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अमृत उद्यान(Amrit Udyan)- यहाँ के प्राकृतिक नज़ारे आप का मन मोह लेंगे

राष्ट्रपति भवन, देश के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास है, पर यह इतना खूबसूरत है कि इसे आम लोगों के लिए साल में दो बार खोला जाता है। अगर आप दिल्ली में भीड़-भाड़ और शोर शराबे से दूर प्राकृतिक नजारों का रसपान करना चाहते हैं, कुछ पल परिवार या दोस्तों के साथ इत्मिनान से बिताना चाहते हैं तो राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में स्थित अमृत उद्यान आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकता है। एक बार एंट्री करने के बाद यहाँ की शांति और पक्षियों की मधुर आवाज़ आपको यहीं ठहरने पर विवश कर देती है। नेचरलवर्स के लिए यह जगह ज़न्नत से कम नहीं।(Amrit Udyan)

अंदर जाने के लिए आपको पहले से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यहाँ प्रवेश सभी के लिए पूरी तरह निशुल्क है। सुरक्षा के दो स्तर पार करने के बाद, जब आप अंदर पहुंचते हैं, तो सबसे पहले जो चीज़ आपको आकर्षित करती है, वह है ‘प्रणब मुखर्जी लाइब्रेरी’, जो सफेद रंग में सजी है। इसे देखकर ऐसा लगता है मानो एक सफेद हंस अपनी सुंदरता का प्रदर्शन कर रहा हो। यह एक पब्लिक लाइब्रेरी है और बुक लवर्स के लिए अद्भुत स्थान है।

जैसे ही आप आगे बढ़ते हैं, ‘अमृत उद्यान’ दिखाई देता है, जो 15 एकड़ में फैला हुआ है। अगर आप बच्चों के साथ आए हैं, तो यह उनके लिए एक बेहतरीन जगह है। यहाँ एक विशेष ‘बाल वाटिका’ है, जिसमें 225 साल पुराना शीशम का पेड़ भी है। यह पेड़ अपने मधुर अनुभवों को बच्चों के साथ साझा करता है, जैसे कि एक कहानी सुनाने वाला दादी का प्यारा किस्सा। बच्चों के लिए यहाँ म्यूजिकल फाउंटेन और जगह जगह पक्षियों की रेप्लिका भी बनाई गई है।

अमृत उद्यान: भारत की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर

दिल्ली में स्थित अमृत उद्यान, जिसे पहले ‘मुगल गार्डन’ के नाम से जाना जाता था, भारत के सबसे प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। यहाँ की हरियाली और सुंदरता अद्भुत है, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। वर्ष 2023 में इसे आधिकारिक रूप से ‘अमृत उद्यान’ नाम दिया गया, जो भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्षों के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे ‘अमृत महोत्सव’ का हिस्सा है।

अमृत उद्यान की खासियत

अमृत उद्यान की डिज़ाइन पारंपरिक मुगल बागवानी कला से प्रेरित है और यह 1931 में सर एडविन लुटियन्स द्वारा डिज़ाइन किया गया था। इस उद्यान को चार हिस्सों में बांटा गया है – ईस्ट लॉन, सेंट्रल लॉन, लॉन्ग गार्डन और सर्कुलर गार्डन.

इस उद्यान में स्थित रोज गार्डन यहाँ की सबसे बड़ी विशेषता है। यहां 150 से अधिक विभिन्न प्रकार के गुलाब हैं। इसके अलावा, आप यहाँ ट्यूलिप्स, डहलिया और मैरीगोल्ड जैसे कई अन्य फूल भी देख सकते हैं। गुलाबों के अलावा, यहां माली जूता (Shoestring Acacia) और गोल्डन रेन ट्री भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

वार्षिक फूलों की प्रदर्शनी

अमृत उद्यान में हर साल फरवरी-मार्च में फूलों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है। यह वह समय होता है जब पूरा उद्यान रंग-बिरंगे फूलों से भर जाता है। प्रदर्शनी के दौरान, यहाँ बोंसाई गार्डन, हर्बल गार्डन और कैक्टस गार्डन भी देखने को मिलते हैं। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह समय बहुत ही खास होता है, क्योंकि यहाँ की सुंदरता और विविधता मन को मोह लेती है।

राष्ट्रपति भवन घूमने की सोच रहे हैं, तो यहां आने से पहले कुछ बातें ध्यान में रखें। यहाँ आप अपने साथ पानी की बोतल और छतरी लेकर आ सकते हैं, लेकिन बैग, चार्जर या पावर बैंक जैसी चीजें अंदर नहीं ले जा सकते। इन्हें जमा करने के लिए आपको लंबी कतार का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए इन्हें साथ लाने से बचें। खाने का सामान भी अंदर ले जाना मना है, लेकिन चिंता न करें, अंदर एक बहुत अच्छा फूड कोर्ट उपलब्ध है।


कैसे पहुंचें अमृत उद्यान?

