“कुछ शहर खूबसूरत होते हैं और कुछ सुन्दर बनने की चाहत रखते हैं। लेकिन राजस्थान का जयपुर शहर तो शायद सुंदरता के लिए बनाया गया है जिसका नाम जेहन में आते ही मन गुलाबी हो उठता है। चाहे दिन का समय हो या रात का, इस शहर की चमक और बनावट मन से उतरती ही नहीं। चारों और अरावली की पहाडयों से घिरा, चौड़ी और साफ़ सुथरी सड़कों और अपने चमकीले और सैकड़ों साल पुराने बाज़ारों के कारण यह शहर किसी भी पर्यटक के मन को खुश करने में पूरी तरह सक्षम हैं।”
इस शहर में बने बेहतरीन ऐतिहासिक इमारतें (Historical sites in Jaipur) जयपुर के कल्चरल हेरीटेज (Cultural heritage of Jaipur) को खुद में समेटे हुए हैं। शायद इसीलिए तो यूनेस्को ने इस पुरे शहर को ही वर्ल्ड हेरिटेज साइट (word heritage site) के सूची में शामिल कर लिया।
1. आमेर का किला (Amer fort):
कहा जाता है कि इस शहर को वेल्स के राजकुमार (prince of wales) के स्वागत की खुशी में गुलाबी रंग से रंगा गया था और तभी से इसे गुलाबी शहर (pink city) के नाम से जाना जाता है। जयपुर शहर का नाम आते ही यहाँ के बड़े-बड़े और भव्य किले दिलोदिमाग में तैरने लगते हैं। और इन्हीं किलों में निसंदेह सबसे पहले जिस किले की छवि उभरती है वो है खूबसूरत आमेर का किला। राजस्थान के जयपुर शहर को और ज्यादा खूबसूरत बना देने वाला ये आमेर का किला, अम्बर किला के नाम से भी जाना जाता है। ये किला ना केवल जयपुर शहर बल्कि पूरे राजस्थान के शानदार पर्यटन (jaipur tourist attraction) स्थलों में से एक है। आमेर का किला इतना प्रसिद्ध है कि यहाँ पर हर रोज छह हजार से भी अधिक लोग घूमने के लिए आते हैं। यह किला राज्य की राजधानी जयपुर से 11 किलोमीटर की दूरी पर है।
आमेर कैसे पहुंचे? (How to reach Amer):
इस किले तक पहुंचने के लिए जयपुर से बस, ऑटो-रिक्शा, टैक्सी या कैब ली जा सकती है। आप अजमेरी गेट और एमआई रोड से आमेर शहर के लिए रोडवेज या प्राइवेट बसों से भी जा सकते हैं। आमेर का किला एक पहाड़ी पर है, इसलिए किले का दीदार करने के लिए आपको किले के थोड़ी दूर पहले से ही या तो पैदल चलना होगा या फिर आप टैक्सी या जीप से भी किले के मुख्य द्वार तक पहुँच सकते हैं। या फिर आप अपनी पर्सनल गाड़ी से भी यहां जा सकते हैं। किले के मुख्य द्वार के पास थोड़ी सपाट चढ़ाई है, इसलिए अगर आप एक्सपर्ट ड्राइवर हैं तो ही अपनी पर्सनल गाड़ी से किले तक जाने का रिस्क लें। अगर आप सीजन के दौरान यहां जा रहे हैं, तो खुद की गाड़ी से जाने से बचना ही बेहतर होगा, क्योंकि ट्रैफिक जाम आपके लिए सिरदर्द साबित हो सकता है। हालांकि ऐसा सीजनल टाइम में ही ज्यादा होता है।
2. जल महल (Jal mahal) :
जयपुर स्थित जलमहल एक पाँच मंज़िला इमारत है, जिसकी 4 मंज़िल पानी के भीतर बनी हैं और एक पानी के ऊपर नज़र आती है। उस समय के राजा इस महल का उपयोग अपने मनोरंजन के लिए करते थे।
जलमहल का इतिहास (History of Jal mahal) :
पिंक सिटी जयपुर की ‘मानसागर’ झील के बीचों बीच बना ‘जलमहल’ अनोखे सौन्दर्य और अद्भुत स्थापत्यकला का बेजोड़ उदाहरण है। इस महल का निर्माण आज से लगभग 300 साल पहले आमेर के महाराज सवाई मानसिंह ने सन् 1799 में करवाया था। आपको बता दें यह पाँच मंज़िला इमारत और इस झील की सुंदरता उस समय के राजाओं के आकर्षण का केंद्र (centre of attraction) हुआ करती थी और राजा अक्सर नाव में बैठकर इस महल की सैर किया करते थे।
कैसे पहुंचे जलमहल (How to reach Jal mahal?)
