“थोड़ी भूख लगी है” ये बात हम दिन में न जाने कितनी बार सोचते और बोल भी देते हैं। काम के बीच, बच्चों के स्कूल से लौटने पर, या शाम की चाय के साथ कुछ चटपटा खाने की इच्छा होना बेहद आम है। लेकिन अक्सर इस बीच के खाने को हम हल्के में ले लेते हैं और यहीे हमारे असंतुलित आहार (Unhealthy eating) का सबसे बड़ा कारण बन जाता है। आज की तेज़-रफ़्तार वाली ज़िंदगी में हेल्दी स्नैकिंग की अहमियत पहले से कहीं ज़्यादा बढ़ गई है।
यह सिर्फ वजन को नियंत्रित रखने के लिए नहीं, बल्कि पूरे दिन की ऊर्जा, एकाग्रता (concentration) और मेटाबॉलिज़्म (metabolism) को बनाए रखने के लिए भी ज़रूरी है।
हेल्दी स्नैकिंग है क्या और क्यों है ज़रूरी?

हेल्दी स्नैकिंग का मतलब है ऐसे छोटे-छोटे आहार, जो मुख्य आहार के बीच लिए जाते हैं और जो न केवल भूख शांत करें, बल्कि शरीर को सही ऊर्जा और पोषक तत्व भी दें। क्योंकि ऐसी छोटी भूख को मिटाने के लिए कुछ भी खा लेना तो सही नहीं है।
इसके कई फायदे हैं:
दिनभर एनर्जी बनाए रखना।
ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखना।
ओवरईटिंग से बचाव।
मेटाबॉलिज्म को तेज़ करना।
ध्यान और फोकस में सुधार करना।
नए दौर की नई समस्या: जब स्नैक बन जाता है जंक
आज बाज़ार में मौजूद ज़्यादातर स्नैक्स में अधिक नमक, चीनी, ट्रांस फैट और प्रिज़र्वेटिव्स (artificial preservatives) का ज़हर छिपा होता है। चाहे चिप्स हो, नमकीन हो, बिस्कुट या डिब्बाबंद जूस। इनमें स्वाद तो होता है, लेकिन पोषण नहीं। और यही आदतें आगे चलकर वजन बढ़ने, थकान, मधुमेह, और हृदय रोग जैसी समस्याओं को जन्म देती हैं।
हेल्दी स्नैकिंग के 10 स्वादिष्ट और पोषक विकल्प
- भुना हुआ चना– सस्ता, सुलभ और प्रोटीन से भरपूर
- मखाना- लो कैलोरी, हाई फाइबर और हृदय के लिए फायदेमंद
- दही के साथ फ्रूट बाउल- पाचन में सहायक और पेट भरने वाला
- चिवड़ा या ओट्स- कम तेल में बना और भरपूर एनर्जी देने वाला
- अंकुरित सलाद– प्रोटीन और फाइबर का शक्तिशाली मिश्रण
- सादा पॉपकॉर्न (बिना बटर)– लो फैट और हाई फाइबर स्नैक
- ड्राई फ्रूट्स की सीमित मात्रा – एनर्जी बूस्टर और एंटीऑक्सीडेंट (antioxidants) का भंडार
- पीनट बटर के साथ ब्राउन ब्रेड (Multi-grain)- बच्चों के लिए टेस्टी ट्रीट
- हर्बल चाय- डिटॉक्स करने के साथ दिल को आराम देने वाली
- साबुत अनाज से बने एनर्जी बार- एक मॉडर्न किस्म का विकल्प, बाहर भी ले जाए जा सकते हैं।

हेल्दी स्नैकिंग का सही समय और आदतें
सुबह के नाश्ते और दोपहर के खाने के बीच
शाम को ऑफिस/स्टडी ब्रेक के समय
वर्कआउट के कुछ देर पहले या बाद में हल्के स्नैक्स
देर रात अगर भूख लगे तो फल या हर्बल ड्रिंक
कुछ आसान लेकिन ज़रूरी टिप्स
स्नैक्स की प्लानिंग हफ्ते भर के लिए कर सकते हैं।
तेल और चीनी की मात्रा का ध्यान रखें।
डिब्बाबन्द सामग्री के लेबल ज़रूर पढ़ें।
भूख और आदत में फर्क समझें।
भरपूर पानी पिएं– कई बार प्यास को भी भूख समझ लिया है।
हेल्दी स्नैकिंग: एक ज़रूरी आदत, न कि मजबूरी
हेल्दी खाना अक्सर लोगों को बोरिंग लगता है। लेकिन यह भी सच है कि अगर थोड़ी सी प्लानिंग और कोशिश की जाए, तो हेल्दी स्नैक्स भी मज़ेदार हो जाएं। जब आप दिनभर हल्का और ऊर्जावान महसूस करते हैं, तो एहसास होता है कि सही खाना सिर्फ शरीर नहीं, मस्तिष्क को भी स्वस्थ बनाता है।
आज जब बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी स्क्रीन के सामने बैठे रहने जैसी आदतों और अनियमित जीवनशैली से जूझ रहे हैं, ऐसे में स्मार्ट और हेल्दी स्नैकिंग इस तरफ एक छोटा लेकिन प्रभावशाली कदम हो सकता है।
हेल्दी स्नैकिंग कोई डाइट ट्रेंड नहीं, बल्कि सजग जीवनशैली का ज़रिया है। यह हमें सिखाती है कि हम अपने शरीर को किस तरह से ठीक रख सकते हैं। न भूखा रखें, न ज़्यादा ही भर लें.. बल्कि संतुलित रूप से पोषण दें। तो, अगली बार जब “थोड़ी भूख” लगे, तो बस इतना सोचिए – “क्या ये वाक़ई भूख है और है तो किस तरह?”और इस सवाल का जवाब खुद को एक हेल्दी स्नैकिंग के साथ दें। क्योंकि वो कहते हैं ना..
जैसा अन्न वैसा मन..