा यात्रा (Bahuda Yatra)5 जुलाई 2025
सुनाबेशा6 जुलाई 2025
अधरापान7 जुलाई 2025
नीलाद्रि बिजय8 जुलाई 2025

पूरी यात्रा 27 जून से 5 जुलाई 2025 तक चलेगी, जिसमें भगवान वापस आएंगे और नीलाद्रि बिजय के दिन समाप्त होगी

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