झील के बीचोंबीच बना ये जलमहल राजस्थान के जयपुर जिले के आमेर मार्ग पर स्थित है, दिल्ली से लगभग 260 किलो मीटर और अजमेर से 146 किलो मीटर की दूरी पर बना ये महल पर्यटकों के आकर्षण (jaipur tourist attraction) का विशेष केंद्र है।
3. मसला चौक जयपुर (Masala Chauk Jaipur) :
जयपुर शहर सिर्फ अपने राजसी ठाठ-बाट (jaipur traditional culture) के लिए नहीं बल्कि खाने के लिए भी काफी मशहूर है। क्योंकि यहां के प्रसिद्ध व्यंजन(Famous Foods), तरह-तरह की स्टाइल और तरह-तरह की चीजों से बने हुए होते हैं। इस रॉयल सिटी के लोग खाने के बहुत ही शौकीन माने जाते हैं और यह शहर फूड लवर्स (Food Lovers) के लिए खास मायने रखता है। अगर बात खाने से संबंधित हो तो जयपुर की खूबसूरत जगहों में से एक जगह है मसाला चौक! जो कि खाने को लेकर अपनी वैरायटी के लिए और अपनी क्वालिटी के लिए बहुत ही नामी जगह है।
किसी भी शहर में बहुत सारी पसंदीदा चीजों का एक साथ एक जगह पर मिलना बहुत ही मुश्किल हो जाता हैं। लेकिन जयपुर का मसाला चौक एक ऐसी जगह है जहां आपको सभी लोकप्रिय व्यंजन और स्ट्रीट फूड एक ही जगह पर आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे।
जयपुर के मसाला चौक की शुरुआत जयपुर के सभी प्रसिद्ध स्ट्रीट फूड को सिर्फ एक जगह पर लाने के उद्देश्य से हुई। यह एक ओपन-एयर फूड कोर्ट (Open air food court) है जिसमें बैठने की अच्छी व्यवस्था है, जिसने इसे उन सभी लोगों के लिए एक टॉप हैंगआउट डेस्टिनेशन बना दिया है जो स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेना पसंद करते हैं।
मसाला चौक तक कैसे पहुंचे? (How to reach masala chauk?)