अमृत उद्यान, दिल्ली के राष्ट्रपति भवन परिसर में स्थित है। यह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से लगभग 8 किलोमीटर और इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से लगभग 15 किलोमीटर दूर है। यहाँ पहुंचने के कुछ आसान विकल्प:

मेट्रो: निकटतम मेट्रो स्टेशन ‘सेंट्रल सेक्रेटेरिएट’ है, जो येलो लाइन और वायलेट लाइन से जुड़ा हुआ है। मेट्रो स्टेशन से उद्यान तक की दूरी केवल 2 किलोमीटर है, जिसे आप रिक्शा या ऑटो से तय कर सकते हैं

बस: दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की कई बसें राष्ट्रपति भवन तक जाती हैं। आप कनॉट प्लेस, आईटीओ, या इंडिया गेट से बस लेकर यहाँ आसानी से पहुँच सकते हैं।

कैब या प्राइवेट वाहन: ओला, उबर जैसी सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं। यदि आप अपनी गाड़ी से आ रहे हैं, तो पार्किंग की सुविधा भी उपलब्ध है। लेकिन अंदर प्रवेश के लिए पहले से अनुमति प्राप्त कर लें।

जब अंग्रेजों ने कलकत्ता से बदलकर अपनी राजधानी दिल्ली शिफ्ट की। उस समय वायसरॉय के रहने के लिए दिल्ली में रायसीना की पहाड़ियों को काटकर वायसराय हाउस बनाया गया था। जिसे आजकल राष्ट्रपति भवन के नाम से जाना जाता है। अमृत उद्यान का निर्माण 1928-1929 में ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियन्स द्वारा किया गया था। पहले इसे मुगल गार्डन के नाम से जाना जाता था, क्योंकि इसका डिज़ाइन मुगल बागवानी शैली से प्रेरित था। लुटियंस ने इसको इस तरह बनाया था कि इसमें ब्रिटिश और इस्लामिक दोनों विरासतों की झलक दिखाई दें। इसका डिजाईन ताजमहल के बगीचों और देश में मुगलों के द्वारा बनाये गए चार बाग शैली से प्रेरित है। जिस कारण बनने के बाद इसका नाम मुग़ल गार्डन रखा गया।

यह सिर्फ एक साधारण उद्यान नहीं है, बल्कि भारत के शाही इतिहास का भी हिस्सा है। यहाँ की हरियाली और शांत वातावरण ने इसे राजनयिक गतिविधियों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण स्थल बना दिया है।


क्यों जाएं अमृत उद्यान?

  • प्राकृतिक सुंदरता: विभिन्न प्रकार के फूल और पौधे इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग बनाते हैं।
  • सांस्कृतिक महत्व: अमृत उद्यान भारत के इतिहास और धरोहर का प्रतिनिधित्व करता है।
  • शांति और सुकून: यहाँ का हरा-भरा और शांत वातावरण एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है।
  • इसके अलावा इसमें 150 तरह के गुलाब, 10 हजार से ज्यादा ट्यूलिप बल्ब और 70 अलग-अलग प्रजातियों के लगभग 5 हजार मौसमी फूलों की प्रजातियां हैं। गार्डन में फूलों की अलग-अलग प्रजातियों के अलावा करीब 160 वेरायटी के 5 हजार पेड़ हैं। राष्ट्रपति भवन में नक्षत्र गार्डन भी है।

यदि आप दिल्ली में हैं और प्रकृति के साथ एक दिन बिताना चाहते हैं, तो अमृत उद्यान से बेहतर जगह कोई नहीं हो सकती। अगली बार जब आप दिल्ली में हों, तो इस अद्भुत स्थल की सैर अवश्य करें।

Written by- Rakhi Mishra/Edited by- Pardeep Kumar

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