- मसाला चौक का पता लगाना बहुत आसान है। यह बहुत प्रसिद्ध स्मारक, अल्बर्ट हॉल म्यूजियम के ठीक पीछे राम निवास बाग में स्थित है।
- जयपुर के इस मशहूर हैंगआउट का समय सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक है। भीड़ से बचने के लिए मसाला चौक जाने का सबसे अच्छा समय दिन के समय या शाम को होता है।
- प्रवेश शुल्क(entry fee) : मसाला चौक के लिए प्रति व्यक्ति प्रवेश शुल्क के रूप में 10 रुपये लिए जाते हैं।
- मसाला चौक मेन्यू (masala chauk menu) : यहां कुल 21 स्टॉल है, जो शहर के चारों ओर सबसे अच्छा स्ट्रीट फूड परोसते हैं।
4. जंतर मंतर (jantar mantar) :
राजस्थान की राजधानी जयपुर में सवाई जय सिंह द्वारा बनवाया गया जंतर-मंतर यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज (UNESCO World Heritage Site) सूची में शामिल है। यहाँ पर मौजूद उपकरण और यंत्र बेहद पुराने होने के बावजूद भी आधुनिकता (Modernity) का प्रमाण देते हैं। इन बेहद पुराने उपकरणों से समय को मापा जाता है।
जंतर मंतर में स्थित यहाँ के उपकरण आपको एक पल के लिए बांध देने की क्षमता रखते हैं और जैसे ही आप इनकी बनावट देखोगे, इनकी खूबियां देखते ही रह जाओगे। यहाँ पर बहुत सारे उपकरण हैं जो आपको अलग-अलग ज्यामितीय आकारों (geometrical shapes) के दिखाई देंगे। यही वो उम्दा उपकरण हैं जो जयपुर के जंतर मंतर को दुनिया के बेहतरीन वेधशालाओं में से एक बनाते हैं।
आपने कभी सूर्य तो कभी चंद्र ग्रहण के बारे में अवश्य सुना होगा, इन यंत्रो से भविष्य में आने वाले ऐसे ग्रहण के विषय में पता लगाया जाता है। वैसे भी जयपुर स्थित जंतर-मंतर भारत के सबसे बेहतरीन वेधशालाओं (Research Centre) में से एक है।
“कहते हैं महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने जयपुर की वेधशाला का निर्माण करवाने से पहले विभिन्न देशों में अपने शांति दूत भेजे और वहां से खगोल शास्त्र पर उम्दा दर्जे की पांडुलिपियां मंगवाई, जिनसे उन्होंने खगोल विज्ञान को समझा।“
जंतर मंतर की टिकट (Ticket price of jantar mantar) :
जंतर-मंतर जयपुर में भारतीय एडल्ट्स के लिए टिकट की कीमत 50 रुपए है और भारतीय स्टूडेंट के लिए 15 रुपए है। वही दूसरी तरफ विदेशी पर्यटकों के लिए टिकट की कीमत ₹200 और फॉरेन स्टूडेंट के लिए 100 निर्धारित की गई है।
5. हवा महल जयपुर (Jaipur Hawa Mahal) :
यूं तो जयपुर में बहुत से पर्यटन स्थल (historical places) हैं, लेकिन हवा महल की बात हीं कुछ और है। इस महल का इतिहास (history), इसकी वास्तुकला(architecture), और यहां की शांति, पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है। इसके हल्की गुलाबी रंग की बालकनी और जालीदार खिड़कियां आप का मन मोह लेंगे। इन जालीदार खिड़कियों को झरोखा भी कहा जाता है। अगर इसके वास्तुकला की बात की जाए तो, इसमें मुगल और राजपूतानी वास्तुकला का मिश्रण देखने को मिलता है। अगर आप जयपुर आती हैं तो आप यहां खड़े होकर पूरे सिटी का एक बेहतरीन व्यू (best view of jaipur) देख सकती हैं।
हवा महल का इतिहास (history of Jaipur) :
जयपुर के राजसी शान के प्रतीक हवा महल को सन 1799 में सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था। हवा महल के वास्तुकार (architect) का नाम लालचंद उस्ताद था। इसके निर्माण में लाल एवं गुलाबी बलुआ पत्थर (red and pink sand stone) का इस्तेमाल किया गया है।
आपको यह बता दे कि हवा महल में कुल 953 खिड़कियां हैं। जिनके बारे में बताया जाता है कि, इन्हें राजस्थान की पर्दा प्रथा को ध्यान में रखते हुए बनवाया गया था। ताकि राजघराने की महिलाएं महल के नीचे शहर में होने वाली गतिविधियों और राजघराने के समारोहों (functions) को देख सकें।
6. जयगढ़ किला जयपुर (Jaigarh fort Jaipur) :
जयगढ़ का किला जयपुर में पहाड़ियों के बीच स्थित एक बेहतरीन और भव्य ऐतिहासिक इमारत है। जिसका निर्माण सवाई जयसिंह द्वितीय ने 1726 में करवाया था। बताया जाता है कि जयगढ़ के किले को आमेर के किले की सुरक्षा के लिए बनवाया गया था। और यह किला भूमिगत मार्गों से आमेर के किला से जुड़ा हुआ है। इस किला को विजय का किला भी कहा जाता है।
अद्भुत राजसी शान का है प्रतीक (symbol of royal legacy) :
इस किले की शान में चार चांद लगाता है यहां स्थित तोप जयवाना! यह पहाड़ियों पर चलने वाली दुनिया की सबसे बड़ी तोप है। जिसके पहिए बहुत हीं विशाल हैं। यह तो इस किले का मुख्य आकर्षण है। दूर दूर से लोग बस इस तोप को देखने के लिए यहां आते हैं।
इस किले में कई शस्त्रागार भी है।
यह किला लाल बलुआ पत्थर (Red sand stone) से बनवाया गया है और इस किले की वास्तुकला बेहद ही सुंदर और अनोखी है। किले के परिसर में संग्रहालय और उद्यान भी है। इस किले के आसपास दूर-दूर तक हरे भरे जंगल हैं, जोकि इस किले की खूबसूरती को और भी ज्यादा बढ़ा देते हैं।
7. बापू बाजार (Bapu Bazar) :
गुलाबी शहर जयपुर अपनी रॉयल् लुक और अद्भुत महलों, स्मारकों के लिए जाना जाता है। लेकिन, इसी के साथ यहां मिलने वाले ट्रेडिशनल आइटम्स इसे एक बेहतरीन शॉपिंग डेस्टिनेशन बना देते हैं। इस बात में कोई संदेह नहीं कि जयपुर में कई ऐसी बड़ी-बड़ी मार्केट हैं जहां आपको बहुत सारी अलग-अलग वेरायटीज की चीजें बहुत ही उचित दामों पर मिल जायेंगी।
जयपुर शहर के केंद्र में, सांगानेर गेट और गुलाबी शहर के नए गेट के बीच, बापू बाजार जूते से लेकर हैंडीक्राफ्ट्स (Handi crafts) तक, आर्टिफीसियल जूलरी (Artificial jewelry) से लेकर पीतल के काम और कीमती पत्थरों तक की खरीदारी के लिए एक बेहतरीन डेस्टिनेशन है, जहां आपको अपनी मनपसंद का हर एक सामान आसानी से मिल जाएगा।
बापू बाजार यहां मिलने वाली फेमस राजस्थानी आइटम्स (Rajsthani items) जैसे कलाकृतियों, हैंडीक्राफ्ट, परम्परागत कपड़े (Traditional dresses)और आर्टिफिशियल जूलरी के लिए देश भर में प्रसिद्ध है।
राजस्थान जिस चीज के लिए प्रसिद्ध है वह है इसकी जीवंतता और भव्यता। और अगर आप इसकी राजधानी जयपुर में घूमने के लिए आते हो तो आप बापू बाजार में शॉपिंग (shopping) करके अपनी ट्रिप को यादगार बना सकते हो।
जयपुर कैसे जाएं? (How to visit Jaipur) :
जयपुर जाने के लिए आप डायरेक्ट जयपुर एयरपोर्ट (Airport) का टिकट (tickets) ले सकते हैं। अगर आप सड़क या रेल मार्ग से जयपुर आना चाहते हैं तो इसके लिए भी साधन मौजूद हैं। जयपुर हर मार्ग से देश के अन्य शहरों से भलीभांति जुड़ा हुआ है। आप आसानी से ट्रेन या बस से भी जयपुर आ सकते हैं। आप चाहे तो अपनी गाड़ी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।